Check the below NCERT MCQ Questions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 2 बचपन with Answers Pdf free download. MCQ Questions for Class 6 Hindi with Answers were prepared based on the latest exam pattern. We
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‘बचपन’ पाठ किसकी
रचना है-
(a) प्रेमचंद
(b) रवींद्रनाथ टैगोर
(c) महादेवी वर्मा
(d) कृष्णा सोबती
लेखिका बचपन में इतवार की सुबह क्या काम करती थी?
(a) वह विद्यालय जाती थी।
(b) वह पौधों की देख-रेख करती थी।
(c) वह नृत्य करती थी।
(d) वह अपने मोज़े व जूते पॉलिश करती थी
लेखिका का जन्म किस सदी में हुआ था?
(a) 18वीं सदी
(b) 20वीं सदी
(c) 21वीं सदी
(d) 22वीं सदी
पहले गीत-संगीत सुनने के क्या साधन थे?
(a) रेडियो
(b) टेलीविज़न
(c) ग्रामोफ़ोन
(d) सी० डी० प्लेयर
हर शनिवार लेखिका को क्या
पीना पड़ता था?
(a) घी
(b) ऑलिव ऑयल
(c) सरसों तेल
(d) नारियल तेल
हाँ, मैं इन दिनों कुछ बड़ा-बड़ा यानी उम्र में सयाना महसूस करने लगी हूँ। शायद इसलिए कि पिछली शताब्दी में पैदा हुई थी। मेरे
पहनने-ओढने में भी काफ़ी बदलाव आए हैं। पहले मैं रंग-बिरंगे कपड़े पहनती रही हैं। नीला-जामुनी-ग्रे-काला-चॉकलेटी। अब मन कुछ ऐसा करता है कि सफ़ेद पहनो। गहरे नहीं, हलके रंग। मैंने पिछले दशकों में तरह-तरह की पोशाकें पहनी हैं। पहले फ्रॉक, फिर निकर-वॉकर, स्कर्ट, लहँगे, गरारे और अब चूड़ीदार और घेरदार कुरते।
परिवार में लोग लेखिका को क्या कहकर पुकारते थे?
(a) दीदी
(b) मौसी
(c) बहन
(d) जीजी
Question 2.
लेखिका अब अपने आप को किस स्थिति में पाती है?
(a) अच्छा
(b) बुरा
(c) सयाना
(d) असहज
Answer: (c) सयाना
Question 3.
लेखिका के मन में अब कैसे कपड़े पहनने की इच्छा होती है?
(a) चॉकलेटी
(b) सफ़ेद
(c) लाल
(d) रंग-बिरंगे
Answer: (b) सफ़ेद
(2)
हर शनीचर को हमें ऑलिव ऑयल
या कैस्टर ऑयल पीना पड़ता। यह एक मुश्किल काम था। शनीचर को सुबह से ही नाक में इसकी गंध आने लगती !
छोटे शीशे के गिलास, जिन पर ठीक खुराक के लिए निशान पड़े रहते, उन्हें देखते ही मितली होने लगती। मुझे आज भी लगता है कि अगर हम न भी पीते वह शनिवारी दवा तो कुछ ज़्यादा बिगड़ने वाला नहीं था। सेहत ठीक ही रहती।
Question 1.
इनमें से सही पाठ और लेखिका का नाम बताएँ-
(a) बचपन-कृष्णा सोबती
(b) बचपन-महादेवी वर्मा
(c) बचपन-सुभद्रा कुमारी चौहान
(d) बचपन-रेखा जैन
Answer: (a) बचपन-कृष्णा सोबती
Question 2.
लेखिका को हर शनिवार की सुबह अच्छी नहीं लगती थी क्योंकि?
(a) क्योंकि विद्यालय जाना पड़ता था
(b) क्योंकि जूते एवं जुराब साफ़ करना पड़ता था
(c) क्योंकि ऑलिव ऑयल पीना पड़ता था
(d) क्योंकि घर का काम करना पड़ता था
Answer: (d) क्योंकि घर का काम करना पड़ता था
Question 3.
लेखिका को दवा की खुराक का
सही पता कैसे लगता था?
(a) डॉक्टर से
(b) माँ से
(c) शीशी पर लिखा हुआ पढ़कर
(d) शीशे के गिलास पर लगे निशान देखकर
Answer: (c) शीशी पर लिखा हुआ पढ़कर
(3)
शाम को रंग-बिरंगे गुब्बारे। सामने जाखू का पहाड़। ऊँचा चर्च। चर्च की घंटियाँ बजती तो दूर-दूर तक उनकी गूंज फैल जाती। लगता, इसके संगीत से प्रभु ईशू स्वयं कुछ कह रहे हैं।
सामने आकाश पर सूर्यास्त हो रहा है। गुलाबी सुनहरी धारियाँ नीले आसमान
पर फैल रही हैं। दूर-दूर फैले पहाड़ों के मुखड़े गहराने लगे और देखते-देखते बत्तियाँ टिमटिमाने लगीं। रिज पर की रौनक और माल की दुकानों की चमक के भी क्या कहने! स्कैंडल पॉइंट की भीड़ से उभरता कोलाहल।
सरवर, स्कैंडल पॉइंट के ठीक सामने उन दिनों एक दुकान हुआ करती थी, जिसके शोरूम में शिमला-कालका ट्रेन का मॉडल बना हुआ था। इसकी पटरियाँ उस पर खड़ी छोटे-छोटे डिब्बों वाली ट्रेन। एक ओर लाल टीन की छतवाला स्टेशन और सामने सिग्नल देता खंबा-थोड़ी-थोड़ी दूरी पर बनी सुरंगें!
Question 1.
उपरोक्त
गद्यांश में लेखिका ने किस पहाड़ की चर्चा की है?
(a) शिवालिक का पहाड़
(b) सतपुड़ा का पहाड़
(c) हिमालय का पहाड़
(d) जाखू का पहाड़
Answer: (d) जाखू का पहाड़
Question 2.
‘पहाड़ों के मुखड़े गहराने’ का क्या अर्थ है?
(a) प्रकाश हो जाना
(b) पहाड़ पर सूर्य की रोशनी पड़ना
(c) बत्तियाँ जल जाना
(d) धीरे-धीरे अँधेरा छा जाना
Answer: (c) बत्तियाँ जल जाना
Question 3.
‘सरवर’, स्कैंडल पॉइंट के सामने वाली दुकान पर किस ट्रेन का मॉडल बना हुआ था?
(a) लखनऊ मेल
(b) अमृतसर मेल
(c) कालका-शिमला मेल
(d) लाहौर मेल
Answer: (d) लाहौर मेल
(4)
हम बच्चे इतवार की सुबह इसी में लगाते। धो लेने के बाद अपने-अपने जूते पॉलिश करके चमकाते। जब जूते कपड़े या ब्रश से रगड़ते तो पॉलिश की चमक उभरने लगती। सरवर, मुझे आज भी बूट पॉलिश करना अच्छा
लगता है। हालाँकि अब नई-नई किस्म के शू आ चुके हैं। कहना होगा कि ये पहले से कहीं ज्यादा आरामदेह हैं। हमें जब नए जूते मिलते, उनके साथ ही छालों का इलाज शुरू हो जाता।
जब कभी लंबी सैर पर निकलते, अपने पास रु ई ज़रूर रखते। जूता लगा तो रुई मोज़े के अंदर। हाँ, हमारे-तुम्हारे बचपन में तो बहुत फ़र्क हो चुका है।
हर शनीचर को हमें ऑलिव ऑयल या कैस्टर ऑयल पीना पड़ता। यह एक मुश्किल काम था। शनीचर को सुबह से ही नाक में इसकी गंध आने लगती!
Question 1.
(क) लेखिका बचपन में इतवार
की सुबह क्या-क्या काम करती थी?
Answer: बचपन में इतवार की सुबह लेखिका अपनी जुराबें धोती थी और जूतों पर पॉलिश करके चमकाती थी।
Question 2.
जूतों पर पॉलिश की चमक कैसे उभरती थी?
Answer: कपड़े या ब्रश से रगड़ने पर जूतों पर पॉलिस की चमक उभरती थी।
Question 3.
लेखिका को आज क्या करना अच्छा लग रहा है?
Answer: लेखिका को आज भी बूट पॉलिश करना अच्छा लगता है।
(5)
शाम को रंग-बिरंगे गुब्बारे। सामने जाखू का पहाड़। ऊँचा चर्च। चर्च की घंटियाँ बजती तो दूर-दूर तक उनकी गूंज फैल जाती। लगता, इसके संगीत से प्रभु ईशू स्वयं कुछ कह रहे हैं। सामने आकाश पर सूर्यास्त हो रहा है। गुलाबी सुनहरी धारियाँ नीले आसमान पर फैल रही हैं। दूर-दूर फैले पहाड़ों के मुखड़े गहराने लगे और देखते-देखते बत्तियाँ टिमटिमाने लगीं। रिज पर की रौनक और माल की दुकानों की चमक के भी क्या कहने! स्कैंडल पॉइंट की भीड़ से उभरता कोलाहल। सरवर, स्कैंडल पॉइंट के ठीक सामने उन दिनों एक दुकान हुआ करती थी, जिसके शोरूम में शिमला-कालका ट्रेन का मॉडल बना हुआ था। इसकी पटरियाँ-उस पर खड़ी छोटे-छोटे डिब्बों वाली ट्रेन। एक ओर लाल टीन की छतवाला स्टेशन और सामने सिग्नल देता खंबा-थोड़ी-थोड़ी दूरी पर बनी सुरंगें!
Question 1.
लेखिका किस पहाड़ की बात कर रही है?
Answer: लेखिका ने जाख के पहाड़ की बात कर रही है।
Question 2.
‘पहाड़ों के
मुखड़े गहराने’ का क्या अर्थ है ?
Answer: ‘पहाड़ों के मुखड़े गहराने’ का अर्थ है-दूर-दूर फैले पहाड़ों के मुखड़े गहराने लगे और देखते-देखते बत्तियाँ टिमटिमाने लगीं।
Question 3.
सरवर ‘स्कैंडल’ पॉइंट के सामने वाली दुकान पर किस ट्रेन का मॉडल बना हुआ था?
Answer: सरवर, स्कैंडल पॉइंट के ठीक सामने उन दिनों एक दुकान हुआ करती थी, जिसके शोरूम में शिमला-कालका ट्रेन का मॉडल बना हुआ था।
(6)
पिछली सदी में तेज़ रफ़्तारवाली गाड़ी वही थी। कभी-कभी हवाई जहाज़ भी देखने को मिलते! दिल्ली में जब भी उनकी आवाज़ आती, बच्चे उन्हें देखने बाहर दौड़ते। दीखता एक भारी-भरकम पक्षी उड़ा जा रहा है पंख फैलाकर। यह देखो और वह गायब! उसकी स्पीड ही इतनी तेज़ लगती। हाँ, गाड़ी के मॉडलवाली दुकान के साथ एक और ऐसी दुकान थी जो मुझे कभी नहीं भूलती। यह वह दुकान थी जहाँ मेरा पहला चश्मा बना था। वहाँ आँखों के डॉक्टर अंग्रेज़ थे।
Question 1.
तेज़
रफ़्तारवाली गाड़ी का नाम बताएँ।
Answer: तेज रफ्तारवाली गाड़ी शिमला-कालका ट्रेन थी।
Question 2.
पिछली शताब्दी की और कौन-सी चीज़ विशेष थी?
Answer: पिछली शताब्दी में कभी-कभी दिखने वाले हवाई जहाज़ विशेष थे। उन्हें देखने के लिए दिल्ली के बच्चे बाहर तक दौड़ जाते और वह भारी-भरकम पक्षी अपनी गति के कारण क्षण भर में गायब हो जाता।
Question 3.
लेखिका किस
दुकान को कभी नहीं भुला पायी?
Answer: लेखिका चश्मे के दुकान को कभी नहीं भुला पाई।
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