वसंत ऋतु में हम प्रकृति में क्या परिवर्तन देखते हैं? - vasant rtu mein ham prakrti mein kya parivartan dekhate hain?

मौसम कालदर्शक ऋतु उष्णकटिबन्धीय ऋतुएँ तूफान वर्षण विषय
प्रकृति शृंखला का हिस्सा
  • शीत
  • वसंत
  • ग्रीष्म
  • शरद
  • शुष्क ऋतु
  • आर्द्र ऋतु
  • बादल
  • कपासी वर्षा बादल
  • Arcus बादल
  • Downburst
  • Microburst
  • Heat burst
  • Dust storm
  • Simoom
  • Haboob
  • मानसून
  • Gale
  • Sirocco
  • Firestorm
  • Lightning
  • Supercell
  • Thunderstorm
  • Severe thunderstorm
  • Thundersnow
  • Storm surge
  • Tornado
  • चक्रवात
  • Mesocyclone
  • Anticyclone
  • उष्णकटिबन्धीय चक्रवात (हरिकेन)
  • ओष्णकटिबन्धीय चक्रवात
  • यूरोपीय आंधी
  • अटलांटिक हरिकेन
  • टायफून
  • Derecho
  • Landspout
  • धूल शैतान
  • अग्नि भँवर
  • Waterspout
  • शीत तूफान
    • हिम तूफान
    • ब्लिज़र्ड
    • Ground blizzard
    • Snowsquall
  • ड्रिज़ल (हिमीकरण ड्रिज़ल)
  • कच्चा ओला
  • ओला
  • हिम छर्रे (हीरा धूल)
  • वर्षा (हिमीकरण वर्षा)
  • बादल फटना
  • बर्फ
    • वर्षा और बर्फ मिश्र
    • बर्फ दाने
    • बर्फ का लुढ़कना
    • स्लश
  • वायु प्रदूषण
  • वायुमण्डल
    • रसायन विज्ञान
    • Convection
    • भौतिकी
    • नदी
  • जलवायु
  • मेघ
    • भौतिकी
  • कोहरा
  • शीत लहर
  • ऊष्म लहर
  • जेट स्ट्रीम
  • अंतरिक्ष विज्ञान
  • खतरनाक मौसम
    • सूची
    • उग्र
  • मौसम पूर्वानुमान
Weather प्रवेशद्वार

  • दे
  • वा
  • सं

वसंत उत्तर भारत तथा समीपवर्ती देशों की छह ऋतुओं[क] में से एक ऋतु है, जो फरवरी मार्च और अप्रैल के मध्य इस क्षेत्र में अपना सौंदर्य बिखेरती है। ऐसा माना गया है कि माघ महीने की शुक्ल पंचमी से वसंत ऋतु का आरंभ होता है।[1] फाल्गुन और चैत्र मास वसंत ऋतु के माने गए हैं। फाल्गुन वर्ष का अंतिम मास है और चैत्र पहला। इस प्रकार हिंदू पंचांग के वर्ष का अंत और प्रारंभ वसंत में ही होता है। इस ऋतु के आने पर सर्दी कम हो जाती है, मौसम सुहावना हो जाता है, पेड़ों में नए पत्ते आने लगते हैं, आम के पेड़ बौरों से लद जाते हैं और खेत सरसों के फूलों से भरे पीले दिखाई देते हैं I अतः राग रंग और उत्सव मनाने के लिए यह ऋतु सर्वश्रेष्ठ मानी गई है[2] और इसे ऋतुराज कहा गया है।[3]

वसन्त ऋतु वर्ष की एक ऋतु है जिसमें वातावरण का तापमान प्रायः सुखद रहता है। भारत में यह फरवरी से मार्च तक होती है। अन्य देशों में यह अलग समयों पर हो सकती है। इस ऋतु की विशेष्ता है मौसम का गरम होना, फूलो का खिलना, पौधो का हरा भरा होना और बर्फ का पिघलना। भारत का एक मुख्य त्योहार है होली जो वसन्त ऋतु में मनाया जाता है। यह एक सन्तुलित (Temperate) मौसम है। इस मौसम में चारो ओर हरियलि होति है। पेडो पर नये पत्ते उग्ते है। इस रितु मैं कइ लोग उद्यनो तालाबो आदि मैं घुम्ने जाते है।

'पौराणिक कथाओं के अनुसार वसंत को कामदेव का पुत्र कहा गया है। कवि देव ने वसंत ऋतु का वर्णन करते हुए कहा है कि रूप व सौंदर्य के देवता कामदेव के घर पुत्रोत्पत्ति का समाचार पाते ही प्रकृति झूम उठती है, पेड़ उसके लिए नव पल्लव का पालना डालते है, फूल वस्त्र पहनाते हैं पवन झुलाती है और कोयल उसे गीत सुनाकर बहलाती है।[ख] भगवान कृष्ण ने गीता में कहा है ऋतुओं में मैं वसंत हूँ।[ग]

वसंत ऋतु में वसंत पंचमी, शिवरात्रि तथा होली नामक पर्व मनाए जाते हैं। भारतीय संगीत साहित्य और कला में इसे महत्वपूर्ण स्थान है। संगीत में एक विशेष राग वसंत के नाम पर बनाया गया है जिसे राग बसंत कहते हैं। वसंत राग पर चित्र भी बनाए गए हैं।

टीका टिप्पणी

उत्तर भारत में ६ ऋतुएँ होती हैं- वसंत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, शिशिर और हेमंत।

डारि द्रुम पलना बिछौना नव पल्लव के सुमन झंगूला सौहै तन छवि भारी दै पवन झुलावै, केकी कीर बतरावै देव

प्रह्लादश्चास्मि दैत्यानां कालः कलयतामहम्। मृगाणां च मृगेन्द्रोअहं वैनतेयश्च पक्षिणाम्।। १०.३०।।

सन्दर्भ

  1. "ऋतुराज वसंत". वेबदुनिया. मूल (एचटीएम) से 6 सितंबर 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि ७ फरवरी २००८.
  2. "वसंत पर पतंग की उड़ान" (एसएचटीएमएल). बीबीसी. मूल से 13 अप्रैल 2005 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि ७ फरवरी २००८.
  3. "वसंत पंचमी पर विशेष" (एएसपी). अमर उजाला. अभिगमन तिथि ७ फरवरी २००८. [मृत कड़ियाँ]

बसंत ऋतु में प्रकृति में क्या क्या बदलाव आते हैं?

इस ऋतु के आने पर सर्दी कम हो जाती है, मौसम सुहावना हो जाता है, पेड़ों में नए पत्ते आने लगते हैं, आम के पेड़ बौरों से लद जाते हैं और खेत सरसों के फूलों से भरे पीले दिखाई देते हैं I अतः राग रंग और उत्सव मनाने के लिए यह ऋतु सर्वश्रेष्ठ मानी गई है और इसे ऋतुराज कहा गया है।

वसंत ऋतु में प्रकृति कैसी दिखती है?

जैसा कि दिए गए मार्ग की दूसरी पंक्ति में दिया गया है, जब वसंत आता है तो हर जगह सुखद होता है, प्रकृति एक नया वस्त्र धारण करती है; पेड़ खिलते हैं, मधुमक्खियों के झुंड और तितलियाँ फूल से फूल तक अमृत इकट्ठा करती हैं। वसंत के समय प्रकृति जीवंत और सुरम्य दिखती है।

वसंत का प्रकृति पर क्या प्रभाव दिखाई देता है?

उत्तर : ऋतुओं में ग्रीष्म, वर्षा, शरद तथा पतझड़ भी वातावरण को प्रभावित करते हैं लेकिन वसंत ऋतु के आते ही पसीना, ठिठुरना, कीचड़ आदि नकारात्मक तत्त्व नही होते। पुष्प स्वयं खिलते हैं। प्रकृति की नई सुषमा चारों और वातावरण में छा जाती है। आलस्य और निराशा दूर भाग जाते है।

बसंत के मौसम में हम क्या देख सकते हैं?

संक्षेप में, वसंत पौधों और पेड़ों की वृद्धि का पोषण करता है । पेड़ के आधार पर, आप देख सकते हैं कि यह उत्तरी गोलार्ध में मार्च के मध्य से और दक्षिणी गोलार्ध में अगस्त के मध्य में नई पत्तियों को स्पोर्ट करना शुरू कर देता है। डैफोडील्स की तरह फूल भी फूलने लगते हैं और बढ़ने लगते हैं।

संबंधित पोस्ट

Toplist

नवीनतम लेख

टैग