ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है कि कार्यकाल पूरा करने से पहले ही किसी पीएम की कुर्सी जा रही है. पाकिस्तान में शुरुआत से लेकर अब तक जितने भी प्रधानमंत्री हुए हैं, उनमें से कोई भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए हैं.
पाकिस्तान के नए पीएम शाहबाज शरीफ और उनके बेटे पर 14 अरब की मनी लॉन्ड्रिग के एक मामले में एफआई दर्ज है. (File Photo)
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पाकिस्तान में जारी सियासी संकट के बीच प्रधानमंत्री इमरान खान (Prime Minister Imran Khan) की कुर्सी जानी तय है. ऐसी खबरें आ रही हैं कि अविश्वास प्रस्ताव (No-Confidence Motion) से पहले ही इमरान खान इस्तीफा दे देंगे. बुधवार की दोपहर उन्होंने कैबिनेट की आपात बैठक (Cabinet Meeting) भी बुलाई थी. उनका दावा है कि उनकी सरकार गिराने की साजिश में विदेशी ताकतों का हाथ है. प्रधानमंत्री के तौर पर इमरान खान के कार्यकाल के करीब 3 साल 10 महीने हुए हैं और ऐसा कोई पहली बार नहीं हो रहा है कि कार्यकाल पूरा करने से पहले ही किसी पीएम की कुर्सी जा रही है. पाकिस्तान में शुरुआत से लेकर अब तक जितने भी प्रधानमंत्री हुए हैं, उनमें से कोई भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए हैं.
बहरहाल नए प्रधानमंत्री के तौर पर शाहबाज शरीफ के नाम की चर्चा हो रही है. उन्हें ‘नेक्स्ट पीएम ऑफ पाकिस्तान’ बताया जा रहा है. शाहबाज शरीफ ने कुछ दिन पहले कहा है कि पाकिस्तानी सेना पाकिस्तान में चल रहे सियासी संकट में किसी का पक्ष नहीं ले रही है. शाहबाज पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई हैं. खबर है कि उनके घर पर हलचल बढ़ गई है. बताया जा रहा है कि उन्हें पीएम का प्रोटोकॉल देने की तैयारी शुरू हो चुकी है.
2018 में हुए आम चुनाव में भी PML-N की ओर से शाहबाज को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया. हालांकि, इस चुनाव में इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) की जीत हुई थी और इमरान खान प्रधानमंत्री बने. शाहबाज शरीफ को विपक्ष का नेता चुना गया था. आइए जानते हैं उनके बारे में विस्तार से.
एक कुशल प्रशासक कहे जाते हैं शाहबाज
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन (Pakistan Muslim League-N) के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई शाहबाज शरीफ को एक कुशल प्रशासक के तौर पर जाना जाता रहा है. वर्तमान में वे पाकिस्तान में विपक्ष के नेता हैं और कई मुद्दों पर इमरान सरकार की आलोचना करते रहे हैं. वे तीन बार पंजाब प्रांत (पाकिस्तान) के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. पहली बार फरवरी 1997 में उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी और अक्टूबर 1999 तक सीएम रहे थे. इसके बाद दूसरे टर्म में जून 2008 से मार्च 2013 तक वे पंजाब के मुख्यमंत्री रहे थे और फिर तीसरी बार 2013 से 2018 तक वे सीएम रहे.
1951 में लाहौर में जन्मे शाहबाज शरीफ का पूरा नाम मियां मुहम्मद शाहबाज शरीफ है. उनके पिता का नाम मरहूम मियां मुहम्मद शरीफ है. उनके बड़े भाई नवाज शरीफ भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रह चुके हैं, जिन्हें पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने अयोग्य करार दिया था और वे भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए थे.
भारत से पाकिस्तान आकर बस गया था परिवार
शाहबाज शरीफ के पिता मुहम्मद शरीफ एक कारोबारी थे. उनकी मां पुलवामा की रहने वाली थीं. कारोबार के सिलसिले में वे अक्सर कश्मीर आया-जाया करते थे. बाद में उनका परिवार पंजाब के अमृतसर में जाकर बस गया. ब्रिटिश राज से आजादी के समय 1947 में जब भारत-पाकिस्तान बंटवारा हुआ तो मुहम्मद शरीफ अपने परिवार के साथ लाहौर में आकर बस गए. नवाज शरीफ के अलावा शाहबाज के एक और बड़े भाई अब्बास शरीफ हैं. शाहबाज ने 1973 में अपनी कजिन से शादी की, जिनसे उनके चार बच्चे हैं. 2003 में उन्होंने दूसरी शादी की है.
बिजनेसमैन के तौर पर शुरू किया था करियर
शाहबाज शरीफ ने लाहौर गवर्नमेंट कॉलेज से स्नातक पूरा करने के बाद एक बिजनेसमैन के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की थी. उन्होंने अपना फैमिली बिजनेस संभाल लिया और वर्ष 1985 में वे लाहौर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के प्रेसिडेंट बने थे. हालांकि बाद में वे राजनीति में चले आए. 1987-88 तक उन्होंने सक्रिय राजनीति शुरू कर दी थी. अपने राजनीतिक करियर में उन्होंने बहुत उतार-चढ़ाव देखे हैं. 1988 से 1990 तक वे पंजाब विधानसभा के सदस्य रहे, जबकि 1990 से 1993 तक शाहबाज नेशनल असेंबली के भी सदस्य रह चुके हैं.
मनी लॉन्ड्रिंग केस में जा चुके हैं जेल भी
शाहबाज शरीफ करोड़ों रुपये की हेराफेरी के आरोप में जेल भी जा चुके हैं. सितंबर 2020 में शहबाज शरीफ को मनी लॉन्ड्रिंग केस में एनएबी द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था. तब उनकी पार्टी ने सरकार पर आरोप लगाए थे कि विरोधों के चलते सियासी रंजिश में यह कार्रवाई की गई है. लाहौर हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्हें कोर्टरूम से ही गिरफ्तार कर लिया गया था. अप्रैल 2021 में उन्हें लाहौर हाईकोर्ट से ही जमानत मिल गई. हालांकि उनपर अभी भी यह केस चल रहा है.
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१२ अप्रैल २०२२ पाकिस्तान में हुए सत्ता परिवर्तन के तहत शहबाज शरीफ को आखिरकार प्रधानमंत्री पद मिल गया है. वहीं इमरान खान के समर्थक सड़कों पर हैं. सवाल यह है कि क्या शहबाज शरीफ इमरान खान से बेहतर पीएम साबित होंगे? //p.dw.com/p/49nth विज्ञापनपाकिस्तान के नए पीएम कितने बेहतर साबित होंगे?
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