सोना परखने वाले पत्थर को क्या कहते हैं? - sona parakhane vaale patthar ko kya kahate hain?

दोस्तों, सोना परखने वाला पत्थर हम सभी के घर में जरूर होना चाहिए। क्यूंकि हमारे भारतवर्ष में किसी भी त्योहार या पर्व पर महिलाओं के लिए या पुरुषों के लिए विभिन्न प्रकार के गहने खरीदे व बनवाए जाते हैं, और कई बार लोग सस्ते सोने के गहनों के चक्कर में नकली सोना खरीदने कि भूल कर बैठते हैं, जिसके चक्कर में उन्हें भारी नुक़सान  उठाना पड़ जाता है।

परंतु आज के इस लेख में हम बताने वाले है सोने की परख करने के विभिन्न प्रकार के नियम व तरीके मौजूद है और उनमें से सबसे आसान तरीका सोने की परख करने के लिए पत्थर द्वारा सोने की जांच करने वाला तरीका अत्यधिक कारगर होता है। यदि आप सोना परखने वाले पत्थर के बारे में जानना चाहते हैं, तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं। आज हम आपको सोना परखने वाला पत्थर का नाम बताएंगे। साथ ही यह बताएंगे कि इससे सोना कैसे परखा जाता है?

सोना परखने वाला पत्थर का नाम क्या हैं?

दोस्तों, आज के समय सोनारो के पास में या फिर जौहरियों पास में सोने को परखने वाले पत्थर मिल जाते हैं। यह एक काले रंग का पत्थर होता है जो दिखने में काफी गहरा काला होता है और इसकी सतह दर्दरी होती है। सोने को परखने वाले पत्थर का नाम “कसौटी” होता है।

सोने की जांच करने के लिए सोनार के पास में या जौहरी के पास में विभिन्न प्रकार के ऐसे उपकरण होते हैं जिनके माध्यम से सोने की जांच आसानी से की जा सकती है। हालांकि सोने को परखने के लिए एक एक्सपीरियंस की आवश्यकता भी होती है, जिसके पश्चात कोई भी व्यक्ति सोने में शुद्ध सोने की और खोट की मात्रा बता सकता है।

कसौटी की मदद से यह पता लगाया जा सकता है कि कोई भी सोना असली है या नहीं, या फिर यदि कोई सोना असली भी है तो उसमें शुद्ध सोना कितना है और मिलावट कितनी है। इसके लिए सोने की किसी धातु को या आभूषण को इस पत्थर पर रगड़ा जाता है, जिसके पश्चात इस पत्थर पर सोने के धातु की लकीर बन जाती है, और उस लकीर को देखकर एक सोनार यह बताता है कि उस सोने की धातु में कितना शुद्ध सोना है, या फिर वह शुद्ध सोना है भी या नहीं। इस प्रकार शुद्ध सोने के बारे में जानकारी दी जाती है।

कसौटी कहां मिलती है?

आज के समय कसौटी आपको अलग-अलग जगहों पर मिल सकती है, और यदि आप इसे अपने घर पर मंगवाना चाहते हैं तो ऑनलाइन शॉपिंग के माध्यम से अमेजॉन, फ्लिपकार्ट, या अन्य किसी इकॉमर्स प्लेटफॉर्म के द्वारा आप इसे अपने घर पर आसानी से मंगवा सकते हैं। इसकी कीमत ₹500 – ₹1000 के बीच में होती है और यह पत्थर इतना बड़ा होता है जिससे एक सामान्य मुट्ठी में नहीं छुपाया जा सकता है।

पुरातन काल में कसौटी को लेकर कई प्रकार की कहावतें और लोकोक्तियां बनाई गई थी जैसे कि- जिस प्रकार सोने को परखने के लिए उसकी कसौटी होती है, उसी प्रकार आदमी को परखने के लिए भी परीक्षा रूपी कसौटी होती है। जिस प्रकार एक व्यक्ति अपनी परीक्षा में सफल होकर अपनी शुद्धता का प्रमाण देता है, या अपनी काबिलियत का प्रमाण देता है, उसी प्रकार कसौटी पर सोना खरा उतरकर अपनी शुद्धता का यह काबिलियत का प्रमाण देता है।

एक तरीके से इकॉमर्स प्लेटफॉर्म के अलावा भी आपको कसौटी सोनार या जौहरी के पास में मिल सकता है, और यह इकॉमर्स वेबसाइट की तुलना में काफी सस्ता मिलता है, कई बार तो जौहरी कसौटी को मुफ्त में भी दे देते हैं क्योंकि उनके पास अलग-अलग प्रकार की काफी सारी कसौटी होती है।

कसोटी कहां से निकलती है?

आपको जानकर आश्चर्य होगा की कसौटी तीन जगहों से पाई जाती है, पहला रेगिस्तान की गहराइयों में कसौटी पाई जाती है। दूसरा, समुद्र की गहराइयों में या फिर नदियों में आए ज्वार भाटा से कसौटी पाई जाती है, और तीसरा जब कभी पहाड़ो को काटा जाता है या बड़ी-बड़ी चट्टानों को तोड़ा जाता है तो उनमें सिटी कसौटी मिल सकती है।

इन 3 जगहों पर कसौटी पाई जाती है, और सबसे ज्यादा कसौटी नदियों में ज्वार भाटा के दौरान किनारे पर गिरती है। यह अत्यंत काले रंग का दर्द का पत्थर होता है, जिसे हाथों से छूने से वह मुलायम प्रतीत होता है। लेकिन कोई भी धातु रगड़ने पर वह अत्यंत कठोर प्रतीत होता है।

निष्कर्ष

आज के लेख में हमने जाना कि सोने को परखने वाले पत्थर का नाम क्या है, इसके अलावा हमने कसौटी के बारे में आपको विभिन्न प्रकार की जानकारियां दी है। हमने आपको यह भी बताया है कि  कसौटी कहां मिलती है, और कसौटी कैसे प्राप्त करते हैं। हम आशा करते हैं कि आज का यह लेख आपके लिए काफी ज्ञानवर्धक रहा होगा। यदि आप कोई सवाल पूछना चाहते हैं तो कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते हैं।

FAQ

जमीन के अंदर सोना कैसे देखा जाता है?

जमीन में सोना देखने की विधि में प्रयोग की जाने वाली यह पहली विधि है, जिसमें मेटल डिटेक्टर का प्रयोग किया जाता है। जमीन में कई धातुएं मौजूद हैं और सुना भी एक प्रकार की धातु है, इसलिए जमीन में सोना खोजने के लिए मेटल डिटेक्टर मशीन का इस्तेमाल जमीन पर किया जाता है।

कौन से पत्थर से सोना बनता है?

रत्न कई प्रकार के होते हैं, जैसे स्यामंतक मणि, नीलम, चंद्रकांता मणि, शेष मणि, कौस्तुभ मणि, पारस मणि, लाल मणि आदि। इनमें से एक पारस मणि के बारे में यह मान्यता है कि इसे लोहे की किसी भी वस्तु से छूने से वह वस्तु सोने की हो जाती है।

सोना काला क्यों पड़ता है?

त्वचा पर पसीना सोने के साथ रासायनिक प्रतिक्रिया करता है। अगर सोना नकली है, तो त्वचा का रंग काला या हरा हो जाएगा।

पारस पत्थर की पहचान क्या है?

पारस एक प्रकार का सफेद चमकता हुआ पत्थर होता है। इसी चमक के कारण इसे पारस मणि भी कहते हैं। इसके बारे में मान्यता है कि इसे लोहे की किसी भी वस्तु से छुआ देने से वह वस्तु सोने की बन जाती है। मान्यता है कि हिमालय के जंगलों में बड़ी आसानी से पारस मणि मिल जाती है, बस कोई व्यक्ति उनकी पहचान करना जानता हो।

कौन से पत्थर से सोना बनता है?

परन्तु प्रचलित मान्यता यह है कि पारस पत्थर कुदरती तौर पर धरती में कहीं पाया जाता है। इस पत्थर से किसी धातु को छुआने पर वह धातु सोने में तब्दील हो जाती है।

पारस पत्थर कहाँ पाया जाता है?

पारस पत्थर के बारे में कहा जाता है कि ये वो पत्थर है जिसे छूते ही लोहा भी सोना बन जाता है। माना जाता है कि भोपाल से 50 किलोमीटर दूर रायसेन के किले में यह पत्थर मौजूद है।

पारस पत्थर कौन से कलर का होता है?

सामान्य रूप से कहा जाता है कि पारस पत्थर का रंग लाल चमकीला होता है।

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