जाट रेजीमेंट |
1795 – वर्तमान[1] |
ब्रिटिश राज 1795-1947
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सेना |
पैदल सेना (Line Infantry) |
24 वाहिनियाँ |
बरेली, उत्तर प्रदेश |
संघटन व वीरता (एकता और शौर्य) |
जाट बलवान, जय भगवान |
और पूर्वी पाकिस्तान - 1971 |
रोमन संख्या नौ (IX) 1920 के भारतीय सेना के वाहिनी पदानुक्रम में नौंवे स्थान का प्रतिनिधित्व करती है। |
जाट रेजिमेंट भारतीय सेना की एक पैदल सेना रेजिमेंट है। यह सेना की सबसे पुरानी और सबसे ज्यादा वीरता पुरस्कार विजेता रेजिमेंट है।[कृपया उद्धरण जोड़ें] रेजिमेंट ने वर्ष 1839-1947 के बीच 19 और स्वंत्रता के पश्चात आठ महावीर चक्र, आठ कीर्ति चक्र, 32 शौर्य चक्र, 39 वीर चक्र और 170 सेना पदक जीते हैं। अपने 200 से अधिक वर्षों के जीवन में, रेजिमेंट ने पहले और दूसरे विश्व युद्ध सहित भारत और विदेशों में बहुत से युद्धों में भाग लिया है।
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ Army's Jat Regiment Best Marching Contingent in Republic Day 2007 Parade | India Defence
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ये हैं दुश्मनों के दांत खट्टे करने वालीं आर्मी रेजिमेंट्स
ये हैं दुश्मनों के दांत खट्टे करने वालीं आर्मी रेजिमेंट्स
भारतीय सेना में सैनिकों एवं अधिकारियों को विभिन्न रेजिमेंट्स में बांटा गया है। रेजिमेंट्स को जरूरत के हिसाब से मोर्चों पर भेजा जाता है। आइये जानते हैं भारतीय सेना की रेजिमेंट्स के बारे में...
डोगरा रेजिमेंट
डोगरा रेजिमेंट
इस रेजिमेंट की स्थापना अंग्रेजों ने सन् 1877 में की थी। इस रेजिमेंट ने पाकिस्तान के एक बार नहीं, बार-बार दांत खट्टे किए हैं। देश की सबसे खतरनाक रेजिमेंट में डोगरा रेजिमेंट का नाम सबसे आगे है।
नागा रेजिमेंट
नागा रेजिमेंट
देश की सबसे नई रेजिमेंट नागा रेजिमेंट है। इस स्थापना सन् 1970 में हुई थी। स्थापना के तुरंत बाद बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में हिस्सा लिया था। द्रास सेक्टर में कमान इस रेजिमेंट ने कारगिल युद्ध के समय संभाली थी। इस रेजिमेंट को बहुत सारे युद्ध सम्मान भी प्राप्त हैं।
महार रेजिमेंट
महार रेजिमेंट
इस रेजिमेंट की स्थापना सन् 1941 अंग्रेजों के समय में हुई थी। इस रेजिमेंट को 1 परमवीर चक्र, 4 महावीर चक्र समेत बहुत सारे पुरस्कार मिल चुके हैं। इस रेजिमेंट के लिए देश के सभी कोने से सिपाहियों की भर्ती की जाती है।
बिहार रेजिमेंट
बिहार रेजिमेंट
इस रेजिमेंट की स्थापना सन् 1941 में की गयी थी। द्वितीय विश्वयुद्ध में इस रेजिमेंट ने हिस्सा लिया था। भारत-पाक के सभी युद्धों में इस रेजिमेंट ने हिस्सा लिया था। कारगिल युद्ध में भी इस रेजिमेंट ने दुश्मनों के दांत खट्टे किए थे।
असम रेजिमेंट
असम रेजिमेंट
इस रेजिमेंट की स्थापना 15 जून 1941 को अंग्रेजों ने की थी। इस रेजिमेंट में मुख्य तौर पर भारत के नार्थ-ईस्ट के सिपाहियों को भर्ती किया जाता है। चीनी हमले के समय और बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में इस रेजिमेंट ने हिस्सा लिया था।
कुमायूं रेजिमेंट
कुमायूं रेजिमेंट
इस रेजिमेंट की स्थापना अंग्रेजों ने सन् 1813 में की थी। अब तक इस रेजिमेंट के पास 4 अशोक चक्र, 10 महावीर चक्र, 2 परम चक्र, 6 कीर्ति चक्र समेत अनेक पुरस्कार प्राप्त कर चुकी है। इस रेजिमेंट ने बहुत सारे युद्धों में अपना कौशल दिखाया है। दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध मैदान सियाचिन ग्लेशियर में यह रेजिमेंट भी तैनात थी।
सिख रेजिमेंट
सिख रेजिमेंट
इस रेजिमेंट की स्थापना अंग्रेजों ने 1 अगस्त 1846 में की थी। यह रेजिमेंट निश्चय कर 'अपनी जीत करो' के नारे के साथ अपनी 19 बटालियन को लेकर आगे बढ़ती है। इस रेजिमेंट ने ब्रिटिश भारत के दौरान महत्वपूर्ण मोर्चों पर फतेह हासिल की और आजादी के बाद देश की होने वाली हर लड़ाई में अपने साहस का परिचय दिया है। कारगिल युद्ध के समय टाइगर हिल पर कब्ज़ा सिख रेजिमेंट ने किया था।
जाट रेजिमेंट
जाट रेजिमेंट
इस रेजिमेंट की स्थापना अंग्रेजों ने सन् 1975 में की थी। अपनी बहादुरी के लिए इस रेजिमेंट को कई युद्ध सम्मानों से नवाज़ा जा चुका है। इस रेजिमेंट के पास 2 अशोक चक्र, 32 शौर्य चक्र, 8 महावीर चक्र, 2 विक्टोरिया क्रॉस, 8 कीर्ति चक्र, 39 वीर चक्र, और 170 सेना पदक भी शामिल हैं।
मद्रास रेजिमेंट
मद्रास रेजिमेंट
भारतीय सेना की सबसे पुरानी रेजिमेंट में से एक मद्रास रेजिमेंट है। इसकी स्थापना 1750 के दशक में अंग्रेजों ने की थी। इस रेजिमेंट के पास तमाम उपलब्धियां हैं। इसके पास कुल 23 बटालियन हैं।