डॉ जयंती प्रसाद नौटियाल इस वैश्विक वेबिनार में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने अपनी शोध के बारे में बताते हुए कहा कि उन्होंने जब यह शोध शुरू किया था तब लोग यह समझते थे कि हिंदी का विश्व में तीसरा या चौथा स्थान है, लेकिन जब उन्होंने 1997 में भारत सरकार, राजभाषा विभाग की पत्रिका 'राजभाषा भारती' – अक्तूबर–दिसंबर 1997 अंक में अपनी रिपोर्ट प्रकाशित करके यह सिद्ध कर दिया कि हिंदी बोलने वाले विश्व में सबसे अधिक है, इससे सम्पूर्ण विश्व आश्चर्यचकित हुआ। लेकिन विश्वस्तर पर और भारत सरकार के स्तर पर इसको स्वीकृति मिलने में चार दशक लग गए। आज इसे भारत सरकार द्वारा और वैश्विक जगत से मान्यता मिल चुकी है। डॉ नौटियाल की 2021 के भाषा शोध अध्ययन में यह सिद्ध हुआ की विश्व में हिंदी जानने वालों की संख्या 1356 मिलियन है, अंग्रेजी जानने वाले 1268 मिलियन हैं तथा मंदारिन जानने वाले 1120 हैं, इस प्रकार हिंदी विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है।
इस अवसर पर आमंत्रित वक्ता के रूप में भाग लेते हुए हिन्दी के प्रतिष्ठित साहित्यकार और राजभाषा के शीर्ष कार्यपालक डॉ. दामोदर खड्से ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यह शोध हिंदी की गरिमा तो बढ़ाता ही है साथ ही एक ऐसे सत्य से भी परिचित करता है जो अब तक अज्ञात था। उन्होंने इस शोध रिपोर्ट का पूर्ण समर्थन किया। मंगलोर विश्वविद्यालय की प्रोफेसर डॉ. नागरत्ना ने कहा कि इस शोध को अब भारत सरकार का अनुमोदन मिल जाने से इसको समस्त विश्वविद्यालयों में भी भेजा जा सकता है ताकि यह तथ्य सभी कि जानकारी में आ जाए। उन्होंने विशेष रूप से दक्षिण के राज्यों में हिन्दी के प्रति प्रेम को उजागर किया तथा डॉ. नौटियाल की शोध का पूर्ण समर्थन करते हुए इस शोध को प्रचारित और प्रसारित करने का अनुरोध किया। विश्व प्रसिद्ध साहित्यकार एवं बीबीसी के कार्यक्रम संचालक डॉ. विजय राणा ने हिन्दी और उर्दू के एकीकरण को महत्वपूर्ण मुद्दा मानते हुए कहा कि भाषा को किसी अन्य दृष्टि से न देख कर केवल वैज्ञानिक दृष्टि से देखने कि जरूरत है। इस रिपोर्ट को उचित स्थान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह शोध भारत कि गरिमा को बढ़ाने वाली है। भाषाविद डॉ. मीरा गौतम ने भी इस शोध कि सराहना करते हुए कहा कि हिंदी उर्दू के मामले में शोध को और अधिक विस्तार दिया जाना चाहिए। सभी वक्ताओं ने साझा संसार को धन्यवाद दिया कि उन्होंने आजादी के अमृत महोत्सव में एक और उत्सव मनाने का यह अवसर उपलब्ध कराया है।
विश्वविख्यात कवि डॉ. रामा जी ने कार्यक्रम का समाहार करते हुए अपना वक्तव्य दिया और “विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा हिन्दी है” का उद्घोष करने के लिए इस वेबिनार में भाग लेने वाले विश्व के अनेक देशों से जुड़े हिंदी साहित्यकारों, भाषाविदों और हिंदी प्रेमियों की सराहना की। संयोजक के रूप में साझा संसार की ओर से डॉ. रामा तक्षक ने आभार व्यक्त किया। इस कृतज्ञता ज्ञापन के बाद कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
व्याख्यानों के उपरांत प्रश्नोत्तर कार्यक्रम रखा गया जिसमें श्रोताओं द्वारा प्रश्न पूछे गए। डॉ. जयन्ती प्रसाद नौटियाल ने सभी प्रश्नों का तर्क संगत उत्तर दिया। साथ ही स्पष्ट किया की मेरी शोध रिपोर्ट में वर्णित सभी आंकड़े पुष्ट प्रमाण के आधार पर पूरी रिसर्च के आधार पर दिये गए हैं, इसमें त्रुटि की कोई संभावना नहीं है।
कार्यक्रम का मंच संचालन शिवांगी शुक्ला ने किया व तकनीकी संचालन आशीष कपूर द्वारा सम्पन्न हुआ।
आगे पढ़ें