किसी भी व्यक्ति की कुंडली में मंगल ग्रह का महत्वपूर्ण स्थान है। मंगल का मंगलमय प्रभाव व्यक्ति को सक्सेस दिलवाता है। जब इस ग्रह का बुरा दौर शुरू होता है तो यह व्यक्ति को दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर कर देता है।
ये नहीं देखा तो क्या देखा (Video)
किसी भी व्यक्ति की कुंडली में मंगल ग्रह का महत्वपूर्ण स्थान है। मंगल का मंगलमय प्रभाव व्यक्ति को सक्सेस दिलवाता है। जब इस ग्रह का बुरा दौर शुरू होता है तो यह व्यक्ति को दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर कर देता है। मंगल दोष से मुक्ति पाने के लिए करें ये उपाय। आप देखेंगे कि
कुछ दिनों में ही आपके जीवन में सुधार आना शुरू हो जाएगा।
मंगलवार की शाम हनुमान जी के मंदिर में सिंदूरी प्रसाद चढ़ाएं। उत्साह के लिए या जब आपका मनोबल कम हो रहा हो, लाल चंदन का टीका लगाएं। बार-बार नजर लगने पर हर मंगलवार की शाम बच्चे के ऊपर से 8 सूखी डंडी वाली मिर्चें 7 बार उल्टा घुमा कर आग में जला दें।
जिनकी कुंडली में मंगल नीच राशि का है या मंगलीक हैं, या मंगल की दशा है या मंगल कमजोर है, मंगलवार के दिन इनमें से कोई एक वस्तु मंदिर, गुरुद्वारे, लंगर या युवा ब्राह्मण, मांगने वाले को दान दें- गेहूं, मक्की, लाल मसूर की दाल, गुड़, लाल फूल, लाल फल-अनार, सेब, लाल मिठाई, बदाना, गुलदाना, केसर, लाल चन्दन, सिंदूर, नारियल जटा वाले, मीठे रोट, मीठी रोटियां, रेवडिय़ां, तांबे का बर्तन आदि । ये दान केवल युवा ब्राह्मण या युवा भिक्षुक मांगने वाले को ही दें तभी इसका पूरा फल मिलेगा। बच्चों को दोपहर के समय टॉफी बांटें। मंगलवार को व्रत रखें। शाम को एक समय भोजन करें। बिना नमक के तरल वस्तुएं लें जैसे-दूध, फल, लस्सी आदि।
यदि संभव हो तो 10000 बार इस मन्त्र का जाप करें-ओम् क्रां क्रीं क्रौं
स: भौमाय नम:।
छोटे भाई की मदद करें।
मंगल दोष के लिए, नारियल पर तिलक लगाकर लाल कपड़े में बांध कर मौली लपेट कर 3 मंगलवार जल प्रवाह करें।
यदि कन्या के विवाह में विलंब हो रहा हो तो 7 मंगलवार मंगला गौरी का व्रत रखें।
हरी सौंफ लाल कपड़े में बांध कर शयनकक्ष या अपने तकिए के नीचे मंगलवार की रात अपने जन्मदिन तक रखें, बाद में प्रवाहित कर दें ।
शत्रु दमन के लिए, साल में एक बार मंगलवार या शनिवार हनुमान जी के मंदिर में लाल झंडा, सिंदूर, चमेली का तेल, लाल वस्त्र चढ़ाएं और महीने में एक बार मूूर्ति के दाएं पैर से तिलक लेकर शरीर पर लगाएं। हनुमान चालीसा पढ़ें, संभव हो तो मंगलवार का व्रत रखें। मांसाहारी भोजन या मदिरा न लें।
मंगलवार को बन्दरों को चने-गुड़ दें।
क्या सच में शास्त्रों में तलाक़ नाम का शब्द है ? (Video)
हाइलाइट्स
मंगल के शुभ होने पर जीवन में आती है खुशहाली
मंगल के अशुभ होने पर इंसान हो जाता है कंगाल
ज्योतिष में मंगल ग्रह को काफी महत्वपूर्ण मना गया है. कुंडली में मंगल दोष हो तो शादी विवाह में अड़चन शुरू हो जाती है. मंगल नीच का हो तो धन की हानि और दुर्घटनाएं शुरू हो जाती हैं. मंगल अशुभ हो तो जीवन में ऐसे संकट सामने आ खड़े होते हैं, जो पहाड़ से लगने हैं. लेकिन इन सब परेशानियों का हल भी उन छोटी छोटी पूजा उपासना और उपायों में छिपा है, जो न केवल आपका विश्वास बढ़ाती हैं. बल्कि आपके जीवन में खुशियां भी बरसाती हैं.
मंगल के अशुभ परिणाम-
सूर्य के बाद सबसे प्रमुख ग्रह मंगल माना गया है. जिसे लाल ग्रह भी कहते हैं. ज्योतिष शास्त्र कहता है कि आपकी कुंडली में अगर आपका मंगल अशुभ है. नीच का है. या फिर दूसरे ग्रहों के साथ अशुभ संयोग बना रहा है तो आपके जीवन में अशुभ परिणाम होते हैं.
- क्रोध लगातार बढ़ता जाता है
- व्यापार में घाटा शुरू हो जाता है
- छोटी छोटी परेशानियां बड़ी होने लगती हैं
- चिंताएं लगातार बढ़ती जाती हैं
- सेहत पर बुरा असर पड़ता है
- जमीन जायदाद में घाटा लगता है
- आत्म विश्वास में कमी आती है
मंगल का प्रभाव-
आखिरकार मंगल ऐसा दुष्प्रभाव देते क्यों हैं, इसे जानने के लिए मंगल की विशेषता जाननी होगी.
- ग्रहों मे सेनापति हैं मंगल
- शक्ति, ऊर्जा, आत्मविश्वास के स्वामी हैं मंगल
- मंगल का मुख्य तत्व अग्नि है
- मंगल का मुख्य रंग लाल है
- मंगल की धातु तांबा मानी गई है
- जौ को मंगल का अनाज माना गया है
- जमीन और जमीन से निकलने वाली चीजों पर मंगल का प्रभाव रहता है
- मेष और वृश्चिक मंगल की राशियां हैं
- मंगल मकर राशि में सबसे मजबूत रहता है
- कर्क राशि का मंगल सेबसे कमजोर होता है
हनुमान दूर करेंगे कुंडली का मंगल दोष-
ज्योतिष के आचार्यों की मानें तो कुंडली का अशुभ मंगल जातक के जीवन को तहस नहस कर सकता है. कुंडली में मंगलदोष हो तो केवल एक व्रत आपके इस दोष का अमंगल काट सकता है. आपकी कुंडली के मंगल दोष को वीर
बजरंगी हनुमान अपनी शक्ति से काट सकते हैं.
- रोज सुबह शाम हनुमान चालीसा का पाठ करें
- मंगलवार को सिंदूर और लाल फूल चढ़ाएं
- मंगलवार के दिन उपवास रखें
भात पूजन और मंगल दोष-
मंगल दोष की शांति के लिए भात पूजा मध्य प्रदेश के उज्जैन में की जाती है, क्योंकि इसे ही मंगल ग्रह की उत्पत्ति का स्थान माना जाता है.
- पके चावल से शिवलिंगरूपी मंगलदेव की पूजा की जाती है
- सर्वप्रथम गणेशजी और माता पार्वतीजी का पूजना होता है
- इसके बाद नवग्रह पूजन होता है फिर कलश पूजन करते हैं
- भात से बने भगवान मंगलनाथ का पंचामृत से अभिषेक करते हैं
- इसके बाद भगवान शिव को भात भी चढ़ाते हैं और मंगल जाप करते हैं
सप्ताह में मंगलवार के दिन की गई उपासना मंगलदेव को शांत तो करती है. साथ ही सोमवार को भगवान शिव की आराधना भी कुंडली में मंगल के शुभ प्रभाव देती है.
शिव शांत करेंगे मंगल को-
सृष्टि का आदि अंत सभी शिव ही हैं. इसीलिए शिव देवों के देव महादेव हैं. तभी तो शिव की आराधना से सभी अमंगल मंगल में बदल
जाता है. तो चलिए अब आपको बताते हैं कि भगवान शंकर की आराधना आपको कुंडली में मंगल देव की शुभता कैसे दिलाती है.
- रोजाना जल में लाल पुष्प डाल कर शिव जी को चढ़ाएं
- लाल आसन पर बैठ कर शिवमंत्र का जप करें
- लगातार 15 दिन प्रयोग करें
- क्रोध पर नियंत्रण मिलेगा
शिव उपासना से शांत करें मंगल-
मंगल की अशुभता आपकी सेहत पर भी असर डालती है. रोग घर कर जाते हैं. बीमारियों की वजह से धन की हानि होने लगती है. इसलिए शिव उपासना से मंगल को शांत किया जा
सकता है.
- शिव जी को तांबे के लोटे से जल अर्पित करें
- जल अर्पण के बाद ऊं हौं जूं स: का जप करें
- थोड़ा सा जल लोटे में बचा लें
- बचे जल को प्रसाद के तौर पर लें
- बीमारी और रोग में जल्द लाभ दिखेगा
मंगल शुभ हो तो होता है फायदा-
मंगल ग्रह एक उग्र ग्रह जरूर है. लेकिन ये आपको रंक से राजा भी बना सकता है. कुंडली में मंगल शुभ हो तो लक्ष्मी योग, रूचक योग जैसे योग बनाता है जो अपार सफलता के साथ साथ बेशुमार शोहरत और धन दिलाता है. कुंडली में अगर मंगल मजबूत स्थित में बैठा हो तो कुंडली में दो ऐसे योग बनाता है जो इंसान की जिंदगी बदल कर रख देता है.
- चंद्रमा मंगल के संयोग से बनता है लक्ष्मी योग
- लक्ष्मी योग इंसान को मालामाल बना देता है
- अपार धन संपत्ति का मालिक बनाता है लक्ष्मी योग
- मंगल के पंच-महापुरुष को रूचक योग कहते हैं
- रूचक योग बड़ा पद, सेनाध्यक्ष, प्रशासक बनाता है
- रूचक योगो में असहायों की मदद जरूर करनी चाहिए
ये भी पढ़ें:
- Shani Dev के 9 वाहनों पर सवार होकर कुंडली में इंट्री करने पर क्या फायदे और नुकसान होते हैं, जानिए
- इन वजहों से हमेशा सिर ढंककर की जानी चाहिए पूजा, महिला और पुरुष दोनों के लिए है जरूरी