मुंह के अंदर काला होना क्या है - munh ke andar kaala hona kya hai

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मुंह के अंदर लाल दाग तो कैंसर का खतरा

वरिष्ठ कैंसर सर्जन डॉ. दिनेश यादव ने बताया कि आपको मुंह का कैंसर है या नहीं, इसकी पहचान आप स्वयं कर सकते हैं। इसके लिए आपको अपने मुंह में तीन अंगुली डालनी होगी। अगर आपका मुंह तीन सेंटीमीटर तक खुले यानी मुंह में तीन उंगली घुस जाए तो समझिए की आपको कैंसर की संभावना नहीं के बराबर है। ठीक इसके उलट, अगर तीन अंगुली मुंह में नहीं घुसे, तो कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। तुरंत इसकी जांच करानी चाहिए। अब मोबाइल से भी इस बीमारी की जांच की जा सकती है। मोबाइल से आप अपने मुंह के अंदर की तस्वीर ले लें। यदि मुंह के अंदर लाल, सफेद व काला दाग तस्वीर में दिखे है, तो समझिए कुछ गड़बड़ है। इसके बाद आप शीघ्र डॉक्टरी सलाह लें। अगर दाग नहीं है, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। हालांकि पुष्टि जांच से होती है। भुसावर निवासी डॉ. बीएस शर्मा महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल में न्यूरो साइंस के निदेशक है। वे बुधवार को यहां अस्पताल की ओर से हुए कार्यक्रम में शामिल होने आए थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में अगर 500 मरीज आते हैं तो उनमें 200 मरीजों में मुंह का कैंसर होता है। भरतपुर से भी सबसे ज्यादा मुंह के कैंसर के मरीज ही सामने आते हैं। क्योंकि यहां गुटखा व खैनी का प्रचलन अधिक है। अगर कोई आदमी एक दिन में औसतन डेढ़ घंटा से अधिक मोबाइल का उपयोग करता है, तो उसमें हेड-नेक कैंसर की संभावना अधिक होती है। गुटखा छोड़ने के बाद 10 साल बाद तक उसका असर बना रहता है। कैंसर की संभावना भी बनी रहती है। जितने समय गुटखे का उपयोग किया, उसी अवधि के आधार पर चिकित्सा दी जाती है। डॉ. एमएल स्वर्णकार ने महिलाओं में बढ़ते रोगों, डॉ. एमसी मिश्रा ने बदलती चिकित्सा पद्धति एवं नए बदलावों के बारे में जानकारी दी।

भास्कर अलर्ट
डॉ. दिनेश यादव।

भुसावर निवासी वरिष्ठ कैंसर सर्जन डॉ. दिनेश यादव से बातचीत, बोले रोग कोई भी हो लाइफ स्टाइल जरूरी
35 साल से अधिक की उम्र में दौरा पड़े तो दिखाना जरूरी
बीएस शर्मा ने बताया कि आज के समय में ट्यूमर भी एक बड़ी बीमारी बन चुकी है। लेकिन समय रहते पता चलने पर ही इसका बेहतर इलाज अब हमारे यहां संभव है। 35 साल की उम्र में यदि दौरा पड़ता है तो तुरंत दिखाना चाहिए। जबकि बेहोशी व उल्टी, पहली बार तेज सिरदर्द व चक्कर आ रहे हों तो तुरंत डॉक्टर से मिलना जरूरी है। ऐसे केस में ट्यूमर की संभावना बढ़ जाती है।

क्यों होता है मुंह का कैंसर
1. गुटखा- तंबाकू खाने से तथा स्मोकिंग करने से

2. ओरल सेक्स करने से

3. अनुवांशिक कारण से भी होता है मुंह का कैंसर।

मुंह कैंसर के प्रारंभिक लक्षण
1. मुंह का तीन सेंटीमीटर तक नहीं खुलना

2. मुंह के अंदर लाल, काला व सफेद दाग होना

3. आवाज में परिवर्तन ऐसा हाेने पर तुरंत विशेषज्ञ से परामर्श लें।

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  • मुंह में तीन सेंटीमीटर अंगुली डालकर कर सकते हैं कैंसर की पहचान।

मुंह में तीन सेंटीमीटर अंगुली डालकर कर सकते हैं कैंसर की पहचान

जमशेदपुर. दिल्ली के डॉ. चिंतामणि ने कहा कि आपको मुंह का कैंसर है या नहीं, इसकी पहचान आप स्वयं कर सकते हैं। इसके लिए आपको अपने मुंह में तीन अंगुली डालनी होगी। अगर आपका मुंह तीन सेंटीमीटर तक खुले यानी मुंह में तीन उंगली घुस जाए, तो समझिए की आपको कैंसर की संभावना नहीं के बराबर है। ठीक इसके उलट, अगर तीन अंगुली मुंह में नहीं घुसे, तो कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। अब मोबाइल से भी इस बीमारी की जांच की जा सकती है। मोबाइल से आप अपने मुंह के अंदर की तस्वीर ले लें। यदि मुंह के अंदर लाल, सफेद व काला दाग तस्वीर में दिखे है, तो समझिए कुछ गड़बड़ है। इसके बाद आप शीघ्र डॉक्टरी सलाह लें। अगर दाग नहीं है, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। डॉ चिंतामणि टीएमएच के डिपार्टमेंट ऑफ सर्जरी की ओर से आयोजित क्लिनिकल सर्जरी अपडेट-2015 में शामिल होने शुक्रवार को शहर आए थे। डॉ चिंतामणि ने टीएमएच में भास्कर संवाददाता से विशेष बातचीत करते हुए उक्त बातें कहीं।

क्यों होता है मुंह का कैंसर

1. गुटखा- तंबाकू खाने से तथा स्मोकिंग करने से
2. ओरल सेक्स करने से
3. अनुवांशिक कारण से
क्या है मुंह कैंसर के प्रारंभिक लक्षण
1. मुंह का तीन सेंटीमीटर तक नहीं खुलना
2. मुंह के अंदर लाल, काला व सफेद दाग होना
3. आवाज में परिवर्तन

मोबाइल के ज्यादा उपयोग से भी होता है कैंसर
डॉ चिंतामणि ने कहा कि अगर कोई आदमी एक दिन में औसतन डेढ़ घंटा से अधिक मोबाइल का उपयोग करता है, तो उसमें हेड-नेक कैंसर की संभावना अधिक होती है। डॉ चिंतामणि के अनुसार नए शोध में इस बात की पुष्टि हुई है कि रेडिएशन से कैंसर का खतरा अधिक होता है। इसी कारण मोबाइल टावर के आसपास रहने वाले लोग भी कैंसर मरीज बन रहे हैं।

मुंह का घाव ठीक नहीं हो रहा, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें

झारखंड-बिहार के इकलौते एफआरसीए के एक्जामिनर डॉ चिंतामणि ने कहा कि मुंह के अंदर कोई घाव अगर ठीक नहीं हो रहा है, तो तुरंत ईएनटी के डॉक्टर से जांच कराएं। मुंह के अंदर लाल दाग सबसे खतरनाक होता है। सामान्यतः: इसे प्री कैंसर माना जाता है। अगर मुंह के अंदर का दाग काला से लाल या सफेद से लाल हो रहा है, तो इसे कैंसर का शुरुआती दौर माना जाता है। इस दौर तक बीमारी का इलाज आसानी से संभव है। इलाज के बाद मरीज पूरी तरह से ठीक हो सकता है। डॉ चिंतामणि ने कहा कि इस तरह के मामलों में मरीज पहले डेंटिस्ट के पास चले जाते हैं और जांच वगैरह में एक दो सप्ताह से अधिक समय गंवा देते हैं। इससे आसानी से ठीक होने वाला कैंसर बाद में जानलेवा हो जाता है।

झारखंड-बिहार में ज्यादा मामले

डॉ चिंतामणि ने कहा कि पूरी दुनिया में मुंह का कैंसर सबसे ज्यादा झारखंड, बिहार और ओड़िशा में होता है। क्योंकि यहां लोगों की जिंदगी ही तंबाकू से शुरू होती है। इन प्रदेशों में मुंह के कैंसर का प्रमुख कारण तंबाकू है। उन्होंने कहा कि तंबाकू छुड़ाने के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ-साथ मीडिया को भी आगे आकर जागरूकता अभियान चलाना चाहिए।

मुंह के कैंसर की शुरुआत कैसे होती है?

मुंह का कैंसर आमतौर पर पतली कोशिकाओं में शुरू होता है जो कि सामान्यतौर पर गाल और होंठ के अंदर होती हैं. एक्सपर्ट के अनुसार सिगरेट पीने से, तंबाकू खाने से और शराब के सेवन से मुंह के कैंसर की संभावना कई गुना बढ़ जाती है. कैंसर होने से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली भी ठीक प्रकार से कार्य नहीं कर पाती है.

मुंह के कैंसर का पता कब चलता है?

​ओरल कैंसर के लक्षण डॉक्टर के अनुसार, शुरुआती अवस्था में ओरल कैंसर के लक्षण दिखाई नहीं देते। धूम्रपान करने वाले और अधिक मात्रा में शराब का सेवन करने वालों को नियमित रूप से डेंटिस्ट से जांच करानी चाहिए। क्योंकि तंबाकू और शराब मुंह के कैंसर के जोखिम कारक हैं। डेंटिस्ट शुरुआती अवस्थ में लक्षण का पता लगा सकता है

मुंह के अंदर काला दाग क्यों होता है?

यह डायबिटीज, अनीमिया जैसी बीमारी होने का संकेत होते हैं. इसके अलावा यह मुंह की ठीक से सफाई ना करने की वजह से भी काले ब्लैक स्पॉट होने लगते हैं. ऐसे में आपको कुछ घरेलू उपाय (home remedy of Black Spots on Tongue ) अपना लना चाहिए, ताकि भविष्य में कोई समस्या ना हो.

गाल के कैंसर के क्या लक्षण होते हैं?

गाल के कैंसर के लक्षण.
मुंह में सफेद, लाल या काले धब्बे.
आपके मुंह में एक गांठ.
मुंह दर्द या सुन्नता.
दर्द या ऐसा महसूस होना कि आपके गले में कुछ फंस गया है.
अपने जबड़े को हिलाने में कठिनाई.
गंभीर कान दर्द.
स्वर बैठना.
ढीले दांत या आपके दांतों के आसपास दर्द.

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