रिलिजन डेस्क। जिन लोगों का नाम का पहला अक्षर का, की, कू, घ, >ङ >, छ, के, को, हा होता है, उनकी राशि मिथुन होती है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार मिथुन राशि का स्वामी बुध ग्रह है। जानिए मिथुन राशि के स्त्री-पुरुषों की खास बातें…
1. मिथुन राशि के लोग दूसरों के मन की बातें पढ़ सकते हैं। दूरदृष्टि, बहुमुखी प्रतिभा के धनी होते हैं। इन लोगों में अधिक चतुराई से कार्य करने की क्षमता होती है।
2. जब भी परेशानियां आती हैं तो इस राशि के लोग छोटी-छोटी बातों में ये लोग अस्थिर हो जाते हैं, लेकिन अपनी चतुरता से सफलता हासिल कर लेते हैं।
3. मिथुन राशि के व्यक्ति जीवनसाथी के लिए हमेशा ताकत बन कर प्रस्तुत होता है। साथ ही, घरेलु कारणों के चलते आपस में तनाव रहता हैं।
4. इस राशि के लोग वाहनों की अच्छी जानकारी रखते हैं। नए-नए वाहनों और सुख के साधनों के प्रति आकर्षण होता हैं।
5. मिथुन राशि के लोगों की कुंडली में मंगल और शुक्र की युति हो तो इन लोगों में दूसरों को परखने की अद्भुत क्षमता होती हैं। मंगल के शुभ असर से व्यक्ति अपनी बातों पर टिका रहता है।
6. इस राशि के लोगों में रहस्यमयी चीजों को जानने की कोशिश करते रहते हैं। नई-नई चीजों को खोजना इन्हें अच्छा लगता है।
7. इन लोगों को बुद्धि वाले कामों में ही सफलता मिलती हैं। अपने आप पैदा होने वाली मति और वाणी की चतुरता से इस राशि के लोग कुशल कूटनीतिज्ञ और राजनीतिज्ञ बन जाते हैं।
8. खोजी दिमाग के कारण इस राशि के लोग हर काम में सफल होते हैं। इस राशि के लोग पत्रकार, लेखक, मीडियाकर्मी, भाषाओं की जानकारी, योजनाकार भी बन सकते हैं।
9. ये लोग धर्म के मार्ग पर चलना पसंद करते हैं। व्यक्ति सामाजिक और धार्मिक कामों में आगे रहता है। पूजा-पाठ करता है।
मिथुन राशि ज्यौतिष के राशिचक्र में की तृतीय राशी है। इसका उद्भव मिथुन तारामंडल से माना जाता है। राशि चक्र की तीसरी राशि है राशि का प्रतीक युवा दंपति है यह दूरी सभा वाली राशि है नक्षत्र के तीसरे चरण के मालिक मंगल शुक्र है मंगल और शुक्र माया है जातक के अंदर माया के प्रति भावना पाए जाते हैं जीवनसाथी के प्रति हमेशा शंकर प्रतीत होता है.
अपने जीवनसाथी के प्रति हमेशा ही शक्ति बनकर प्रस्तुत होते हैं. साथ ही घरेलू कारणों के चलते कई बार आपस में तनाव भी हो जाता है. मंगल और शुक्र की युति के कारण जातक में स्त्री रोगों को परखने की अद्भुत क्षमता होती है. वाहनों की अच्छी जानकारी रखते हैं नए नए वाहनों और सुख के साधनों के प्रति इनका आकर्षण अत्यधिक होता है.
इनका घरेलू साज-सज्जा के प्रति झुकाव देखा जाता है मंगल के कारण जातक वचनों के पक्के होते हैं गुरु आसमान का राजा है. तो राहु गुरु का दोनों मिलकर जातक में ईश्वरीय तत्व बढ़ाते हैं. इस राशि के लोगों में ब्रह्मांड के बारे में पता करने की योग्यता जन्मजात होती है. इनका वायुयान और सेटेलाइट के बारे में जानने का सादा होता है. राहु शनि के साथ मिलने से जातक के अंदर शिक्षा और शक्ति उत्पन्न होती है. जातक का कार्य शिक्षा स्थानों में या बिजली पेट्रोल या बाहर वाले कामों की ओर होता है.
एक बारे में रहकर कार्य कर पाता है और पूरा जीवन कार्य करना इनके लिए फल दिन रहता है मर्यादा होती है. जो उसे घर में करती है और सामाजिक और धार्मिक कार्यों में अपने को रमा लेते हैं गुरु जो ज्ञान का मालिक है उसे मंगल का साथ मिलने पर कुछ प्रदान करने के लिए और रक्षा आदि विभागों की ओर ले जाता है. जातक अपने ही विचारों अपने ही कारणों से उलझा रहता है.
मिथुन राशि पश्चिम दिशा की घोतक है जो समय में जन्म लेते हैं. वह मिथुन राशि के कहे जाते हैं. बुध की धातु पारा है इन जातकों का स्वभाव गर्मी में ऊपर नीचे होने वाला होता दूसरों की मन की बातें पढ़ने दूरदृष्टि बहुमुखी प्रतिभा अधिक चतुराई से कार्य करने की क्षमता होती है. या को बुद्धि वाले कामों में ही सफलता मिलती है अपने आप पैदा होने वाली माता से इस राशि के लोग कुशल कूटनीतिक और राजनीतिक बन जाते हैं हर कार्य में जिज्ञासा और खुशी दिमाग होने के कारण इस राशि के लोग अन्वेषण में ही सफलता लेते रहते हैं.
और पत्रकार लेखक मीडिया कर्मी भाषाओं की जानकारी योजनाकार भी बन सकते हैं तो दोस्तों आज मैंने आपको मिथुन राशि के बारे में बताया है. अपने राशिफल के बारे में विस्तार से जानने के आचार्य के इस पेज पर जरूर जाएँ -
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Chanakya Niti for Women : आचार्य चाणक्य को एक महान अर्थशास्त्री और कूटनीतिज्ञ माना जाता है। नीति शास्त्र में बताई गई नीतियों का लाभ सामान्य जीवन में भी उठाया जा सकता है। नीति शास्त्र में आचार्य चाणक्य महिला की उन गलतियों के बारे में बात करते हैं जो आमतौर पर वह अपने जीवनकाल में करती है और बाद में पछताती हैं। इसके अलावा भी उन्होंने महिलाओं से संबंधित कई अन्य बातें भी कही हैं-
पुरुष पर स्त्री की निर्भरता
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि परिवार की स्त्री या पत्नी को पुरुष के भरोसे नहीं छोड़ना चाहिए। कई शास्त्रों में यह भी सलाह दी गई है कि स्त्री को किसी और के भरोसे नहीं छोड़ना चाहिए। ऐसा करने से उसका अपना अस्तित्व ही समाप्त हो जाता है और उसकी सारी इच्छाएं अधूरी रह जाती हैं।
तमाम क्षमताओं के बावजूद ऐसी महिलाएं कभी भी उस मुकाम तक नहीं पहुंच पाती हैं, जिसकी वे हकदार होती हैं। दरअसल आचार्य चाणक्य कहते हैं कि महिलाओं को शिक्षित और मजबूत बनाएं। इसे आत्मनिर्भर बनाएं। जब वह खुद पैसा कमाएगा तो उसे किसी के आगे हाथ नहीं फैलाना पड़ेगा।
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पुरुषों से चार गुना ज्यादा बुद्धिमान
चाणक्य कहते हैं कि महिलाएं पुरुषों से ज्यादा बुद्धिमान होती हैं। तेज बुद्धि होने के कारण महिलाएं पारिवारिक जिम्मेदारियों को बखूबी निभाती हैं। ये अपनी सूझबूझ से हर समस्या का सामना करने में सक्षम होते हैं। आचार्य चाणक्य का कहना है कि महिलाएं पुरुषों से चार गुना ज्यादा बुद्धिमान होती हैं।
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पुरुषों से 6 गुना ज्यादा साहसी
महिलाओं में पुरुषों की तुलना में शारीरिक शक्ति कम होती है, लेकिन साहस के मामले में महिलाएं पुरुषों से कम नहीं हैं। चाणक्य के अनुसार महिलाएं पुरुषों की तुलना में आठ गुना अधिक कामुक होती हैं। चाणक्य नीति के एक श्लोक में महिलाओं को ‘कामोष्टागुण’ बताया गया है। यानी महिलाएं पुरुषों से आठ गुना ज्यादा कामुक होती हैं। यानी महिलाएं इस मामले में पुरुषों से कई गुना आगे हैं।