लक्ष्मी पूजा में शंख क्यों नहीं बजाना चाहिए? - lakshmee pooja mein shankh kyon nahin bajaana chaahie?

Updated: | Sat, 03 Nov 2018 05:53 PM (IST)

इस साल 7 नवंबर को दिवाली का त्योहार संपूर्ण देश में श्रद्धा और हर्ष के साथ मनाया जायेगा। इस त्योहार में मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा का विशेष प्रावधान है। हिंदू धर्म में प्रचलित पद्धतियों के अनुसार पूरे विधि-विधान से धन तथा समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी की आराधना की जाती है।

दिवाली का अपना एक अलग धार्मिक तथा ऐतिहासिक महत्व है। इसके अलावा भविष्य में आने वाले वर्षों में घर को सुख-समृद्धि तथा आनंद से भरने के लिए पूजा-पाठ किया जाता है। परिवार के सभी लोग एकसाथ मिलकर पूजा में सम्मिलित होते हैं।

इसके अलावा दिवाली के दिन शंख को बजाने का विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि घर में शंख को बजाने से वातावरण शुद्ध होता है तथा शांति के साथ समृद्धि आती है।

शंख तथा घंटी को बजाने का विशेष महत्व

ऐसा विश्वास है कि लक्ष्मी पूजा के बाद घर में शंख तथा घंटी को बजाना शुभ होता है। इससे घर में मौजूद सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकल जाती है तथा परिवार में लक्ष्मी जी के स्वागत के लिए सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह परिवार में शांति, समृद्धि लाने के साथ संपूर्ण वातावरण को स्वच्छ करती है।

शंख भगवान विष्णु के हाथ में सुशोभित रहता है। इसके अलावा हिंदू धर्म में शंख के बनाने का अलग धार्मिक महत्व है। यह समुद्रों में पाये जाने वाले घोंघे जैसे विशाल जीव के खोल से बनता है। इसे दीवाली के अलावा हिंदू धर्म में सभी धार्मिक क्रियाकलापों के अवसर पर प्रयोग में लाया जाता है।

हिंदू धर्म ग्रंथों में शंख की स्तुति, प्रसिद्धि, दीर्घायु और समृद्धि प्रदान करने के साथ पापों का नाश करने के लिए किया जाता है। शंख को लक्ष्मी जी के लिए विशेष प्रिय माना जाता है। लक्ष्मी जी भगवान विष्णु की पत्नी तथा धन की देवी हैं।

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घर में होगा लक्ष्मी का वास, संकट भी दूर करता है शंख! जानें अहमियत

घर में होगा लक्ष्मी का वास, संकट भी दूर करता है शंख! जानें अहमियत

पूजा उपासना में अक्सर आपने शंख की ध्वनि सुनी होगी. लेकिन क्या कभी आपने ये सोचा है कि शंख क्यों बजाते हैं और शंख इतना महत्वपूर्ण क्यों हैं. शास्त्रों में शंख को बड़ा ही कल्याणकारी बताया गया हैं. ऐसा माना जाता है कि शंख मां लक्ष्मी का भाई है. शंख के प्रयोग से श्रीहरि और मां लक्ष्मी दोनों की कृपा मिलती है. इसके अलावा शंख के और भी कई लाभ है. हम आज आपको उनके बारे में भी बताएंगे. देखें

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शंख बजाने से घर आती है सुख-शांति, लेकिन ये गलती बिल्कुल भी ना करें

Author: Shivani SinghPublish Date: Fri, 11 Mar 2022 11:49 AM (IST)Updated Date: Fri, 11 Mar 2022 11:49 AM (IST)

Rules Of Shankha शंख की पूजा करना काफी शुभ माना जाता है। भगवान विष्णु का प्रिय शंख को बजाने से घर में पॉजिटिव एनर्जी का प्रवाह बढ़ जाता है। इसके साथ ही मां लक्ष्मी की कृपा हमेषा बनी रहती हैं।

सनातन धर्म में शंख का काफी महत्व है। शंख को नियमित रूप से बजाने से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होने के साथ गृह-क्लेश से निजात मिलती है। माता लक्ष्मी के साथ-साथ भगवान विष्णु का आशीर्वाद बना रहता है। जानिए शंख बजाते समय किन बातों का रखना चाहिए ध्यान।

शंख का महत्व

शास्त्रों के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान शंख की उत्पत्ति हुई थी जो चौदह रत्नों में से एक माना जाता है। इसलिए शंख को माता लक्ष्मी का भाई माना जाता है। इसी कारण इसका संबंध भगवान विष्णु से है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शंख को भगवान विष्णु के शस्त्रों में से एक माना जाता है। भगवान विष्णु के हाथों में चक्र, गदा, कमल का फूल और शंख होता है। इसलिए कहा जाता है कि जिस घर में शंख वादन किया जाता है तो इसकी ध्यान से भगवान विष्णु आकर्षित होकर घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करते हैं।

शंख बजाने से पहले जान लें ये नियम

  1. अगर आप शंख घर में रखते हैं तो एक नहीं बल्कि 2 शंख लेकर आए। एक शंख बजाने के लिए और दूसरा अभिषेक आदि करने के लिए।
  2. जिस शंख से आप भगवान की पूजा करते हैं उसे कभी भी बचना नहीं चाहिए। क्योंकि वह झूठा हो जाता है।
  3. वहीं जिस शंख को आप बजाने के लिए इस्तेमाल करते हैं उससे कभी भी पूजा के लिए इस्तेमाल न करें।
  4. पूजा घर में एक ही शंख रखना चाहिए जोकि पूजा वाला होना चाहिए।
  5. दूसरे शंख के पूजा घर के आसपास सफेद रंग के कपड़े में लपेटकर रखना चाहिए।
  6. भगवान विष्णु को शंख से जल अर्पित करना शुभ माना जाता है। लेकिन कभी भी भगवान शिव और सूर्य देवता को अर्पित नहीं करना चाहिए।
  7. शंख बजाने से पहले एक बार गंगाजल से उसे धो जरूर लेना चाहिए। अगर गंगाजल नहीं है तो आप पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  8. पूजा वाले शंख में हमेशा जल भर कर रखना चाहिए। रोजाना पूजा-पाठ करने के बाद पूरे घर में इस जल को छिड़कना चाहिए। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती हैं और सुख-शांति बनी रहती है।
  9. कभी भी अपना शंख किसी को इस्तेमाल करने को नहीं देना चाहिए और न ही किसी दूसरे का इस्तेमाल करना चाहिए।
  10. शंख को सुबह और शाम के समय बजाना चाहिए। इसके अलावा किसी अन्य समय नहीं बजाना चाहिए।

Pic Credit- Instagram/paradshivling

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'

Edited By: Shivani Singh

शंख कब नहीं बजाना चाहिए?

ऐसा माना जाता है कि सूरज अस्त होने के बाद देवी-देवता सोने चले जाते हैं, इसलिए जब भी रात में यानी सूर्यास्त के बाद पूजा करें तो ध्यान रखें कि शंख नहीं बजाना चाहिएशंख ध्वनि से माना जाता है कि उनकी निद्रा में बाधा आती है। यह भी मान्यता है कि सूरज ढलने के बाद शंख बजाने से लाभ की बजाय हानि होती है।

शंख क्यों नहीं बजाया जाता?

ऐसा कहा जाता है कि शंख की ध्वनि अत्यंत शक्तिशाली व ऊर्जावान होती है और इस ध्वनि से वह दैत्य पुनः सक्रिय ना हो जाए इसलिए उस दिन से बद्रीनाथ मंदिर मे शंख नहीं बजाया जाता (Badrinath Me Shankh Kyon Nahi Bajaya Jata Hain)।

शंख कौन बजा सकता है?

हिंदू धर्म में शंख में मां लक्ष्मी का वास माना गया है. मान्यता है कि पूजा के बाद नियमित रूप से शंख को बजाने से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और गृह-क्लेश से छुटकारा मिलता है. मां लक्ष्मी के साथ-साथ भगवान विष्णु का आशीर्वाद भी मिलता है. घर में शंख बजाते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है.

पूजा में कितनी बार शंख बजाना चाहिए?

* ध्यान रहे पूजा करने से पहले तीन बार शंख जरूर बजाना चाहिए

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