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- विद्युत धारा का ऊष्मीय प्रभाव किसे कहते हैं?
दोस्तों, आज इस पोस्ट में विद्युत धारा के प्रभाव के बारे में बात करेंगे। वैसे तो विद्युत धारा को देखा नहीं जा सकता है लेकिन उसको कुछ प्रभावों के द्वारा अनुभव किया जा सकता है तो इस पोस्ट के माध्यम से आप विद्युत धारा के ऊष्मीय प्रभाव के बारे में जानकारी प्राप्त करोगे।
विद्युत धारा का उष्मीय प्रभाव किसे कहते है?
जब किसी विद्युत परिपथ में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तब वह Circuit और उससे जुड़े devices का गर्म होने की घटना को विद्युत धारा का ऊष्मीय प्रभाव कहते हैं।
Table of Contents
- विद्युत धारा का उष्मीय प्रभाव किसे कहते है?
- Circuit में जुड़े कंडक्टर व devices गर्म क्यों होते हैं?
- विद्युत धारा के ऊष्मीय प्रभाव पर काम करने वाले उपकरण
- इन्हें भी पढ़ें-
दूसरे शब्दों में, “जब किसी चालक तार (wire) में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तब वह गर्म हो जाता है, इसे विद्युत धारा का ऊष्मीय प्रभाव कहते हैं।”
Circuit में जुड़े कंडक्टर व devices गर्म क्यों होते हैं?
जब विद्युत एक स्थान से दूसरे स्थान पर तार के माध्यम से जाती है, तब उसके जाते समय इलेक्ट्रॉन का प्रवाह होता है। जब भी किसी Conductor व devices में से इलेक्ट्रॉन प्रवाहित होते हैं, तो उसमें प्रवाहित होने वाले इलेक्ट्रॉन चालक तार के परमाणु (Atom) से टकराते हैं।
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इलेक्ट्रॉन के टकराने के कारण इलेक्ट्रॉन की गतिज ऊर्जा का loss होता है। टकराने के कारण इनकी गतिज ऊर्जा ऊष्मीय ऊर्जा में बदल जाती है। इसी कारण से Circuit में जुड़े Conductor और devices गर्म हो जाते हैं।
यह Process जिन devices में अधिक होता है, तो वह अधिक गर्म होते हैं और जिन devices में कम होता है, तो वह कम गर्म होते हैं। सामान्यतः यह Process Circuit में जुड़े चालक तार और devices के प्रतिरोध (Resistance)पर निर्भर करती है।
विद्युत धारा के ऊष्मीय प्रभाव पर काम करने वाले उपकरण
इसके ऊष्मीय प्रभाव पर कई उपकरण (Devices) काम करते हैं, जो कि निम्न प्रकार से हैं-
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- सोल्डरिंग आयरन
- हीटर
- गीजर
- विद्युत बल्ब
- विद्युत प्रेस
- इलेक्ट्रिकल केतली आदि।
ऊपर दिए गए उपकरणों में नाइक्रोम से बने wire का यूज किया जाता है, जिसका प्रतिरोध (Resistance) एल्युमिनियम व कॉपर के वायर के प्रतिरोध से कई गुना अधिक होता है ।
यह इन उपकरणों (devices) में पतले तारों का यूज करें तब तार की मोटाई कम होने के कारण तार का Resistance बढ़ जाता है और यह तार (wire) भी गर्म होने लगता है। यदि इनमें तारों की मोटाई आवश्यकता से अधिक कम कर दी जाए तब यह इतने गर्म हो जाते हैं, कि वह पिघलकर जल जाते हैं।
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- विद्युत के प्रभाव
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Q.44: विद्युत धारा के तापीय प्रभाव के महत्त्वपूर्ण उपयोग लिखिए।
उत्तर : चालकों में विद्युत धारा गुज़ारने से ऊष्मा उत्पन्न होती है। यह परिणाम सदा अच्छा नहीं होता क्योंकि हम से उपयोगी विद्युत ऊर्जा ऊष्मा में बदल जाती है और इससे परिपथ के अवयवों में ताप बहुत अधिक बढ़ सकता है, लेकिन विद्युत धारा के नियंत्रित ऊष्मीय प्रभाव के महत्त्वपूर्ण उपयोग हैं~
- विद्युत बल्ब-विद्युत बल्ब में टंगस्टन की पतली तार का फिलामेंट लगाया जाता है जिसकी प्रतिरोधकता बहुत अधिक होती है। इस का गलनांक (3380°C) भी काफ़ी अधिक होता है। जब इससे विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो यह ऊष्मा के कारण तापदीप्त होकर प्रकाश उत्सर्जित करने लगता है। बल्बों में प्रायः नाइट्रोजन या ऑगर्न गैस भरी जाती है जिससे उसके फिलामेंट की आयु बढ़ जाती है।
- विद्युत तापीय सांधित्र-विद्युत चालित, इस्तरी, सोल्डरिंग आयरन, टोस्टर, तंदूर, हीटर, केतली, रॉड आदि ऐसे उपकरण हैं जो विद्युत धारा के ऊष्मीय प्रभाव पर आधारित हैं। इन्हें ऐसे पदार्थों से बनाया जाता है, जिनकी प्रतिरोधकता अति उच्च होती है। इनमें प्राय: नाइक्रोम नामक मिश्रधातु, (Ni = 67.5%, Cr = 15%, Fe = 15%, Mn = 2.5%) का उपयोग किया जाता है जिससे बहुत अधिक मात्रा में ऊष्मा उत्पन्न होती है।
- विद्युत फ़्यूज़-विद्युत के परिपथों में फ़्यूज़ का प्रयोग बहुत सामान्य जाता है, जो उनकी सुरक्षा के लिए आति उपयोगी माना जाता है। इसे युक्ति के साथ श्रेणी क्रम में लगाया जाता है, जो अनावश्यक रूप से उच्च विद्युत धारा को प्रवाहित नहीं होने देता। यह निर्दिष्ट मान से अधिक माप की विद्युत धारा प्रवाहित होने पर पिघल जाता है और परिणय टूट जाता है। घरेलू परिपथों में उपयोग होने वाले फ़्यूज की अनुमत विद्युत्-धारा 1A,2A, 3A,5A, 10A आदि होती है। इसमें विद्युत साधित्रों को होने वाली क्षति नहीं पहुँचते और परिपथ में लगने वाली आग नहीं लगती।