विश्व बैंक के क्या उद्देश्य है उसके कार्यों की व्याख्या कीजिए? - vishv baink ke kya uddeshy hai usake kaaryon kee vyaakhya keejie?

विश्व बैंक और इसके कार्य World Bank and Its Function in Hindi

विश्व बैंक को अंतरराष्ट्रीय पुनर्निर्माण व विकास बैंक भी कहा जाता है। इस बैंक की स्थापना का मुख्य उद्देश्य है, सदस्य राष्ट्रों के विकास के लिए श्रण देना। विश्व बैंक समूह की स्थापना 1944 में की गई थी। आज की तारीख में विश्व बैंक एक अंतरराष्ट्रीय संगठन की तरह काम करता है। यह बैंक गरीबी से जूझ रहे पिछड़े देशों की मदद करता है।

किसी भी देश को सदस्य बनने के लिए पहले अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का सदस्य होना चाहिए। विश्व बैंक समूह 5 अंतर्राष्ट्रीय संगठनों का समूह है, यह बैंक सदस्य देशों को वित्तीय सलाह एवं मदद देता है। वॉशिंगटन डीसी में विश्व बैंक का मुख्यालय है।

Contents

  • 1 विश्व बैंक और इसके कार्य World Bank and Its Function in Hindi
    • 1.1 विश्व बैंक के उद्देश्य The World Bank Objectives
      • 1.1.1 पुनर्निर्माण के लिए सहायता
      • 1.1.2 अंतरराष्ट्रीय व्यापार को प्रोत्साहित करना
      • 1.1.3 विनियोग को प्रोत्साहित करना
      • 1.1.4 पूंजी की उपलब्धता
      • 1.1.5 शांतिकालीन अर्थव्यवस्था की स्थापना
    • 1.2 संगठन Organization
    • 1.3 विश्व बैंक के कार्य Functions of The World Bank
    • 1.4 विश्व बैंक की सफलताएं World Bank Successes
    • 1.5 विश्व बैंक की असफलताएं Disadvantages of The World Bank

विश्व बैंक के उद्देश्य The World Bank Objectives

पुनर्निर्माण के लिए सहायता

युद्ध के दौरान काफी राष्ट्रो को नुकसान होता है एवं वह क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, अतः विश्व बैंक ऐसे में कमजोर सदस्य राष्ट्रों को दोबारा निर्माण के लिए सहायता प्रदान करता है।

अंतरराष्ट्रीय व्यापार को प्रोत्साहित करना

यह बैंक अंतरराष्ट्रीय व्यापार को लोकप्रिय बनाने में भी काफी मदद करता है, अंतरराष्ट्रीय व्यापार के भी अपने बहुत गहरे फायदे हैं। ऐसे व्यापार से लोगों के जीवन की गुणवत्ता में फर्क आता है एवं जीवन शैली का स्तर भी ऊंचा हो जाता है और साथ ही साथ शिक्षा तथा नौकरी के अवसर बढ़ जाते हैं।

विनियोग को प्रोत्साहित करना

विश्व बैंक में काफी सदस्य राष्ट्र ऐसे हैं जो कि कम उन्नतशील एवं पिछड़े हैं। उनके पास पूंजी का भी अभाव है अतः विश्व बैंक ऐसे राष्ट्रो में विनियोग को भरपूर प्रोत्साहित करते हैं ताकि ऐसे राष्ट्रों को आर्थिक लाभ हो और वह आगे बढ़ सके।

पूंजी की उपलब्धता

जैसा कि बताया गया है कि कुछ सदस्य राष्ट्र माली तौर पर कमजोर हैं अर्थात् ऐसे राष्ट्रों में विश्व बैंक पूंजी को उपलब्ध कराता है ताकि ऐसे राष्ट्रों में विकास एवं वृद्धि हो।

शांतिकालीन अर्थव्यवस्था की स्थापना

विश्व बैंक अपने सदस्य राष्ट्रों की युद्ध के कारण झूलसी अर्थव्यवस्था को शांतिकालीन अर्थव्यवस्था में बदलना चाहता है।

पूंजी-: स्थापित करने के दौरान विश्व बैंक की पूंजी 10 अरब डॉलर थी, जो कि एक लाख अंशों में बटी हुई थी।

संगठन Organization

  • प्रशासनिक मंडल – हर एक सदस्य देश के द्वारा गवर्नर तथा स्थानापन्न गवर्नर चुना जाता है।
  • सलाहकार परिषद – यह परिषद 7 सदस्यों से मिलकर बनती है। इस परिषद में अलग-अलग विषयों से संबंधित विशेषज्ञ होते हैं।
  • प्रबंधक निदेशक मंडल – इस मंडल में 20 सदस्य होते हैं।
  • श्रण समितियां – सदस्य देश अगर श्रण की मांग करते हैं, तो ऐसी अवस्था में जांच की जाती है, इन सब के उपरांत ही कोई कार्य होता है। ऐसे में श्रण समितियां अपना काम बखूबी करती हैं।
  • विशिष्ट उद्देश्य के लिए अन्य समितियां Other Committees for Specific Purpose – विकास समिति, संयुक्त अंकेक्षण समिति, लागत एवं बजट समिति, कार्मिक नीति समिति आदि।

विश्व बैंक के कार्य Functions of The World Bank

  • श्रण देना
  • पूंजी से श्रण देना
  • प्रशिक्षण का कार्यक्रम
  • गारंटी प्रदान करना
  • कोष में से श्रण देना
  • प्राविधिक सहायता प्रदान करना
  • अंतरराष्ट्रीय समस्याएं सुलझाना

विश्व बैंक की सफलताएं World Bank Successes

  • बैंक के कारण वित्तीय साधनों का विस्तार हुआ है।
  • पिछड़े देशों को श्रण प्रदान किया है।
  • सदस्य राष्ट्रों को तकनीकी सहायता प्रदान करी हैं।
  • अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम की स्थापना हुई है।
  • सदस्य राष्ट्रों की कई समस्याओं का समाधान किया है।

विश्व बैंक की असफलताएं Disadvantages of The World Bank

  • ब्याज एवं कमिशन की दरें काफी अधिक हैं।
  • अल्प विकसित देशों को दी गई सहायता अपर्याप्त है।
  • श्रण देने में सदस्य राष्ट्रों से पक्षपातपूर्ण व्यवहार रहा है।
  • विश्व बैंक द्वारा कई बार श्रण देने में विलंब होता है।

विश्व बैंक इंटरनेशनल बैंक फॉर रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट (अंतरराष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवं विकास बैंक– आईबीआरडी) के नाम से भी जाना जाता है। द्वितीय विश्व युद्ध ने विश्व की अर्थव्यवस्थाओं को बहुत नुकसान पहुंचाया था। इसलिए 1945 में युद्ध में क्षतिग्रस्त हुईं अर्थव्यवस्थाओं के पुनर्निर्माण पर ध्यान देने की जरूरत महसूस की गई। आईबीआरई का गठन दिसंबर 1945 में, ब्रेट्टन वुड्स सम्मेलन की सिफारिशों के आधार पर आईएमएफ (अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष) के साथ हुआ था। इसी वजह से आईएमएफ और विश्व बैंक को ब्रेट्टन वुड्स ट्विन भी कहा जाता है। आईबीआरडी ने जून 1946 में काम करना शुरु किया था। 

विश्व बैंक के उद्देश्य (Purposes of World Bank):-


i. आर्थिक पुनर्निर्माण एवं विकास के लिए सदस्य देशों को दीर्धकालिक पूंजी प्रदान करना ।

ii.भुगतान संतुलन एवं अंतरराष्ट्रीय व्यापार के संतुलित विकास को सुनिश्चित करने के लिए दीर्धकालिक पूंजी निवेश को प्रेरित करना।

iii.निम्नलिखित तरीकों से सदस्य देशों में पूंजीगत निवेश को बढ़ावा देना–

क. निजी ऋणों या पूंजीगत निवेश पर गारंटी प्रदान करना। 
ख. यदि गारंटी प्रदान करने के बाद भी पूंजी उपलब्ध नहीं होती तब आईबीआरडी कुछ  शर्तों के आधार पर उत्पादक गतिविधियों के लिए ऋण प्रदान करता है।

iv.युद्ध के समय से शांतिपूर्ण अर्थव्यवस्था में सहज स्थांतरण हेतु विकास परियोजनाओं के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करना।

विश्व बैंक का पूंजी संसाधनः-
विश्व बैंक की आरंभिक अधिकृत पूंजी 10,000 मिलियन डॉलर थी जिसे 1 डॉलर मूल्य के एक लाख शेयरों में बांटा गया था। विश्व बैंक की अधिकृत पूंजी 24 बिलियन डॉलर से बढ़कर 27 बिलियन डॉलर हो चुकी है। सदस्य देश विश्व बैंक के शेयर का पुनर्भुगतान इस प्रकार करते हैं–

i.आवंटित शेयर का सिर्फ 2% सोना, अमेरिकी डॉलर या एसडीआर में चुकाया जाता है।

ii.प्रत्येक सदस्य देश अपने पूंजीगत शेयर के 18% का पुनर्भुगतान अपनी मुद्रा में करने को स्वतंत्र है।

iii.बाकी का 80% विश्व बैंक की मांग पर सदस्य देश द्वारा जमा कराया जाता है।

विश्व बैंक के कार्य:-
वर्तमान में विश्व बैंक सदस्य देशों खासकर विकासशील देशों में, विकास कार्यों के लिए ऋण मुहैया कराने में मुख्य भूमिका निभा रहा है। बैंक विभिन्न विकास परियोजनाओं के लिए 5 से 20 वर्ष की अवधि के लिए ऋण मुहैया कराता है। 
i.बैंक सदस्य देशों को उसके शेयर के 20% तक प्रदत्त पूंजी के रूप में ऋण दे सकता है।

ii.बैंक सदस्यों से संबंधित निजी निवेशकों को अपनी खुद की गारंटी पर ऋण प्रदान करते हैं लेकिन निजी निवेशकों को अपने मूल देश से इसके लिए अनुमति लेने की जरूरत होती है। बैंक बतौर सेवा शुल्क 1% से 2% भी सदस्य देशों से लेता हैं। 
iii.ऋण सेवा, ब्याज दर, शर्तें और नियम के बारे में फैसला विश्व बैंक खुद करता है।

iv.आमतौर पर बैंक एक खास परियोजना के लिए ऋण प्रदान करता है जिसकी विधिवत प्रस्तुति सदस्य देश द्वारा बैंक में की जाती है।

v.ऋण लेने वाले देश को ऋण का पुनर्भुगतान या तो आरक्षित मुद्रा या जिस मुद्रा में ऋण मंजूर किया गया था, उसमें करना होता है।

विश्व बैंक और भारत:-

भारत ने गरीबी को कम करने, बुनियादी ढांचा और ग्रामीण विकास आदि जैसे क्षेत्रों में चलाए जाने वाली अलग– अलग परियोजनाओं के लिए विश्व बैंक से ऋण लिया है। आईडीए से मिलना वाला पैसा भारत सरकार के लिए सबसे रियायती बाहरी ऋणों में से एक है और सहस्राब्दि विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए चलाई जाने वाली सामाजिक क्षेत्र की परियोजनाओं में इसका बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है। विश्व बैंक से भारत को सबसे पहला ऋण 1948 में 68 बिलियन अमेरिकी डॉलर का दिया गया था। विश्व बैंक का मार्च 2011 तक भारत के ऊपर बकाया ऋण 11.28 अमेरिकी डॉलर था और IDA का ऋण 27 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।

विश्व बैंक सक्रियता का मूल्यांकन:-

विश्व बैंक ने अफ्रीका, एशिया और लातिन अमेरिका के विकासशील देशों को अपने ऋण का 75% दिया है जबकि यूरोप के विकसित देशों को सिर्फ 25%। लेकिन फिर भी ज्यादातर देश यही मानते हैं कि विकसित देशों का विश्व बैंक के ऊपर अधिक प्रभाव है क्योंकि ये देश इस बैंक की कुल संपत्ति में सबसे बड़े हिस्सेदार हैं I

विश्व बैंक के उद्देश्य और कार्य क्या है?

विश्व बैंक विशिष्ट संस्था है। इसका मुख्य उद्देश्य सदस्य राष्ट्रों को पुनर्निमाण और विकास के कार्यों में आर्थिक सहायता देना है। विश्व बैंक समूह पाँच अन्तर राष्ट्रीय संगठनों का एक ऐसा समूह है जो सदस्य देशों को वित्त और वित्तीय सलाह देता है। इसका मुख्यालय वॉशिंगटन, डी॰ सी॰ में है।

बैंक के क्या उद्देश्य है?

बैंक जिस प्रणाली के तहत अपने ग्राहकों को वित्तीय सेवाएँ प्रदान कर रहा होता है, उसे Banking सिस्टम कहा जाता है। स्पष्ट है की, बैंक एक ऐसा संस्थान है जो लोगों में बचत की आदत को प्रोत्साहित करने के साथ साथ, जरुरतमंदों को ऋण भी प्रदान करता है। इस तरह से कृषि और ग्रामीण विकास के, कई कार्यों में यह मदद भी करता है।

विश्व बैंक क्या है Drishti IAS?

विश्व बैंक संयुक्त राष्ट्र की ऋण प्रदान करने वाली एक विशिष्ट संस्था है, इसका उद्देश्य सदस्य देशों की अर्थव्यवस्थाओं को एक वृहद वैश्विक अर्थव्यवस्था में शामिल करना तथा विकासशील देशों में गरीबी उन्मूलन के प्रयास करना है। यह नीति सुधार कार्यक्रमों एवं संबंधित परियोजनाओं के लिये ऋण प्रदान करता है।

विश्व बैंक ने अपना कार्य कब प्रारंभ किया?

विश्व बैंक की स्थापना 1944 में अमेरिका के ब्रेटन बुडस शहर में IMF के अलावा जिस अन्य संस्था की स्थापना हुई वह अन्तर्राष्ट्रीय पुनर्निमाण एवं विकास बैंक (International Reconstruction and Development Bank - IRDB) था। इसे विश्व बैंक (World Bank) भी कहा जाता है।

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