पश्चिमी घाट में कौन कौन से राज्य शामिल है? - pashchimee ghaat mein kaun kaun se raajy shaamil hai?

भारत के पश्चिमी तट पर स्थित पर्वत श्रृंखला को पश्चिमी घाट या सह्याद्रि कहते हैं। दक्‍कनी पठार के पश्चिमी किनारे के साथ-साथ यह पर्वतीय श्रृंखला उत्‍तर से दक्षिण की तरफ 1600 किलोमीटर लम्‍बी है। विश्‍व में जैविकीय विवधता के लिए यह बहुत महत्‍वपूर्ण है और इस दृष्टि से विश्‍व में इसका 8वां स्थान है। यह गुजरात और महाराष्ट्र की सीमा से शुरू होती है और महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, तमिलनाडु तथा केरल से होते हुए कन्याकुमारी में समाप्‍त हो जाती है। वर्ष 2012 में यूनेस्को ने पश्चिमी घाट क्षेत्र के 39 स्‍थानों को विश्व धरोहर स्‍थल घोषित किया है।"
पश्चिमी घाट का संस्कृत नाम सह्याद्रि पर्वत है। यह पर्वतश्रेणी महाराष्ट्र में कुंदाइबारी दर्रे से आरंभ होकर, तट के समांतर, सागरतट से ३० किमी से लेकर १०० किमी के अंतर से लगभग ४, ००० फुट तक ऊँची दक्षिण की ओर जाती है। यह श्रेणी कोंकण के निम्न प्रदेश एवं लगभग २, ००० फुट ऊँचे दकन के पठार को एक दूसरे से विभक्त करती है। इसपर कई इतिहासप्रसिद्ध किले बने हैं। कुंदाईबारी दर्रा भरुच तथा दकन पठार के बीच व्यापार का मुख्य मार्ग है। इससे कई बड़ी बड़ी नदियाँ निकलकर पूर्व की ओर बहती हैं। इसमें थाल घाट, भोर घाट, पाल घाट तीन प्रसिद्ध दर्रे हैं। थाल घाट से होकर बंबई-आगरा-मार्ग जाता है। कलसूबाई चोटी सबसे ऊँची चोटी है। भोर घाट से बंबई-पूना मार्ग गुजरता है।

दुनिया में जैव विविधता के आठ सबसे प्रमुखतम हॉटस्पॉट स्थलों में शुमार पश्चिमी घाट 5000 प्रजातियों के पुष्पी पादपों, 139 स्तनधारी प्रजाति, 508 पक्षी प्रजाति और 179 उभयचरों (एम्फीबियन) का आवास है। ये शक्तिशाली पर्वत श्रृंखलाएं लगभग 325 संकटग्रस्त प्रजातियों का भी आश्रय स्थल है। इन पर्वत श्रृंखलाओं में अनेक जनजातियों की बस्तियां और उनकी संस्कृति फलती-फूलती हैं। यह विशिषट पर्वत प्रणाली भारत के पांच राज्यों में फैली है और इसके अंतर्गत लगभग 1,60,000 वर्ग किमी का क्षेत्रफल आता है और इसकी कुल लंबाई तकरीबन 1600 किमी है। इसका कुल लगभग 40% हिस्सा केरल में पड़ता है। इसे असल पहचान तब मिली जब इसके 39 क्रमिक स्थलों को विश्व विरासत सूची में जगह मिली। आईयूसीएन (इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ़ नेचर) द्वारा चयनित इन 39 क्रमिक स्थलों में 19 स्थल केरल में पड़ते हैं। चिह्नित स्थलों में शामिल हैं साइलेंट वैली राष्ट्रीय उद्यान, इरविकुलम राष्ट्रीय उद्यान, पेरियार टाइगर रिजर्व, शेंतुरुणी वन्यजीव अभयारण्य, नेय्यार, पेप्पारा, चिन्नार और आरलम वन्यजीव अभयारण्यों जो कि राज्य के कुछ सर्वाधिक पसंदीदा स्थलों में शुमार है।

पश्चिमी घाट पर्वतीय क्षेत्र भारत के पश्चिमी तट के सहारे लगभग 1600 किमी. की लंबाई में महाराष्ट्र व गुजरात की सीमा से लेकर कुमारी अंतरीप तक विस्तृत है| पश्चिमी घाट पर्वत श्रेणी को यूनेस्को ने अपनी 'विश्व विरासत स्थल' सूची में शामिल किया है और यह विश्व के ‘जैवविविधता हॉटस्पॉट्स’ में से एक है|

पश्चिमी घाट पर्वतीय क्षेत्र भारत के पश्चिमी तट के सहारे लगभग 1600 किमी. की लंबाई में महाराष्ट्र व गुजरात की सीमा से लेकर कुमारी अंतरीप तक विस्तृत है| यह दो भागों में बांटी जाती है-उत्तरी सहयाद्रि व दक्षिणी सहयाद्रि| इसे महाराष्ट्र व कर्नाटक में ‘सहयाद्रि’’ और केरल में ‘सहय पर्वतम’ कहा जाता है|

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