मातृ दिवस (Mother’s Day) – जो माँ अपने बच्चे के सुख के लिए अपना पूरा जीवन लगा देती है, उसी माँ के सम्मान के लिए भारत ही नहीं बल्कि पुरे विश्व में मई के दूसरे रविवाार के दिन को मातृ दिवस (Mother’s Day) के रूप में मनाया जाता है. एक माँ अपने बच्चे को जितनी हो सके उतनी ख़ुशी देती है लेकिन खुद परेशानीयों का सामना करती है.
मातृ दिवस 2021
एक माँ के इतने त्याग के बाद भी बहुत से लोग अपनी माँ की कदर नहीं करते, और जब माँ को बुडापे में अपने पुत्र या पुत्री के जरूरत होती है तब उसकी सहायता के लिए कोई नहीं होता, और इसी तरह पहले माँ का जीवन बेटे के पालन पोषण से लेकर उसकी सुख सुविधा के लिए परेशानी में गुजरता है, और बाद में उम्र के साथ साथ खुद का पालन पोषण भी स्वयं करने की नौबत आ जाती है.
एक पुत्र जब अपने पालन पोषण में माँ के दिए योगदान की कदर नहीं करता, और अपना फर्ज पूरा नहीं करता तो वह अपने जीवन में कभी सफल नहीं हो सकता क्योंकि जिस माँ ने उसे पाल पोष कर बड़ा किया यदि वह उसी माँ की सेवा नहीं करता है, तो फिर वह व्यक्ति किसी के काम को क्या, वह किसी काम के लायक ही नहीं रह जाता है.
एक बेटे को अपने जीवन में यह बात याद रखनी चाहिए की जितना प्यार, परवाह, उसके माँ-पिता उसकी करते है उतनी परवाह उसकी पूरी दुनिया में कोई नहीं कर सकता है.
- पहला मातृ दिवस (Mother’s Day) सन 1914 में पहली बार मनाया गया था.
- मातृ दिवस की शुरुआत अमेरिका से हुई थी.
- ग्रीस के लोग अपने देवताओं की माँ स्य्बेले की पूजा किया करते है और कुछ तथ्यों के अनुसार इसे ही मातृ दिवस की शुरुआत होने की वजह माना जाता रहा है.
- 8 मई, 1914 को अमेरिकी राष्ट्रपति वूडरो विलसन ने मातृ दिवस को अधिकारी तौर पर मानाने, इस दिन को छुट्टी और इस दिवस को मई के दुसरे रविवार को मनाये जाने की घोषणा की थी.
- माँ को सम्मान देने के लिए इस दिवस को पुरे विश्व में मनाया जाता है.
- मातृ दिवस पर एक पुत्र अपनी माँ को जीवन भर उसकी सेवा करने और उसे हमेशा खुश रखने का वचन देता है तो एक माँ के लिए इससे बड़ा कोई दूसरा उपहार नहीं हो सकता है.
- माँ अपने बेटे के लिए पुरे जीवन भर जो काम करती है वह उसका एहसान बेटा किसी भी किमत पर नहीं चूका सकता है.
अन्य महत्वपूर्ण दिवस :
- विश्व हास्य दिवस, मजदूर दिवस, विश्व जानवर दिवस, पृथ्वी दिवस, विश्व स्वास्थ्य दिवस, अप्रैल मूर्ख दिवस, अंतराष्ट्रीय महिला दिवस, गणतन्त्र दिवस, संविधान दिवस
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नमस्कार दोस्तों मेरा नाम अनूप भट्ट है और मैं उत्तराखंड से हूँ, इस Website पर आपको Biography, Special Day, Festival, Temple और इसी तरह के बहुत से Topic से Related विषयों पर जानकारी दी जाती है।
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मातृ दिवस विशेष जानकारी
मां , दुनिया के हर बच्चे के लिए सबसे खास सबसे प्यारा रिश्ता। उस मां को सम्मानित करने के लिए मई माह के दूसरे रविवार को विशेष दिवस मनाया जाता है।
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> > लेकिन अलग-अलग देशों में इस दिन को मनाने की अलग-अलग कहानी है। आइए जानते हैं मदर्स डे पर संजोई गई यह स्पेशल जानकारियां-
Mother's Day 2022: जब दवा काम न आये तब नजर उतारती हैं, ये माँ हैं साहब हार कहाँ मानती हैं. मां का आँचल अपनी संतान के लिए कभी छोटा नहीं पड़ता. माँ का विश्वास और प्रेम अपनी संतान के लिए इतना गहरा और अटूट होता है कि माँ अपने बच्चे की खुशी के खातिर सारी दुनिया से लड़ सकती है. वो एक अकेली बहुत होती है. मदर्स डे उन सभी माताओं को समर्पित है जो आपकी पहली शिक्षक हैं और एक बच्चे को
उसके लक्ष्य की तरफ बढ़ने में मदद करती हैं. हर साल मदर्स डे मई के दूसरे हफ्ते आने वाले रविवार को मनाया जाता है. इस साल 8 मई यानी आज के दिन मदर्स डे मनाया जा रहा है. ऐसे ही बता दें कि इसके इतिहास के बारे में पता होना जरूरी है. जानते हैं इनके बारे में...
मदर्स डे का इतिहास
मदर्स डे का प्राचीन इतिहास काफी रोचक है.इस दिन को लेकर कहा जाता है कि प्राचीन काल में मां के प्रति सम्मान यानी मां की पूजा ग्रीस (यूनान के नाम से भी कई लोग जानते हैं) में प्रारंभ हुआ था.कई लोगों का मानना है कि उस समय के लोग ग्रीस देवताओं की मां को ही सम्मान या पूजा करते थें.हालांकि, इसका कोई पुख्ता जानकारी किसी के पास नहीं है।
पहली बार कब मनाया गया मदर्स डे
अकसर लोगों के मन में सवाल आता है कि मदर्स डे कब मनाया गया तो बता दें कि सन् 1908 के आसपास इस दिन को मनाने का विचार आया था. लेकिन 1914 के आसपास इस दिन को मनाने की घोषणा की गई थी. तब से मई महीने की दूसरे हफ्ते के रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है. आधुनिक दुनिया की बात की जाए तो अमेरिका में सबसे पहले मदर्स डे मनाया गया था.
भारत में मदर्स डे का इतिहास
भारत में प्राचीन समय में मदर्स डे को लेकर कुछ खास नहीं होता था, लेकिन पिछले कुछ दशकों से भारत में भी यह दिन बेहद ही पॉपुलर हो चुका है.आज छोटे गांव से लेकर बड़े शहर तक इस दिन को बेहद ही प्यार के साथ सेलिब्रेट किया जाता है.इस दिन भारतीय लोग अपनी-आपनी मां को गिफ्ट देना, यात्रा पर साथ जाना, साथ में डिनर पर जाना आदि चीजें करना पसंद करते हैं.
मदर्स डे मई माह के दूसरे रविवार को मनाने के पीछे का कारण
मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाने के पीछे भी एक कारण है. हालांकि एक्टिविस्ट एना जार्विस ने भले ही मदर्स डे की नींव रखी है लेकिन मदर्स डे कि औपचारिक रूप से शुरुआत 9 मई 1914 से हुई है. अमेरिका के राष्ट्रपति वुड्रो विल्सन ने एक कानून पास किया था. जिसमें उन्होंने लिखा था कि मई महीने के हर दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाएगा. औपचारिक तौर पर मदर्स डे को प्रत्यक्ष रूप से स्वीकृति अमेरिका राष्ट्रपति ने दी थी. इसी कारण अमेरिका, भारत सहित कई देशों में मई महीने के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाने लगा.
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Published Date Sun, May 8, 2022, 6:34 AM IST