शिक्षा के क्षेत्र में आईसीटी के महत्व क्या है? - shiksha ke kshetr mein aaeeseetee ke mahatv kya hai?

ICT का फुल फॉर्म होता है ‘Information and Communications Technologyइंफॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशंस टेक्नोलॉजी होता है।

Shiksha Mein ITC

शैक्षिक अवसरों को विस्तृत करने, उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय विकास एवं शिक्षा की गुणवता बढ़ाने के लिये ICT एक प्रभावशाली साधन है। उच्च शिक्षा में बढ़ता नामांकन अनुपात तथा शिक्षा के विस्तार में प्रशिक्षित शिक्षकों की उपलब्धता में ICT की भूमिका पर ‘नेशनल मिशन ऑफ एजुकेशन‘ बल देता है। इसके अन्तर्गत स्मार्ट स्कूलों एवं ई-किताबों के प्रयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है।

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  • शिक्षा में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी का क्षेत्र (Scope of ICT in Education)
  • शिक्षा में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी की उपयोगिता (Use of ICT in Education)
    • महत्वपूर्ण लिंक

शिक्षा में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी

शिक्षा में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी का क्षेत्र (Scope of ICT in Education)

वर्तमान में मानव जीवन का प्रत्येक पहलू सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी से अछूता नहीं है उसी प्रकार शिक्षा का क्षेत्र भी इसके प्रभावों से अप्रभावित नहीं रहा है। नये-नये साधनों का बढ़ता उपयोग आज शिक्षा के क्षेत्र को इस नवीन तकनीकी से जोड़ता जा रहा है इन साधनों में मुख्य हैं—रेडियो, इण्टरनेट, टेलीकॉन्फ्रेसिंग, मोबाइलफोन, कम्प्यूटर आदि। शिक्षा का कोई भी भाग या क्षेत्र; जैसे—विधियों प्रविधियों, शैक्षिक प्रक्रिया, उद्देश्य तथा शोध का विषय बगैरा सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग के बिना आज सम्पूर्ण होना दिखाई नहीं देता। वर्तमान में चाहे छात्राध्यापकों के ज्ञान से सम्बन्धित समस्याएँ हों या उनमें कार्य व्यापार की समस्याएँ हों सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी की जरूरत के बिना पूर्ण नहीं हो पा रही हैं। वर्तमान में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी का क्षेत्र अत्यन्त शक्तिशाली भी होता जा रहा है।

शिक्षा जगत में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी का उपयोग अध्ययन-अध्यापन की समस्त क्रियाओं में किया जाने लगा है। विद्यालयी कला-कौशल में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी इतनी समृद्ध एवं शक्तिशाली होती जा रही है कि छात्रों के अध्ययन और छात्राध्यापकों के अध्यापन तथा उनके परीक्षण और प्रशिक्षण में इसका महत्व बढ़ता ही जा रहा है। आज शैक्षिक तकनीकी की पुरानी परिकल्पना में इस प्रौद्योगिकी ने अभूतपूर्व परिवर्तन ला दिया है।

शिक्षा के क्षेत्र में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी का कार्य-क्षेत्र अग्रवत् शीर्षकों के अन्तर्गत स्पष्ट किया जा सकता है-

  1. लक्ष्यों एवं उद्देश्यों के निर्धारण में सहायक सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के द्वारा शिक्षा के लक्ष्यों एवं उद्देश्यों का निर्धारण व्यावहारिक रूप से किया जा सकता है। लक्ष्यों को प्राप्त करना तथा उद्देश्यों को सूचीबद्ध करने के लिए नवीन शब्दावली में लिखना आदि अब आसान हो गया है। उद्देश्यों को प्राप्त करने में छात्र तथा छात्राध्यापकों की सुविधाओं को पूरा करना प्रौद्योगिकी ने आसान बना दिया है।
  2. अध्यापकों के प्रशिक्षण में सहायक इसके लिए शिक्षण अभ्यास प्रतिमानों की रचना, सूक्ष्म शिक्षण, अनुरूपित (Stimulation) एवं प्रणाली उपागम के उपयोग को सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी ने आसान बना दिया है।
  3. परीक्षण एवं अनुदेशन में उपयोगी सामान्य व्यवस्था, परीक्षण तथा अनुदेशन में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी का उपयोग अब होने लगा है।
  4. मशीनों एवं जन-सम्पर्क माध्यमों के उपयोग में सहायक- मशीनों के अन्तर्गत रेडियो, दूरदर्शन, टेप-रिकॉर्डर, फिल्म प्रोजेक्टर आदि के द्वारा संचार के क्षेत्र को व्यापक बना दिया है।
  5. शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में सहायक शैक्षिक अधिगम का विश्लेषण करना, अदा-प्रदा सम्बन्धी कार्यों का विश्लेषण तथा मूल्यांकन तथा व्यवस्था तथा इनके द्वारा प्रभावशाली परिणाम प्राप्त करने में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी ने आसान बना दिया है।
  6. युक्तियों एवं रणनीति के चयन में सहायक युक्तियों का चयन तथा रणनीति बनाने में आज सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
  7. प्रणाली उपागम के उपयोग में सहायक प्रणाली उपागम में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी का विशेष महत्व है। कक्षा या कक्षा के बाहर उपयोग होने वाली प्रणालियों के तत्वों में उनकी कार्य पद्धति के अध्ययन में इस तकनीकी ने भूमिका निर्वाह की है।

शिक्षा में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी की उपयोगिता(Use of ICT in Education)

शिक्षा में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी की उपयोगिता निम्नलिखित क्षेत्रों में दर्शायी गयी है-

  1. सूचना संवाहन सूचना का महत्व तभी है जब वह सूचना उचित समय पर, उचित व्यक्ति के पास पहुँच जाए, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी ने इस कार्य को अपने सूचना संवाहन तंत्र के द्वारा सुलभ करा दिया है।
  2. शैक्षिक नीति निर्धारणशिक्षा नीति का निर्धारण वर्तमान की आधार शिला पर भविष्य के लिए किया जाता है। भविष्य में संचार प्रौद्योगिकी की क्या उपयोगिता होगी? शिक्षा के उपागमों को कहाँ तक प्रभावित करने के लिए शिक्षा की नीतियों का सृजन किया जाता है ताकि विकासशील संसार से देश पिछड़ न जाए। वर्तमान में पूरा संसार एक गाँव की तरह सभी की पहुँच में है। इस अवधारणा के विकास के लिए शैक्षिक नीतियाँ बनाने में उपलब्ध संसाधनों का उपयोग किया जाता है।
  3. परीक्षा मूल्यांकनकक्षा शिक्षण के उपरान्त छात्रों की परीक्षा एवं मूल्यांकन में सूचना तथा संचार प्रौद्योगिकी ने व्यापक परिवर्तन कर दिया है। अब परीक्षा के लिए परम्परागत आवेदन-पत्रों की जगह M. R. का प्रयोग परीक्षा के स्थान पर उत्तर-पुस्तिकाओं की कम्प्यूटर से जाँच, वस्तुनिष्ठ प्रश्न-पत्रों का चलन इण्टरनेट द्वारा परीक्षा परिणामों की घोषणा, परीक्षा मूल्यांकन में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण भूमिका है।
  4. शैक्षिक प्रशासन वर्तमान शैक्षिक प्रशासन में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी का इतना उपयोग किया जा रहा है कि सभी सूचनाओं, आँकड़ों का निर्माण तथा प्रेषण कम्प्यूटर से ही किया जा रहा है।
  5. पाठ्यक्रम निर्माण शिक्षण अधिगम प्रक्रिया के पाठ्यक्रम निर्माण में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी की उपयोगिता विज्ञान के बढ़ते प्रभाव के कारण अपरिहार्य-सी हो गयी है। पाठ्यक्रम का निर्माण शिक्षार्थियों की आवश्यकता अनुसार किया जाता है।
  6. अभिलेखीकरण शिक्षा में अभिलेखों के निर्माण में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी ने अपनी उपयोगिता साबित की है। प्रौद्योगिकी के तहत सूचनाओं का निर्माण अब कम्प्यूटर से किया जा रहा है। विद्यालय के अभिलेख कम्प्यूटर से बनाए जा रहे हैं।
  7. दूरस्थ शिक्षा प्रणाली सूचना तथा संचार प्रविधियों ने दूरस्थ शिक्षा प्रणाली को व्यापक रूप से प्रभावित किया है। सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के परस्पर एकीकरण तथा सामंजस्य से दूरस्थ शिक्षा की प्रविधियों, शिक्षण सामग्री, कॉन्फ्रेंसिंग दूरवर्ती कॉन्फ्रेंसिंग, कम्प्यूटर आदि के प्रयोग ने दूरस्थ शिक्षा का सहज रूप से ग्राह्य किया है।

महत्वपूर्ण लिंक

  • Teaching methods- Heuristic, Lecture, Inductive, Deductive etc.
  • Emotion- Nature, Types, Features, Factors, Importance in Education
  • Principles of Growth & Development
  • क्रियात्मक अनुसन्धान (Action Research)- अर्थ, क्षेत्र (Scope), महत्व, लाभ
  • क्रियात्मक शोध के चरण या सोपान (Steps of Action Research)
  • मानसिक मन्दितों की शिक्षा- शिक्षा के नियम, शिक्षक की भूमिका
  • श्रवण विकलांगता- अर्थ, कारण, वर्गीकरण, लक्षण, पहचान और विशेषताएँ
  • बुद्धि- वास्तविक & मानसिक आयु, व्यक्तिगत & सामूहिक बुद्धि परीक्षणों में अंतर
  • विशेष शिक्षा की आवश्यकता | Need for Special Education
  • New Education Policy 1986- Characteristics & Objectives in Hindi
  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति-1992 की संकल्पनाएँ या विशेषताएँ- NPE 1992

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शिक्षा के क्षेत्र में आईसीटी का क्या महत्व है?

सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) के महत्व को मान्यता प्रदान करते हुए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने मिशन दस्तावेजों के अनुसार आईसीए का प्रयोग शिक्षा में एक उपकरण की भांति किया है जिसका उद्देश्य उच्च शिक्षा में वर्तमान नामांकन की दर जो 15 प्रतिशत है, को 11वीं योजना की समाप्ति तक बढ़ाकर 30 प्रतिशत करना है।

शिक्षा के क्षेत्र में आई सी टी की क्या भूमिका है ?`?

1 Answer. शिक्षा के क्षेत्रा में ICT की भूमिका- शैक्षिक अवसरों को विस्तृत करने, उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय विकास एवं शिक्षा की गुणवता बढ़ाने के लिये ICT एक प्रभावशाली साधन है।

आईसीटी की क्या आवश्यकता और महत्व है?

चूंकि सूचना प्रौद्योगिकी और संचार एक महत्वपूर्ण पहलू बन गया है, इसलिए विशेष रूप से व्यवसायों और संगठनों में ICT उत्पाद और सेवाओं का उपयोग तेजी से बढ़ा है। इन सूचना और संचार उपकरणों को स्कूलों में व्यापक रूप से सूचना बनाने, संग्रहीत करने, प्रसारित करने या संचार करने और प्रबंधित करने के लिए उपयोग किया जाता है।

ICT क्या है ICT का उपयोग किन किन क्षेत्रों में किया जाता है?

सूचना और संचार की प्रौद्योगिकी या सूचना और संचार प्रौद्योगिकी, जिसे आम तौर पर आईसीटी (ICT) कहा जाता है, का प्रयोग अक्सर सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) के पर्यायवाची के रूप में किया जाता है लेकिन यह आम तौर पर अधिक सामान्य शब्दावली है, जो आधुनिक सूचना प्रौद्योगिकी में दूरसंचार (टेलीफोन लाईन एवं वायरलेस संकेतों) की भूमिका पर ...

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