पेट की टीबी के लक्षण क्या होते हैं? - pet kee teebee ke lakshan kya hote hain?

आंतों की टीबी (Intestinal tuberculosis) इन दिनों विकासशील देशों में तेजी से फैलती हुई बीमारी है। यह सभी आयु के लोगों को प्रभावित करती है लेकिन युवा और मध्यम आयु में अधिक आम है। ये डायबिटीज के रोगियों और एचआईवी पॉजिटिव लोगों में ज्यादा पाया जाता है। हालांकि ये बीमारी संक्रमित थूक के संपर्क में आने, टीबी वाले बैक्टीरिया के दूषित खाद्य पदार्थों से और फेफड़ों की टीबी के ज्यादा फैलाकर आंतों तक पहुंचने के कारण होती है। आंतों की टीबी डाइजेस्टिव ट्रैक्ट के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकती है। आमतौर पर ये छोटी और बड़ी आंत को प्रभावित कर सकती है। साथ ही ये पेरिटोनियम नामक पेट की अंदरूनी परत को भी प्रभावित कर सकती है जिससे शरीर में कई प्रकार के लक्षण नजर आते हैं। तो, आज हम आंतों की टीबी (Intestinal tuberculosis in hindi) के बारे में डॉ अरविंद कुमार खुराना (Dr Arvind Kumar Khurana), निदेशक, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और हेपेटोबिलरी साइंसेज, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम से बात की।

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आंतों की टीबी का कारण-Intestinal tuberculosis causes

आंतों की टीबी एम. ट्यूबरकुलोसिस (M. tuberculosis) और माइकोबैक्टीरियम बोविस (Mycobacterium bovis) के कारण होती है। ये आपतौर पर मवेशियों, दूध पीने वाले बछड़ों, कुछ पेरासाइट्स और फेफड़ों की टीबी से फैलती है। हालांकि, इसका सबसे बड़ा कारण है

  • - बिना पाश्चुरीकृत दूध पीना जो कि टीबी वाले बैक्टीरिया के दूषित हो।
  • -दूसरा, हाल ही में एड्स के मरीजों में भी आंतों की टीबी की समस्या बढ़ी है। 
  • -फेफड़ों की टीबी का फैलकर आंतों तक पहुंच जाने के कारण। 

आंतों में टीबी के लक्षण- Intestinal tuberculosis symptoms

आंतों में टीबी फेफड़ों की टीबी थोड़ा ज्यादा चिंताजनक है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसके लक्षण इनते स्पष्ट नहीं होते कि आप उसे आसानी से समझ पाएं। दरअसल, आंतो की टीबी वैसे तो आम टीबी की तरह ही है पर और इसका इलाज आसानी से हो सकता है। लेकिन तब जब ये थोड़ी जल्दी पकड़ में आ जाए। नहीं तो ये फैल कर आपकी आंतों को पूरी तरह से खराब कर सकता है। आंतों की टीबी में वैसे तो लक्षण पहचानना मुश्किल होता है पर कुछ कुछ लक्षण हैं जिनकी मदद से आप इस बीमारी को पहचान कर सकते हैं। जैसे कि

1. वजन का कम होना 

आंतों में टीबी होने से शरीर का आपका पाचनतंत्र सही से काम नहीं कर पाता है जिससे कि खाना पचने में परेशानी होती है। ऐसे में आपको महसूस होगा कि आप धीमे-धीमे पतले हो रहे हैं और आपका वजन तेजी से घट रहा है। इस दौरान आप जो भी खाते हैं उसे शरीर अच्छे से पचा कर जरूरी न्यूट्रिशन नहीं ले पाता है जिससे कि शरीर को ताकत नहीं मिलती और शरीर कमजोर होता चला जाता है। 

2. हल्का बुखार

लगातार हल्का बुखार रहना भी टीबी का लक्षण है। साथ ही इस दौरान कई बार आपको रात में बहुत तेज गर्मी लग सकती है और पसीना पी आ सकता है। ऐसे में लंबे समस ये आपको हल्का बुखार और रात को पसीना आ रहा तो इसे हल्के में ना लें और सबसे पहले अपने डॉक्टर से अपना चेकअप करवाएं। 

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3.  खान-पान की आदतों में बदलाव

आंतों का पहला काम होता है कि ये आपका खाना पचाने में मदद करता है। पर जब आपको आंतों से जुड़ी बीमारी होती है तो ये सबसे ज्यादा प्रभावित होती है। आंतों की टीबी होने पर आपके खाने पीने की आदतों में बदलाव आ सकता है। साथ ही आपकी भूख कम हो सकती है। साथ ही आपको खाना खाना अच्छा नहीं लग सकता है और आपको बेमन खाना खाना पड़ सकता है। 

4. हल्का पेट दर्द

आंतों में टीबी होने पर बहुत से लोगों की शिकायत होती है कि उनके पेट में हर समस हल्का-हल्का दर्द महसूस होता है। ये दर्द कभी कम तो कभी ज्यादा हो सकता है। साथ ही आप हर कुछ दिनों में कब्ज की समस्या भी महसूस कर सकते हैं। आपको लग सकता है आपका पेट साफ नहीं हुआ और इसलिए आपको गैस व बदहजमी की शिकायक हो रही है। 

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5. पेट में तेज ऐंठन

पेट में तेज ऐंठन आंतों की टीबी का एक स्पष्ट लक्षण है। इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। पेट में तेज ऐंठन रह -रह कर हो सकता है जिसमें आप कभी कम तो, कभी ज्यादा महसूस कर सकते हैं। ये ऐंठन आपको नाभि के आस पास तेज दर्द के रूप में भी महसूस हो सकती है। 

6. दस्त और उल्टी

दस्त आंतों की टीबी का सबसे प्रमुख लक्षण है।  आंतों की टीबी  से पीड़ित हर तीन में से एक व्यक्ति को दस्त की समस्या होती है। इसके साथ ही ये आपको उल्टी आदि भी महसूस हो सकती है। खास कर खाना खाते ही उल्टी महसूस करना। चाहे आप पानी ही क्यों ना पिएं और तुरन्त उल्टी हो जाएगी।

7. चेहरे का पीलापन

आंतों की टीबी होने पर आप पेट में गांठ औप पेट के निचले हिस्से में भयंकर दर्द के साथ चेहरे पर पीलापन भी महसूस कर सकते हैं। इसके अलावा इस दौरान आपकी आंतो में सूजन भी हो सकती है। ये आंतों की सूजन इतनी ज्यादा होती है कि आप अपने पेट के निचले हिस्से में भयानक भारीपन महसूस कर सकते हैं। 

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आंतों की टीबी का इलाज- Intestinal tuberculosis treatment

आंतों की टीबी का पहले तीन महीने में डायग्नो होने पर इसका इलाज आसानी से हो सकता है। पर जहां इसमें देरी होने लगती है ये गंभीर हो सकता है। दरअसल, आंतों में टीबी के बढ़ने से आंतों में घाव बनने लगते हैं। इसके अलावा 6 महीने से ज्यादा दिन तक ये रहने पर आपको कॉलोनोरेक्टल ट्यूबरक्लोसिस हो सकता है, जो कि जानलेवा भी है। ऐसे में डॉक्टर पहले तो आपकी जांच करेंगे जैसे कि

  • -ब्लड टेस्ट
  • - छाती और पेट की एक्स रे
  • -सीटी स्कैन
  • -कोलोनोस्कोपी/एंटरोस्कोपी और बायोप्सी 

आंतों की टीबी के इलाज की बात करें, तो उपचार फेफड़े की टीबी के जैसा ही किया जाता है जिसकी अवधि 6 से 9 महीने तक हो सकती है। कई रोगी ड्रग रेजिस्टेंस होने के कारण जल्दी ठीक नहीं हो पाते क्योंकि उनकी बॉडी सही से रिएक्ट नहीं कर पाती है। ऐसे में कुछ दवाओं के कारण दुष्प्रभाव विकसित कर सकते हैं। 

बात अगर इस बीमारी की रोकथाम की करें तो, भीड़भाड़ से बचें, फेफड़ों के टीबी का जल्द से जल्द इलाज करवाएं और बाकी शरीर में फैलने से रोकें। मधुमेह और एचआईवी संक्रमण का उचित उपचार करवाएं और बीसीजी वैक्सीन लें। 

पेट में टीबी होने के क्या लक्षण है?

आंतों में टीबी के लक्षण, जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.
बेवजह वजन कम होना जिस व्यक्ति को आंतों में टीबी के संक्रमण की शिकायत होती है उसे खाना पचाने तक में दिक्कत होती है और उसकी पाचन क्रिया भी खराब हो जाती है। ... .
हल्का बुखार ... .
खाने की आदतों में करें बदलाव ... .
लगातार पेट दर्द रहना ... .
पेट में ऐंठन रहना.

पेट की टीबी कैसे होती है?

पेट की टीबी से पीड़ित लोगों में भोजन सही ढंग से नहीं पचता जब फेफड़े से बाहर टीबी होती है तो उसे एक्स्ट्रा पल्मोनरी टीबी कहते हैं. इसी में एक है गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्यूबरक्लोसिस. गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल टीबी पेट के पेरिटोनियम और लिंफ में होती है. इसमें माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस का संक्रमण हो जाता है.

आंतों की टीबी कैसे पता करें?

खून की जांच, सीने व पेट का एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, मेंटॉस टेस्ट से आंतों में टीबी की जांच की जाती है। इसके अलावा कोलोनोस्कोपी और बायोप्सी से भी टीबी की जांच करते हैं। कुछ मरीजों में एंडोस्कोपी की जरूरत भी पड़ती है।

पेट की टीबी का इलाज कितने दिन चलता है?

Highlights. Tuberculosis TB Disease: टीबी के इलाज के लिए दवा का कोर्स होता है, जो 6 महीने, 9 महीने या फिर 12 महीने तक चलता है।

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