कोयल का रंग काला होता है - koyal ka rang kaala hota hai

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पौढ़ मादा एशियाई कोयल

कोयल या कोकिल 'कुक्कू कुल' का पक्षी है, जिसका वैज्ञानिक नाम 'यूडाइनेमिस स्कोलोपेकस' है। नर कोयल नीलापन लिए काला होता है, तो मादा तीतर की तरह धब्बेदार चितकबरी होती है। नर कोयल ही गाता है। उसकी आंखें लाल व पंख पीछे की ओर लंबे होते हैं। नीड़ परजीविता इस कुल के पक्षियों की विशेष नेमत है यानि ये अपना घोसला नहीं बनाती। ये दूसरे पक्षियों विशेषकर कौओं के घोंसले के अंडों को गिरा कर अपना अंडा उसमें रख देती है।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • एशियाई कोयल

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

  • कोयल गाती नहीं...गाता है[मृत कड़ियाँ] (दैनिक भास्कर)
  • कोयल की कुहू-कुहू ! (वेबदुनिया)
  • Cuckoo sounds from the Neotropics on xeno-canto.org
  • Cuckoo videos on the Internet Bird Collection

कोयला का रंग काला क्यों होता है?...


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पिक्चर कोयला का रंग काला क्यों होता है तो बताना चाहता हूं कोयला एक ठोस आकार कार्बनिक पदार्थ जो ईंधन के रूप में प्रयोग किया जाता है ऊर्जा के प्रमुख स्रोत के रूप में कोयला अत्यंत महत्वपूर्ण होता है कुल प्रयुक्त ऊर्जा का 35 से 40% भाग कोयले से प्राप्त होता कोयला एकदम सीन और क्या उपयोगी पदार्थ भी है और बताना चाहता हूं कोयले में कार्बन की मात्रा का परसेंट अधिक होने के कारण यह काला होता है धन्यवाद

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1 जवाब

This Question Also Answers:

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दोस्तो आज मैं आप को बताऊंगा कोयल के बारे में अर्थात आज का हमारा विषय है हिंदी में कोयल पक्षी जानकारी अर्थात koyal bird information in hindi। यह पंक्षी सभी को बहुत पसंद है। बहुत सारे लोग koyal bird in hindi इस तरह के सवाल गूगल पर पूछते है। इसलिए मैं आज आप को बताऊंगा इसके बारे में cuckoo bird information in hindi

तो चलिए शुरू करते है।

  • कोयल के पक्षी बारे में जानकारी | koyal bird information in hindi | cuckoo bird information in hindi
    • निष्कर्ष

कोयल एक ऐसा प्राणी है जो पसंद तो सबको है लेकिन बहुत कम ऐसे लोग हैं जो आज तक उसको पहचान पाए हैं क्योंकि कौवा की वजह से कोयल की पहचान कर पाना मुश्किल होता है।

इसकी आवाज सुनना सभी को पसंद होता है क्योंकि जब कोई मनुष्य सुबह उठता है और वह कोयल की आवाज सुनता है तो वह बहुत ही ज्यादा प्रफुल्लित हो जाते हैं क्योंकि इसकी आवाज सुनकर मन और चित्त दोनों एकदम शांत हो जाते हैं।

कोयल उन प्राणियों में आती है जो अपना घोंसला स्वयं नहीं बनाते और ना ही अपने अंडों को वह लोग पालते हैं। तो की कोयल अपने अंडों को अन्य पक्षियों के घोंसले में अपने अंडे को देती है।

कोयल स्वयं घोंसला नहीं बनाती है वह कौवा के घोसले में अपने अंडे को देती है।

कोयल का रंग कौवे जैसे ही काला होते हैं और यदि आप पहली बार कोयल को देखेंगे तो आपको बिल्कुल भी नहीं पता चलेगा कि यह कोयल है क्योंकि वह एकदम कौवे जैसी लगती हैं।

कोयल एक ऐसा प्राणी है जो अंटार्कटिका को छोड़कर पूरे विश्व में हर जगह पाया जाता है हमारे भारतवर्ष में भी यह बहुत ही अधिक मात्रा में उपलब्ध है।

कोयल की मीठी बोली की वजह से यह पूरे विश्व भर में बहुत ही ज्यादा लोकप्रिय है इसे नापसंद करने वाले लोग बहुत ही कम आपको मिलेंगे लेकिन आज तक बहुत ही ऐसे कम लोग हैं जिन्होंने कोयल को अपनी आंखों से देखा है।

पूरे विश्व भर में कोयल की प्रजाति 120 है अर्थात हमारे धरती पर 120 प्रजाति की कोयले मौजूद है। हमारे धरती पर जितने भी पक्षी मौजूद है उन सब से मधुर बोली कोयल की मानी गई है लेकिन एक बात जान को आपको आश्चर्य होगा कि यह सिर्फ नर कोयल की आवाज होती है। हमेशा नर कोयल ही बोलता है।

कोयल अंडे देने वाला प्राणी है जो एक बार में 12 से 20 अंडे दे सकता है और उन अंडे में से बच्चे को बाहर निकलने के लिए 12 दिन का समय लगता है।

लोगों को यह बात पता है कि कोयल कवर जैसी काली होती है लेकिन वह नर कोयल होता है अर्थात नर कोयल का रंग काला होता है और जो मादा कोयल होती है उसका रंग भूरा होता है।

कोयल पक्षी की चोंच बहुत ही नुकीली होती है जिस वजह से वह बहुत ही आसानी से किसी भी भोजन को बहुत ही आसानी से खा सकती है। कोयल की लंबाई लगभग 12 इंच तक भी बढ़ सकती है।

पूरे विश्व में भी दो ऐसी कोयल है जो सबसे अनोखी है एक की लंबाई पूरे विश्व में सभी कोयलो से अधिक है और दूसरे कोयल की लंबाई सभी कोयले से छोटी है।

सबसे बड़ी कोयल की लंबाई 25 इंच की है जिसका नाम चैनल बिल्ड कुक्कू है और सबसे छोटी कोयल की लंबाई मात्र 6 इंच की है जिसका नाम लिटिल ब्रोंज कुक्कू है।

यह मांसाहारी और शाकाहारी दोनों तरह के भोजन कर सकती है मांसाहारी भोजन में से कीड़े मकोड़े खाना बहुत ज्यादा पसंद है और यह शाकाहारी में किसी भी फल को या दाने को खा के अपने जीवन को व्यतीत करती है। कोयल कीट पतंगों के साथ चीटियों को भी खा जाती है।

कोयल एक ऐसी प्राणी है जिसे जमीन पर आना बिल्कुल भी पसंद नहीं है इसीलिए वह हमेशा पेड़ पौधों की टहनियों पर निवास करती है बहुत ही कम समय होता है जब वह जमीन पर अपने पैर रखती है।

कोयल बहुत ही अधिक शर्मिला प्राणी होता है जिस वजह से वह खुद को हमेशा दूसरों से छुपा कर रखता है इसीलिए वह पेड़ की शाखाओं से नीचे बहुत कम उतरता है इसलिए आज तक बहुत कम ऐसे लोग हैं जिन्होंने कोयल को देख पाया है क्योंकि वह हमेशा पेड़ की टहनियों में छुपकर ही बोलती है।

कोयल की आवाज कू कू जैसी सुनाई देती है जो हर बच्चे बूढ़े एवं वयस्कों को पसंद है। जब कोई बोल नहीं लगती है तो कोई बच्चे उसकी नकल करते हैं तो वह और भी अधिक तेजी से बोलने लगती है और एक समय ऐसा आता है कि वह बोलना बंद कर देती है क्योंकि यह बहुत ज्यादा शर्मीली होती है।

जिस तरह से कोई पक्षी कहीं किसी राज्य का राज्य पक्षी होता है उसी तरह कोयल भी झारखंड राज्य का राज्य पक्षी है।

कोयल का जीवनकाल 4 से 6 वर्ष का होता है उसके पश्चात कोयल मर जाती है लेकिन इतने वर्षों में कोयल के बच्चे बहुत अत्यधिक हो जाते हैं।

कोयल की वजन लगभग 110 ग्राम होता है। बसंत ऋतु में कोयल की आवाज अत्यधिक सुनाई देती है क्योंकि यह रितु कोयल को अत्यधिक पसंद होती है और आप इसे बसंत ऋतु में बहुत ही आसानी से बाग बगीचे एवं जंगलों में देख सकते हैं।

कोयल एक ऐसी प्राणी है जिसे हम पक्षियों की रानी भी कर सकते हैं क्योंकि यह सभी पक्षियों में अधिक सुंदर दिखाई देती है और इसकी आवाज सभी पक्षियों से ज्यादा सुरेली है जिस वजह से इसे हम पक्षियों की रानी कहते हैं।

कोयल यह एक हिंदी शब्द है जो हमारे भारतवर्ष में इस्तेमाल किया जाता है लेकिन कई स्थानों पर कोयल को अलग-अलग नामों से भी बुलाया जाता है जैसे इंग्लिश में से कुक्कू कहते हैं उसी तरह अन्य राष्ट्र के लोग इसे अन्य नाम से पुकारते हैं।

Read Also – Swan Bird Information In Hindi

निष्कर्ष

दोस्तों अभी हमने आपको इस ब्लॉग में लिखकर बताया, koyal bird information in hindi। अगर आपको यह विषय पसंद आया हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ भी साझा करें और यद्यपि आप चाहते हैं कि हम इसी तरह के koyal bird information in hindi अन्य विषय पर भी जानकारी दे या आप किसी ऐसे विषय के बारे में जानना चाहते हैं जो आपको बहुत मुश्किल हो रहा है उस विषय के लिए भी आप हमें कमेंट कर सकते हैं हम अवश्य ही आपको उस विषय पर जानकारी देंगे।

कोयल का रंग कौन सा होता है?

नर कोयल नीलापन लिए काला होता है, तो मादा तीतर की तरह धब्बेदार चितकबरी होती है। नर कोयल ही गाता है। उसकी आंखें लाल व पंख पीछे की ओर लंबे होते हैं। नीड़ परजीविता इस कुल के पक्षियों की विशेष नेमत है यानि ये अपना घोसला नहीं बनाती।

कोयल के पति को क्या कहते हैं?

वह कौए के घोंसले में अंडे दे देती है। कौआ अपने अंडों के साथ कोयल के अंडों को भी सेता है । दर्जिन चिड़िया को सी लेती है और उसके बीच में बनी थैली को अंडे देने के लिए तैयार करती है। यही है उसका घोंसला ।

कोयल कितने प्रकार की होती है?

कोयल लगभग 120 तरह की होती है।

कोयल बच्चे कैसे देती है?

कोयल कौए के घोंसले में अंडे देती है। कोयल के अंडों-बच्चों की परवरिश कौए द्वारा होना जैव विकास के क्रम का नतीजा है। कोयल ने कौए के साथ ऐसी जुगलबंदी बिठाई है कि जब कौए का अंडे देने का वक्त आता है तब वह भी देती है। कौआ जिसे चतुर माना जाता है, वह कोयल के अंडों को सेहता है और उन अंडों से निकले चूज़ों की परवरिश भी करता है।

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