Highlights
- इसका इलाज ना किया जाए तो यह खतरनाक रूप ले सकता है
- दबी हुई नस को खोलने के लिए पान वाले चूने का इस्तेमाल करना चाहिए
- मेथी के बीज भी साइटिका और नसों के दर्द को ठीक करने में काफी फायदेमंद है
खराब लाइफस्टाइल के चलते मौजूदा समय में लोगों को तमाम प्रकाक की परेशानियां होती है उनमें से एक है नसों का दबना। इसका दर्द कभी-कभार इतना तेज होता है, जीना दूभर कर सकता है। हालांकि आयुर्वेद में ऐसे ढेर उपाय हैं, जो दबी हुई नस को खोलने का काम करते हैं। नस दबने को हल्के में लेना सबसे बड़ी लापरवाही होती है क्योंकि अगर समय रहने इसका इलाज ना किया जाए तो यह खतरनाक रूप ले सकता है। चलिए आपको बतात हैं पिंच्ड नर्व को ठीक करने के उपाय-
दबी हुई नस को खोलने के उपाय-
चूने का करें इस्तेमाल-
दबी हुई नस को खोलने के लिए पान वाला चूना लें। इस चूने को पानी, दही, लस्सी या जूस में से किसी के साथ भी ले सकते हैं। आपको एक दिन में चुटकी भर चूना लेना है। इस बात का ध्यान रखें कि सुबह- सुबह खाली पेट इस नुस्खे क आजमाएं, जो आपकी दबी हुई नस को खोलने का काम करेगा।
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मेथी के बीज-
मेथी के बीज भी साइटिका और नसों के दर्द को ठीक करने में काफी फायदेमंद है। इसके लिए मेथी के बीजों को पानी में भिगो दें। इसके बाद इसे ब्लैंड करके पेस्ट बनाएं और फिर प्रभावित हिस्से पर लगाएं।
सिंगार का पौधा-
दबी हुई नस को खोलने के लिए दूसरा सबसे आसान उपाय है हार सिंगार का पौधा, जिसके पत्ते को पारिजात भी कहा जाता है। इन पत्तों को पानी में उबाल कर कुछ दिनों तक सेवन करने से दबी हुई नस
को खोलने में मदद मिलती है। आप दिन में चार या पांच पत्ते ही पानी में उबालकर लें।
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सेंधा नमक
कॉटन के कपड़े में सेंधा नमक डालें। अब एक बाल्टी गर्म पानी में सेंधा नमक की पोटली डालें। अब इस पानी से स्नान करें या 30 मिनट के लिए उस पानी में बैठ
जाएं। इससे नसों का दर्द कम हो जाएगा।
Disclaimer: यह जानकारी आयुर्वेदिक नुस्खों के आधार पर लिखी गई है। इंडिया टीवी इनके सफल होने या इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। इनके इस्तेमाल से पहले चिकित्सक का परामर्श जरूर लें।
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By उस्मान | Published: January 15, 2020 03:39 PM2020-01-15T15:39:57+5:302020-01-15T15:39:57+5:30
किसी वजह से शरीर की नस दबने से भयंकर दर्द होता है जिससे पीड़ित का उठना-बैठना, चलना-फिरना हराम हो जाता है
दबी हुई नस खोलने का इलाज : शरीर की कोई भी नस दबने पर करें ये 7 काम, तुरंत मिलेगा दर्द से छुटकारा
शरीर के किसी हिस्से पर अधिक दबाव बनने के कारण उस हिस्से की नस दब सकती है जिसे मेडिकल भाषा में Pinched nerve कहा जाता है। दबी हुई नसें आमतौर पर क्षतिग्रस्त तंत्रिका के कारण होती हैं और इसके लक्षणों में दर्द, सुन्नता और कमजोरी शामिल हो सकती है। एक दबी हुई नस के लक्षणों में मुख्यतः झुनझुनी, जलन महसूस होना, सुन्न होना, दर्द, मांसपेशी में कमज़ोरी, चुभने वाला दर्द, जैसे कि पिन और सुई, प्रभावित हिस्से में ऐसा महसूस होना जैसे सो गया है'।
लेटते समय या जागने के बाद भी लक्षण खराब हो सकते हैं। शरीर के किसी भी हिस्से की नस दब सकती है लेकिन गर्दन, पीठ, कोहनी और कलाई में सबसे अधिक बार होती है। नस दबने के कई कारण होते हैं। इसमें मुख्यतः प्रभावित हिस्से में गठिया होना, खराब मुद्रा में बैठना, खड़े होना या चलना, खेल के दौरान चोट लगना और मोटापा शामिल है।
ज्यादा नींद और आराम है जरूरी
नींद एक तंत्रिका के आराम के लिए आवश्यक है। नींद के दौरान शरीर खुद की मरम्मत करता है, इसलिए अधिक समय सोने से लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है। कई मामलों
में अतिरिक्त नींद लेने से दबी हुई नस की तंत्रिका अपने आप ठीक हो सकती है।
पोश्चर में सुधार करें
कई बार खराब पोश्चर के कारण भी नस दब सकती है। इसमें लंबे समय तक गलत मुद्रा में बैठना या खड़े रहना शामिल है। इससे
रीढ़ और मांसपेशियों को नुकसान पहुंचा सकता है। इस स्थिति में बैठने के दौरान कुशन, एडजस्टेबल चेयर और नेक रेस्ट का उपयोग करने से आराम मिलता है और दबाव को कम करने में मदद मिलती है।
कंप्यूटर की सेटिंग है जरूरी
ऑफिस में काम करने वालों को यह समस्या अधिक होती है। ऐसे में एर्गोनोमिक माउस और कीबोर्ड का उपयोग करने से हाथों और कलाई में दबाव को कम करने में मदद मिल सकती है। कंप्यूटर मॉनिटर को आंख के स्तर तक उठाने से गर्दन के दर्द और पाठ गर्दन के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती
है।
दर्द निवारक दवाएं
दर्द के लिए ओवर-द-काउंटर दवाएं दबी हुई नस में आराम दे सकती हैं। नॉन-स्टेरायडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं (एनएसएआईडी) सूजन को कम करने और छोटी दबी नसों के मामलों में दर्द को दूर करने में मदद कर सकती हैं। किसी भी दवा लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।
स्ट्रेचिंग और योग
हल्की स्ट्रेचिंग और योग से प्रभावित हिस्से में तनाव और दबाव को दूर करने में मदद मिल सकती है। यह जरूरी है कि बहुत ताकत लगाकर न खींचे, क्योंकि इससे लक्षण और भी बदतर हो सकते हैं।
मसाज
मालिश
करने से शारीरिक दर्द और तनाव को कम करने में मदद मिल सकती है। प्रभावित क्षेत्र के चारों ओर हल्के दबाव से मालिश करने से तनाव को दूर करने में मदद मिल सकती है और शरीर की पूरी मालिश मांसपेशियों को आराम देने में मदद कर सकती है। डीप टिश्यू मसाज एक अच्छा आइडिया नहीं हो सकता है क्योंकि अतिरिक्त दबाव के कारण लक्षण और खराब हो सकते हैं।
आइस और हीट पैक
आइस और हीट पैक के बीच बारी-बारी से कई मामलों में सूजन और दर्द को कम करने में मदद मिल सकती है। गर्म और ठंडे के संयोजन से क्षेत्र में
ताजा रक्त का संचलन बढ़ जाता है, जिससे दर्द से राहत मिल सकती है। दिन में तीन बार लगभग 15 मिनट के लिए प्रभावित क्षेत्र पर आइस पैक रखें। हीट पैड को लंबी अवधि के लिए, 1 घंटे तक, दिन में तीन बार लगाया जा सकता है।