Online Vs Offline Education: ऑनलाइन एजुकेशन भले ही मजबूरी हो, लेकिन बच्चाें पर पड़ रहे इसके दुष्प्रभाव अब हर किसी को समझ आने लगे. इन्हीं दुष्प्रभावों को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. रामाशंकर कुशवाहा से खास चर्चा पढ़ें आगे...
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- News18Hindi
- Last Updated : December 29, 2021, 17:59 IST
नई दिल्ली. ऑफलाइन माध्यम से मिलने वाली शिक्षा हमारे बच्चों के जीवन में कितनी कारगर साबित होगी, इसको लेकर हम सब के मन में एक सवाल बना हुआ है. भले ही ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई हमारे बच्चों की मजबूरी हो, लेकिन हम यह महसूस कर रहे हैं कि बच्चों का शैक्षणिक विकास रुक सा गया गया है. इतना ही नहीं, बच्चों की पढ़ाई और किताबों के प्रति रुचि खत्म होती जा रही है. ऐसे में, बड़ा सवाल यह है कि ऑनलाइन और ऑफलाइन एजुकेशन के बीच ऐसा कौन सा अंतर है, जो बच्चों के मानकिस दायरे को संकुचित कर उनका चौतरफा नुकसान कर रहा है.
दिल्ली विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. रामाशंकर कुशवाहा के अनुसार, ऑनलाइन शिक्षा कभी भी ऑफलाइन शिक्षा का विकल्प नहीं हो सकती है. क्योंकि, कक्षा में अध्यापक बच्चों को सिर्फ पाठ ही नहीं पढ़ाते, बल्कि उनके मनोभाव और व्यवहार पर भी पूरा ध्यान रखते हैं. कक्षा में बच्चों को इस बात के लिए लगातार टोका जाता है कि वह कैसे बैठे हैं, वे इधर-उधर क्यों देख रहे हैं, उनका पढ़ाई में कितना ध्यान है. यानी कक्षा में बच्चों के बैठने, बोलने, सुनने और उनकी एकाग्रता पर अध्यापक का सीधा ध्यान होता है. अध्यापक और छात्रों के बीच होने वाला इस तरह का मनोवैज्ञानिक मौन संवाद सिर्फ ऑफलाइन क्लासेज में ही संभव है.
क्यों कम हो रही है बच्चों की किताबों के प्रति रुचि
डॉ. रामाशंकर कुशवाहा के अनुसार, बच्चों में रीडिंग हैबिट सबसे ज्यादा समूह में विकसित होती है. मनुष्य प्रतिस्पर्धा को समझता है और प्रतिस्पर्धा से ही सबसे ज्यादा सीखता है. ऑनलाइन एजुकेशन में बच्चों के बीच प्रतिस्पर्धा गायब हो जाती है. प्रतिस्पर्धा के आभाव में बच्चों में
स्किल डेवलपमेंट संभव नहीं है. दरअसल, बच्चे जबतक रीडिंग हैबिट, सीटिंग हैबिट, टॉकिंग बिहेवियर मतलब बैठने का तरीका, बातचीत का तरीका विकसित नहीं कर लेता है, तबतक उसका किसी काम के प्रति लगाव नहीं आएगा. जब किसी काम या पढ़ाई के प्रति लगाव नहीं आएगा तो स्किल कैसे बनेगी.
डॉ. रामाशंकर कुशवाहा बताते हैं कि बोलना अपने आप में बड़ी स्किल है. इस स्किल को न ही कोई मोडरेट कर रहा है और न ही कोई सिखा रहा है. सारा काम घर परिवार में बैठकर हो जाए, यूट्यूब या गूगल से हो जाए, तो फिर तो दिक्कत ही नहीं है. लेकिन यह होगा नहीं, यह सब जानते हैं. ऑनलाइन एजुकेशन को कभी भी ऑफलाइन एडुकेशल का विकल्प नहीं माना जा सकता है. मजबूरी में ऑनलाइन शिक्षा ठीक है, लेकिन उसके स्वरूप और दुस्वारियों पर विचार करने की जरूरत है. क्योंकि, ऑनलाइन क्लासेज में बच्चों को पढ़ाया नही जा रहा, सिर्फ पाठ्यक्रम पूरा करने की औपचारिकता पूरी की जा रही है.
ऑनलाइन क्लासेज में गायब हो रही है भाषा की शुद्धता
दिल्ली विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. रामाशंकर कुशवाहा के अनुसार, कक्षा में एक अध्यापक अपने
छात्र-छात्राओं को पढ़ाई के इतर बहुत कुछ सिखाता है. यही बहुत कुछ बच्चों के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है. इसी बहुत कुछ में एक चीज है भाषा और उच्चारण में शुद्धता. कक्षा में बच्चों को बताया जाता है कि किस शब्द को कैसे बोलना है, किस शब्द में जिव्हा और होठ किस तरह हरकत करेंगे. यह सब ऑनलाइन में सीखना संभव नहीं है. भाषा को सीखने या समझने की प्रक्रिया है, सिर्फ और सिर्फ ऑफलाइन एजुकेशन में ही संभव है.
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Tags: Education, Online class
FIRST PUBLISHED : December 29, 2021, 17:59 IST
दोस्तों जैसा कि हम सब जानते हैं कि आज से ठीक1 साल पहले कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में अपना कहर बरपाया था इस pandemic के चलते पूरा काम रुकता गया था online एजुकेशन एक ऐसी चीज थी जिसे इस pandemic के बाद भी नहीं रोका गया और फर्क बस इतना आया की एजुकेशन का एक और नया रूप सामने आया कोरोना pandemic के दौरान ऑफलाइन एजुकेशन करना नामुमकिन था इसलिए ऑनलाइन एजुकेशन को introduce कराया गया |
और आज हम आपको बताएंगे कि क्या ऑनलाइन एजुकेशन ऑफलाइन एजुकेशन की जगह पूरी तरह से ले पाया और ऑनलाइन और ऑफलाइन क्लास में क्या अंतर होता है| साथ में हम आपको इन दो तरह की एजुकेशन के advantage और disadvatage भी बताने वाले हैं|
ऑनलाइन व ऑफलाइन शिक्षा में अंतर तथा हानि व लाभ|ऑनलाइन और ऑफलाइन क्लासेस में अंतर|online vs offline classess
ऑनलाइन और ऑफलाइन क्लासेस में अंतर
1. ऑफलाइन क्लासेस में स्टूडेंट को तैयार होकर स्कूल या यूनिवर्सिटी जाना होता है वहां पर student को एक education environment मिलता है टीचर के सामने बैठकर पढ़ाई होती है|
वहीं ऑनलाइन एजुकेशन की शुरुआत 1990 के सालो के बाद से शुरुआत हुई थी ऑनलाइन एजुकेशन flexible होता है इसमें स्टूडेंट को कहीं तैयार होकर नहीं जाना होता है अपने घर में डिवाइस और इंटरनेट कनेक्शन की मदद से ऑनलाइन classess atend किया जा सकता है| software जैसे zoom,Google meet आपकी मदद करते हैं|
2. ऑफलाइन क्लासेस मैं स्टूडेंट को Travel कर एजुकेशन सेंटर तक पहुंचना होता है और एक निश्चित समय में ही पहुंचना है और यहां पर स्टूडेंट के पास Freedom to take decision का ऑप्शन नहीं होता है| ऑफलाइन classic में flexibility बहुत कम होती है यहां पर स्टूडेंट को टाइम के अनुसार चलना पड़ता है|
लेकिन ऑनलाइन एजुकेशन में फ्लैक्सिबिलिटी बहुत ज्यादा होती है स्टूडेंट को टाइम के अनुसार नहीं चलना पड़ता है और ना ही Travel कर एजुकेशन सेंटर तक जाना होता है हां अगर टाइम के अनुसार क्लासेस लेनी हो तो स्टूडेंट बड़ी आसानी से मैनेज कर सकते हैं|
3. ऑनलाइन क्लासेस में स्टूडेंट और टीचर का interaction बहुत कम हो पाता है स्टूडेंट अपने doubt clear नहीं कर पाते हैं हालांकि ऑनलाइन क्लासेस में वीडियो और टीचर से बात करने का ऑप्शन होता है पर फिर भी स्टूडेंट अपने doubt clear नहीं कर पाते हैं टीचर भी स्टूडेंट से direct बातें नहीं कर पाते हैं किसी स्टूडेंट को उठाकर उढ़ाकर communicate नहीं कर पाते है और यहां तक कि एक स्टूडेंट भी किसी दूसरे स्टूडेंट से बातनहीं कर सकते इसलिए ऑनलाइन क्लासेस interaction के लिए परफेक्ट नहीं है|
जबकि ऑफलाइन पढ़ाई करते समय टीचर आपके सामने खड़े होते हैं आप से सवाल करते हैं और आप उनका जवाब देते हैं और साथ में आपके डाउट क्लियर होते हैं ऑफलाइन क्लासेस में interaction करना आसान होता है
4. online classess आप कहीं से भी ले सकते हैं और ऑनलाइन क्लास का समय ऑफलाइन क्लासेस से कम होता है क्योंकि बहुत देर तक स्क्रीन के सामने बैठकर स्टूडेंट लो फिर आने लगते हैं और ऑफलाइन क्लासेस में फिक्स लोकेशन और फिक्स टाइम होता है और जहां पर स्टूडेंट को बिना बहाने पहुंचना पड़ता है|
ऑनलाइन क्लासेस के फायदे
ऑनलाइन क्लासेस समय तय करने की जरूरत नहीं होती है यहां पर टाइम कभी भी बदला जा सकता है|
ऑनलाइन क्लासेस से टाइम की बचत होती है क्योंकि ऑफलाइन क्लासेस में आपको यूनिफॉर्म नहीं पहहना होती है और बस से स्कूल तक नहीं पहुंचना होता है लेकिन यह सारा वक्त ऑनलाइन क्लासेस में बचाया जा सकता है|
ऑनलाइन क्लासेस वर्तमान में बहुत मदद कर रही हैं और इससे बच्चे सुरक्षित भी हैं कोरोना pandemic के चलते यह रास्ता ठीक है|
ऑफलाइन क्लासेस के फायदे
ऑफलाइन क्लासेस में टीचर स्टूडेंट पर ध्यान दे सकते हैं और उनसे सवाल पूछ सकते हैं|
ऑफलाइन क्लासेस में स्टूडेंट को पढ़ाई का माहौल मिलता है क्योंकि स्कूल में सभी बच्चे पढ़ाई कर रहे होते हैं|
ऑफलाइन क्लासेस में स्टूडेंट टीचर का interaction अच्छे से होता है|
ऑनलाइन क्लासेस के नुकसान
ऑनलाइन क्लासेस में अकेले एक जगह पढ़ना यह एक बहुत बड़ा नुकसान है|
ऑनलाइन क्लासेस में competition नहीं होता और ऑनलाइन क्लासेस में फिक्स टॉपिक ही लिए जाते हैं|
ऑफलाइन क्लासेस के नुकसान
ऑफलाइन क्लासेस में आपको एक ही जगह पर बैठकर पढ़ाई करनी होती है जिससे बच्चा बहुत परेशान हो जाता है|
ऑफलाइन क्लासेस में आपको हमेशा स्टडी मैटेरियल carry कर ले जाना होता है|
क्या सभी बच्चों को ऑनलाइन क्लासेस पसंद है
इसका जवाब दे पाना थोड़ा मुश्किल है क्योंकि कुछ बच्चों को ऑनलाइन क्लास अच्छी लगती हैं तो कुछ बच्चों को ऑफलाइन अच्छी लगती हैं|
इसके कारण कुछ इस तरह से हैं
ऑनलाइन क्लासेस में ज्यादा देर तक स्क्रीन के सामने बैठने से आंखों में प्रॉब्लम होती है|
ऑनलाइन क्लासेस में स्टूडेंट अपने डाउट क्लियर नहीं कर पाते हैं
कुछ बच्चों को ऑफलाइन क्लास्सेस अच्छी लगती हैं क्योंकि ऑफलाइन क्लासेस में वह अपने डाउट क्लियर कर सकते हैं|
ऑफलाइन classess से बच्चे डिसिप्लिन बनते हैं|
तो हम इस बात का जवाब नहीं दे सकते हैं कि सभी बच्चों को ऑनलाइन क्लासेज अच्छी लगती हैं या नहीं लगती हैं इसका जवाब आप हमें कमेंट करके जरूर बताएं|
Future में ऑनलाइन क्लासेस चलेंगी
दोस्तों कोरोना वायरस का खतरा कम होते ही ऑफलाइन क्लासेस दोबारा शुरू कर दी जाएंगी लेकिन किसी जॉब की अच्छी preparation के लिए ऑनलाइन classess जारी रहेंगी|
आज आपने क्या सीखा
दोस्तों उम्मीद करता हूं कि आपको ऑनलाइन क्लासेस और ऑफलाइन क्लासेस में क्या अंतर होता है और हमें क्या नुकसान और फायदे होते हैं यह पता चल गया होगा लेकिन एक सवाल मैं आपसे पूछता हूं कि आपको पढ़ाई कौन सा तरीका अच्छा लगता है हमें कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं और इसी तरह की जानकारी के लिए हमारे साथ जुड़े रहे है