सिर में ब्लड जमने से क्या होता है? - sir mein blad jamane se kya hota hai?

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ब्रिटेन में 79 लोगों को एस्ट्राजेनेका कोविड वैक्सीन की पहली खुराक देने के बाद उनमें ब्लड क्लॉट पाया गया. एस्ट्राजेनेका वैक्सीन को मस्तिष्क (सेरेब्रल वेनस साइनस थ्रोम्बोसिस), पेट (स्प्लेनचिन वेन थ्रोम्बोसिस) और धमनियों में रक्त के थक्कों से जोड़ा गया है. वैक्सीन की पहली खुराक लेने के बाद ब्लड क्लॉट विकसित करने वाले लगभग 80 लोगों में से 19 की मृत्यु हो गई. अब ब्रिटेन में दूसरी वैक्सीन का विकल्प दिया गया है. दुनियाभर में लगभग 200 मिलियन लोगों ने ये शॉट लिया है जिनमें ना तो रक्त के थक्के दिखे और ना ही इसका कोई साइड इफेक्ट दिखाई दिया. पर जब आपके शरीर में रक्त का थक्का बनने के लक्षण दिखाई दें तो इन्हें अनदेखा करना खतरनाक साबिक हो सकता है.

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ब्लड क्लॉट यानी खून का थक्का होने पर खून तरल पदार्थ से एक जेल में बदलने लगता है जिसका स्वरूप एक थक्के जैसा होता है. इसे थ्रोम्बोसिस भी कहते हैं. चोट या कहीं कट लग जाने की स्थिति में ब्लड क्लॉटिंग जरूरी होती है क्योंकि ये शरीर से ज्यादा खून निकलने से रोकता है, लेकिन जब ये क्लॉटिंग शरीर के अंदर नसों में होने लगती है तो खतरनाक बन जाती है. नसों की ब्लड क्लॉटिंग खतरनाक होती है. इसकी वजह से हार्ट अटैक और हार्ट स्ट्रोक हो सकता है.

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ब्लड क्लॉट कई तरह के होते हैं. ज्यादातर पैर के निचले हिस्से में ब्लड क्लॉटिंग देखने को मिलती है, लेकिन हाथ, हृदय, पेल्विस, फेफड़े, ब्रेन, पेट और शरीर के अन्य हिस्सों में भी हो सकती है. इसके अलावा नसों और धमनियों में भी ब्लड क्लॉट हो सकता है.

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सेरेब्रल वेनस साइनस थ्रोम्बोसिस (CVST) एस्ट्राजेनेका वैक्सीन से जुड़ा हुआ ब्लड क्लॉट है. इस प्रकार का ब्लड क्लॉट ब्रेन के सेरेब्रल वेनस साइनस हिस्से में बनता है. इसमें व्यक्ति को सिरदर्द, कमजोर दृष्टि और स्ट्रोक आदि लक्षण शामिल हैं. मस्तिष्क में खून का थक्का बनने से खून का प्रवाह रुक जाता है जिसकी वजह से ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है.

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जिन लोगों को एस्ट्राजेनेका जैब की वैक्सीन दी गई उनमें स्प्लेनचिन वेन थ्रोम्बोसिस नामक ब्लड क्लॉट पाया गया. यह पेट के निचले हिस्से में होने वाला ब्लड क्लॉट होता है. इससे पेट में दर्द और सूजन पैदा हो सकती है. हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इसके अलावा यह लक्षण पेट के वायरस या फूड पॉइजनिंग के कारण भी हो सकता है.

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नसों और धमनियों के जरिए शरीर में रक्त का संचार होता है. धमनियों में बनने वाले रक्त के थक्के को आर्टेरियल क्लॉट कहते हैं. आर्टेरियल क्लॉट की वजह से तेज दर्द और लकवा हो सकता है. इसकी वजह से दिल का दौरा या स्ट्रोक भी हो सकता है.नसों में होने वाले ब्लड क्लॉट को वेनस क्लॉट कहा जाता है. इस तरह की क्लॉटिंग धीरे-धीरे बढ़ती है जो जानलेवा भी हो सकती है.

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ब्रेन में हुई ब्लड क्लॉटिंग को स्ट्रोक भी कहते हैं. ब्रेन की ब्लड क्लॉटिंग की वजह से अचानक और तेज सिरदर्द हो सकता है, लकवा और कई दूसरे लक्षण भी दिखाई देते हैं. मस्तिष्क में खून का थक्का बनने से खून का प्रवाह रुक जाता है जिसकी वजह से ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है.

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विभिन्न ब्लड क्लॉट के अलग-अलग लक्षण होते हैं. यह इस बात पर निर्भर करता है कि थक्का कहां बना है और इसका आकार क्या है. ब्लड क्लॉट के लक्षण शरीर में दिखने लगते हैं. थ्रोबिंग या ऐंठन, दर्द, सूजन, हाथ-पैरों में लालिमा आ जाना, अचानक सांस फूलना, तेज सीने में दर्द और खांसी या खांसी में खून आना इसके लक्षण हो सकते हैं.

दिमाग की नसों में खून जमने से क्या होता है?

चूंकि रक्त के थक्के ऑक्सीजन युक्त रक्त को मस्तिष्क के कुछ हिस्सों तक पहुंचने से रोकते हैं, जिसके वजह से आपको चक्कर आ सकते हैं, भ्रमित हो सकते हैं। इसके साथ ही देखने या बोलने में समस्या हो सकती है। मस्तिष्क में रक्त के थक्के सामान्य कमजोरी से लेकर दौरे तक, न्यूरोलॉजिकल मुद्दों की एक विस्तृत श्रृंखला का कारण बन सकते हैं।

सिर में खून का थक्का जमने का क्या इलाज है?

इसके इलाज में खून को पतला करने वाली दवाई एंटीकोग्युलेन्ट (anticoagulants) और दबाव वाले स्टॉकिंग या फुट पम्प जो आपके खून के प्रवाह और किसी भी खून के थक्के को बनने से रोक सकते है, ये सभी विकल्प शामिल होंगे।

खून का थक्का बनने के लक्षण क्या है?

रक्त के थक्कों के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि रक्त का थक्का शरीर के किस हिस्से में है। शुरुआती संकेत पर ध्यान देकर स्थिति को गंभीर रूप लेने से बचाया जा सकता है। पेट में: पेट में दर्द, जी मिचलाना और उल्टी। फेफड़ों में: सांस की तकलीफ, गहरी सांस लेने में दर्द और हृदय गति में वृद्धि।

चोट लगने पर खून जम जाए तो क्या करना चाहिए?

तो तरंत चोट पर बर्फ लगा दें. खून को बहने से रोकने का ये सबसे आसान तरीका है. बर्फ लगाने से ब्लड जम जाता है और बहना बंद हो जाता है.

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