Q. व्यास नदी का उद्गम स्थल है?
Answer: [B] व्यास कुण्ड
Notes: व्यास नदी का उद्गम स्थल व्यास कुण्ड है| व्यास नदी हिमाचल में बहने वाली एक प्रमुख नदी है| नदी की लम्बाई 470 किमी. है| यह भारत की पांच प्रमुख नदियों में से एक है| इसका उल्लेख ऋग्वेद में भी किया गया है|
व्यास नदी हिमाचल प्रदेश में रोहतांग दर्रे के निकट व्यास कुंड से निकलती है तथा कपूरथला के निकट हरिके नामक स्थान पर सतलज नदी में मिल जाती है। व्यास नदी की लंबाई 470 किलोमीटर है। व्यास नदी कुल्लू घाटी से बहती हुई धौलाधार पर्वत को पार करके पंजाब के मैदानों में पहुंचती है।
गंगा नदी भारत की सबसे बड़ी नदी है। भारत में गंगा नदी की लंबाई 2525 किलोमीटर है। गंगा नदी गंगोत्री के पास गोमुख हिमानी से निकलती है जो उत्तराखंड के उत्तरकाशी जनपद में स्थित है। गोमुख हिमानी की ऊंचाई समुद्र तल से 3900 मीटर है। गोमुख हिमानी से निकलने के बाद इसे भागीरथी के नाम से जाना जाता है।आगे चलकर इसमें अलकनंदा नदी मिलती है और दोनों के संयुक्त रूप को ही गंगा कहा जाता है।
गंगा नदी का नाम गंगा देवप्रयाग के बाद पड़ता है।अलकनंदा का उद्गम स्त्रोत बद्रीनाथ के ऊपर सतोपंथ हिमानी है। गंगा हरिद्वार में मैदानी भाग में प्रवेश करती है।उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, तथा बंगाल होते हुए गंगा नदी बांग्लादेश में प्रवेश करती है और बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है जहां पर दुनिया का सबसे बड़ा सुंदरवन का डेल्टा बनता है।
पश्चिम बंगाल में गंगा नदी दो वितरिकाओं में बंट जाती है – भागीरथी एवं हुगली. मुख्य नदी भागीरथी अर्थात् गंगा बांग्लादेश में प्रवेश कर जाती है और हुगली नदी पश्चिम बंगाल में दक्षिण की ओर बहते हुए बंगाल की खाड़ी में गिरती है.
भारत में लोगों, जानवरों तथा पारितंत्र जीवन में नदियां बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। हिंदू धर्म में भारत में बहने वाली नदियों का एक उत्कृष्ट स्थान है ।इन नदियों को देश के सभी नागरिकों चाहे वे किसी भी धर्म जाति या समुदाय से संबंध रखते हैं, सभी के द्वारा पवित्र माना जाता है। नदियां मनुष्य जीवन में अहम भूमिका अदा करती है ।इस लेख में हम आपको भारत की पवित्र नदियों में से एक व्यास नदी (Beas River) के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाने जा रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि आपके लिए जानकारी सहायक सिद्ध होगी।
ब्यास नदी (Beas River)
ब्यास नदी भारत के पंजाब राज्य तथा हिमाचल प्रदेश की प्रमुख नदी है। ब्यास नदी की लंबाई 470 किलोमीटर है। हिमाचल प्रदेश में ब्यास नदी की लंबाई 260 किलोमीटर है। ब्यास नदी का वैदिक नाम अर्जिकिया किया है तथा इसे संस्कृत भाषा में बिपाशा नाम से पुकारते हैं। बिपाशा नाम से पहले ब्यास नदी का सरस्वती नाम भी था । पंजाब राज्य में बहने वाली प्रमुख पांच नदियों में से एक ब्यास नदी भी है। वेदों में ब्यास नदी का उल्लेख हुआ है। ऋग्वेद के अंदर इसका उल्लेख एक बार हुआ है। इस नदी का व्यास नाम महर्षि ब्यास के नाम पर रखा गया है
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व्यास नदी का उद्गम तथा प्रवाह /बहाव
व्यास नदी (Beas River) का उद्गम मुख्यतः व्यास कुंड से होता है जो हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में स्थित है ।
इस लेख में हम आपको व्यास नदी के उद्गम स्थल और इससे जुड़े रोचक तथ्यों के बारे में बताने जा रहे हैं। आइए जानते हैं।
Beas River History: भारत का इतिहास यहां स्थित प्राचीन नदियों के बिना अधूरा है। भारत में कई नदियां हैं जिनकी पूजा समय-समय पर होती रहती हैं। जैसे- गंगा, यमुना, नर्मदा, कृष्णा या कावेरी नदियां हैं। ये प्रमुख नदियां आज भी भारत के लिए बहुत मायने रखती हैं। लोग अपने अनुसार नदियों का इस्तेमाल या फिर पूजा-पाठ करते रहते हैं।
इन्हीं प्रमुख नदियों में से एक है व्यास नदी, जिसे ब्यास नदी भी कहते हैं। यह भी भारत की एक प्राचीन नदी है। इस लेख में हम आपको इसके उद्गम स्थल के साथ-साथ कुछ रोचक जानकारी बताने जा रहे हैं जिसके बारे में आप भी ज़रूर जानना चाहेंगे। आइए जानते हैं।
व्यास नदी का उद्गम स्थल (Beas River Origin)
व्यास नदी (ब्यास नदी) हिमाचल प्रदेश के रोहतांग पास से लगभग 14 हजार फीट की ऊंचाई से बहती है। यह कुल्लू घाटी से दक्षिण की ओर बहती हुई अनेकों पहाड़ से निकलती है और मंडी के पास पश्चिम की ओर मुड़ जाती है। कहा जाता है कि कांगड़ा के पास यह तीन दिशाओं में विभाजित हो जाती है। घाटी से होते हुए यह पंजाब प्रान्त में प्रवेश करती है। आपको बता दें कि ब्यास नदी हिमाचल के साथ-साथ पंजाब की भी एक प्रमुख नदी है।
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ब्यास नदी की पौराणिक कथा (Beas River Methodology)
ब्यास नदी की पौराणिक कथा बेहद ही दिलचस्प है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भारतीय महाकाव्य के लेखक वेद व्यास से जोड़कर इस नदी को देखा जाता है। कहा जाता है कि इस नदी का नाम वेद व्यास के नाम पर ही रखा गया है। यह भी मान्यता है कि उन्होंने इसका निर्माण स्रोत झील, व्यास कुंड से किया था। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ब्यास नदी का प्राचीन नाम अर्जिकिया या विपाशा था। (कृष्णा नदी के बारे में जानें)
व्यास नदी पंजाब और हिमाचल के लिए क्यों है खास?
कहा जाता है कि पंजाब शहर एक नहीं बल्कि पांच नदियों में मिलकर बना है और उन्हीं पांच नदियों में से एक है व्यास नदी। इस नदी की कुल लम्बाई लगभग 470 किमी है। यह प्रमुख नदी अपने मार्ग में आने वाले सभी शहर, कस्बों और गांवों के लिए पानी के स्रोत के रूप में काम करती है। यह नदी पंजाब और हिमाचल में सामान्य रूप से लोगों के काम आती है। आपको बता दें कि पंजाब से बहती हुई यह नदी सतलुज नदी में जाकर मिल जाती है। (भारत की 10 पवित्र नदियां)
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ब्यास नदी से जुड़ी कुछ रोचक जानकारी (Beas River Interesting Story)
शायद आपको मालूम हो अगर नहीं मालूम है तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि महान सिकंदर से भी जोड़कर इस नदी को देखा जाता है। कहा जाता है कि सिकंदर के भारत पर आक्रमण करने के रास्ते में इस नदी को सबसे बड़ी बाधा माना जाता था। वो पूर्व में इसी नदी को पार करके भारत पर आक्रमण करना चाहता था। (भारत की प्रमुख नदियों के बारे में जानें)
आपको यह भी बता दें कि कि ब्यास नदी की सहायक नदियां बाणगंगा नदी, पार्वती नदी, सैंज नदी, और इसके साथ-साथ सतलुज नदियां भी हैं।
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Image Credit:(@wiki)
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