अष्टमी के व्रत में क्या खाना चाहिए क्या नहीं - ashtamee ke vrat mein kya khaana chaahie kya nahin

मां और बच्चे का रिश्ता सबसे अनमोल होता है, वो शायद इसलिए कि एक मां अपने बच्चे को अपने गर्भ में साथ 9 महीने तक रखती है। अहोई अष्टमी मां और बच्चे के बीच इस विशेष बंधन का पर्व है। इस शुभ दिन पर माताएं सुबह से शाम तक उपवास रखती हैं और अपने बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करती हैं। 

रिश्तों को मजबूत करने वाला यह पर्व इस बार 17 अक्टूबर को मनाया जाएगा। माताएं अपने बच्चों की लंबी उम्र के लिए इस व्रत को करती हैं। जानते हैं इस व्रत के दौरान क्या खाना चाहिए और क्या नहीं ।

अहोई अष्टमी के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से हर मनोकामना पूर्ण होती है। लेकिन यह व्रत तभी सफल होता है जब आप इसे ठीक से पूरा करते हैं। व्रत तोड़ते समय सिंघाड़ा हलवा या इससे बनी कोई डिश ज़रूर रखें, 

ये इस विशेष दिन में देवी को अर्पित की जाती हैं। इसके अलावा अपनी प्लेट में हलवा और चना डालें। चूंकि उपवास के दौरान दिन भर भूखा रहना पड़ता है, इसलिए रात में हेल्दी डाइट लें। पनीर की सब्जी भी बना सकते हैं। आज भी गांवों में इस मौके पर गन्ने का प्रसाद चढ़ाया जाता है, आप इसके जूस अपने भोजन में अवश्य शामिल करना चाहिए।

हिंदू धर्म में हर व्रत का एक विशेष कारण और महत्व होता है। महिलाएं इस व्रत को लंबी उम्र और संतान की सुख-समृद्धि के लिए रखती हैं। ऐसे में आपको इस व्रत के दौरान कुछ खास चीजों से परहेज करना चाहिए। इस व्रत के दौरान मांसाहारी भोजन से परहेज करें। अगर आपको नॉनवेज पसंद है और आप भी इस दौरान इसे खाना चाहते हैं तो अष्टमी के दिन इसे खाने से बचें। इसके अलावा इस दिन शराब के सेवन से भी बचें। व्रत के दिन घर में ही खाना बनाए, लेकिन ध्यान रहे कि खाना बनाने के लिए प्याज-लहसुन का प्रयोग न करें।

अहोई अष्टमी: व्रत के दिन इन नियमों का करें पालन, पूरी होंगी सभी मनोकामनाएं..

इस बार अहोई अष्टमी का व्रत 17 अक्टूबर सोमवार को मनाया जाएगा। इस दिन माताएं अपने पुत्रों की लंबी आयु, सुख-समृद्धि के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। यह व्रत मां और पुत्र के बीच प्यार और समर्पण को दर्शाता है। इस दिन अहोई माता की पूजा की जाती है। यह व्रत कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। यह त्यौहार ज्यादातर उत्तर भारत में मनाया जाता है।

इस दिन प्रदोष काल में अहोई माता की पूजा की जाती है। व्रत के दिन सभी माताएं सूर्योदय से पहले उठ जाती हैं और फिर स्नान आदि करके अहोई माता की पूजा करती हैं। पूजन स्थल पर अहोई देवी मां की अष्टकोणीय छवि रखें। अहोई माता के साथ साही का चित्र होना चाहिए। साही एक कांटेदार प्राणी है, जो अहोई माता के पास बैठता है। शाम होते ही पूजा की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। पूजन के लिए चौकी को गंगाजल से साफ करें।

इसके बाद आटे से चौक पूरें उस पर चौकी रखें। माता के चित्र के पास कलश भी रखें। कलश के किनारों को हल्दी से रंगना चाहिए और इस डंडे को घास से भरना चाहिए। फिर घर की वृद्ध महिलाओं से व्रत की कथा सुनें। फिर माता को खीर का भोग लगाएं और रुपए चढ़ाएं। चंद्रोदय के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर अपना व्रत खोलें। अहोई अष्टमी के दिन यदि जरूरतमंदों, अनाथों और बुजुर्गों को भोजन कराया जाए तो माता अहोई बहुत प्रसन्न होती हैं।

हिन्दू पंचांग के अनुसार यह पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है। इस वर्ष अहोई अष्टमी का यह व्रत 17 अक्टूबर 2022 को मनाया जाएगा। अहोई की अष्टमी तिथि 17 अक्टूबर 2022 को सुबह 09:29 बजे से शुरू होकर 18 अक्टूबर 2022 को 11:57 बजे समाप्त होगी। अहोई अष्टमी की पूजा का मुहूर्त शाम 06.14 से 07.28 तक रहेगा। साथ ही तारा दर्शन का समय शाम 06:36 बजे होगा।

अहोई अष्टमी के दिन अहोई माता को लाल फूल चढ़ाएं। इस दिन अहोई माता को सूजी का हलवा अर्पित करना चाहिए। बच्चों की खुशी के लिए इस दिन भगवान गणेश को बिल्वपत्र अर्पित करना चाहिए। अहोई अष्टमी के दिन आप चाहें तो मां को खीर का भोग लगा सकते हैं। आप मां के रूप में सफेद फूल भी चढ़ा सकते हैं। इस दिन पीपल के पेड़ के नीचे अपने नाम का दीपक जलाएं। अहोई अष्टमी के दिन माता अहोई को चंदन का टीका लगाए।

Religion News: इस दुनिया में सबसे अनमोल रिश्ता मां और बच्चे का होता है, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मां बच्चे को नौ महीने तक अपने पेट में रखती है. अहोई अष्टमी इस खूबसूरत रिश्ते को मनाने का त्योहार है. इस शुभ दिन मां सुबह से लेकर शाम तक मां अपने बच्चे की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए उपवास रखती है. मां और बच्चे के रिश्ते को मजबूत करने के लिए इस साल ये त्योहार 17 अक्टूबर को मनाया जाएगा. आप भी अगर अहोई अष्टमी का व्रत रख रही हैं तो इन बातों का ध्यान रखें कि व्रत के दौरान क्या खाएं और क्या नहीं.

होती है मनोकामना पूरी
ऐसा मानते हैं कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से हर मन्नत पूरी होती है. अहोई अष्टमी का व्रत तभी पूरा होता है जब इसका पूरे नियम के साथ पालन किया जाए.

ये खाएं व्रत में
व्रत तोड़ने के लिए आप सिंघाड़े को अपनी थाली में शामिल कर सकते हैं. त्योहार में माता को सिंघाड़ा चढ़ाया जाता है. इसके अलावा आप अपनी व्रत की थाली में हलवा और चना भी रख सकते हैं. सारा दिन व्रत रखने के बाद जरूरी है कि आप उपवास खोलते समय हेल्दी चीजों को खाएं. इसके लिए आप पनीर की सब्जी भी खा सकते हैं. आज के दिन गांव में गन्ने के रस का प्रसाद माता को चढ़ाया जाता है, इसलिए गन्ने के रस को भी अपनी थाली में जरूर शामिल करें. 

व्रत में न खाएं ये चीजें
इस व्रत को महिलाएं अपनी संतान की लंबी आयु के लिए रखती हैं. ऐसे में कुछ चीजें है जिनको व्रत के दौरान आपको नहीं खाना चाहिए. आपको सबसे पहले नॉन वेज से दूरी बना लेना चाहिए. इसके अलावा आप इस दिन शराब का बिल्कुल भी सेवन न करें. व्रत खोलन के लिए घर में पूरी सफाई के साथ खाना बनाएं. खाना बनाते समय प्याज और लहसुन का यूज न करें. हिंदू धर्म में ऐसा मानते हैं कि व्रत वाले दिन प्याज और लहसुन खाने से बचना चाहिए.

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Durga अष्टमी के व्रत में क्या खाना चाहिए क्या नहीं?

अष्टमी : अष्टमी के दिन नारियल खाना निषेध है, क्योंकि इसके खाने से बुद्धि का नाश होता है। इसके आवला तिल का तेल, लाल रंग का साग तथा कांसे के पात्र में भोजन करना निषेध है। 3. नवमी : नवमी के दिन लौकी खाना निषेध है, क्योंकि इस दिन लौकी का सेवन गौ-मांस के समान माना गया है।

अष्टमी के दिन क्या खाना चाहिए?

अहोई अष्टमी के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है। लेकिन ये व्रत तभी सफल होता है जब आप सही तरह से इसे पूरा करते हैं। व्रत खोलते समय अपनी थाली में सिंघाड़े को शामिल करें, इस खास दिन पर ये देवी को भी चढ़ाया जाता है। इसके अलवा अपनी थाली में हलवा और चना शामिल करें।

अहोई अष्टमी के व्रत में क्या खा सकते हैं?

इस दिन निर्जल व्रत रखना उत्तम माना गया है और शाम को तारे को अर्घ्य देकर भोजन किया जा सकता है। अगर कोई महिला निर्जल व्रत रखने में असमर्थ है तो कंदमूल जैसे मूली, गाजर और आलू खाए जा सकते हैं। शाम को भोजन पका हुआ करना चाहिए जैसे पूरी सब्जी और मालपुए।

अष्टमी के दिन क्या नहीं करना चाहिए?

Ahoi Ashtami 2022: अहोई अष्टमी के दिन कुछ काम करने से बचना चाहिए। आइए जानते हैं इस बारे में।.
मांस आदि का सेवन ना करें ... .
प्रसाद में ना डालें लहसुन और प्याज ... .
मिट्टी का कार्य ना करें ... .
नीले और काले वस्त्र ना पहने.

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