लोहे के दो अयस्कों के नाम बताइए अयस्क से लोहे का निष्कर्षण कैसे किया जाता है? - lohe ke do ayaskon ke naam bataie ayask se lohe ka nishkarshan kaise kiya jaata hai?

Solution : लोहे का मुख्य अयस्क हेमेटाइट (Fe,03) एवं मैग्नेटाइट (FeO) है । लोहे से निष्कर्षण : (i) सान्द्रण : सबसे पहले अयस्क को टुकड़ों में कर लिया जाता है तथा पानी की तेज धारा प्रवाहित कर मिट्टी तथा बालू जैसी अशुद्धियाँ को हटा दिया जाता है। (ii) भर्जन : सान्द्रित अयस्क का भर्जन किया जाता है जिससे CO, सल्फर तथा आर्सेनिक अशुद्धियाँ बाहर निकल जाती है । <br>`S + O_(2) overset(Delta) to SO_(2)` <br> `4As + 3O_(2) to 2As_(2)O_(3)` <br> अवकरण क्षेत्र में ताप 700° - 900°C रहता है, जिससे कोक गर्म हवा के ऑक्सीजन से संयोग कर कार्बन मोनो ऑक्साइड (Co) बनाता है । <br> `2C + O_(2) to 2CO` <br> `CO_(2) + C to 2CO` <br> यह कार्बन मोनोक्साइड, फरिक ऑक्साइड को अवकृत कर लोहा (Fe) प्रदान करता है।<br> `2Fe_(2)O_(3) + CO to 2Fe_(3)O_(4) + CO_(2) uarr` <br> `Fe_(3)O_(4) + 4CO to 3Fe + 4CO_(2)` <br> `Fe_(2)O_(3) + CO to 2FeO + CO_(2)` <br> `FeO + C to Fe + CO` <br> उत्पाद कच्चा लोहा (pigiron) कहलाता है जिसमें 4% कार्बन अन्य अशुद्धियाँ प्राप्त उत्पाद कच्चा SPsi.mn) उपस्थित रहते हैं।

लोहे के दो अयस्कों के नाम बताइए लोहा कैसे निकाला जाता है?

Solution : लोहे का मुख्य अयस्क हेमेटाइट (Fe,03) एवं मैग्नेटाइट (FeO) है । लोहे से निष्कर्षण : (i) सान्द्रण : सबसे पहले अयस्क को टुकड़ों में कर लिया जाता है तथा पानी की तेज धारा प्रवाहित कर मिट्टी तथा बालू जैसी अशुद्धियाँ को हटा दिया जाता है।

लौह अयस्क से लोहे के निष्कर्षण के कौन कौन से तरीके हैं?

आयरन का निष्कर्षण, हेमेटाइट अयस्क द्वारा निम्न विधियों से किया जाता है।.
सांद्रण ... .
चुंबकीय पृथक्करण ... .
सांद्रित अयस्क का भर्जन अथवा निस्तापन ... .
धातु ऑक्साइड का अपचयन (प्रगलन).

लोहे का अयस्क कौन कौन है?

लौह आमतौर पर मेग्नेटाईट (magnetite) (Fe3O4), हैमेटाईट (hematite) (Fe2O3), गोएथाइट (FeO(OH)), लिमोनाईट (limonite) (FeO(OH)।n(H2O)), या सिडेराईट (siderite) (FeCO3), के रूप में पाया जाता है। हैमेटाईट को "प्राकृतिक अयस्क" भी कहा जाता है।

लौह अयस्क कितने प्रकार के होते हैं?

मैग्नेटाइट में 70% लोहा होता है इसलिए इसे सबसे अच्छी क्वालिटी का लौह अयस्क माना जाता है। अपने उत्तम चुम्बकीय गुण के कारण यह लोहा विद्युत उद्योग के लिये अच्छा माना जाता है। हेमाटाइट में 50 से 60% लोहा होता है। इसे मुख्य औद्योगिक लौह अयस्क माना जाता है।

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