वायरल बुखार को कैसे ठीक करें? - vaayaral bukhaar ko kaise theek karen?

Home Remedies For Viral Fever: वायरल बुखार से हैं परेशान तो इन घरेलू नुस्‍खों से दें वायरल फीवर को मात

नई दिल्ली:

Home Remedies For Viral Fever: वायरल फीवर (Viral Fever)...बदलते मौसम में होने वाली आम बीमारी है, जो तेजी से लोगों को अपना शिकार बना रही है. कभी-कभी बारिश के बाद निकलती तेज धूप और चिलचिलाती गर्मी तापमान में बदलाव कर देती है, जिससे शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है. यही कारण है कि बुखार के बैक्टीरिया आसानी से शरीर में घर कर जाते हैं. यही शरीर में होने वाले इंफेक्शन का कारण भी है. ये इंफेक्शन तेजी से एक इंसान से दूसरे इंसान में प्रवेश कर जाता है. कई बार लोगों को इसे समझने में काफी देर लग जाती है, तब तक ये पूरी तरह शरीर पर काबू पा चुका होता है. आज हम आपको बतायेंगे इसके लक्षणों के बारे में, कुछ ऐसे संकेत, जिन्हें जानना आपके लिए जरूरी है. इससे बचने के लिए घर बैठे कर सकते हैं ये आसान उपाय.

क्या है वायरल फीवर ( What Is Viral Fever)

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अलग-अलग तरह के वायरस से होने वाले इन्फेक्शन्स का कारण है वायरल फीवर (Viral Fever). इसके बुखार का इलाज सिम्प्टम्स के आधार पर किया जाता है, इसलिए इसके लक्षण दिखने पर नजरअंदाज ना करें तुरंत डॉक्टर से सलाह लें.

 Home Remedies For Viral Fever: जानिये वायरल फीवर के लक्षण

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वायरल फीवर के लक्षण  (Symptoms of Viral Fever)

  • सिर दर्द.
  • जोड़ों में दर्द.
  • आंखों का लाल होना.
  • माथा बहुत तेज गर्म होना.
  • उल्टी और दस्त होना.
  • बॉडी का टेम्प्रेचर बढ़ना.
  • ठंड और कंपकपी लगना.
  • सर्दी-जुकाम, नाक बहना.
  • सिरदर्द, बदन दर्द.
  • उल्टी या डायरिया होना.

तुलसी (Basil)

वायरल फीवर (Viral Fever) से निजात पाने के लिए आप तुलसी (Basil) की पत्तियों का इस्तेमाल कर सकते हैं. तुलसी (Basil) की पत्तियों को चबाने से शरीर में फैल रहे वायरस से आपको निजात मिल सकता है. इसके साथ ही आप 10 से 15 तुलसी (Basil) के पत्तों में एक चम्मच लौंग के चूर्ण के साथ एक लीटर पानी मिलाकर उसको तब तक उबाले, जब तक वो पानी लिए पानी से आधा ना हो जाये. ठंडा होने पर पानी छान लें और हर एक घंटे में पियें, इससे आपको काफी आराम मिलेगा.

 Home Remedies For Viral Fever: वायरल फीवर में मेथी का पानी है फायदेमंद 

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मेथी का पानी पिए (Drink Fenugreek Water)

वायरल फीवर (Viral Fever) से जल्द छुटकारा पाने के लिए एक कप मेथी के दाने लें. उसे रातभर भिगों कर रख दें और सुबह छान लें. इसे हर एक घंटे में पिएं.

हल्दी और सौंठ का पाउडर (Turmeric And Fennel Powder)

वायरल फीवर (Viral Fever) में हल्दी और सौंठ का पाउडर काफी फायदेमंद है. सौंठ यानी कि अदरक का पाउडर, जिसमें फीवर को ठीक करने वाले गुण मौजूद होते हैं. इसके लिए बस आपको एक छोटी चम्मच हल्दी, एक चम्मच काली मिर्च का पाउडर, थोड़ी सी चीनी और एक चम्मच सौंठ का पाउडर मिलाएं. इन सभी चीजों का एक कप पानी में उबाल लें. ठंडा करने के बाद थोड़ी-थोड़ी देर में पिएं.

धनिये की चाय (Coriander Tea)

धनिये (Coriander Tea) की चाय वायरल फीवर से छुटकारा दिलाने में आपके लिए मददगार साबित हो सकती है. इसमें कई औषधीय गुण पाये जाते हैं, जो हमारी सेहत के लिए काफी फायदेमंद है,  इसलिए जब भी आपको वायरल फीवर (Viral Fever) लगे तो आप धनिये (Coriander Tea) की चाय का सेवन जरूर करें.

नींबू और शहद (Lemon And Honey)

वायरल फीवर (Viral Fever) दूर करने के लिए आप नींबू और शहद (Lemon And Honey) की मदद ले सकते हैं. ये काफी असरदार है और हेल्थ के लिए भी काफी फायेदमंद है.

वायरल बुखार का अर्थ है वायरल संक्रमण की प्रचुरता, जो शरीर का सामान्य तापमान बढ़ा देता है। कमज़ोर प्रतिरोधी क्षमता की वजह से ये बच्चों और वृद्धों की आम बीमारी है। वायरल बुखार के मरीज शरीर में दाने, बदन दर्द और सिर दर्द जैसी परेशानियों से पीड़ित रहते हैं। वायरल बीमारी के इलाज के लिए दवाएं उपलब्ध हैं। कुछ मामलों में घरेलू दवाएं भी कारगर साबित होती हैं।

वायरल बुखार के बारे में कुछ जानकारी प्राप्त करते हैं:

शुरुआत करते हैं कारणों से। कारण जान लेने पर वायरल बुखार दूर रखने में आसानी हो जाती है।

जैसा नाम से ही पता चलता है, जब बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति के शरीर के तरल पदार्थों के संपर्क में दूसरा व्यक्ति आता है तो उसे भी वायरल बुखार हो जाता है। इस प्रक्रिया को समझना ज़्यादा आसान है। एक नज़र डालते हैं वायरल बुखार फैलानेवाली वैसे आम कारणों पर जिनसे आमतौर पर लोग अंजान रहते हैं।

जब कोई बीमार खांसता है, जम्हाई लेता है, छींकता है, या बोलता है तो उसके मुंह से तरल की बेहद छोटी बूंदें निकलती हैं, जिनमें बैक्टीरिया या वायरस होता है। अगर आप उस व्यक्ति के करीब खड़े हैं तो ये बैक्टीरिया आपके शरीर में नाक या मुंह के रास्ते प्रवेश कर जाता है और आप भी बीमारी से ग्रस्त हो जाते हैं। एक बार बीमारी के ग्रस्त होने के बाद उसे उभरने में 16 से 48 घंटे लगते हैं

अब देखते हैं कि वायरल बुखार के क्या लक्षण होते हैं:

चुंकि वायरल बुखार के लक्षण कई अन्य बीमारियों के लक्षण जैसे होते हैं, आपके लिए इस बीमारी के विशेष लक्षण जानना आवश्यक है, ताकि वायरल बुखार और दूसरी बीमारियों के बीच फर्क करना आसान हो जाए। आपको शरीर के उच्च ताप की जांच करनी है, जो निम्नलिखित वजहों से हो सकते हैं:

  • नियमित अंतराल पर होनेवाले बुखार
  • कंपकंपी के साथ बुखार आना
  • दवाओं के इस्तेमाल से भी बुखार कम ना होना
  • लम्बे समय तक बुखार रहना

बुखार के कुछ और लक्षण हैं जोड़ों के पास दर्द होना, शरीर में दाने निकलना, चेहरा फूल जाना और उल्टियां होना। आप आपमें ऐसे कोई भी लक्षण मिलते हैं तो फौरन अपने डॉक्टर के पास जाएं।

बीमारी का पता लगाना:

आपके डॉक्टर आपमें पाए गए लक्षणों की जांच करेंगे और बीमारी के बारे में एक नतीजे पर पहुंचेंगे। हालांकि कुछ मामलों में डॉक्टर खून की जांच कराने को भी कह सकते हैं, ताकि टायफाइड, डेंगी, मलेरिया, चिकनगुनिया इत्यादि बीमारियों की आशंका दूर हो सके।

खून की जांच वैसी स्थितियों में भी कराई जा सकती है, जब आपके डॉक्टर को कारणों की जैविक संरचना में फर्क जानना होता है। सामान्य शब्दों में कहें तो आपके डॉक्टर ये जानना चाहते हैं कि बुखार की वजह बैक्टीरिया है या वायरस।

इलाज:

अगर आपको बुखार हो गया है तो पूरी तरह आराम करें। जब तक ठीक नहीं हो जाते, गर्म और तरल भोजन, जैसे सूप और खिचड़ी खाएं। अगर आपको तेज बुखार और शरीर में दर्द हो रहा हो, तो अपने डॉक्टर को फौरन दिखाएं।

हमारी सलाह है कि बीमार होने पर खुद बुखार दूर करनेवाली दवा, एंटीबायोटिक दवा और दर्द दूर करनेवाली दवाएं ना लें। आपके लिए ये जानना बेहद ज़रूरी है कि वायरल बुखार में एंटीबायोटिक दवाएं किसी काम की नहीं होतीं। एंटीबायोटिक दवाएं बैक्टीरियां को दूर करने के लिए इस्तेमाल की जाती हैं, वायरस दूर करने के लिए नहीं; लिहाजा ऐसी दवाएं लेने पर बिना मतलब एसिडिटी और पेट की बीमारियों को आमंत्रित कर रहे हैं।

ये सुनिश्चित करें कि बीमारी से बेहतर महसूस करने के बावजूद आप डॉक्टर की दी गई दवा का कोर्स पूरा करें। दवा के कोर्स के बीच में ही एंटीबायोटिक्स लेना बंद कर देने पर बेक्टीरिया प्रतिरोधी क्षमता विकसित नहीं हो पाती। इससे आपके और आसपास के लोगों के एक बार फिर बीमारी से ग्रस्त होने की आशंका बढ़ जाती है।

सबसे महत्त्वपूर्ण हिस्सा – रोकथाम

हम लोगों को डराने की कोशिश नहीं कर रहे, बल्कि व्यक्तिगत रूप से सफाई पर ध्यान देने की सलाह दे रहे हैं। ऐसे कुछ सामान्य उपायों से बीमारियों से दूर रहा जा सकता है, मसलन-

  • डिटॉल लिक्विड हैंडवॉश जैसे कीटाणु नाशक से हाथ-बार-बार धोएं।
  • भीड़-भाड़ से दूर रहें और डिटॉल मल्टी यूज़ वाइप हर वक्त अपने साथ रखें।
  • बिना हाथ धोए अपना चेहरा, मुंह और नाक छूने से बचें।

दूसरी महत्त्वपूर्ण बात ये है कि अगर आपको वायरल बुखार हुआ है तो जब भी खांसी, जम्हाई या छींक आए अपना मुंह रुमाल से ढंक लें।

वायरल बुखार कितने दिन में ठीक हो जाता है?

वायरल फीवर कितने दिन रहता है? सीनियर कंसलटेंट डॉ. प्रशांत एस बताते हैं कि बुखार की तीव्रता मरीज के उम्र पर निर्भर करती है और अगर वायरल फीवर किसी फ्लू वायरस की वजह से हुआ है तो इसे ठीक होने में कम से कम 5 दिनों का समय लगता है।

बुखार तुरंत कैसे ठीक करें?

बुखार को कम करने का सबसे अच्छा तरीका खूब पानी पिएं। पानी का सेवन बढ़ाने से शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स निकल जाते हैं, जिससे डिटॉक्स के साथ इन्फेक्शन भी निकल जाता है। बुखार में शरीर ज़्यादा गर्म हो जाता है, जिससे पसीना आता है ताकि शरीर ठंडा हो। लेकिन पसीना आपके शरीर में पानी की कमी भी कर सकता है।

वायरल फीवर हो तो क्या करना चाहिए?

वायरल फीवर में आमतौर पर भूख ना लगने के कारण व्यक्ति पर्याप्त रूप से भोजन नहीं करता है ऐसी स्थिति में उसे ज्यादा से ज्यादा मात्रा में तरल पदार्थ का सेवन करना चाहिए। नियमित अंतराल पर ठंडे पानी से स्पंज करने से बुखार को नियंत्रण में रखने में मदद मिलेगी। पर्याप्त आराम करना जरूरी है। बुखार के दौरान शरीर भीतर से थक जाता है।

वायरल बुखार में क्या खाना चाहिए?

वायरल फीवर में पिएं ये 5 इलेक्ट्रोलाइट ड्रिंक-Electrolyte drinks for viral fever in hindi.
नारियल पानी नारियल पानी, इलेक्ट्रोलाइट्स से भरपूर हैं। ... .
खीरे का जूस खीरे का जूस पीने से शरीर को कई इलेक्ट्रोलाइट्स मिल जाते हैं। ... .
संतरे का जूस संतरे का जूस विटामिन सी से भरपूर है। ... .
चुकंदर का जूस ... .
एवोकाडो जूस.

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