शरीर से फंगल इन्फेक्शन कैसे दूर करें? - shareer se phangal inphekshan kaise door karen?

फंगल इन्फेक्शन शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है, जैसे उंगलियों के बीच में, सिर पर, हाथों पर, बालों में, मुंह में या शरीर के अन्य भागों में। यह संक्रामक होता है और आसानी से संक्रमित वस्तु या व्यक्ति के जरिए फैल सकता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि फंगस हवा, पानी, मिट्टी कहीं भी पाया जा सकता है (1)। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम बात करेंगे फंगल इन्फेक्शन के बारे में। इसके कारण जानने के साथ हम यह भी पता करेंगे कि इसके लक्षण क्या हैं और फंगल इन्फेक्शन का इलाज कैसे किया जा सकता है।

आइए, सबसे पहले आपको बता दें कि फंगल इन्फेक्शन क्या है।

विषय सूची

  • फंगल इन्फेक्शन क्या है – What is Fungal Infection in Hindi
  • फंगल इन्फेक्शन के प्रकार और उनके लक्षण
  • फंगल इन्फेक्शन के कारण और जोखिम कारक
  • दाद के लिए घरेलू उपाय – Home Remedies for Fungal Infection in Hindi
  • फंगल इन्फेक्शन में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए?
  • फंगल इन्फेक्शन से बचाव – Prevention Tips for Fungal Infection in Hindi

फंगल इन्फेक्शन एक प्रकार का संक्रमण है, जो तब होता है जब शरीर के किसी भाग पर फंगस आक्रमण करता है। यह संक्रमण आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर कर सकता है (1)। फंगल इन्फेक्शन एक छोटे-से दाद से लेकर जानलेवा संक्रमण जितना बड़ा हो सकता है (2)। यह आपके शरीर पर, बालों में, नाखून पर, गुप्तागों, मुंह या गले पर कहीं भी हो सकता है (3)।

यह जानने के बाद कि फंगल इन्फेक्शन क्या है, आइए आपको फंगल इन्फेक्शन के लक्षण और प्रकार के बारे में बता दें।

फंगल इन्फेक्शन के प्रकार और उनके लक्षण

फंगल इन्फेक्शन चार तरह के होते हैं, जिनके बारे में हम आपको आगे बता रहे हैं। इन चार प्रकार के फंगल इन्फेक्शन के लक्षण भी अलग होते हैं।

1. नेल फंगल इन्फेक्शन

इस प्रकार का फंगल संक्रमण नाखूनों में देखने को मिलता है, जिसे ओनिकोमाइकोसिस (onychomycosis) के नाम से भी जाना जाता है। यह अक्सर, हाथ के नाखूनों की जगह पैर के नाखूनों में होता है। साथ ही, यह दो उंगलियों के बीच में भी हो सकता है, जिसे एथलीट फुट भी कहा जाता है (4)। इनकी पहचान करना आसान है। यहां हम कुछ लक्षण बता रहे हैं, जिनकी मदद से आप जान सकते हैं कि आपको नेल फंगल इंफेक्शन है।

नाखून फंगल संक्रमण के लक्षण:
  • नाखून का रंग बदलना (पीला, भूरा या सफेद)
  • मोटे नाखून
  • टूटे या फटे हुए नाखून

2. फंगल स्किन इन्फेक्शन

फंगल स्किन इन्फेक्शन, जिन्हें दाद भी कहा जाता है, अक्सर गोलाकार में होते हैं। यही वजह है कि इन्हें रिंगवर्म भी कहा जाता है। इस फंगल संक्रमण के होने पर त्वचा पर लाल और खुजलीदार चकत्ते पड़ जाते हैं। यह फंगल स्किन इन्फेक्शन आपके हाथों-पैरों, गुप्तांग या स्कैल्प में हो सकता है। ऐसा कहा जाता है कि 40 प्रकार की फंगस होती हैं, जो फंगल स्किन इन्फेक्शन का कारण बन सकती हैं (5)। आइए, अब इसके लक्षण भी जान लेते हैं, जो इस प्रकार हैं :

फंगल स्किन इन्फेक्शन के लक्षण (6):
  • त्वचा में खुजली
  • लाल और गोल चकत्ते
  • लाल, पपड़ीदार और फटी त्वचा
  • बाल झड़ना

3. यीस्ट इन्फेक्शन

यह एक प्रकार के फंगस की वजह से होता है, जिसे कैंडिडा कहा जाता है। कैंडिडा हमारे शरीर के अलग-अलग अंगों जैसे मुंह, गला, आंत और योनि में बिना कोई नुकसान किए रहता है। कभी-कभी योनि के अंदर कैंडिडा की संख्या बढ़ने लगती है और यह संक्रमण का कारण बन सकता है (7)। इस अवस्था में पीड़ित महिला को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इस इंफेक्शन की पहचान कुछ इस प्रकार की जा सकती है :

यीस्ट फंगल इन्फेक्शन के लक्षण :
  • गुप्तांग में खुजली या दर्द
  • संभोग के दौरान दर्द
  • पेशाब करते समय दर्द या तकलीफ
  • गुप्तांग से असामान्य स्राव

4. मुंह, गले या अन्न प्रणाली में कैंडिडा संक्रमण

यह संक्रमण भी कैंडिडा फंगस की वजह से होता है। जब मुंह, गले या अन्नप्रणाली में कैंडिडा की संख्या बढ़ जाती है, तो यह संक्रमण में बदल सकता है। मुंह और गले के कैंडिडा संक्रमण को थ्रश या ऑरोफरीन्जियल कैंडिडिआसिस (oropharyngeal candidiasis) भी कहा जाता है। एड्स या एचआईवी से संक्रमित लोगों में यह समस्या आम देखी जाती है (8)। इसमें मरीज को कष्टदायक पीड़ा का सामना करना पड़ सकता है।

कैंडिडा संक्रमण के लक्षण:
  • मुंह में लालपन या खटास
  • मुंह में सूजन (रुई जैसा अहसास)
  • किसी भी चीज के स्वाद का पता न चलाना
  • भोजन करते समय या उसे निगलते समय दर्द होना
  • मुंह के कोनों पर रेश और लालपन
  • आंतरिक गाल, जीभ, मुंह की छत और गले पर सफेद चक्क्त्ते

लेख के अगले भाग में जानिये फंगल इन्फेक्शन के कारण।

फंगल इन्फेक्शन के कारण और जोखिम कारक

अलग-अलग तरह से फंगल इन्फेक्शन के कारण भी अलग-अलग भी हो सकते हैं। इनमें कुछ कारण सामान्य भी हो सकते हैं। आइए, आपको इन कारणों से परिचित करवाते हैं।

1. नाखून फंगल इन्फेक्शन के कारण

कई बार नाखून में दरार होने की वजह से फंगस आपके नाखून में प्रवेश कर जाता है। इसकी वजह से संक्रमण हो सकता है। यह किसी को भी हो सकता है (4)। नीचे जानिए इसके होने के कुछ कारण –

  • नाखून में चोट या सर्जरी
  • मधुमेह
  • कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता
  • रक्त संचार की समस्या
  • एथलीट फुट (पैर में दाद)

2. फंगल स्किन इन्फेक्शन के कारण

फंगल स्किन इन्फेक्शन के कीटाणु अलग-अलग तरीकों से फैल सकते हैं। नीचे बताए गए बिंदु फंगल स्किन इन्फेक्शन का कारण हो सकते हैं (9) :

  • यह ऐसे सामान से फैल सकता है, जिसमें संक्रमित व्यक्ति के अवशेष हों, जैसे कंघा, बिना धुले कपड़े आदि।
  • फंगस से प्रभावित पालतू जानवर जैसे कुत्ता, बिल्ली, गाय, बकरी, घोड़े या सूअर के संपर्क में आने से भी ऐसा हो सकता है।
  • जिन लोगों को ज्यादा पसीना आता है, उनसे भी यह फंगल संक्रमण फैल सकता है।

3. यीस्ट इन्फेक्शन के कारण

एक रिपोर्ट के अनुसार, करीब 70 प्रतिशत महिलाओं को अपने जीवन काल में कम से कम एक बार तो यह संक्रमण होता ही है (10)। यहां हम बता दें कि यीस्ट हर महिला के शरीर में होता है। जब इसके स्तर असंतुलित होता है, तो यह इंफेक्शन का रूप ले सकता है। नीचे बताए गए बिंदु इसके कारण हो सकते हैं (11) :

  • एंटीबायोटिक का उपयोग
  • मौखिक गर्भनिरोधक का उपयोग
  • मधुमेह
  • गर्भावस्था
  • मासिक धर्म चक्र में परिवर्तन
  • सामान्य बीमारियां, जैसे आयरन की कमी और कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता
  • एक्जिमा

4. मुंह, गले या अन्न प्रणाली में कैंडिडा संक्रमण

यह नवजात, खासकर एक महीने या उससे छोटे शिशु में होना आम है। इसके अलावा, यह कुछ और निम्न कारणों से भी हो सकता है – (8) :

  • अगर आप डेन्चर (कृत्रिम दांत) पहनते हैं।
  • मधुमेह
  • कैंसर
  • एचआईवी/एड्स
  • अगर आप किसी प्रकार की एंटीबायोटिक या दवा ले रहे हैं, जिससे आपका मुंह सूखता हो।
  • धूम्रपान करने से

फंगल इन्फेक्शन के कारण बताने के बाद, अब जानते हैं कि फंगल इन्फेक्शन का इलाज आप घर में कैसे कर सकते हैं।

दाद के लिए घरेलू उपाय – Home Remedies for Fungal Infection in Hindi

यहां हम कुछ ऐसे उपचार बता रहे हैं, जिनकी मदद से फंगल इंफेक्शन को आसानी से दूर किया जा सकता है। ये उपचार न सिर्फ कारगर हैं, बल्कि महंगे भी नहीं हैं। आइए, जानते हैं कि ये घरेलू उपचार किस प्रकार कार्य करते हैं।

1. लहसुन

सामग्री:
  • दो से तीन लहसुन की कलियां
  • दो से तीन चम्मच ऑर्गेनिक नारियल तेल
विधि:
  • लहसुन की कलियों को कद्दूकस कर लें।
  • कद्दूकस किए हुए लसहुन को नारियल तेल में मिला लें।
  • फिर इस तेल को चार से पांच मिनट के लिए गैस पर रख कर गर्म करें।
  • इसके बाद गैस से उतार कर ठंडा कर लें और तेल को छान लें।
  • अब संक्रमित क्षेत्र पर तेल अच्छी तरह लगाकर छोड़ दें।
  • जल्द राहत पाने के लिए इस प्रक्रिया को रोज दोहराएं।
कैसे काम करता है:

फंगल इन्फेक्शन के उपाय की बात करें, तो लहसुन बहुत लाभदायक है। इसमें एंटी-फंगल और एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं, जो फंगस से लड़कर संक्रमण से आराम दिलाने में मदद कर सकते हैं (12)।

[ पढ़े: Lahsun Khane Ke Fayde in Hindi ]

2. टी ट्री ऑयल

सामग्री:
  • टी-ट्री ऑयल की दो से तीन बूंदें
  • एक बड़ा चम्मच नारियल तेल
विधि:
  • सबसे पहले किसी साफ सूती कपड़े या रुई से प्रभावित त्वचा को सूखा लें।
  • फिर एक बड़े चम्मच नारियल तेल में टी ट्री ऑयल की दो से तीन बूंदें मिला लें।
  • अब इस मिश्रण को संक्रमित त्वचा पर लगाकर छोड़ दें।
  • इस उपाय को रोजाना एक से दो बार दोहराया जा सकता है।
कैसे काम करता है:

टी-ट्री ऑयल में एंटीसेप्टिक, एंटी-फंगल और एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं, जो फंगल इन्फेक्शन का इलाज करने का काम कर सकते हैं (13)।

[ पढ़े: टी ट्री ऑयल के 25 फायदे, उपयोग और नुकसान ]

3. नारियल का तेल

सामग्री:
  • एक से दो चम्मच आर्गेनिक नारियल तेल
  • कॉटल बॉल
विधि:
  • सबसे पहले प्रभावित त्वचा को कॉटल बॉल की मदद से सूखा लें।
  • अब एक दूसरी कॉटल बॉल की मदद से तेल को फंगल से संक्रमित त्वचा पर लगाएं।
  • जल्द परिणाम पाने के लिए तेल को रोजाना दो से तीन बार लगाएं।
कैसे काम करता है:

एक शोध के अनुसार, नारियल तेल एंटी-फंगल गुणों से समृद्ध होता है, जो फंगल इन्फेक्शन का इलाज करने में फायदेमंद हो सकता है (14)।

4. दही

सामग्री:
  • दही के दो बड़ा चम्मच
  • एक बड़ा चम्मच शहद
विधि:
  • एक बाउल में दही और शहद मिला लें।
  • अब इस लेप को संक्रमित त्वचा पर लगाएं।
  • इस प्रक्रिया को दिन में दो बार दोहराया जा सकता है।
  • इसके अलावा, रोजाना एक बाउल दही का सेवन करें।
कैसे काम करता है:

एक शोध के अनुसार, फंगल इन्फेक्शन का आयुर्वेदिक इलाज करने के लिए दही और शहद प्रभावी रूप से काम करते हैं। ये फंगल इन्फेक्शन के कारण हो रही खुजली, दर्द और लालपन को कम करते हैं (15)। इसके अलावा, दही में लैक्टोबैसिलस (Lactobacillus) पाया जाता है, जिसके एंटी-फंगल गुण फंगल इन्फेक्शन से लड़ने का काम कर सकते हैं (16)। हालांकि, इस विषय पर अभी और शोध की आवश्यकता है।

5. सेब का सिरका

सामग्री:
  • एक चम्मच सेब का सिरका
  • आधा कप पानी
  • रुई
विधि:
  • आधे कप पानी में एक चम्मच सेब का सिरका मिला लें।
  • रुई की मदद से इस घोल को संक्रमित जगह पर लगाएं।
  • इस प्रक्रिया को दिन में दो बार दोहराया जा सकता है।
कैसे काम करता है:

सेब के सरके को फंगल इन्फेक्शन के उपाय के रूप में उपयोग किया जा सकता है। इसमें एंटी-फंगल गुण होते हैं, जो सभी प्रकार से फंगल संक्रमण से राहत दिलवाने का काम कर सकते हैं (17)। इसे खासकर यीस्ट इन्फेक्शन के लिए बहुत फायदेमंद माना गया है और इसका उपयोग फंगल इन्फेक्शन मेडिसिन के रूप में किया जा सकता है (18)।

[ पढ़े: सेब के सिरके (एप्पल साइडर विनेगर) के 21 फायदे, उपयोग और नुकसान ]

6. एलोवेरा

सामग्री:
  • ताजा एलोवेरा जेल (आवश्यकतानुसार)
विधि:
  • ताजे एलोवेरा जेल को संक्रमित क्षेत्र पर लगाएं।
  • 20 से 30 मिनट रखने के बाद इसे साफ पानी से धोकर त्वचा को सूखा लें।
कैसे काम करता है:

एलोवेरा में एंटी-फंगल गुण पाए जाते हैं, जो फंगल इन्फेक्शन का आयुर्वेदिक इलाज करने में कारगर भूमिका निभा सकते हैं (19)। साथ ही, इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीसेप्टिक और क्लींजिंग गुण भी होते हैं, जो फंगल इन्फेक्शन के लक्षण जैसे खुजली और रैशेज पर प्रभावी असर दिखा सकते हैं (20)।

7. क्रेनबेरी जूस

सामग्री:
  • एक गिलास क्रैनबेरी जूस
विधि:
  • हर रोज एक गिलास क्रैनबेरी जूस का सेवन करें।
कैसे काम करता है:

शोध के अनुसार, क्रैनबेरी जूस में एंटी-फंगल गुण पाए जाते हैं, जो संक्रमण फैलाने वाले फंगस को दूर कर फंगल इन्फेक्शन से निजात दिलवाने का काम कर सकते हैं। इसे खासकर फंगल स्किन इन्फेक्शन के लिए उपयोगी पाया गया है (21)।

8. अदरक

सामग्री:
  • अदरक के दो-तीन टुकड़े
  • एक कप पानी
  • रुई
विधि:
  • एक कप पानी में अदरक को कूटकर डालें और थोड़ी देर अच्छी तरह उबाल लें।
  • अब अदरक के इस पानी को थोड़ी देर ठंडा होने के लिए रख दें।
  • अब रुई की मदद से अदरक के इस पानी को संक्रमित त्वचा पर लगाएं।
  • पूरी तरह से आराम न आने तक इस प्रक्रिया को दिन में दो बार दोहराएं।
  • आप चाहें तो अदरक वाली चाय भी पी सकते हैं।
कैसे काम करता है:

अदरक फंगल इन्फेक्शन की दवा के रूप में काम कर सकता है। इसके एंटी-फंगल गुण संक्रमण फैलाने वाले फंगस को खत्म करने का काम करते हैं (22)। आप अदरक को भोजन बनाने में इस्तेमाल में ला सकते हैं।

9. जैतून का तेल

सामग्री:
  • जैतून तेल की कुछ बूंदें
  • रुई
विधि:
  • रुई की मदद से जैतून तेल को प्रभावित त्वचा पर अच्छी तरह लगाएं।
  • इस बात का ध्यान रखें कि आपको तेल आराम से लगाना है।
  • जब तक पूरी तरह आराम न हो जाए, दिन में दो बार इस उपाय को करें।
कैसे काम करता है:

शोध के अनुसार, जैतून के तेल में एंटी-फंगल गुण पाए जाते हैं, जो फंगल इन्फेक्शन का इलाज आसानी से कर सकते हैं (23)।

10. ग्रीन टी

सामग्री:
  • एक या दो ग्रीन टी-बैग
  • एक कप गर्म पानी
  • स्वाद के लिए चीनी (स्वादानुसार)
विधि:
  • एक कप गर्म पानी में थोड़ी देर ग्रीन टी-बैग को डालकर रखें।
  • फिर टी-बैग को निकाल कर चाय का सेवन करें।
  • स्वाद के लिए आप इसमें थोड़ी चीनी मिला सकते हैं।
कैसे काम करता है:

ग्रीन टी में मौजूद कैटेचिन (Catechin) में भी एंटी-फंगल गुण पाए जाते हैं, जो फंगल इन्फेक्शन ट्रीटमेंट में मदद कर सकते हैं (24)। इसके अलावा, ग्रीन टी में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो फंगल इन्फेक्शन के लक्षण जैसे सूजन को दूर करने का काम कर सकते हैं (25)।

11. हल्दी

सामग्री:
  • एक चम्मच हल्दी
  • आधा चम्मच पानी
विधि:
  • एक चम्मच हल्दी पाउडर में आधा चम्मच पानी मिला कर उसका पेस्ट बना लें।
  • इस पेस्ट को संक्रमित त्वचा पर लगाएं।
  • 15 मिनट लगे रहने के बाद त्वचा को गुनगुने पानी से धो लें।
  • इस प्रक्रिया को दिन में दो से तीन बार दोहराया जा सकता है।
कैसे काम करता है:

हल्दी को फंगल इन्फेक्शन मेडिसिन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। हल्दी में एंटी-माइक्रोबियल गुण के साथ-साथ एंटी-फंगल गुण भी पाए जाते हैं, जो फंगल संक्रमण को दूर करने का काम कर सकते हैं (26)।

12. बेकिंग सोडा

सामग्री:
  • आधा कप बेकिंग सोडा
  • एक बाल्टी नहाने योग्य गर्म पानी
विधि:
  • पानी में आधा कप बेकिंग सोडा डालें।
  • जब बेकिंग सोडा पानी में अच्छी तरह घुल जाए, तो उसमें 15-20 मिनट के लिए पैर डाल कर बैठ जाएं।
  • आप चाहें तो इस इस पानी में साफ कपड़ा भिगोकर अन्य प्रभावित जगहों पर भी लगा सकते हैं।
  • इस प्रक्रिया को रोजाना एक बार किया जा सकता है।
कैसे काम करता है:

फंगल इन्फेक्शन ट्रीटमेंट की बात करें, तो बेकिंग सोडा एक कारगर इलाज हो सकता है। दरअसल, यह एंटी-फंगल गुण से समृद्ध होता है, जो आपको जल्द आराम देने का काम कर सकता है (27)। हालांकि, इस पर अभी और शोध की आवश्यकता है।

13. एप्सम सॉल्ट बाथ

सामग्री:
  • एक कप एप्सम सॉल्ट
  • नहाने के लिए एक टब गुनगुना पानी
विधि:
  • नहाने के पानी में एक कप एप्सम सॉल्ट मिला लें।
  • अच्छी तरह घुल जाने पर इस पानी से 15-20 मिनट तक नहाएं।
  • अच्छे परिणाम के लिए इस प्रक्रिया को हर दूसरे दिन दोहराएं।
कैसे काम करता है:

एप्सम सॉल्ट को मैग्नीशियम सॉल्ट भी कहा जाता है। इस पर हुए शोध बताते हैं, कि इसका उपयोग फंगल इन्फेक्शन का इलाज करने के लिए किया जा सकता है। खासकर, एथलीट फुट के लिए (28)। मैग्नीशियम सॉल्ट में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो फंगल इन्फेक्शन के लक्षण जैसे खुजली, सूजन व जलन से राहत दिला सकते हैं (29)।

14. कोलाइडयन सिल्वर

सामग्री:
  • कोलाइडयन सिल्वर सलूशन की दो बूंदें
  • एक गिलास जूस/स्मूदी
विधि:
  • अपने पसंद के जूस/स्मूदी में कोलाइडयन सिल्वर सलूशन की दो बूंदें मिला लें।
  • आप चाहें तो एक गिलास पानी में भी इसकी दो बूंदें मिलाकर पी सकते हैं।
कैसे काम करता है:

कोलाइडयन सिल्वर एक औषधीय सलूशन जिसका उपयोग फंगल इन्फेक्शन मेडिसिन के रूप में किया जा सकता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, इसमें एंटी-फंगल, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण होते हैं, जो फंगल संक्रमण से बचाव का काम कर सकता है (30)।

15. अमरूद की पत्तियां

सामग्री:
  • 10-12 अमरूद की पत्तियां
  • पानी
विधि:
  • एक पैन पानी में अमरूद की पत्तियां डालकर 15-20 तक उबालें।
  • समय पूरा होने पर पानी को छान लें और थोड़ी देर ठंडा होने के लिए रख दें।
  • अब साफ कपड़े की मदद से इस पानी से संक्रमित त्वचा को अच्छी तरह साफ करें।
  • आप चाहें तो इस पानी की मात्रा बढ़ाकर नहाने के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • रोजाना एक बार यह उपाय किया जा सकता है।
कैसे काम करता है:

अमरूद कि पत्तियां फंगल इन्फेक्शन का आयुर्वेदिक इलाज कर सकती हैं। इसमें एंटी-फंगल गुण पाए जाते हैं, जो संक्रमण फैलाने वाले फंगस से लड़कर फंगल इन्फेक्शन का इलाज करते हैं (31)।

16. नीम की पत्तियां

सामग्री:
  • 10-12 नीम की पत्तियां
  • पानी
विधि:
  • एक पैन में पानी गर्म करने रखें और उसमे नीम की पत्तियां डाल दें।
  • जब पत्तियां पानी में अच्छी तरह उबल जाएं, तो गैस बन कर दें।
  • पानी को छान कर पत्तियां अलग कर दें और पानी को ठंडा होने के लिए रख दें।
  • ठंडा हो जाने के बाद रुई की मदद से नीम के पानी को संक्रमित त्वचा पर लगाएं।
  • रोजाना एक से दो बार यह उपाय किया जा सकता है।
कैसे काम करता है:

नीम के गुणों से आप अच्छी तरह परिचित होंगे। इसके एंटी-फंगल, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-सेप्टिक गुण फंगल इन्फेक्शन का आयुर्वेदिक इलाज करने के काम आसानी से कर सकते हैं (32)।

नोट : इन उपायों के अलावा खुजली को दूर करने और संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए कपूर और नारियल तेल का मिश्रण भी उपयोगी हो सकता है।

फंगल इन्फेक्शन का इलाज जानने के बाद, आइये जानते हैं कि इस दौरान किस प्रकार के परहेज रखने चाहिए।

फंगल इन्फेक्शन में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए?

बीमारी या संक्रमण से आराम पाने के लिए जरूरी है कि आप कुछ खास खाद्य पदार्थों का सेवन करें और कुछ खाद्य पदार्थों को खाने से बचें। आइए, आपको बताते हैं कि फंगल इन्फेक्शन का इलाज कराते समय आपको किन-किन खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए।

क्या खाना चाहिए:

  • फैटी एसिड : अपने आहार में ऐसे खाद्य पदार्थों को शामिल करें, जिनमे फैटी एसिड भरपूर मात्रा में हो। इनमें एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो संक्रमण फैलाने वाले फंगस से लड़ने का काम कर सकते हैं (33)। फैटी एसिड के लिए आप नीचे दिए गए खाद्य पदार्थों का सेवन सीमित मात्रा में कर सकते हैं-
  • अखरोट
  • सालमन
  • पत्तेदार सब्जियां
  • ब्लूबेरी
  • सोयाबीन
  • नारियल का तेल : किसी और तेल की जगह खाना पकाने के लिए नारियल के तेल का उपयोग करें। फंगल इन्फेक्शन मेडिसिन के रूप में इसके गुणों के बारे में हम बता चुके हैं। अपने आहार में इसे शामिल करने से यह आपको फंगल स्किन इन्फेक्शन से जल्दी राहत पाने में मदद कर सकता है (14)।
  • प्रोबायोटिक सप्लीमेंट्स : आहार में प्रोबायोटिक सप्लीमेंट्स शामिल करने से आपको फंगल स्किन इन्फेक्शन से जल्दी आराम मिल सकता है (34)। इसके अलावा, प्रोबायोटिक सप्लीमेंट्स क्रोनिक इंफ्लेमेटरी और रोग प्रतिरोधक क्षमता से जुड़े रोगों में आराम दिलवाने में लाभदायक साबित हुआ है (35)। निम्नलिखित खाद्य पदार्थ से आपको प्रोबियोटिक की भरपूर मात्रा मिल सकती है:
  • दही
  • छाछ

किससे बचना चाहिए:

  • शक्कर वाला आहार : शोध के अनुसार, फंगल इन्फेक्शन का इलाज कराते समय अधिक शक्कर वाला आहार लेना सुरक्षित नहीं माना गया है। खून में शक्कर की मात्रा अधिक होने से फंगस की मात्रा बढ़ती है और संक्रमण का खतरा बना रहता है (36)।
  • कार्बोहाइड्रेट्स : आहार में कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा अधिक होने से भी नुकसान हो सकता है। शरीर में कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा ज्यादा होने से कैंडिडा फंगस बढ़ सकता है (37)।
  • ग्लूटेन : ऐसे खाद्य पदार्थ खाने से बचें, जिनमें ग्लूटेन की मात्रा अधिक हो। आहार में ग्लूटेन की मात्रा अधिक होने से फंगल इन्फेक्शन का खतरा बढ़ सकता है (38)।

लेख के अगले भाग में जानिए कि आप फंगल इन्फेक्शन से कैसे बच सकते हैं।

फंगल इन्फेक्शन से बचाव – Prevention Tips for Fungal Infection in Hindi

कुछ बातों को ध्यान में रख कर, आप फंगल इन्फेक्शन से बच सकते हैं। आइए, आपको फंगल इन्फेक्शन से बचने के उपाय बताते हैं (39)।

  • रोज नहाएं और साफ कपड़े पहनें। फंगस को दूर रखने के लिए खुद को साफ रखना बहुत जरूरी है।
  • ज्यादा देर पसीने वाले कपड़ों में न रहें। हर दिन साफ और सूखे इनर वियर पहनें और व्यायाम करने के बाद भी कपड़े बदलें।
  • पैरों को साफ और सूखा रखें और पसीने वाले जूतों और मोजों से दूर रहें।
  • तैराकी के तुरंत बाद अपने कपड़े बदलें। ज्यादा देर गीले कपड़ों में रहने से फंगल इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
  • सार्वजनिक बाथरूम या टॉयलेट में हमेशा चप्पल पहन कर जाएं।
  • संतुलित आहार लें और रोज व्यायाम करें। इससे आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहेगी और आपके शरीर को फंगस से लड़ने की ताकत मिलेगी।

इन बचाव के उपायों को ध्यान में रखकर आप बहुत हद तक फंगल इन्फेक्शन से बच सकते हैं।

अब आप समझ गए होंगे कि फंगल इन्फेक्शन का इलाज और इससे बचने के लिए क्या-क्या किया जा सकता है। इसके अलावा, फंगल इन्फेक्शन के लक्षण को कभी नजरअंदाज न करें, क्योंकि लापरवाही की स्थिति में फंगल संक्रमण गंभीर रूप ले सकता है। अगर बताए गए उपाय और सावधानियों से यह संक्रमण ठीक नहीं हो रहा है, तो आप फंगल इन्फेक्शन का इलाज कराने के लिए डॉक्टर के पास जरूर जाएं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

फंगल त्वचा संक्रमण को साफ होने में कितना समय लगता है?

फंगल इन्फेक्शन का साफ होना आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता पर निर्भर करता है। कहा जाता है कि अगर संक्रमण सिर्फ त्वचा की सतह तक हो, तो कुछ दिन या हफ्तों में ठीक हो जाता है, लेकिन अगर संक्रमण गहरा है, तो पूरी तरह ठीक होने में ज्यादा वक्त लग सकता हैं। अच्छा होगा आप इस विषय में त्वचा विशेषज्ञ से बात करें।

फंगल इन्फेक्शन के लिए सबसे मजबूत दवा क्या है?

फंगल इन्फेक्शन मेडिसिन के लिए निम्नलिखित ओटीसी (over the counter medicine) दवाइयां ली जा सकती (40):

  • क्लोट्रिमेजोल
  • माइकोनाजोल
  • टेरबिनाफाइन
  • केटोकोनाजोल

नोट: ध्यान रखें कि फंगल इन्फेक्शन की दवा का सेवन डॉक्टर से परामर्श किए बिना न करें।

क्या मुझे स्नान न करने से फंगल संक्रमण हो सकता है?

जी हां, फंगल इन्फेक्शन का एक बहुत बड़ा कारण स्वयं की सफाई न रखना होता है। अगर आप रोज नहीं नहाते हैं, तो इससे आपको फंगल इन्फेक्शन हो सकता है। साथ ही, यह भी आवश्यक है कि आप अपने बाथरूम को भी साफ रखें। गंदे बाथरूम में फंगस पनपता है, जिससे संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है (39)।

फंगल साइनस संक्रमण के लिए परीक्षण कैसे करें?

एक शोध के अनुसार, फंगल इन्फेक्शन का परीक्षण निम्नलिखित तरीकों से किया जा सकता है (41):

  • टाइप 1 हाइपरसेंसिटिविटी (Type 1 hypersensitivity)
  • नेजल पोलिपोसिस (Nasal polyposis)
  • सीटी स्कैन (CT scan)
  • माइक्रोस्कोपी (Microscopy)

फंगल संक्रमण के लिए डॉक्टर से कब परामर्श करें?

ऊपर बताए गए घरेलू उपचार से जल्द फायदा न दिखने पर, फंगल संक्रमण की गंभीर स्थिति होने पर या संक्रमण के साथ शरीर में अन्य लक्षण दिखने पर आप डॉक्टर से जरूर संपर्क करें। साथ ही इस संक्रमण से जुड़ी सभी जानकारी डॉक्टर से लें।

Sources

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  • What are Fungal Infections?
    //www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3103258/
  • Fungal Infections
    //www.gov.uk/government/collections/fungal-infections
  • Types of Fungal Diseases
    //www.cdc.gov/fungal/diseases/index.html
  • Fungal Nail Infections
    //www.cdc.gov/fungal/nail-infections.html
  • About Ringworm
    //www.cdc.gov/fungal/diseases/ringworm/definition.html
  • Symptoms of Ringworm Infections
    //www.cdc.gov/fungal/diseases/ringworm/symptoms.html
  • Vaginal Candidiasis
    //www.cdc.gov/fungal/diseases/candidiasis/genital/index.html
  • Candida infections of the mouth, throat, and esophagus
    //www.cdc.gov/fungal/diseases/candidiasis/thrush/index.html#one
  • Fungal Skin Infection: Ringworm (Tinea)
    //www.health.ny.gov/diseases/communicable/athletic_skin_infections/fungal.htm
  • Vaginal Candidiasis
    //www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK459317/
  • Vaginal Thrush
    //www.betterhealth.vic.gov.au/health/conditionsandtreatments/vaginal-thrush
  • Antifungal Activity of Ajoene Derived from Garlic
    //www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC203719/pdf/aem00120-0155.pdf
  • The Influence of Tea Tree Oil (Melaleuca alternifolia) on Fluconazole Activity against Fluconazole-Resistant Candida albicans Strains
    //www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4334616/
  • In vitro antimicrobial properties of coconut oil on Candida species in Ibadan, Nigeria
    //pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/17651080
  • The Comparison of Vaginal Cream of Mixing Yogurt, Honey and Clotrimazole on Symptoms of Vaginal Candidiasis
    //www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4803919/#ref14
  • Antifungal effects of Lactobacillus species isolated from local dairy products
    //www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5553267/
  • Antifungal Activity of Apple Cider Vinegar on Candida Species Involved in Denture Stomatitis
    //pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/25219289/
  • Vaginal Candidiasis Infection Treated Using Apple Cider Vinegar: A Case Report
    //pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/29112940
  • Aloe vera extract reduces both growth and germ tube formation by Candida albicans
    //pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/21914003/
  • ALOE VERA: A SHORT REVIEW
    //www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC2763764/
  • Antifungal Properties of Cranberry Juice
    //www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC547696/
  • Survey of the Antibiofilm and Antimicrobial Effects of Zingiber officinale (in Vitro Study)
    //pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/27127591/
  • The Effects of Ozonated Olive Oil and Clotrimazole Cream for Treatment of Vulvovaginal Candidiasis
    //pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/27548492
  • Multiple effects of green tea catechin on the antifungal activity of antimycotics against Candida albicans
    //pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/14688042/
  • Beneficial effects of green tea: A literature review
    //www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC2855614/
  • A Review on Antibacterial, Antiviral, and Antifungal Activity of Curcumin
    //www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4022204/
  • Antifungal activity of sodium bicarbonate against fungal agents causing superficial infections
    //pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/22991095/
  • Health and Wellness Resources
    //www.brandeis.edu/health/resources.html
  • Bathing in a magnesium-rich Dead Sea salt solution improves skin barrier function, enhances skin hydration, and reduces inflammation in atopic dry skin
    //pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/15689218/
  • UNITED STATES OF AMERICA FEDERAL TRADE COMMISSION
    //www.ftc.gov/sites/default/files/documents/cases/2001/06/aaroncmp.pdf
  • Analysis by UPLC-MS-QTOF and antifungal activity of guava (Psidium guajava L.)
    //pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/29751075/
  • Therapeutics Role of Azadirachta indica (Neem) and Their Active Constituents in Diseases Prevention and Treatment
    //www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4791507/
  • Fatty acids and derivatives as antimicrobial agents
    //pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/4670656/
  • Efficacy and safety of probiotics in the treatment of Candida-associated stomatitis
    //pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/23952962/
  • Impact of the gut microbiota, prebiotics, and probiotics on human health and disease
    //pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/25179725/
  • Growth and acid production of Candida species in human saliva supplemented with glucose
    //pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/3091791/
  • Dietary carbohydrates modulate Candida albicans biofilm development on the denture surface
    //pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/23737992/
  • Humoral Immunity Links Candida albicans Infection and Celiac Disease
    //www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4368562/
  • Don’t let fungal infections take the fun out of summer
    //www.health.qld.gov.au/news-events/news/summer-fungus-tinea-thrush
  • Treatment for Ringworm
    //www.cdc.gov/fungal/diseases/ringworm/treatment.html
  • Fungal Rhinosinusitis: A Categorization and Definitional Schema Addressing Current Controversies
    //www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC2741302/

और पढ़े:

    • काली खांसी (कुकर खांसी) के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज
    • निमोनिया के कारण, लक्षण और घरेलू उपाय
    • हर्निया के कारण, लक्षण और इलाज
    • वैरिकोज वेन्स के कारण, लक्षण और इलाज

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सरल जैन ने श्री रामानन्दाचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय, राजस्थान से संस्कृत और जैन दर्शन में बीए और डॉ. सी. वी. रमन... more

Dr. Zeel Gandhi is an Ayurvedic doctor and an expert at providing holistic solutions for health problems encompassing Internal medicine,... more

फंगल इन्फेक्शन को जड़ से खत्म कैसे करें?

नीम नीम स्किन संबंधी हर इंफेक्शन को खत्म करने में मदद करती है। ... .
लहसुन लहसुन में एंटी फंगल गुण पाए जाते हैं। ... .
एलोवेरा एलोवेरा में एंटी फंगल, एंटी बैक्टीरियल गुए पाए जाते हैं जो स्किन संबंधी किसी भी समस्या को सही कर देता है। ... .
नारियल तेल नारियल तेल में फैटी एसिड होता है जो फंगसाइड के रूप में काम करता है।.

फंगल इन्फेक्शन को ठीक करने का सबसे तेज़ तरीका क्या है?

​एलोवेरा (Aloe Vera) इसमें एंटी-फंगल और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो त्वचा को ठीक करने में हमारी मदद कर सकते हैं। एलोवेरा त्वचा को ठंडा करता है और संक्रमित वाली जगह के आसपास होने वाली जलन को कम करता है। अच्छे परिणाम के लिए आपको एलोवेरा जेल को पौधे से निकालकर दाद के फंगस पर दिन में 3-4 बार लगा सकते हैं।

फंगल इन्फेक्शन बार बार क्यों होता है?

ये तब होता है जब फंगस शरीर के एक क्षेत्र पर कब्जा कर लेता है और प्रतिरक्षा प्रणाली इसे आसानी से हरा नहीं पाती. फंगल इंफेक्शन में खुजली होती है गोल गोल चकत्ते त्वचा पर बन जाते है. अगर इसका इलाज नहीं कराया जाए तो तेजी से फैलने लगता है. अत्यधिक पसीना और कमजोर इम्यून सिस्टम पर ये जल्दी अटैक करता है.

फंगल इन्फेक्शन में क्या परहेज करना चाहिए?

बासी खाना न खाएं सूक्ष्म फंगी खाद्य पदार्थों में मौजूद होती हैं, खासकर जब वो चीज पुरानी हो या सही तरह से संभाल कर न रखी गई हो। इसलिए बासी चीजें खाने से परहेज करना चाहिए। इससे न सिर्फ फंगल संक्रमण का खतरा रहता है, बल्कि फूड प्वॉयजनिंग से लेकर एलर्जी रिएक्शन और श्वसन संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं।

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