नानी तेरी मोरनी को मोर ले गया - naanee teree moranee ko mor le gaya

हर साल 14 नवंबर के दिन मनाया जाने वाला बाल दिवस जिसे अंग्रेजी में चिल्ड्रेन्स डे कहा जाता है, देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन के तौर पर मनाया जाता है। क्यों न बच्चों के इस दिन को हम भी बचपन याद करके मनाएं। वो पुराने गाने जो हमें अक्सर हमारे बचपन की याद दिलाते हैं, आज फिर से उन्हें गुनगुनाया जाए।

आज हम आपको इस लेख में ऐसी ही कुछ पुराने गानों का जिक्र करने वाले हैं जिन्हें सुन कर हमें अपने बचपन की याद आ जाती है। ऐसे गाने जो हमें उस समय याद आते हैं जब हम छोटे-छोटे बच्चों को खेलते, पढ़ते और हस्ते-रोते देखते हैं। आइए जनाते हैं इन गानों के बारे में और साथ में गुनगुनाते हैं। 

इचक दाना

1955 में आई फिल्म श्री 420 के सभी गाने बहुत ही ज्यादा फेमस हैं। राज कपूर और नरगिस की यह फिल्म आप में से कई लोगों ने देखी होगी। इस फिल्म के "इचक दाना बीचक दाना" में नरगिस कुछ बच्चों को पढ़ा रही हैं और साथ में यह गाना गए रही हैं।

जब भी वह बच्चों से कुछ पूंछती हैं तो बच्चो के साथ बैठे कपूर जवाब देते हैं। इस गाने में जिस तरह नर्गिस गा गाकर बच्चों को फिर हर लाइन के बाद पूछती हैं की "बोलो क्या" हमें हमारे स्कूल के दिन याद दिला देता है।

इसे जरूर पढ़ें- क्या आप जानते हैं बॉलीवुड की उस फिल्म के बारे में जिसे बनने में लगे 23 साल?

नन्हा मुन्ना राही हूँ

एक ऐसा गाना जिसे आज भी हम गाने लगते हैं, जब हम किसी बच्चे को देखते हैं। यह गाना फिल्म सन ऑफ इंडिया का है जिसे मेहमूद खान द्वारा निर्देशित किया गया है। आज भी हम अपने बच्चो को या दूसरों के बच्चों को स्कूल में परेड करते देखते हैं तो अपने आप ही मन में यह गाना बज जाता है "नन्हा-मुन्ना रही हूं देश का सिपाही हूं बोलो मेरे संग जय हिन्द जय हिंदी जय हिन्द"। कुछ गांव से हमारी यादें जुड़ी होती हैं और यह गाना उन्हीं गानों में से एक है।

हम भी अगर बच्चे होते

हम चाहें कितने बड़े हो जाए लेकिन जन्मदिन के दिन बजाए जाने वाले गानों में यह गाना सबसे पहले याद आता है।(जानें लता मंगेशकर से जुड़़ी रोचक जानें) जब भी हम अपने घर में किसी बड़े का जन्मदिन मनाते हैं तो उनके लिए यह गाना जरूर बजाते हैं, क्योंकि इस गाने के यह बोल "हम भी अगर बच्चे होते नाम हमारा होता डब्लू बबलू, खाने को मिलते लड्डू, तो दुनिया कहती हैप्पी बर्थडे टू यू" हमारी भावनाओं और खुशियों को व्यक्त करते हैं।

नानी तेरी मोरनी को मोर ले गए

1960 में आई फिल्म मासूम का यह गाना इतना ज्यादा लोकप्रिय है की इस गाने पर बच्चों के लिए राइम भी बनाए जाते हैं। जब भी बच्चे अपनी नानी से मिलते हैं तो नानियां यह गाना बहुत सुनाती हैं। कभी कभी तो फील की तरह ही बच्चे भी अपनी नानी के लिए यह गाना गाने लगते हैं। बड़ी ही मासूमियत के साथ गाए गए इस गाने को रानू मुखर्जी ने गाया है।

दादी अम्मा

हिंदी फिल्मों में कई गाने हैं जो रिश्तों पर बनाएं गए हैं जैसे- दीदी तेरा देवर दीवाना, नानी तेरी मोरनी को मोर ले गए(आज भी याद किए जाते हैं ये पुराने गीत) और फिल्म घराना के "गाना दादी अम्मा दादी अम्मा मान जाओ" गाने में बच्चे इस गाने को गा गाकर अपनी दादी को मनाते हैं। राज कुमार, राजेंद्र कुमार की यह फिल्म उस टाइम की हिट फिल्मों में से एक थी और शायद आज भी लोगों को यह फिल्म याद है और पसंद भी करते हैं।

इसे जरूर पढ़ें- असल जिंदगी और सच्ची घटनाओं पर आधारित हैं बॉलीवुड की ये फिल्में, आप भी जानें

आपको कौन-सा बच्चों की याद दिलाता है? हमें कमेंट करके जरूर बताएं। हम इसी तरह नए-नए लेख आपके लाते रहेंगे। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

Image credit- wikipedia 

क्या आपको ये आर्टिकल पसंद आया ?

बेहतर अनुभव करने के लिए HerZindagi मोबाइल ऐप डाउनलोड करें

Disclaimer

आपकी स्किन और शरीर आपकी ही तरह अलग है। आप तक अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी लाना हमारा प्रयास है, लेकिन फिर भी किसी भी होम रेमेडी, हैक या फिटनेस टिप को ट्राई करने से पहले आप अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। किसी भी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।

Toplist

नवीनतम लेख

टैग