स्पर्म किसके साथ मिलकर बनाता है आपका प्यारा सा बेबी
महिला के अंडाशय से हर महीने अंडे रिलीज होते हैं, जिसे ओव्यूलेशन कहा जाता है. इसी तरह पुरुष के शुक्राणु को परिपक्व होने में 72 दिन लगते हैं, जिसके बाद परिपक्व शुक्राणु बाहर निकलते हैं.
- News18HindiLast Updated :February 07, 2019, 10:10 IST
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कभी सोचा है गर्भ में बच्चा कैसे बनना शुरू होता है. उसका विकास कैसे होता है? स्पर्म और अंडे कहां से आते हैं? ये एक दूसरे को कैसे ढूंढते हैं? फिर आपस में मिलकर नई जिंदगी की रचना कैसे करते हैं? ये सब जानने के लिए हमें पहले महिला और पुरुष के रिप्रोडक्टिव अंगों के बारे में पता होना चाहिए. (सभी तस्वीरें- सांकेतिक)
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कौन सा रिप्रोडक्टिव अंग, बच्चे के जन्म में कैसे भूमिका निभाता है. आइए जानते हैं, स्पर्म किसके साथ मिलकर बनाता है आपका प्यारा सा बेबी. महिला के शरीर में रिप्रोडक्टिव अंगों में गर्भाशय (बच्चेदानी), ओवरीज (अंडाशय), फैलोपियन ट्यूब, यूटरस, वजाइना शामिल हैं. पुरुष में मौजूद स्पर्म वो सेल है जो बच्चे पैदा करने में मदद करता है. ये वीर्यकोष यानी टेस्टिस में बनते हैं.
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बच्चेदानी गर्भ के निचले हिस्से में होती है. इसके दोनों तरफ ओवरी होती है और जो फैलोपियन ट्यूब से जुड़ी होती है. ओवरी में दो छोटे अंडाकार अंग होते हैं. अंडाशय अंडों (डिंब) से भरे होते हैं, जो हर लड़की जन्म से ही लेकर पैदा होती है. (सभी तस्वीरें- सांकेतिक)
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अंडे उसके शरीर के बाकी ऑर्गन की तरह ही होते हैं, जब मां के गर्भ में फीमेल भ्रूण बन रहा होता है तब भ्रूम के बाकी अंगो के विकास के साथ-साथ अंडे भी बनते हैं. जनन सालों में गर्भधारण की प्रक्रिया अंडाशयों से शुरु होती है. बेबी बनने की क्रिया को स्पर्म, अंडे से मिलकर शुरू करता है.
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लड़की के अंडाशय से हर महीने अंडे रिलीज होते हैं, जिसे ओव्यूलेशन कहा जाता है. इसी तरह पुरुष के शुक्राणु को परिपक्व होने में 72 दिन लगते हैं. इसके बाद परिपक्व शुक्राणु बाहर निकलते हैं. अंडे तक पहुंचने के लिए स्पर्म को तैरना होता है. (सभी तस्वीरें- सांकेतिक)
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शुक्राणु को यह दूरी तय करने में लगभग 10 घंटे लगते हैं. फैलोपियन ट्यूब में कोई डिंब इंतज़ार कर रहा होता है तो वह उसमें प्रवेश कर जाता है और फिर यह निषेचित होता है. उसके बाद निषेचित डिंब, फैलोपियन ट्यूब से होते हुए गर्भाशय में पहुंचता है. तब भ्रूण बनना शरू होता है.
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निषेचित अंडा गर्भाशय में पहुंचने के बाद बहुत सारे सेल्स में बंटता है. बॉलनुमा अंडे को blastocyst कहा जाता है. फिर ये बॉल प्रेग्नेंसी हार्मोन HCG (human chorionic gonadotropin) रिलीज करता है. ये हार्मोन ओवरीज को और नए अंडे रिलीज न करने के निर्देश देता है. ये क्रिया प्रेग्नेंसी के तीसरे हफ्ते तक पूरी होती है. जब ये हार्मोन मां के ब्लड और यूरीन में मिल जाता है, उसी के बाद ब्लड या यूरीन टेस्ट से प्रेग्नेंसी का पता चलता है. (सभी तस्वीरें- सांकेतिक)
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महिला में x-x क्रोमोजम्स होते हैं. पुरुष में x-y क्रोमोजम्स होते हैं. यदि Y स्पर्म अंडे को निषेचित करता है तो बेबी बॉय जन्म लेता है. x स्पर्म अंडे को निषेचित करता है तो बेबी गर्ल जन्म लेती है.
First Published: February 06, 2019, 15:29 IST