खिचड़ी कौन कौन से दिन खाना चाहिए? - khichadee kaun kaun se din khaana chaahie?

Eat khichdi on Saturdayशनिवार को खिचड़ी खाना क्यों होता है शुभ ? ज़रूर जानें

    सीमा कुमारी

    नई दिल्ली: आमतौर पर लोग खिचड़ी का सेवन बीमार होने पर करते हैं। क्योंकि, खिचड़ी को बीमारों का भोजन समझते हैं। लेकिन, आपको जानकर हैरानी होगी कि, खिचड़ी बहुत ही सुपाच्य भोजन होता है और सेहत के लिए काफी फायदेमंद भी होता है। इतना ही, नहीं कुछ सब्जियों को मिलाकर यदि खिचड़ी बनाई जाती है, तो यह खाने में बहुत ही स्वादिष्ट भी होती है। आपने कई लोगों से सुना होगा कि, शनिवार को खिचड़ी खाना चाहिए। तो आइए जानें आखिर शनिवार को खिचड़ी खाना क्यों शुभ माना जाता है ?

    • ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, शनिवार के दिन खिचड़ी का सेवन करना शुभ माना जाता है। कहते है कि, इससे शनि दोष से तो राहत मिलती ही है। साथ ही, शरीर के लिए भी अच्छा होता है। अगर जातक नियमित रूप से हर शनिवार को खिचड़ी खाएं, तो शनिदेव की कृपा बनी रहती है और जिदंगी में सफलता मिलती है।
    • कहते हैं कि, शनिवार के दिन अरहर नहीं बल्कि उड़द दाल वाली खिचड़ी खाना अच्छा होता है। इससे शनि दोष से मुक्ति मिलती है और सारी तकलीफें दूर होती हैं।
    • भारतीय ज्योतिषियों के मुताबिक, शनिवार के दिन खिचड़ी का सेवन करना शुभ माना जाता है। इससे शनि दोष खत्म होते हैं, और कई तरह के दर्द-तकलीफों से मुक्ति मिलती है। खासतौर से उड़द दाल की खिचड़ी खाना। इससे शनि दोष, साढ़ेसाती से होने वाली समस्याओं से निजात पाया जा सकता है।
    • शनिदेव जिस भी व्यक्ति से खुश होते हैं, उसकी तरक्की को कोई नहीं रोक सकता है। इसलिए शनिवार के दिन खिचड़ी का सेवन जरूर करें। इससे शनिदेव खुश होते हैं।
    • कहा जाता है कि, इस दिन घर में खिचड़ी बनने से घर का महौल शांत रहता है, तथा घर में सकारात्मक शक्तियों का वास होता है। इसके अलावा, इससे शनिदोष दूर होते हैं, और जातक की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

    Published: March 12, 2022 07:00 AM

    अगर आपको लगता है कि खिचड़ी सिर्फ मरीजों का खाना है, तो यह आपकी गलतफहमी है... अलग-अलग सामग्री के साथ बनने वाली स्वादिष्ट खिचड़ी आपकरे सेहत के बेहतरीन फायदे भी देती है। जानिए इस पौष्ट‍िक आहार के 5 फायदे - 

    मग्री के साथ बनने वाली स्वादिष्ट खिचड़ी आपकरे सेहत के बेहतरीन फायदे भी देती है। जानिपौष्ट‍िआहारके 5\\

    1  दाल, चावल, सब्ज‍ियों और मसालों से तैयार की गई खिचड़ी काफी स्वादिष्ट और पोषण से भरपूर होती है, जो शरीर को ऊर्जा और पोषण देती है। इसके माध्यम से एक साथ सभी पोषक तत्व प्राप्त किए जा सकते हैं।  

    2 पाचन क्षमता कमजोर होने पर भी यह आहार आसानी से पच जाता है और पाचन क्रिया को दुरुस्त करता है, इसलिए बीमारी में मरीजों को इसे खिलाया जाता है, क्यों उस वक्त पाचन शक्ति कमजोर होती है।


    स्टोरी हाइलाइट्स

    • मकर संक्रांति पर दान-धर्म विशेष महत्व
    • अलग-अलग ग्रहों से है खिचड़ी का संबंध

    Makar Sankranti 2022 : मकर संक्रांति का त्योहार इस साल 14 जनवरी को यानी आज पूरे देश में मनाया जा रहा है. मकर संक्रांति पर खिचड़ी खाने और दान करने का विशेष महत्व माना जाता है. ज्योतिष के अनुसार खिचड़ी का संबंध अलग-अलग ग्रहों से है.  खिचड़ी में पड़ने वाले चावल, काली दाल, हल्दी और सब्जियों के अलावा इसे पकाने तक की प्रक्रिया किसी न किसी विशेष ग्रह को प्रभावित करती है.

    खिचड़ी का महत्व 
    ज्योतिषाचार्य ने बताया कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति की खिचड़ी चावल, काली दाल, हल्दी, मटर और हरी सब्जियों का विशेष महत्व है. खिचड़ी के चावल से चंद्रमा और शुक्र की शांति का महत्व है. काली दाल से शनि, राहू और केतु का महत्व है, हल्दी से बृहस्पति का संबंध है और हरी सब्जियों से बुध का संबंध है. वहीं जब खिचड़ी पकती है तो उसकी गर्माहट का संबंध मंगल और सूर्य देव से है. इस प्रकार लगभग सभी ग्रहों का संबंध खिचड़ी से है, इसलिए मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी खाने और दान का महत्व अधिक होता है.

    बाबा गोरखनाथ की कथा
    ज्योतिषाचार्य ने बताया कि खिचड़ी से जुड़ी एक बाबा गोरखनाथ की कथा है.मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी खाने की ऐसी भी मान्यता है कि खिलजी के आक्रमण के दौरान बाबा गोरखनाथ के योगी खाना नहीं बना पाते थे और भूखे रहने की वजह से हर ढलते दिन के साथ कमजोर हो रहे थे. योगियों की बिगड़ती हालत को देखते हुए बाबा ने अपने योगियों को चावल, दाल और सब्जियों को मिलाकर पकाने की सलाह दी. यह भोजन कम समय में तैयार हो जाता था और इससे योगियों को ऊर्जा भी मिलती थी. बाबा गोरखनाथ ने इस दाल, चावल और सब्जी से बने भोजन को खिचड़ी का नाम दिया. यही कारण है कि आज भी मकर संक्रांति के पर्व पर गोरखपुर में स्थित बाबा गोरखनाथ के मंदिर के पास खिचड़ी का मेला लगता है. इस दौरान बाबा को खासतौर पर खिचड़ी को भोग लगाया जाता है.

    बड़ा होने लगता है दिन 
    मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव के साथ अपने आराध्य देव को भी खिचड़ी का भोग अवश्य लगाना चाहिए. इससे सूर्य देव प्रसन्न होते हैं साथ ही सभी ग्रह भी शांत होते हैं. इस दिन सूर्य देव के मंत्रों का जाप करने से भी लाभ मिलता है. इस दिन से सूर्य उत्तरायण की ओर बढ़ चलते हैं. दिन बड़ा होने लगता है और रातें छोटी होने लगती हैं. सूर्य की गति में ठहराव होने लगता है. जिससे सूर्य देव में तेज और ऊष्मा आने लगता है. सूर्य  अपने पुत्र शनि की राशि मकर में प्रवेश करते हैं. 

    मकर संक्रांति की तारीख और शुभ मुहूर्त
    ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इस साल 14 जनवरी और 15 जनवरी दोनों ही दिन पुण्यकाल और स्नान, दान का मुहूर्त बन रहा है. हालांकि, ज्यादा उत्तम तिथि 14 जनवरी ही होगी. बनारस के पंचांग में सायंकाल का मुहूर्त बताया गया है, लेकिन राजधानी दिल्ली के पंचांग में दोपहर का समय बताया गया है. उत्तरायण काल में संक्रांति का शुभ मुहूर्त शुक्रवार, 14 जनवरी को दोपहर 2 बजकर 43 मिनट से लेकर शाम 5 बजकर 45 मिनट तक रहेगा. 

    कैसे प्रसन्न होंगे भगवान सूर्य नारायण?
    मकर संक्रांति पर सूर्य और भगवान विष्णु की पूजा का विधान है. यह व्रत भगवान सूर्य नारायण को समर्पित है. इस दिन भगवान को तांबे के पात्र में जल, गुड़ और गुलाब की पत्तियां डालकर अर्घ्य दें. गुड़, तिल और मूंगदाल की खिचड़ी का सेवन करें और इन्हें गरीबों में बांटें. इस दिन गायत्री मंत्र का जाप करना भी बड़ा शुभ बताया गया है. आप भगवान सूर्य नारायण के मंत्रों का भी जाप कर सकते हैं.

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    खिचड़ी कौन कौन सा दिन खाना चाहिए?

    1- शनिवार को खिचड़ी खाने से शनिदेव का शांत रहते हैं और इससे इंसान को शुभ फल की प्राप्ति होती हैं। 2- शनिदेव जिस भी व्यक्ति से खुश होते हैं, उसकी तरक्की को कोई नहीं रोक सकता है। इसलिए शनिवार के दिन खिचड़ी का सेवन जरूर करें। इससे शनिदेव खुश होते हैं।

    कौन कौन दिन खिचड़ी नहीं खाना चाहिए?

    मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी के इस महत्व की वजह से इस त्योहार का नाम खिचड़ी भी है। लेकिन इस बार खिचड़ी के त्योहार पर खिचड़ी खाने को लेकर बहुत से लोग उलझन में हैं क्योंकि ऐसी मान्यता है कि गुरुवार के दिन खिचड़ी नहीं खाना चाहिए। मान्यता है कि गुरुवार के दिन खिचड़ी खाने से धन की हानि होती है और गरीब हो जाते हैं।

    शनिवार को खिचड़ी कब खाना चाहिए?

    ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, शनिवार के दिन खिचड़ी का सेवन करना शुभ माना जाता है। कहते है कि, इससे शनि दोष से तो राहत मिलती ही है। साथ ही, शरीर के लिए भी अच्छा होता है। अगर जातक नियमित रूप से हर शनिवार को खिचड़ी खाएं, तो शनिदेव की कृपा बनी रहती है और जिदंगी में सफलता मिलती है।

    रात को खिचड़ी खाने से क्या होता है?

    विशेष: रात्रिशयन से तकरीबन ढाई तीन घंटे पूर्व - खिचड़ी सेवन, अधिक फायदेमंद साबित होता है! खिचड़ी खाने से शनि का कोप दूर होता है। परंपरा के तौर पर खाई जाने वाली खिचड़ी हमारे हेल्थ के लिए भी फायदेमंद होती है। इसके सेवन से डायबिटीज, ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है साथ ही और भी कई स्वास्थ्य लाभ मिलते है...

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