टीवी की बीमारी का पता कैसे लगाएं? - teevee kee beemaaree ka pata kaise lagaen?

कैसे बढ़ता है टीबी का संक्रमण, किस तरह हो उपचार वैज्ञानिकों ने खोजा नया तरीका

एक नए अध्ययन में पता लगा है कि कैसे तपेदिक (टीबी) आणविक स्तर पर अपनी वृद्धि को नियंत्रित या बढ़ाता है

On: Monday 13 September 2021

फोटो : विकिमीडिया कॉमन्स

तपेदिक या टीबी आमतौर पर एमटीबी जीवाणु (माइकोबैक्टेरियम ट्यूबरक्लोसिस) के कारण होता है और यह बहुत धीरे-धीरे बढ़ता है, जिससे यह संक्रमण पैदा करता है जो जीवन भर रह सकता है। दुनिया की लगभग एक-चौथाई आबादी के टीबी बैक्टीरिया से संक्रमित होने का अनुमान है। जबकि उन्हें इस बात की खबर तक नहीं होती है।

एक अनुमान के मुताबिक टीबी से हर साल 13 लाख मौतें होती हैं। इनमें से केवल 5-15 फीसदी लोग सक्रिय टीबी रोग से बीमार पड़ते हैं। बाकी को टीबी का संक्रमण है लेकिन वे बीमार नहीं हैं और बीमारी को फैला नहीं सकते हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक टीबी से बीमार होने वाले ज्यादातर लोग निम्न और मध्यम आय वाले देशों में रहते हैं, लेकिन टीबी पूरी दुनिया में मौजूद है। टीबी से पीड़ित सभी लोगों में से लगभग आधे 8 देशों में पाए जा सकते हैं। जिसमें बांग्लादेश, चीन, भारत, इंडोनेशिया, नाइजीरिया, पाकिस्तान, फिलीपींस और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं।

अब वैज्ञानिकों ने एक नए अध्ययन के द्वारा पता लगाया है कि कैसे तपेदिक (टीबी) आणविक स्तर पर अपनी वृद्धि को नियंत्रित करता है या बढ़ाता है। सरे और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की अगुवाई में किए गए अध्ययन में टीबी के खिलाफ एंटीबायोटिक दवाओं की एक नई श्रृंखला की पहचान की है। टीबी संक्रमण और रोग दोनों एंटीबायोटिक दवाओं के उपयोग से ठीक हो सकते हैं। यह विदित रहे कि आजकल अधिकतर एंटीबायोटिक दवाएं टीबी के इलाज में असर नहीं कर रहीं हैं या दवाओं के प्रति प्रतिरोधी हो गए हैं।

नेचर में प्रकाशित इस अध्ययन में शोध दल ने खुलासा किया कि नई खोजी गई डीएनए संशोधन प्रणाली में दो एंजाइम, डार्ट और डारजी शामिल हैं। बैक्टीरिया के प्रतिकृति के साथ समन्वय करने वाले 'स्विच' बनाने के लिए क्रोमोसोमल डीएनए को विपरीत रूप से संशोधित करते हैं। डार्ट और डारजी प्रणाली में हस्तक्षेप करके, यह जीवाणु के लिए भारी रूप से विषाक्त हो जाता है और एंटीबायोटिक दवाओं के एक नए वर्ग से संबंधित है।

सरे विश्वविद्यालय में आणविक जीवाणु विज्ञान के प्रोफेसर और प्रमुख अध्ययनकर्ता ग्राहम स्टीवर्ट ने कहा कि कोविड-19 से पहले, तपेदिक ने हर साल किसी भी अन्य संक्रामक बीमारी की तुलना में अधिक लोगों की जान ली है और महामारी के कम होने के बाद यह फिर पुरानी स्थिति हासिल कर लेगा।

टीबी और कोविड-19 दोहरा बोझ

तपेदिक (टीबी) और कोविड-19 दोनों संक्रामक रोग हैं जो मुख्य रूप से फेफड़ों पर हमला करते हैं। दोनों बीमारियों में खांसी, बुखार और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण एक जैसे होते हैं। हालांकि, टीबी में बीमारी की अवधि लंबी होती है और रोग की शुरुआत धीमी होती है।

जबकि टीबी रोगियों में कोविड-19 संक्रमण पर अनुभव सीमित रहता है, यह अनुमान है कि टीबी और कोविड-19 दोनों से बीमार लोगों के उपचार के परिणाम खराब हो सकते हैं, खासकर यदि टीबी का उपचार बाधित हो जाता है। टीबी रोगियों को स्वास्थ्य अधिकारियों की सलाह के अनुसार कोविड-19 से बचाव के लिए सावधानी बरतनी चाहिए और निर्धारित नियम के अनुसार टीबी का इलाज जारी रखना चाहिए।

दुनिया भर में तपेदिक को एक स्वास्थ्य आपातकाल की तरह देखा जाता है। वर्तमान में तपेदिक के उपचार में उपयोग किए जा रहे एंटीबायोटिक दवाइयां अप्रभावी हो रही हैं। यह अध्ययन डीएनए जीव विज्ञान के एक नए हिस्से का वर्णन करता है जिसे नए एंटीबायोटिक दवाओं के द्वारा इसका उपचार किया जा सकता है।

टीवी के शुरुआती लक्षण क्या है?

इसके लक्षणों में निम्न शामिल हैं:.
तीन सप्ताह से अधिक समय तक खांसी होना.
सांस फूलना.
सांस लेने में तकलीफ होना.
शाम के दौरान बुखार का बढ़ जाना.
सीने में तेज दर्द होना.
अचानक से वजन का घटना.
भूख में कमी आना.
बलगम के साथ खून आना.

टीवी जांच कैसे होती है?

टीबी है या नहीं, इसकी मुफ्त जांच सिविल अस्पताल में अब दो घंटे में होगी। बलगम की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से अस्पताल में कल्चर सेंस्टेविटी टेस्ट की मशीन उपलब्ध कराई गई है। जिससे बलगम की जांच रिपोर्ट अब दो घंटे में आ जाएगी। इसके लिए मरीजों को सात-सात दिन तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

टीवी के लिए कौन सा टेस्ट कराना चाहिए?

खून या बायोप्सी की मदद से टीबी के बैक्टीरिया का पता चल जाएगा। पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम के जिला समन्वयक सतेंद्र कुमार ने बताया कि ट्यूबरक्लोसिस स्किन टेस्ट को मोंटेक्स टेस्ट के नाम से भी जाता है। इसमें इंजेक्शन के जरिए स्किन में दवा डाली जाती है।

मैं घर पर अपनी टीबी की जांच कैसे कर सकता हूं?

टीबी की जांच और उपचार स्थिति की पुष्टि के लिए सामान्य बलगम जांच, एक्स-रे, और दवा संवेदनशीलता परीक्षण (डीएसटी) कराया जाता है। कुछ अन्य मामलों में सीटी, सोनोग्राफी, एफएनएसी आदि की ज़रूरत भी पड़ सकती है।

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