Safed Sirka Kya Hota Hai
Pradeep Chawla on 12-05-2019
सफेद सिरका एक बेहतरीन एंटीसेप्टिकक है और यह एक्ने दूर करने में बहुत कारगर होता है. यह त्वचा के पीएच बैलेंस को भी सुधारता है. हां, इस ट्रिक को आजमाने से पहले सिरके में इसकी बराबर मात्रा का पानी मिला लें. त्वचा को किसी सौम्य फेसवॉश से साफ करें और साफ तौलिए से पोंछ लें. कॉटन से सिरके व पानी का मिक्सचर एक्ने वाली जगह पर लगाएं और 5 मिनट बाद साफ पानी से धो दें.
सम्बन्धित प्रश्न
Comments Jyoti on 06-07-2021
What is safed sirka used to clean wooden cabinets?
Yashoda on 17-12-2020
Safed sirka ko Piya bi jaata h kya Piya jaata h to kaise Kitne Matra me lenaa hotaa hai
Arti on 24-06-2020
Kis chiz ka Banta jao safed Sirka
Firoj Alam on 06-10-2019
Vinegar Kiya hai
Safed sirka kya h on 24-04-2019
Please describe it
on 24-04-2019
Safed sirka kya hota h or kaise bnta h
Isha Sharma on 16-08-2018
Sa
सिरके का प्रयोग अचार, चटनी और खाने की कई चीजों में तो आप करते ही होंगे. लेकिन रसोई से हटकर भी इसके तमाम फायदे हैं. यहां हम आपको सिरके के कुछ ऐसे ही हैरान कर देने वाले इस्तेमाल बता रहे हैं जो घर संवारने और खूबसूरती निखारने में आपकी खूब मदद करेंगे.
जानिए कैसे प्रयोग कर सकते हैं आप सिरके को -
1- जिद्दी दाग हटाने में
अक्सर हमारे कपड़े पसीने के दाग की वजह से खराब हो जाते हैं.
हल्के रंग के कपड़ों के साथ ऐसा खासतौर पर होता है . कपड़े धोने से पहले इन दागों पर स्प्रे करने वाली बोतल से सिरका छिड़कें. दाग आसानी से गायब हो जाएंगे.
2- फूलों को तरोताजा रखने में
गुलदस्ते में फूलों को ज्यादा देर तक तरोताजा रखना मुश्किल होता है. इनको देर तक फ्रेश
बनाए रखने में सिरका काम आएगा. फूलदान के पानी में एक चम्मच सफेद सिरका डाल देंगे तो फूल देर तक ताजे रहेंगे.
3- अंडे को साबुत रखने में
कई घरों में अंडा नियमित तौर पर प्रयोग होता है. इनको उबालते समय गरम पानी में थोड़ा सिरका मिला दिया जाए तो अंडे में क्रैक नहीं आता है और इस तरह अंडे का सफेद हिस्सा फैलता भी नहीं है.
4- चीटियों को भगाने में
क्या आपको पता है कि चीटियों को सिरका अच्छा नहीं लगता. अगर घर में चीटियां हैं तो कोनों में सिरके और पानी को बराबर मात्रा में
मिलाकर छिड़क दें. कुछ ही देर में चीटियां आपका घर खाली करके भाग जाएंगी.
5- फर्श और फ्रिज की सफाई के लिए
आपको जानकर हैरानी होगी कि पानी और सफेद सिरके का घोल फर्श, फ्रिज और रसोई की अलमारियों को साफ करने में बहुत मददगार होता है. हालांकि इसे संगमरमर या ग्रेनाइट के फर्श पर इस्तेमाल न करें. इसके अलावा फ्रिज से खराब खाने की बदबू हटाने में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है.
6- बालों को चमकदार बनाने के लिए
क्या आपको पता है कि एक मग पानी में आधा चम्मच सिरका मिलाकर बालों
पर डाला जाए तो बाल एकदम खिले-खिले और चमकदार हो जाते हैं. इस उपाय से हालांकि थोड़ी देर के लिए आपके बालों से महक आ सकती है लेकिन बाद में इसका नतीजा देखकर आप खुद हैरान रह जाएंगे.
7- एक्ने का उपचार
सफेद सिरका एक बेहतरीन एंटीसेप्टिकक है और यह एक्ने दूर करने
में बहुत कारगर होता है. यह त्वचा के पीएच बैलेंस को भी सुधारता है. हां, इस ट्रिक को आजमाने से पहले सिरके में इसकी बराबर मात्रा का पानी मिला लें. त्वचा को किसी सौम्य फेसवॉश से साफ करें और साफ तौलिए से पोंछ लें. कॉटन से सिरके व पानी का मिक्सचर एक्ने वाली जगह पर लगाएं और 5 मिनट बाद साफ पानी से धो दें.
अब ऑयल फ्री मॉइश्चराइजर फेस पर लगा लें. कुछ दिनों तक यह उपचार लगातार करें. और हां, अगर आपकी त्वचा बेहद संवेदनशील है तो सफेद सिरका इस्तेमाल न करें. कभी कभार निकलने वाले पिंपल्स पर भी इसे न लगाएं.
विभिन्न आकार वाली सिरके की बोतलें
सिरका या चुक्र (Vinagar) भोजन का भाग है जो पाश्चात्य, यूरोपीय एवं एशियायी देशों के भोजन में प्राचीन काल से ही प्रयुक्त होता आया है।
किसी भी शर्करायुक्त विलयन के मदिराकरण के अनंतर ऐसीटिक (अम्लीय) किण्वन (acetic fermentation) से सिरका या चुक्र (Vinegar, विनिगर) प्राप्त होता है। इसका मूल भाग ऐसीटिक अम्ल का तनु विलयन है पर साथ ही यह जिन पदार्थों से बनाया जाता है उनके लवण तथा अन्य तत्व भी उसमें रहते हैं। प्रायः भोजन के लिये प्रयुक्त सिरके में ४% से ८% तक एसेटिक अम्ल होता है। विशेष प्रकार का सिरका उसके नाम से जाना जाता है, जैसे-मदिरा सिरका (Wine Vinegar), मॉल्ट (यव्य या यवरस) सिरका (Malt Vinegar), अंगूर का सिरका, सेब का सिरका (Cider Vinegar), जामुन का सिरका और कृत्रिम सिरका इत्यादि।
रसायनिक और भौतिक गुण[संपादित करें]
सिरके का पीएच मान (pH value) प्रायः 2.4 से 3.4 होता है। भोजन में प्रयुक्त सिरके में प्रायः ४% से ८% तक एसेटिक अम्ल होता है।
सिरका का घनत्व लगभग 0.96 g/mL होता है। घनत्व का स्तर सिरके की अम्लता पर निर्भर करता है। खाना पकाने मे इस्तेमाल होने वाला सिरके का घनत्व 1.05 g/mL होता है।
इतिहास[संपादित करें]
इसकी उत्पत्ति बहुत प्राचीन है। आयुर्वेद के ग्रंथों में सिरके का उल्लेख औषधि के रूप में है। बाइबिल में भी इसका उल्लेख मिलता है। 16वीं शताब्दी में फ्रांस में मदिरा सिरका अपने देश के उपभोग के अतिरिक्त निर्यात करने के लिए बनाया जाता था।
सिरके के बनने में शर्करा ही आधार है क्योंकि शर्करा ही पहले ऐंजाइमों से किण्वित होकर मदिरा बनती है और बाद में उपयुक्त जीवाणुओं से एसिटिक अम्ल में किण्वित होती है। अंगूर, सेब, संतरे, अनन्नास, जामुन तथा अन्य फलों के रस, जिनमें शर्करा पर्याप्त है, सिरका को तैयार करने के लिए बहुत उपयुक्त हैं क्योंकि उनमें जीवाणुओं के लिए पोषण पदार्थ पर्याप्त मात्रा में होते हैं। फलशर्करा और द्राक्ष-शर्करा का ऐसीटिक अम्ल में रासायनिक परिवर्तन निम्नलिखित सूत्रों से अंकित किया जा सकता है:
ये दोनों ही क्रियाएँ जीवाणुओं (Bacteria) के द्वारा होती हैं। यीस्ट (ख़मीर) किण्वन में ऐल्कोहॉल की उत्पत्ति किण्वित शर्करा की प्रतिशत की आधी होती है और सिद्धांततः ऐसीटिक अम्ल की प्राप्ति ऐल्कोहॉल से ज्यादा होनी चाहिए, क्योंकि दूसरी क्रिया में ऑक्सीजन का संयोग होता है, लेकिन प्रयोग में इसकी प्राप्ति उतनी ही होती है क्योंकि कुछ ऐल्कोहॉल जीवाणुओं के द्वारा तथा कुछ वाष्पन द्वारा नष्ट हो जाते हैं।
बनाने की विधि[संपादित करें]
इसे बनाने में दो विधियाँ काफी प्रचलित हैं:
- (1) मन्द गति विधि - इस विधी के अनुसार किण्वनशील पदार्थ को जिसमें 5 से 10 प्रतिशत ऐल्कोहॉल होता है, पौधों या कड़ाहों में रख दिया जाता है। ये बर्तन तीन चौथाई तक भरे जाते हैं ताकि हवा के संपर्क के लिए काफी स्थान रहे। इसमें थोड़ा सा सिरका जिसमें एसीटिक अम्लीय जीवाणु होते हैं डाल दिया जाता है और किण्वन क्रिया धीरे-धीरे आरंभ हो जाती है। इस विधि के अनुसार किण्वन धीरे-धीरे होता है और इसके पूरा होने में 3 से 6 माह तक लग जाते हैं। ताप 30 ० सें. से 35 ० सें. इसके लिए उपयुक्त है।
- (2) तीव्र गति विधि - यह औद्योगिक विधि है और इसका प्रयोग अधिक मात्रा में सिरका बनाने के लिए किया जाता है। बड़े-बड़े लकड़ी के पीपों को लकड़ी के बुरादे, झामक (Pumice), कोक (Coke) या अन्य उपयुक्त पदार्थों से भर देते हैं ताकि जीवाणुओं को आलंबन और हवा के संपर्क की सुविधा प्राप्त रहे। इनके ऊपर ऐसीटिक और ऐल्कोहॉलीय जीवाणुओं को धीरे-धीरे टपकाते हैं और फिर जिस रस से सिरका बनाना है उसे ऊपर से गिराते हैं। रस के धीरे-धीरे टपकने पर हवा पीपे में ऊपर की ओर उठती है और अम्ल तेजी से बनने लगता है। क्रिया तब तक कार्यान्वित की जाती है जब तक निश्चित अम्ल का सिरका नहीं प्राप्त हो जाता।
तरह-तरह के सिरके[संपादित करें]
माल्ट सिरका (Malt Vinegar)[संपादित करें]
माल्टीकृत अनाज (Malted grains, प्राय: जौ) से मद्यशाला या आसवनी (Distillery) की भाँति बाश (Wash) प्राप्त किया जाता है। फिर ऐसीटिक (अम्लीय) बैक्टीरिया के किण्वन से सिरका प्राप्त होता है। मदिरा सिरका (Wine Vinegar) उपर्युक्त दोनों विधियों से सुगमता से प्राप्त होता है।
सेब का सिरका (Cider Vinegar)[संपादित करें]
साधारण प्रयोग के लिए तीखा सिरका सेब या नासपाती के छिलके से बनाया जाता है। इन छिलकों को पानी के साथ किसी भी पत्थर के मर्तबान में रख देते हैं और उसमें कुछ सिरका या खट्टी मदिरा डालकर गर्म स्थान में रख देते हैं और कुछ दिनों बाद उसमें इच्छानुसार पानी डालते हैं एक-दो हफ्ते में सिरका तैयार हो जाता है। एक चौड़े मुंह वाला बर्तन लें। इसमें सेब के छोटे-छोटे टुकड़े काटकर डाल दें। अब इसे खुला छोड़ दे। कुछ समय बाद सेब के टुकड़े लाल होने शुरू हो जाएंगे। अब जार के मुंह तक पानी भर दें। अब इसे आप कुछ दिन के लिए ऐसे ही छोड़ दें। कुछ दिन बाद जार के ऊपर सूती कपड़ा बांधकर अंधेरे स्थान पर रख दें। कुछ-कुछ दिन पर इसकी देखभाल करते रहे। करीब एक महीने बाद आप सूती कपड़े की मदद से इस मिश्रण को एक अलग बर्तन में छान लें। सेब के गले हुए टुकड़ों को अलग फेंक दे। बाकी बचा हुआ मिश्रण सेब के सिरका होगा।
काष्ठ सिरका (Wood Vinegar)[संपादित करें]
काष्ठ के भंजन आसवन से ऐसीटिक अम्ल की प्राप्ति होती है। यह तनु ऐसीटिक अम्ल (3 ºÉä 5%) है और इसकी कैरेमेल (Caramel) से रंजित कर देते हैं। कभी-कभी एथिल ऐसीटेट से सुगंधित भी किया जाता है।
कृत्रिम सिरका (Synthetic Vinegar)[संपादित करें]
सिरके की विशेष आवश्यकता पर कृत्रिम ऐसीटिक अम्ल के तनु विलयन को कैरेमेल से रंजित करके प्रयोग में लाया जाता है।
मानक तथा "विश्लेषण" (Standard and analysis)[संपादित करें]
अधिकांश सिरकों का मानक यह है कि न्यूनतम ऐसीटिक अम्ल 4% होना चाहिए।
कुछ सिरकों का विश्लेषण भी निम्नलिखित है-
ऐसीटिक अम्ल % | 4.84 | 6.55 | 4.23 |
कुल ठोस % | 2.49 1.93 | 2.70 | - |
राख % | 0.34 | 0.32 | 0.34 |
शर्करा % | 0.25 | 0.46 | - |
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
- सिरके के १००१ उपयोग Archived 2008-11-08 at the Wayback Machine (अंग्रेजी में)
- Review of Apple Cider Vinegar
- The Vinegar Institute
- Pesticides Database - Acetic Acid
- Medscape - Vinegar: Medicinal Uses and Antiglycemic Effect
- Vinegar Connoisseurs International
- Apple Cider Vinegar Overview
- Freeze Distillation of Vinegar "jacking" to increase concentration