महाभारत, भारत के दो प्रमुख महाकाव्यों मे से एक है।
कुरुक | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
गंगा | शांतनुक | सत्यवती | पराशर | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||
भीष्म | चित्रांगद | अंबिका | विचित्रवीर्य | अंबालिका | व्यास | |||||||||||||||||||||||||||||||||||
धृतराष्ट्रख | गांधारी | शकुनि | कुंती | पांडुख | माद्री | |||||||||||||||||||||||||||||||||||
कर्णग | युधिष्ठिरघ | भीमघ | अर्जुनघ | सुभद्रा | नकुलघ | सहदेवघ | ||||||||||||||||||||||||||||||||||
दुर्योधनच | दुशला | दुशासन | (अन्य ९८ पुत्र) | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||
अभिमन्यु | उत्तरा | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
परीक्षित | माद्रवती | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
जनमेजय | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
पात्र[संपादित करें]
केन्द्रीय नायक[संपादित करें]
- कर्ण(सुर्यपुत्र)
मुख्य पात्र[संपादित करें]
- भगवान श्रीकृष्ण
- दुर्योधन (धृतराष्ट्र और गांधारी का ज्येष्ठ पुत्र)
- भीष्म पितामह (देवव्रत) (गंगापुत्र)
- अर्जुन (इन्द्रपुत्र)
- युधिष्ठिर (यमपुत्र)
अन्य मुख्य पात्र[संपादित करें]
- भीम
- नकुल
- सहदेव
- द्रौपदी (अथवा पांचाली, कृष्णा , द्रुपदकन्या) )
- कुन्ती -- पाण्डु की पत्नी और कर्ण और पाण्डवों की माता
- दुःशासन (दुर्योधन का भाई)
- शकुनि (गांधार नरेश)
- द्रोणाचार्य (पांडव और कौरवों के गुरु)
- आचार्य-कृप
अन्य पात्र[संपादित करें]
- विकर्ण (धृतराष्ट्र और गांधारी का तीसरा पुत्र)
- बलराम (हलधर)
- सुभद्रा (श्रीकृष्ण और बलराम जी की बहिन) (अर्जुन की पत्नी)
- अभिमन्यु (अर्जुनपुत्र)
- शल्य (माद्री के भाई)
- धृतराष्ट्र (हस्तिनापुर नरेश)
- गांधारी (धृतराष्ट्र की पत्नी)
- विदुर ( हस्तिनापुर के प्रधानमंत्री)
- पाण्डु (पांडवों के पिता)
- परशुराम
- द्रोणाचार्य-भार्या कृपि
- अश्वत्थामा (आचार्य द्रोण के पुत्र)
- नारायणी-सेनाप्रमुख कृतवर्मा
- उलूक
- वृकासुर
- उत्तरा (अभिमन्यु की पत्नी)
- उत्तर कुमार (उत्तरा का भाई)
- राजा विराट ( उत्तरा और उत्तर के पिता)
- द्रुपद (पांचाल नरेश)
- सुदेषणा (उत्तरा और उत्तर की माता)
- कीचक (सुदेषना का भाई)
- दासराज (सत्यवती के पिता)
- दासराजपुत्री सत्यवती
- अम्बा (काशी की राजकुमारी, अम्बिका और अंबालिका की बड़ी बहन)
- अम्बिका (विचित्रवीर्य की पत्नी)
- अम्बालिका(विचित्रवीर्य की पत्नी)
- वेदव्यास
- रुक्मी (रुकमणी के भाई)
- रुक्मणी( श्री कृष्ण की पत्नी)
- शान्तनु (हस्तिनापुर नरेश)
- गंगादेवी (देवनदी, भीष्म की माता)
- विचित्रवीर्य ( सत्यावती के पुत्र )
- माद्री (नकुल और सहदेव की माता)
- वृप्रचिट्टी (शकुनि केे पुत्र)
- हिडिंबा (भीम की पहली पत्नी)
- बलंधरा (काशी नरेश की पुत्री, भीम की तीसरी पत्नी, सर्वग/सर्वत्रग की माता)[1]
- देवकी ( श्री कृष्ण की माता)
- वसुदेव (श्री कृष्ण के पिता)
- द्रष्टद्युम्न ( द्रुपद पुत्र)
- जयद्रथ (दुःशला का पति)
- दुःशला ( गांधारी की बेटी)
- घटोत्कच ( भीमपुत्र)
- शिखंडी ( अम्बा का पुनर्जन्म)
टिप्पणीसूची[संपादित करें]
- ↑ John Dowson 2013, पृ॰ 52.
स्रोतग्रंथ[संपादित करें]
- John Dowson (5 November 2013). A Classical Dictionary of Hindu Mythology and Religion, Geography, History and Literature. Routledge. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-136-39029-6.
महाभारत में कुल कितने पात्र हैं?
युद्ध के प्रमुख सूत्रधार भी 18 थे, जिनके नाम थे- धृतराष्ट्र, दुर्योधन, दुशासन, कर्ण, शकुनि, भीष्म, द्रोण, कृपाचार्य, अश्वत्थामा, कृतवर्मा, श्रीकृष्ण, युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल, सहदेव, द्रौपदी एवं विदुर।
महाभारत में स्त्री कौन थी?
इस घटना के बारे में आगे बात करने से पहले हम आपको महाभारत के एक पात्र की याद दिला रहे हैं जिसे आगे करके अर्जुन ने भीष्म को बाणों की शैय्या पर सुला दिया था। उस महावीर का नाम था शिखंडी जो दिखने में तो पुरुष था लेकिन शारीरिक तौर पर वह एक स्त्री थी।
महाभारत के प्रमुख पात्र कौन थे?
धृतराष्ट्र कौरव सत्यवती से शांतनु के दो पुत्र हुए - चित्रांगद और विचित्रवीर्य | शांतनु के देहावसान पर चित्रांगद हस्तिनापुर के सिंहासन पर बैठे और उनके युद्ध में मारे जाने पर विचित्रवीर्य | विचित्रवीर्य की दो रानियाँ थीं- अंबिका और अंबालिका । सत्यवती के पुत्र चित्रांगद बड़े ही वीर, परंतु स्वेच्छाचारी थे।
भीम किसका अवतार था?
महाभारत में विभिन्न अवतार.