प्रेगनेंसी में बुखार आने पर कौन सी टेबलेट ले? - preganensee mein bukhaar aane par kaun see tebalet le?

गर्भावस्‍था के दौरान महिलाओं को हर छोटी बात का बहुत ध्‍यान रखना पड़ता है क्‍योंकि छोटी-सी लापरवाही भी शिशु के लिए घातक साबित हो सकती है। प्रेग्‍नेंसी में दर्द होना आम बात है और ऐसे में आप भी दर्द निवारक दवा जैसे कि पैरासिटामोल लेने की सोचती होंगी। लेकिन क्‍या आपको ये पता है कि प्रेग्‍नेंसी में पैरासिटामोल (Paracetamol during Pregnancy) सुरक्षित है या नहीं या इससे शिशु को कोई नुकसान तो नहीं पहुंचता है।क्‍या है पैरासिटामोल?

पैरासिटामोल को एसिटामिनोफेन के नाम से भी जाना जाता है। इसका उपयोग दर्द और बुखार के इलाज के लिए किया जाता है। ये ओवर द काउंट दवा है जिसे डॉक्‍टर के पर्चे के बिना भी लिया जा सकता है।


क्‍या प्रेग्‍नेंसी में पैरासिटामोल खा सकते हैं?

अगर आपको प्रेग्‍नेंसी में किसी दर्द निवारक दवा की जरूरत है तो आप पैरासिटामोल ले सकती हैं लेकिन गर्भवती महिलाओं को किसी भी दवा को लेने से पहले अपने डॉक्‍टर से एक बार जरूर पूछ लेना चाहिए।

हालांकि, कई वर्षों से गर्भवती महिलाएं इस दवा का सेवन कर रही हैं और इसकी वजह से उनमें कोई दुष्‍प्रभाव नहीं देखा गया है। इस वजह से गर्भवती महिलाओं के लिए दर्द निवारक दवा के रूप में सबसे पहले पैरासिटामोल की सलाह दी जाती है।

यह भी पढें : प्रेग्‍नेंसी में बार-बार क्‍यों आती है हिचकी, जानें इसका समाधान

गर्भावस्‍था में क्‍यों लेते हैं पैरासिटामोल?

अगर आपको प्रेग्‍नेंसी के दौरान हल्‍का दर्द या बुखार होता है तो आप पैरासिटामोल ले सकती हैं। दर्द से राहत और बुखार को कम करने के लिए गर्भावस्‍था के लगभग सभी चरणों में इस दवा का इस्‍तेमाल किया जाता है। अभी तक इस बात का कोई प्रमाण नहीं मिल पाया है कि पैरासिटामोल गर्भस्‍थ शिशु को कोई नुकसान पहुंचाती है लेकिन बेहतर होगा कि गर्भावस्‍थामें आप इस दवा की कम समय तक कम खुराक ही लें।

अगर बताई गई खुराक से आराम नहीं मिल पा रहा है तो डॉक्‍टर से परामर्श करें।

यह भी पढें : प्रेग्‍नेंसी में आयरन की कमी के कारण हो सकती हैं ये समस्याएं

क्‍या प्रेग्‍नेंसी में पैरासिटामोल लेने से मिसकैरेज हो सकता है?

ऐसा नहीं है कि पैरासिटामोल लेने से गर्भवती महिलाओं का मिसकैरेज हो सकता है। प्रेग्‍नेंसी में पैरासिटामोल लेने वाली महिलाओं में अब तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है।

गर्भावस्‍था में पैरासिटामोल की कितनी खुराक ले सकते हैं?

प्रेग्‍नेंसी में जितना हो सके दवाओं का सेवन कम ही करना चा‍हिए। दर्द और बुखार की गंभीरता के आधार पर 500 मि.ग्रा से 1000 मि.ग्रा की खुराक की जरूरत हर चार से छह घंटे में होती है। हालांकि, गर्भावस्‍था में पैरासिटामोल की खुराक (paracetamol during pregnancy dose) जितना हो सके कम ही रखनी चाहिए।


पैरासिटामोल के कारण होने वाली दिक्‍कतें

हाल ही के कुछ वर्षों में गर्भावस्‍था में पैरासिटामोल (paracetamol in pregnancy side effects) के सेवन को लेकर हुए अध्‍ययनों में इसके प्रभाव के कारण संभावित जटिलताओं का पता चला है, जो कि इस प्रकार हैं :
  1. जन्‍म विकार : प्रेग्‍नेंसी की पहली तिमाही में अधिक मात्रा में पैरासिटामोल लेने से शिशु में जन्‍म विकार हो सकता है। गर्भावस्‍था की पहली तिमाही में शिशु के महत्‍वपूर्ण अंगों का विकास होता है और पैरासिटामोल टेस्‍टोस्‍टोरान का स्‍तर कम कर देती है जो भ्रूण को प्रभावित कर सकता है।
  2. सीखने की क्षमता कमजोर होना : प्रेग्‍नेंसी के दौरान किसी भी दवा का असर शिशु के मस्तिष्‍क के विकास पर पड़ सकता है। इसकी वजह से बच्‍चे की याद रखने और सीखने की क्षमता कमजोर हो सकती है। उसे बिहेवरियल यानी व्‍यवहार संबंधी कोई दिक्‍कत भी हो सकती है। अध्‍ययनों में भी सामने आया है कि पैरासिटामोल के भ्रूण को प्रभावित करने पर शिशु को अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिस्‍ऑर्डर (एडीएचडी) और ऑटिज्‍म स्‍पैक्‍ट्रम डिस्‍ऑर्डर (एएसडी) हो सकता है।
  3. सांस से जुड़ी परेशानियां : गर्भ में दवा के संपर्क में आने से शिशु को अस्‍थमा जैसी सांस से जुड़ी समस्‍याएं भी हो सकती हैं।
यह भी पढें : क्‍या प्रेग्‍नेंसी में भिंडी खाने से नुकसान होता है?

ये कुछ संभावित जटिलताएं हैं जिनका संबंध प्रेग्‍नेंसी में पैरासिटामोल लेने से हो सकता है। हालांकि, अभी तक पैरासिटामोल से शिशु को नुकसान पहुंंचने के संदर्भ में पर्याप्‍त अध्‍ययन नहीं हुए हैं। बेहतर होगा कि पैरासिटामोल लेने से पहले आप एक बार गायनेकोलोजिस्‍ट से बात जरूर कर लें।

Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप

लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें

अक्‍सर महिलाओं को वायरल इंफेक्‍शन होने पर बुखार चढ़ जाता है। चूंकि, इस समय वो अधिक दवाइयों का सेवन नहीं कर सकती हैं, इसलिए बुखार ठीक करने के लिए उन्‍हें कोई सुरक्षित उपाय समझ नहीं आ पाता है।

हालांकि, आपको बता दें कि प्रेग्‍नेंसी में बुखार ठीक करने के लिए घरेलू नुस्‍खों को आजमाया जा सकता है। ये गर्भावस्‍था में बुखार को कम करने में कारगर तो होते ही हैं, साथ ही सुरक्षित भी रहते हैं। तो चलिए जानते हैं प्रेग्‍नेंसी में बुखार का इलाज करने वाले घरेलू तरीकों के बारे में।

​प्रेग्‍नेंसी में बुखार के लक्षण

गर्भवती महिलाओं को बुखार होने पर थकान, मतली, सिरदर्द, जोड़ों में दर्द, आंखों से धुंधला दिखाई देना, सांस लेने में दिक्‍कत, जीभ का स्‍वाद बदलने, पसीना आने और ठंड लगने जैसे लक्षण दिख सकते हैं।

गर्भावस्‍था में बुखार से कोई नुकसान नहीं होता है लेकिन आपको अपने बॉडी टेंपरेचर पर नजर रखनी होती है। यदि प्रेग्‍नेंसी में तेज बुखार का सही तरह से इलाज न किया जाए, तो इससे मिसकैरेज हो सकता है या शिशु पर कोई जानलेवा खतरा मंडरा सकता है। वहीं अगर एक या दो दिन में बुखार ठीक नहीं होता है, तो य‍ह किसी इंफेक्‍शन का संकेत हो सकता है।

​बुखार दूर करने के घरेलू उपाय

प्रेग्‍नेंसी में बुखार को कम करने के लिए खूब तरल पदार्थ पिएं। नॉन कार्बोनेटिड और इलेक्‍ट्रोलाइट ड्रिंक्‍स बेहतर रहते हैं। ये शरीर को हाइड्रेट रखने के साथ बुखार को कम करते हैं और शरीर को ताकत देते हैं।

हर्बल टी इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद कर सकती है। एक कप गुनगुनी चाय पीने से गले और छाती को आराम मिलता है। कफ जमा हो, तो वो भी निकल जाता है।

यह भी पढ़ें : प्रेग्नेंसी के दौरान हर्बल टी का सेवन सेफ है या नहीं, जानें

​आराम करें

प्रेग्‍नेंसी में बुखार होने पर आप ज्‍यादा काम न करें। इससे शरीर को ताकत मिलेगी और थकान नहीं होगी।

यह भी पढ़ें : प्रेगनेंसी में होती है थकान तो जान लें इसके कारण और उपाय

​नमक के गरारे

यदि फ्लू के लक्षणों के साथ बुखार भी हो रहा है, तो नमक के गरारे आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं। नमक में एंटी-इंफ्लामेट्री गुण होते हैं जो बुखार और बैक्‍टीरियल या वायरल इंफेक्‍शन को ठीक करने की क्षमता रखते हैं।

आधा गिलास गुनगुने पानी में आधा चम्‍मच नमक मिलाकर गरारे करें। इससे गले को आराम मिलता है और छाती में जमा कफ भी बाहर निकल जाता है।

भाप लेना

बुखार को कम करने का सबसे असरदार तरीका है भाप लेना। गर्म पानी में पुदीने की कुछ पत्तियां डालें और तौलिए से सिर को ढक कर कुछ देर तक भाप लें। इससे आपका नासिका मार्ग खुल जाएगा और पसीने के जरिए बुखार बाहर आ जाएगा। यह नुस्‍खा नाक और गले में जमा कफ को भी साफ करता है।

यह भी पढ़ें : गर्भावस्था में मां को हो बुखार तो बच्चे में हो सकते हैं हृदय विकार

बुखार होने पर क्‍या करें

अगर आप प्रेगनेंट हैं और आपको बुखार चढ़ गया है, तो आप किसी हवादार कमरे में ही रहें। पर्याप्‍त आराम करें और घर से बाहर न निकलें। ढीले और आरामदायक कपड़े पहनें। इस समय ए.सी बंद रखें और पंखे की हवा में ही आराम करें। अगर ठंड लग रही है तो पंखा भी बंद कर दें।

Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप

लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें

प्रेगनेंसी में बुखार आने पर कौन सी टेबलेट लेनी चाहिए?

अगर आपको प्रेग्‍नेंसी के दौरान हल्‍का दर्द या बुखार होता है तो आप पैरासिटामोल ले सकती हैं। दर्द से राहत और बुखार को कम करने के लिए गर्भावस्‍था के लगभग सभी चरणों में इस दवा का इस्‍तेमाल किया जाता है।

गर्भवती महिला को बुखार आए तो क्या करना चाहिए?

प्रेग्‍नेंसी में बुखार को कम करने के लिए खूब तरल पदार्थ पिएं। नॉन कार्बोनेटिड और इलेक्‍ट्रोलाइट ड्रिंक्‍स बेहतर रहते हैं। ये शरीर को हाइड्रेट रखने के साथ बुखार को कम करते हैं और शरीर को ताकत देते हैं। हर्बल टी इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद कर सकती है।

क्या मैं गर्भवती होने पर पेरासिटामोल ले सकती हूं 500mg?

पेनकिलर या पैरासिटामोल जैसी दवा गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास पर असर डालती है. पैरासिटामोल लेना भी हो तो इसकी Lowest Effective Dose लेनी चाहिए. जन्म के बाद बच्चे में ब्रेन, रिप्रोडक्टिव और Urogenital Disorders का खतरा बढ़ जाता है.

Toplist

नवीनतम लेख

टैग