विटामिन डी की कमी से होने वाला रोग कौन सा है? - vitaamin dee kee kamee se hone vaala rog kaun sa hai?

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए विटामिन डी (Vitamin D) बहुत जरूरी होता है। इससे शरीर को एनर्जी (Energy) मिलती है। विटामिन डी का सबसे अच्छा स्रोत धूप होता है। इसलिए इस विटामिन को धूप से मिलने वाला विटामिन कहा जाता है। विटामिन डी हमारे शरीर के हड्डियों (Bones) और मासंपेशियों (Muscles) के लिए बहुत जरूरी होता है। इससे हड्डियां मजबूत होती है। लेकिन अगर शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाए, तो इससे कई तरह की बीमारी हो सकती है। जानिए शरीर में विटामिन डी की कमी होने पर कौन-कौन से रोग हो सकते हैं।

विटामिन डी की कमी के लक्षण

  • कमजोरी महसूस होना
  • चिड़चिड़ापन
  • हड्डियों का कमजोर होना
  • जोड़ों में दर्द की शिकायत
  • ज्यादा नींद आना

विटामिन डी की कमी से कौन सा रोग होता है (Vitamin D Ki Kami Se Kon Sa Rog Hota Hai In Hindi)

हड्डियां होती हैं कमजोर

शरीर में विटामिन डी की कमी से हड्डियां कमजोर हो जाती है। जिसकी वजह से जोड़ों में दर्द (Joint Pain) की शिकायत शुरू हो जाती है। अगर किसी के जोड़ों में अक्सर दर्द की शिकायत होती है, तो उसके शरीर में विटामिन डी की कमी हो सकती है।

हार्ट संबंधी हो सकती है बीमारी

शरीर में विटामिन डी की कमी से हार्ट (Heart) संबंधी बीमारी हो सकती है। अगर शरीर में विटामिन डी भरपूर मात्रा में मौजूद रहता है, तो उससे हार्ट भी मजबूत होता है। इसलिए हार्ट को मजबूत रखने के लिए विटामिन डी का होना बहुत जरूरी होता है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है

विटामिन डी की कमी से रोग प्रतिरोधक (Immunity) क्षमता कमजोर होती है। अगर शरीर में विटामिन डी की कमी होती है, तो इससे किसी भी तरह का इंफेक्शन हो सकता है। वायरल इंफेक्शन से बचने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता का मजबूत होना बहुत जरूरी होता है।

डायबिटीज का बढ़ता है खतरा

शरीर में विटामिन डी की कमी होने पर लोग डायबिटीज (Diabetes) के शिकार भी हो सकते हैं। किसी के शरीर में विटामिन डी की कमी होने से शुगर होने का खतरा काफी बढ़ जाता है।

ब्लड प्रेशर की हो सकती है बीमारी

शरीर में विटामिन डी की कमी से ब्लड प्रेशर की शिकायत हो सकती है। अगर किसी के शरीर में विटामिन डी की कमी होती है। तो इससे ब्लड प्रेशर की बीमारी हो सकती है। इसलिए शरीर में विटामिन डी भरपूर मात्रा में होना बहुत जरूरी होता है।

पेट संबंधी बीमारी हो सकती है

विटामिन डी की कमी से पेट संबंधी बीमारी भी हो सकती है। अगर किसी के शरीर में विटामिन डी की कमी होगी तो, उससे पाचन तंत्र कमजोर हो सकता है।

बाल झड़ने की हो सकती है शिकायत

शरीर में विटामिन डी की कमी होने की वजह से बाल झड़ने (Hair Fall) की समस्या शुरू हो सकती है। बालों को मजबूत रखने के लिए विटामिन डी बहुत जरूरी माना जाता है।

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

Edited by Rakshita Srivastava

Thank You!

प्रिय पाठकों, आज के इस लेख में हम आपको विटामिन डी की कमी से होने वाले रोग, लक्षण, उनके कारण एवं उपचार के बारे में बताएंगे। 

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम खुद के लिए बहुत ही कम वक्त निकाल पाते हैं जो हमारे शरीर के लिए बहुत ही नुकसानदायक होता है। अतः हमें अपनी दिनचर्या को परिवर्तित करना चाहिए और खुद के लिए थोड़ा वक्त निकालना चाहिए। 

हमारे शरीर को प्रोटीन, कैलशियम व विटामिंस की आवश्यकता होती है। इसके लिए हमें विटामिन व मिनरल्स से भरपूर आहार का सेवन करना चाहिए। 

आधुनिक समय में हम इतना व्यस्त हो गए हैं कि हम अपने शरीर व स्वास्थ्य पर ध्यान ही नहीं दे पाते हैं। अच्छे स्वास्थ्य के लिए हमें कई प्रकार के विटामिन्स की आवश्कता होती है जिनमें विटामिन डी(Vitamin D) प्रमुख हैं। अब बात आती है कि हम शरीर में विटामिन डी की मात्रा को कैसे नियमित कर सकते हैं। दरअसल इसके लिए हम कुछ विशेष चीज़ों का सेवन कर सकते हैं। इसी के साथ साथ प्राकृतिक स्रोत के रूप में हम सूरज की किरणों पर भी ध्यान दे सकते हैं। जी हाँ, सूरज की किरणों में विटामिन डी की प्रचुर मात्रा पाई जाती है। आज के अपने इस लेख में हम विटामिन डी से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण बातों की चर्चा करेंगे। तो आइए अपने इस लेख को आगे बढ़ाते हैं।

क्यों ज़रूरी है विटामिन डी?

आजकल की व्यस्त दिनचर्या में व्यक्ति ना ढंग से सो पाता है तथा ना ढंग से खा पाता है। ये हमारे शरीर को अत्यधिक नुकसान पहुंचाता है। इसी से आजकल लोग ज्यादा बीमार होते हैं।  

विटामिन डी हमारे शरीर को स्वस्थ रखता है व हड्डियों को मजबूत बनाता है। शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को मज़बूत करता है। कैंसर जैसी बीमारियों से लड़ने में मदद करता है। विटामिन डी की कमी को दूर करने के लिए मेडिकल स्टोर्स पर कैप्सूल्स भी उपलब्ध होते हैं जिनका सेवन करके हम अपने शरीर में विटामिन डी की कमी को पूरा कर सकते हैं। एक बात का विशेष ख़याल रखना चाहिए कि इन कैप्सूल्स का सेवन करने से पहले डॉक्टरी परामर्श आवश्यक है। 

 विटामिन डी के प्रकार-

1.) विटामिन D2(एग्रो कैल्सी फेरोल) 

विटामिन D2 मनुष्य के शरीर में नहीं होता है। यह विटामिन पौधों से प्राप्त किया जा सकता है। इस विटामिन का निर्माण पौधे सूरज की पराबैंगनी किरणों की उपस्थिति में करते हैं। 

2.) विटामिन D3(कोलेकैल्सिफेरॉल) 

इस विटामिन का निर्माण मनुष्य के शरीर में ही होता है। यह मनुष्य द्वारा सूरज की किरणों से प्रतिक्रिया होने से निर्मित होता है। इस विटामिन को हम मछली के सेवन से भी प्राप्त कर सकते हैं। 

 विटामिन डी की कमी के लक्षण 

1.) ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप)

2.) थकान महसूस करना

3.) जोड़ों और हड्डियों में दर्द होना

4.) शरीर में झुर्रियां पड़ना

5.) डिप्रेशन और तनाव  होना

6.) मांसपेशियां कमजोर होना

7.) डायबिटीज होना

8.) कैंसर का खतरा होना

9.) इम्यूनिटी कमजोर होना

10.) बच्चों में रिकेट्स रोग का होना

11.) हड्डियों का मुलायम होना

विटामिन डी की कमी से क्या होता है?

विटामिन डी की कमी होने पर हमारे शरीर की  इम्यूनिटी कमजोर पड़ने लगती हैं और हम बहुत जल्दी थक जाते हैं। हमारा शरीर बहुत ही कमजोर महसूस करने लगता है। इसकी वजह से हम जल्दी बीमार पड़ने लगते हैं और हमारे शरीर की हड्डी एवं दांतों में दर्द बना रहता है। 

किन लोगों में होती है विटामिन डी की कमी?

विटामिन डी की कमी आमतौर पर पोषण की कमी है जो हर तीसरे इंसान में देखी जा सकती हैं। यह बच्चों और वयस्क मनुष्यों दोनों में सामान्य रूप से होती है। यह उन लोगों में ज्यादा देखी गई है जो ज्यादातर बंद कमरों में रहते हैं। उन्हें शुद्ध वातावरण नहीं मिल पाता है। इसके अलावा जो लोग डेयरी उत्पादों जैसे दूध, दही, मक्खन, घी इत्यादि का सेवन बहुत ही कम मात्रा में करते हैं या नहीं करते हैं उनमें भी विटामिन डी की कमी पाई जाती है। 

आजकल लोगों में पोषण की कमी ज़्यादा देखी जाती है क्योंकि वे फास्ट फूड या जंक फूड जैसे पिज़्ज़ा, बर्गर व बाहर की वस्तुओं का अधिक सेवन करते हैं। ये नुक़सानदेह होती हैं। जो लोग बीमारी की वजह से बाहर नहीं निकल पाते या जो लोग नाइट शिफ्ट में ड्यूटी करते हैं उनमें भी विटामिन डी की कमी हो सकती है। इसी के साथ साथ गर्भवती महिलाएँ तथा शाकाहारी लोग जो अपने आहार में पोषण से भरपूर चीज़ों को शामिल नहीं करते हैं उनके शरीर में भी विटामिन डी की कमी पाई जाती है।                                                     

विटामिन डी कैसे प्राप्त कर सकते हैं? 

सूर्य के संपर्क में आने पर हमारे शरीर को विटामिन डी प्राप्त होता है जो हमारे शरीर के लिए लाभदायक होता है। 

अनेक प्रकार के विटामिन्स शरीर के लिए आवश्यक हैं तथा इनकी कमी से हमारे शरीर में कई रोग हो सकते हैं। 

विटामिन डी एक ऐसा विटामिन है जो शरीर के विकास के लिए आवश्यक है। यदि शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाए तो ऐसे में शरीर सूखा रोग से ग्रस्त हो जाता है। सूखा रोग को हम रिकेट्स के नाम से भी जानते हैं।

विटामिन डी को हम अनेक विशेष प्रकार की खाद्य सामग्रियों से प्राप्त कर सकते हैं। 

शरीर को विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचाने तथा विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए हम निम्नलिखित इन चीज़ों को अपने आहार में शामिल हर सकते हैं- 

1.) अंडा

2.) संतरा

3.) दूध

4.) मशरूम

5.) दही

6.) अनाज 

7.) मीट

8.) मछली  

निम्नलिखित चीज़ों का सेवन करें-

1.) अंडा 

अंडे की जर्दी में विटामिन डी भरपूर मात्रा में पाया जाता है अतः हमें अंडा खाना चाहिए। 

प्रतिदिन एक अंडा जरूर खाना चाहिए। 

2.) दूध

दूध से भी हमें काफी मात्रा में पोषक तत्व प्राप्त होते हैं। 

दूध में कैल्शियम और विटामिन डी भरपूर मात्रा में पाया जाते हैं। भैंस और गाय के दूध में से गाय का दूध ज्यादा पौष्टिक होता है। 

3.) मशरूम

बहुत से लोगों को मशरुम बिल्कुल पसंद नहीं होता है लेकिन यह फ़ायदेमंद होता है। हमें मशरूम खाना चाहिए। यह ठंड के मौसम में मार्केट में आसानी से उपलब्ध होता है। यह विटामिन b1, B2, B5, विटामिन C और विटामिन D का अच्छा स्त्रोत है। 

4.) दही

हमें रोज दही का सेवन करना चाहिए। यह हमारे शरीर के लिए फायदेमंद होता है। इससे न केवल विटामिन डी एवं कैल्शियम ही प्राप्त होता है बल्कि इससे हाजमा भी ठीक रहता है। 

5.) मछली

जो लोग नॉनवेज खाते हैं वे मछली को अपने भोजन में शामिल करके विटामिन डी प्राप्त कर सकते हैं। इसमें विटामिन ए और विटामिन  B12 भी होता है। 

6.) संतरा 

वैसे तो लोग यह मानते हैं कि संतरा विटामिन सी का स्रोत है परंतु संतरा खाने से हमें विटामिन डी भी पर्याप्त मात्रा में प्राप्त होता है। अतः हमें संतरे को अपने भोजन में शामिल करना चाहिए। 

7.) साबुत अनाज

मूंग, चना  इत्यादि में विटामिन डी पाया जाता है। इसे रात में भिगोकर रख देना चाहिए और सुबह इसका सेवन करना चाहिए। 

अपने आहार में साबुत अनाजों, गेहूं इत्यादि को भी शामिल करना चाहिए। गेहूं के आटे की रोटियां बना कर खा सकते हैं। ये हमारे लिए फायदेमंद होती है। 

8.) ओट्स

ओट्स में विटामिन डी पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। इसमें फाइबर भी पाया जाता है। यह हमारे द्वारा ग्रहण किए गए भोजन को पचाने में सहायक होता है। 

9.) मीट

नॉनवेज के शौकीन लोग नॉनवेज का सेवन करते हैं जिससे उन्हें अच्छी मात्रा में विटामिन डी प्राप्त हो जाता है। 

10.) धूप लें

सुबह की धूप हमारे शरीर के लिए फायदेमंद होती है। लगभग आधे घंटे तक हमें धूप में बैठना चाहिए जिससे हमारे शरीर को धूप प्राप्त हो सके और विटामिन डी की कमी पूरी हो सके। 

इसके अलावा सुबह की धूप के माध्यम से भी हम विटामिन डी प्राप्त कर सकते हैं।

वैसे तो सूरज की किरणों में विटामिन डी पाया जाता है लेकिन इसके अत्यधिक संपर्क में रहने से सनबर्न तथा टैनिंग जैसी समस्या हो सकती है। इसलिए सुबह केवल कुछ समय के लिए ही सूर्य की किरणों के संपर्क में रहें।

उपचार 

विटामिन डी की कमी से बचने के अपनी जीवनशैली में बदलाव करना आवश्यक है।

हम सभी को प्रत्येक दिन 60 -1000 आईयू विटामिन डी लेना चाहिए। इससे हमारा शरीर स्वस्थ रहता है और विटामिन डी की कमी नहीं होती है। 

विटामिन डी की कमी का उपचार उसके लक्षणों पर निर्भर करता है। डायग्नोसिस के बाद इस बात का पता चलता है कि किसी व्यक्ति के शरीर में विटामिन डी का स्तर कितना है। इसी आधार पर डॉक्टर उपचार की प्रक्रिया को शुरू करता है।

यह रक्त की जांच के द्वारा पता लगाया जाता है कि यह किस स्तर की कमी है। तत्पश्चात डाक्टरी परामर्श के अनुसार दवा खाकर इसे कंट्रोल किया जाता है। 

विटामिन डी की कमी का खतरा किस को अधिक रहता है?

1.) बाईपास सर्जरी करवाने वाले लोगों को खतरा अधिक रहता है। 

2.) 5 साल से कम उम्र के बच्चों को खतरा अधिक रहता है। 

3.) मोटापे से ग्रसित लोगों को खतरा अधिक रहता है। 

4.) धूम्रपान करने वाले लोगों को खतरा अधिक रहता है। 

5.) टीवी के मरीजों को खतरा रहता है। 

6.) कैंसर के मरीजों को। 

7.) बुजुर्गों में। 

बचने के उपाय-

1.) वजन को नियंत्रण में रखना चाहिए। 

2.) आहार में मछली, पालक, पनीर, सोयाबीन  को शामिल करना चाहिए। 

3.) कभी-कभी विटामिन डी की अधिकता या कमी के कारण भी नुकसान होता है जैसे हड्डियों का कमजोर होना, हड्डियों का टूटना इत्यादि। इनका पता लगाने के लिए भी टेस्ट किया जाता है। 

4.) पैरा थायराइड ग्रंथि जो कार्य करती है उस पर नजर रखने के लिए भी विटामिन डी की जांच करना आवश्यक है। 

5.) टेस्ट करना तब और भी जरूरी हो जाता है जब कोई व्यक्ति पोषण की कमी से जूझ रहा हो। 

टेस्ट कैसे किया जाता है?

विटामिन डी के टेस्ट के लिए खून की कुछ मात्रा मनुष्य के शरीर से ली जाती है। इस रक्त को लेने के लिए शरीर के उस हिस्से पर पट्टी या बैंड बांध दिया जाता है जिससे शरीर के अंदर की नसों में खून बहना बंद हो जाता है और नसे बिल्कुल स्पष्ट दिखाई देती हैं। उस जगह से खून सिरिंज से निकाल लिया जाता है। इंजेक्शन में एक शीशी जुड़ी रहती हैं जिसमें खून एकत्र कर लिया जाता है। बच्चों में यह खून बच्चों के उंगली से लिया जाता है। 

जिस जगह से खून निकाल लिया जाता है वहां पर बैंडेज लगा दिया जाता है। कभी-कभी उस जगह पर जहां से खून लिया जाता है वहां पर निशान नीला या काला पड़ जाता है। 

निष्कर्ष 

आज के इस लेख में हमने आपको विटामिन डी से जुड़ी अधिक से अधिक जानकारी देने की कोशिश की है। आशा करते हैं कि यह आपके लिए उपयोगी साबित हुई होगी। लेख से संबंधित सवालों एवं सुझावों को आप कमेंट बॉक्स में लिखकर हमसे शेयर करना ना भूलें।

विटामिन डी की कमी से कौन सा रोग होता है नाम बताइए?

विटामिन डी हमारी हड्डियों और दांतों के लिए काफी जरूरी होता है. बच्चों में विटामिन डी की कमी को रिकेट्स के नाम से जाना जाता है जिसमें हड्डियां काफी सॉफ्ट हो जाती हैं और आसानी से टूटने लगती हैं. वहीं, वयस्कों में विटामिन डी की कमी से ऑस्टियोपोरोसिस, या हड्डियों के पतले होने का खतरा बढ़ जाता है.

विटामिन डी की कमी से क्या क्या होता है?

विटामिन डी कैल्शियम अवशोषण और हड्डियों के स्‍वास्‍थ्‍य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विटामिन डी की कमी होने से आपकी बोन डेंसिटी भी कम हो जाती है, जिससे हड्डियों में फ्रैक्चर होने की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है। इसमें व्यक्ति को हड्डियों और मांसपेशियों में लगातार दर्द महसूस होने लगता है।

सबसे ज्यादा विटामिन डी कौन से फल में होता है?

सबसे पहले बात करते हैं सेब की. इस फल में भी भरपूर मात्रा में विटामिन डी पाई जाती हैं. आप चाहें तो इसका जूस के रूप में या सलाद के रूप में खा सकते हैं. इस फल में भी प्रचुर मात्रा में विटामिन डी होता है.

विटामिन डी के लक्षण क्या होते हैं?

अगर आपके शरीर में विटामिन डी की कमी है तो आपको इसके कुछ खास लक्षण नजर आएंगे..
वजन बढ़ना.
मूड पर असर.
हड्डियों और जोड़ों में दर्द.
हेयर फॉल.
डाइट में शामिल करें ये चीजें.

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