कान के पीछे दर्द होने से क्या होता है? - kaan ke peechhe dard hone se kya hota hai?

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कान में दर्द एक आम समस्या है. ये दर्द दोनों कान में हो सकता है लेकिन ये ज्यादातर एक कान में ही होता है. कान का दर्द थोड़ी देर या बहुत देर तक भी रह सकता है. ये दर्द हल्का और तेज भी हो सकता है. इयर इंफेक्शन के अलावा और भी कई वजहों से कान में दर्द होता है. आइए जानते हैं इनके बारे में.
 

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कान दर्द के लक्षण- कभी-कभी कान में दर्द होने की वजह से ठीक से सुनाई नहीं देता है. कुछ लोगों के कान से तरल पदार्थ भी निकलता है. कान दर्द की वजह से बच्चों में रुक-रुक सुनाई देना, बुखार आना, सोने में दिक्कत, कान में खिंचाव, चिड़चिड़ापन, सिर दर्द और भूख में कमी जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं.
 

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कान दर्द के सामान्य कारण- चोट, संक्रमण, कान में जलन की वजह से कान में दर्द हो सकता है. जबड़े या दांत में दर्द की वजह से भी कान में दर्द होता है. इंफेक्शन की वजह से कान में अंदर की तरफ दर्द होता है.
 

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इंफेक्शन स्विमिंग, हेडफोन लगाने, कॉटन या उंगली डालने पर कान में बाहरी तरफ इंफेक्शन हो सकता है. कान के अंदर की त्वचा छिल जाने और पानी चले जाने की वजह से कान में बैक्टीरिया भी हो सकते हैं.
 

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रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन की वजह से कान में बीच की तरफ इंफेक्शन हो सकता है. कान में जमे हुए तरल पदार्थ की वजह से भी बैक्टीरिया होने लगते हैं. लैबीरिंथाइटिस की वजह से कान में अंदर की तरफ सूजन होने लगती है.
 

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कान दर्द के अन्य कारण- हवा का दबाव, कान का मैल, खराब गला, साइनस का इंफेक्शन, कान में शैम्पू या पानी चला जाना, रूई डालना, टेम्पोरोमैंडिबुलर ज्वाइंट सिंड्रोम, कान में छेद करवाने, दांतों में संक्रमण, कान में एक्जिमा होने की वजह से भी दर्द होता है.
 

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घर पर कैसे करें इलाज- कान में मामूली दर्द का इलाज घर पर भी किया जा सकता है. कान की ठंडे कपड़े से सिकाई करें. कान को गीला होने से बचाएं. कान के दबाव से राहत पाने के लिए बिल्कुल सीधे बैठें, च्विंगम चबाने पर भी कान पर कम दबाव पड़ता है. नवजात शिशु के कान में दर्द हो तो उस दूध पिलाएं, इससे भी कान का दबाव कम होता है.
 

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मेडिकल ट्रीटमेंट- अगर आपको कान में तेज दर्द के साथ बुखार है तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं. इसके लिए डॉक्टर आपको कुछ एंटीबायोटिक दवाएं और इयर ड्रॉप्स दे सकता है. कभी भी आराम मिलने के बाद दवा लेनी बंद ना करें. जब तक दवा का कोर्स पूरा नहीं होगा, इंफेक्शन पूरी तरह ठीक नहीं होगा.
 

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इन बातों का रखें ध्यान- अगर आपको अक्सर कान में दर्द की शिकायत रहती है तो कुछ बातों का खास ख्याल रखें. जैसे कि सिगरेट ना पिएं, कान में किसी भी तरह का औजार ना डालें, नहाने या स्विमिंग के बाद कान को सुखाएं, धूल-धक्कड़ और एलर्जी वाली चीजों से बचें.
 

कान के पीछे दर्द क्यों होता है?

कान दर्द के सामान्य कारण- चोट, संक्रमण, कान में जलन की वजह से कान में दर्द हो सकता है. जबड़े या दांत में दर्द की वजह से भी कान में दर्द होता है. इंफेक्शन की वजह से कान में अंदर की तरफ दर्द होता है. इंफेक्शन स्विमिंग, हेडफोन लगाने, कॉटन या उंगली डालने पर कान में बाहरी तरफ इंफेक्शन हो सकता है.

कान के पीछे दर्द होने पर क्या करें?

कान दर्द होने पर कैसे करें घरेलू उपाय.
लहसुन बारीक कटी लहसुन की 2-2 कलियों को सरसों के तेल में गर्म करें और फिर इसे ठंडा करने के बाद छान लें. ... .
प्यास एक चम्मच प्याज के रस को हल्का गर्म कर लें और कान में 2 से 3 बूंद डालें, इससे आराम मिलेगा. ... .
तुलसी ... .
नीम ... .

कान के पीछे सूजन किस रोग के लक्षण है तथा इस रोग के क्या लक्षण है?

गलसुआ या कनफेड, जिन्हें अंग्रेजी में मम्प्स कहते हैं, एक विषाणुजनित रोग है। यह पैरोटिड ग्रंथि में संक्रमण की वजह से होता है। संक्रमण की वजह से इस ग्रंथि में सूजन आ जाती है। पैरोटिड ग्रंथि कान के नीचे तक होती है और मुंह में लार और थूक बनाती है।

कान में कौन कौन सी बीमारी हो सकती है?

कान की समस्या.
कारण - नाक व गले का संक्रमण कान में पहुंच सकता है। यह ज्यादातर वायरस या बैक्टेरियाजनित होता है। ... .
लक्षण - एक्यूट अवस्था में कान में अचानक दर्द व भारीपन होता है। ... .
इलाज - एक्यूट अवस्था को दवाओं से ठीक किया जाता है। ... .
सर्जरी की जरूरत - क्रॉनिक अवस्था में ज्यादातर सर्जरी की जरूरत होती है। ... .

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