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saanch baraabar tap nahin, jhooth baraabar paap | jaake hiradai mein saanch hai, taake hiradai hari aap || | सांच बराबर तप नहीं, झूठ बराबर पाप | जाके हिरदै में सांच है, ताके हिरदै हरि आप ||
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झूठ बराबर पाप नहीं छे, साँच बराबर तप कोनी
राम नाम के नाम बराबर, और दूसरा जप कोहि ना ||टेर||
सप्त ऋषि सा ऋषि नहीं है, वेदव्यास सा ज्ञानी नहीं रे
हरिश्चन्द्र सा भूक नहीं से, सीता सी माता नहीं
श्री दादाजी हरिश्चन्द्र और कर्ण सारिका दानी नहीं
रावण सा अभिमानी कोण यहाँ लंका सी राजधानी नहीं
सकल सृष्टि का भार धरनिया, शेष नाग को सर्प कहा
राम नाम के नाम बराबर, और दूसरा जप कोण्या ||टेर||
चन्द्र सही सा चील नहीं से, सूरज सो प्रकाश नहीं रे
सात दीप नौ खंड बिच में स्वर्ग पूरी का वास नहीं
काम क्रोध, मतलभ जितिया, ऋषियों सा सन्यास नहीं रे
बांदलपुर में जन्म लेके, हनुमत जैसा दास नहीं
प्रथ्वी जैसा धीर नहीं, आसमान सा चपको नहीं
राम नाम के नाम बराबर, और दूसरा जप कोण्या ||टेर||
वेद नहीं जैसा ग्रन्थ नहीं, गीता जैसा ज्ञान नहीं रे
गंगा जैसा नीर नहीं रे, अन्न दान सा दान नहीं
तानसेन सा गायक नहीं है, काल सा बलवान नहीं
महाभारत सा युद्ध नहीं है, बाली सा वरदान नहीं है
ध्रुव जैसा अटल नहीं से, कल्प समान वर्क्ष को नहीं यहाँ
राम नाम के नाम बराबर, और दूसरा जप कोण्या ||टेर||
आज कल का ठंग बिगड़ गया, कोनी वक्त सचाई का
धोका देकर गला काट दे, सगे भाई भाई का
भीतर दिल में खोट भरया सा, ऊपर काम सफाई का
हरी नारायण शर्मा कहता, कोनी वक्त सचाई का
बेरी दुश्मन खेल गया जग में, आपस में संपत नार को
राम नाम के नाम बराबर, और दूसरा जप कोण्या ||टेर||
झूठ बराबर पाप नहीं छे, साँच बराबर तप कोनी
राम नाम के नाम बराबर, और दूसरा जप कोहि ना ||टेर||
||बोलो श्री रामचंद्र भगवन की जय हो ||
जय सिया राम