Table of Contentsसाहस पर दस वाक्य | साहस का अर्थ, महत्व – साहस के लाभ
साहस की जिंदगी सबसे बड़ी जिंदगी होती है। ऐसी जिंदगी की सबसे बड़ी पहचान यह है कि वह बिल्कुल निडर, बिल्कुल बेखौफ होती है।
साहसी मनुष्य की क्या पहचान है | साहस से युक्त व्यक्ति
साहसी मनुष्य की पहली पहचान यह है कि वह इस बात की चिंता नहीं करता कि तमाशा देखने वाले लोग उसके बारे में क्या सोच रहे हैं। जनमत की उपेक्षा करके जीने वाला व्यक्ति दुनिया की असली ताकत होता है और मनुष्यता को प्रकाश भी उसी आदमी से मिलता है।
अड़ोस पड़ोस को देख कर चलना, यह साधारण जीव का काम है। क्रांति करने वाले लोग अपने उद्देश्य की तुलना ना तो पड़ोसी के उद्देश्य से करते हैं और ना अपनी चाल को पड़ोसी की चाल देखकर मद्धिम बनाते हैं।
साहसी मनुष्य उन स्वप्नों में भी रस लेता है, जिन स्वप्नों का कोई व्यवहारिक अर्थ नहीं है। साहसी व्यक्ति सपने उधार नहीं लेता, वह अपने विचारों में रमा हुआ अपनी ही किताब पढ़ता है।
झुंड में चलना, झुंड में चरना यह भैंस और भेड़ का काम है। सिंह तो बिल्कुल अकेला होने पर भी मगन रहता है।
जो आदमी यह महसूस करता है कि किसी महान निश्चय के समय वह साहस से काम नहीं ले सका, जिंदगी की चुनौती को कबूल नहीं कर सका, वह सुखी नहीं हो सकता।
बड़े मौके पर साहस नहीं दिखाने वाला आदमी बराबर अपनी आत्मा के भीतर एक आवाज सुनता रहता है।
एक ऐसी आवाज जिसे वही सुन सकता है और जिसे वह रोक भी नहीं सकता। यह आवाज उससे बराबर कहती रहती है – ‘तुम साहस नहीं दिखा सके, कायर की तरह भाग खड़े हुए’।
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संसारिक अर्थ में जिसे हम सुख कहते हैं उसका ना मिलना, फिर भी इससे कहीं श्रेष्ठ है, कि मरने के समय हम अपनी आत्मा से यह धिक्कार सुनें कि तुममें हिम्मत की कमी थी, कि तुममें साहस का अभाव था कि तुम ठीक वक्त पर जिंदगी से भाग खड़े हुए।
जिंदगी को ठीक से जीना हमेशा ही जोखिम खेलना है और जो आदमी सकुशल जीने के लिए हर जगह पर एक घेरा डालता है, वह अंततः अपने ही घेरों के बीच कैद हो जाता है और जिंदगी का कोई मजा उसे नहीं मिल पाता क्योंकि जोखिम से बचने की कोशिश में असल में उसने जिंदगी को ही आने से रोक रखा है।
साहस पर निबंध | साहस का वाक्य
जिंदगी से अंत में हम उतना ही पाते हैं जितना की पूंजी उसमें लगाते हैं। यह पूंजी लगाना जिंदगी के संकटों का सामना करना है। उसके उस पन्ने को उलट कर पढ़ना है जिसके सभी अक्षर फूलों से ही नहीं कुछ अंगारों लिखे गए हैं।
जिंदगी का भेद कुछ उसे ही मालूम है जो यह जानकर चलता है कि जिंदगी कभी भी खत्म ना होने वाली चीज है।
अरे ओ जिंदगी के साधकों ! अगर किनारे की भरी हुई सीपियों से ही तुम्हें संतोष हो जाए तो समुद्र के अंतराल में छुपे हुए मौक्तिक कोष को कौन बाहर लाएगा।
दुनिया में जितने मजे बिखेरे गए हैं उनमें तुम्हारा भी हिस्सा है. वह चीज भी तुम्हारी हो सकती है, जिसे तुम अपनी पहुंच के परे मानकर लौटे जा रहे हो।
कामना का आंचल छोटा मत करो। जिंदगी के फल को दोनों हाथों से दबा कर निचोड़ो, रस की निर्झरी तुम्हारे बहाए भी बह सकती है।
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हेलो दोस्तों आज फिर मै आपके लिए लाया हु Sahas Ka Mahatva in hindi पर पुरा आर्टिकल।साहस, इच्छाशक्ति, सच्ची लगन एक वीर पुरुष के लक्षण हैं। जीत उन्हीं की होती है, जो साहसपूर्वक कर्म पथ पर आगे बढ़ते जाते हैं। साहसी मनष्य प्रतिकूल परिस्थितियों को भी अनुकूल करके विजयश्री का वरण करते हैं आइये पढ़ते है साहस पर निबंध
साहस का महत्व
साहस, इच्छाशक्ति, सच्ची लगन एक वीर पुरुष के लक्षण हैं। जीत उन्हीं की होती है, जो साहसपूर्वक कर्म पथ पर आगे बढ़ते जाते हैं। साहसी मनष्य प्रतिकूल परिस्थितियों को भी अनुकूल करके विजयश्री का वरण करते हैं। संसार का इतिहास ऐसे वीरों के नामों से भरा पड़ा है जिन्होंने समय की छाती पर अपने साहस की मुहर लगाई है। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, भगत सिंह, मंगल पांडे, झाँसी की रानी लक्ष्मी बाई तथा अनगिनत वीरों ने कभी भी विपरीत परिस्थितियों के आगे घुटने नहीं टेके तथा साहस का परिचय देते हुए अपने लक्ष्य को प्राप्त किया।
उन्हीं के अथक प्रयासों के कारण ही आज हम स्वतन्त्रता का स्वाद चख पाए हैं। इसीलिए तो उनका नाम इतिहास के पन्नों पर स्वर्णाक्षरों में अंकित है। जो डरकर या छिपकर रहे, वे तो काल की अंधेरी गुफाओं में कहीं गुम हो गए। उनका तो नाम भी कोई नहीं जानता। “जिन्दगी जिंदादिली का नाम है, मुर्दादिल क्या खाक जिया करते हैं।” अर्थात् जिन्दगी दिलदारों की है, बुजदिलों की नहीं। साहस का तात्पर्य केवल शारीरिक शक्ति नहीं है, अपितु आत्मा की शक्ति, मस्तिष्क की कुशाग्रता तथा कुछ भी कर गुजरने की इच्छाशक्ति ही सच्चा साहस है।
जब ये सब एक साथ मिल जाती है, तभी कुछ नया होता है, जिससे पूरी दुनिया में हलचल हो जाती है। बड़े-बड़े लोगों के बलिदान मानव के साहस की अमर निशानियाँ हैं। जो हिम्मत करता है, ईश्वर भी उसी का साथ देता है तभी तो अंग्रेजी में भी एक कहावत है कि ‘luck favours the brave’ अर्थात् भाग्य भी साहसी का ही साथ देता है।
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साहस का महत्व
जीवन का आनंद वे अनुभव नहीं कर सकते जो सुखों में जीना सीखे हों। जो मनुष्य संकटों को सहन करना जानता है वही सुख का आनंद लूट सकता है। रेगिस्तान पार करके आनेवाला धूप और प्यास से पीड़ित व्यक्ति ही छाया और पानी का आनंद पा सकता है। जो लोग मुख पाने के लिए परिश्रम करते हैं, वे सुख का स्वाद अधिक पाते हैं और जिन्हें बिना परिश्रम किए सुख-आराम मिल जाता है, वे सुख-आराम को भी मौत समझते हैं। जो पानी से डरते हैं, समुद्र में उनके ही डूबने का खतरा रहता है। लहरों से खेलने का अभ्यास करनेवालों को खतरा नहीं होता।
जो धूप में परिश्रम करता है वही चाँदनी की ठंडक का आनंद अनुभव कर सकता है; क्योंकि आराम का सुख परिश्रम करने के बाद ज्ञात होता है। पंखों के नीचे धूप का समय बितानेवाला चाँदनी का मजा क्या जानेगा! दिन-भर भूखा रहनेवाला व्यक्ति ही भोजन का स्वाद जान सकता है। इसी प्रकार त्याग और संयम द्वारा ही जीवन का सुख प्राप्त हो सकता है, भोगी बनकर नहीं।
संकटों में पलनेवाले महान् पुरुष ही संसार पर अधिकार करते हैं; जैसे-अकबर संकटों में रेगिस्तान में पैदा हुआ था। इसीलिए वह अपने पिता के शत्रु को, तेरह वर्ष की आयु में हराने में समर्थ हो गया था। महाभारत के युद्ध में कौरवों के साथ अधिक वीर थे, फिर भी पांडव जीते; क्योंकि उन्होंने वनवास के संकट सहे थे। चर्चिल के मत में, “साहसी में सब गुण होते हैं।” जीवन के दो पक्ष हैं। एक तो महान् लक्ष्य के लिए यत्न करना। विजय पाने में अनेक बाधाओं को ठुकराकर कदम आगे बढ़ाते रहना। दूसरा पक्ष है कि उन गरीब लोगों का सहायक बने जो अधिक सुखी नहीं और न ही अधिक दुखी हैं, जो जीतकर हँसते नहीं और हार कर रोते नहीं। जीवन में आगे बढ़ते रहने में, उन्नति करते रहने में ही मजा है।
साहसी मनुष्य का जीवन ही सच्चा जीवन होता है। साहसी मनुष्य अपने उद्देश्य को ओर बढ़ते रहते हैं। वे औरों की नकल नहीं करते। वास्तव में साहसी लोग ही संसार की शक्ति होते हैं । साहसी लोग अपने मार्ग पर अकेले ही बढ़ते हैं जैसे शेर जंगल में अकेला ही रहता है। डरपोक लोग ही भेड़ों की तरह झंड बनाकर रहते हैं।
अर्नाल्ड बेनेट का कथन है, “जो मनुष्य महान् उद्देश्य को पूरा करते समय साहस नहीं धारण कर सका और जीवन की चुनौतियों का सामना नहीं कर सका, वह सुखी नहीं हो सकता। ऐसे मनुष्य की आत्मा उसे धिक्कारती है। यदि हमारी आत्मा हमें कायर होने के लिए धिक्कारती है तो इससे मर जाना ही अच्छा है।”
संकट झेलना ही जीवन का सार है। जो संकटों से बचता है वह वास्तविक जीवन से कोसों दूर होता है। जीवन में संकटों का सामना करना एक पूंजी है। जो इस पूँजी को जिस मात्रा में लगाता है उसी मात्रा में वह उसका फल पाता है। जीवन को अनंत मानकर आगे बढ़नेवाला मनुष्य ही जीवन का रहस्य प्राप्त कर सकता है।
जीवन का साधक थोड़े से सुखों से संतुष्ट नहीं होता, अपितु वह हिम्मत से सबसे ऊँची फुनगी का फल तोड़कर खाना चाहता है। सागर के अंदर गोता लगाकर तल से मोती पाना चाहता है। उसके लिए दुर्लभ कुछ भी नहीं। वह जंगल में भी अपना मार्ग आप बना लेता है। सच तो यह है कि जो जीवन से डरते हैं, वे जीवन से दूर रहते हैं और जो जीवन को मुट्ठी में लेकर चलते हैं, वे ही जीवन का सार प्राप्त करते हैं। साहस, आत्मनिर्भरता और निर्भयता जीवन का सार है।
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