सूर्य भगवान को जल चढ़ाते समय कौन सा मंत्र बोलना चाहिए - soory bhagavaan ko jal chadhaate samay kaun sa mantr bolana chaahie

धर्म डेस्क: आज के वर्तमान समय में बहुत से लोग सूर्यदेव को जल चढ़ाते हैं। लेकिन लोगों को इसके बारे में सही जानकारी नहीं होती हैं की सूर्यदेव को जल चढ़ाते समय कौन सा मंत्र बोलना चाहिए। आज इसी विषय में जानने की कोशिश करेंगे विस्तार से की सूर्य को जल चढ़ाते समय कौन सा मंत्र बोलना चाहिए।

सूर्य को जल चढ़ाते समय कौन सा मंत्र बोलना चाहिए?

ऊँ ऐही सूर्यदेव सहस्त्रांशो तेजो राशि जगत्पते।

अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणाध्र्य दिवाकर:।।

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सूर्यदेव को जल चढ़ाते समय इस मंत्र का जाप करनी चाहिए। इससे जीवन की सभी परेशानियां समाप्त हो जाती हैं।

सूर्य को जल देते समय रखें इन बातों का ख्याल, बढ़ेगा मान-सम्मान

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सारी सृष्टि को ऊर्जा और प्रकाश देने वाला सूर्य ही हैं. ज्योतिष में सूर्य को स्वास्थ्य, पिता, आत्मा का कारक माना जाता है. अगर कुंडली में सूर्य मजबूत होता है तो व्यक्ति को यश की प्राप्ति होती है. इसके अलावा कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का कारण भी सूर्य को माना जाता है.

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ऐसे में सूर्य को जल देने से जीवन से ज्यादातर समस्याओं से निजात मिल सकती है. यूं तो सूर्य को जल हर रोज दिया जाता है. लेकिन सूर्य को अर्घ्य देने के भी नियम होते हैं. अगर इन नियमों का पालन ना किया जाए तो आपको शुभ फल की प्राप्ति नहीं होती है. तो आइए जानते हैं पंडित शैलेंद्र पांडेय से कि सूर्य को जल देते समय किन नियमों का पालन किया जाना चाहिए और क्या सावधानी बरतनी चाहिए.

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शैलेंद्र पांडेय कहते हैं कि सुबह जल्दी से जल्दी अर्घ्य देने पर ही इसका लाभ हो सकता है. जब सूर्य की रौशनी तेज हो या चुभने लगे तब जल देने से कोई लाभ नहीं होता है. सूर्य को जल देने के बाद ऊं आदित्य नम: मंत्र या ऊं घृणि सूर्याय नमः मंत्र का जाप करने से विशेष लाभ होता है.

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पंडित शैलेंद्र पांडेय के अनुसार, बिना स्नान किए सूर्य को कभी अर्घ्य नहीं देना चाहिए. अगर जल चढ़ाते के बाद इसके छींटे आपके पैरों पर पड़ते हैं तो इसमें कोई दोष नहीं होता है.

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ज्योतिष के अनुसार, सूर्य को पिता का कारक माना जाता है. इसलिए जो व्यक्ति सूर्य को अर्घ्य देते हैं, उन्हें अपने पिता और परिवार का विशेष सम्मान करना चाहिए.

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अगर आप शिक्षा संबंधी या एकाग्रता को बढ़ाना चाहते हैं तो सूर्य को अर्घ्य देने वाले जल में नीला रंग मिलाएं. ऐसा करने से शुभ फल प्राप्त होंगे.

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स्वास्थ्य और ऊर्जा के लिए सूर्य को अर्घ्य देने वाले जल में रोली या लाल चंदन मिलाकर जल चढ़ाएं. इसके अलावा, शीघ्र विवाह और सुखद वैवाहिक जीवन के लिए हल्दी मिलाकर जल चढ़ाएं.

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अगर आप किसी इंटरव्यू, परिक्षा या किसी काम में विजय प्राप्त करना चाहते हैं तो जल में लाल गुड़हल का फूल डालकर जल चढ़ाएं.

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पितृ शांति और बाधा के निवारण के लिए जल में तिल और अक्षत मिलाकर जल चढ़ाएं.

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अगर जीवन में हर तरीके का लाभ प्राप्त करना चाहते हैं तो सूर्यदेव को सादा जल चढ़ाएं. जल चढ़ाने के बाद थोड़ा जल बचा लें. इसे अपने मस्तक, कंठ और दोनों भुजाओं पर लगाएं. इससे आपका सूर्य प्रबल होना शुरू हो जाएगा.

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सूर्य देव को जल देते समय क्या बोलना चाहिए?

सुबह के समय जल अर्पित करने फायदेमंद माना जाता है। सूर्य को जल देते समय ''ऊं आदित्य नम: मंत्र या ऊं घृणि सूर्याय नमः'' मंत्र का जाप करना चाहिए

सूर्य को जल चढ़ाते हुए कौन सा मंत्र बोले?

सूर्य को जल देने के बाद ऊं आदित्य नम: मंत्र या ऊं घृणि सूर्याय नमः मंत्र का जाप करने से विशेष लाभ होता है.

सूर्य को अर्घ्य देते समय कौन सा मंत्र बोले?

तेजो राशे! जगत्पते! अनुकम्प्यं मां भक्त्या गृहाणार्घ्य दिवाकर! इस मंत्र का जाप सूर्य भगवान को अर्घ्य देते समय करना चाहिए.

सूर्य मंत्र कैसे बोला जाता है?

सूर्य मंत्र जैसे ऊँ सूर्याय नम: ऊँ खगाय नम:, ऊँ भास्कराय नम:, ऊँ रवये नम:, ऊँ भानवे नम:, ऊँ आदित्याय नम: मंत्रों का जाप किया जा सकता है। मंत्र जाप के बाद सूर्य मंत्र स्तुति का पाठ करें। इस पाठ के साथ शक्ति, बुद्धि, स्वास्थ्य और सम्मान की कामना से करें।

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