इस समय बिहार का मुख्यमंत्री कौन है? - is samay bihaar ka mukhyamantree kaun hai?

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बिहार के वर्तमान मुख्यमंत्री कौन है बिहार के वर्तमान मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार है

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र Updated Wed, 10 Aug 2022 02:27 PM IST

सार

यह जानना अहम है कि नीतीश कुमार को रिकॉर्ड आठवीं बार शपथ लेने की वजह क्या है? आखिर देश में सबसे लंबे समय तक किसी राज्य की कमान संभालने वाले नेता इस रिकॉर्ड को कैसे नहीं बना पाए? इसके अलावा वे कौन-कौन से मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने पांच बार सीएम पद संभाला है। आइये जानते हैं...

नीतीश कुमार। - फोटो : Amar Ujala

विस्तार

एनडीए सरकार में मुख्यमंत्री रहे नीतीश कुमार ने बुधवार को एक बार फिर महागठबंधन के सीएम के रूप में शपथ ली। नीतीश पहली बार साल 2000 में सात दिन के मुख्यमंत्री बने थे। अगले 22 साल में अब तक वे कुल आठ बार सीएम पद की शपथ ले चुके हैं। यह अपने आप में एक बड़ा रिकॉर्ड है, क्योंकि देश में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले नेता भी इतनी बार शपथ नहीं ले पाए हैं।

इस बीच यह जानना अहम है कि नीतीश कुमार को रिकॉर्ड आठवीं बार शपथ लेने की वजह क्या है? आखिर देश में सबसे लंबे समय तक किसी राज्य की कमान संभालने वाले नेता इस रिकॉर्ड को कैसे नहीं बना पाए? इसके अलावा वे कौन-कौन से मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने पांच बार सीएम पद संभाला है। आइये जानते हैं...

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Nitish Kumar Takes Oath: नीतीश कुमार के कल यानी 9 अगस्त को इस्तीफा देने बाद 8वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. राजभवन में राज्यपाल फागू चौहान ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. तेजस्वी यादव बने दूसरी बार राज्य के उपमुख्यमंत्री. इस मौके पर तेजस्वी यादव अपनी पत्नी से साथ पहुंचे. नीतीश कुमार सबसे पहले साल 2000 में सात दिन के मुख्यमंत्री बने थे. जिसके बाद 22 साल के सफर में वह अबतक छह बार सीएम पद की शपथ ले चुके हैं. 

नीतीश कुमार का 8वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेना अपने आप में ही एक बड़ा रिकॉर्ड है. देश के सबसे लंबे समय तक सीएम रहने वाले नेका भी इतनी बार शपथ नहीं ले पाए हैं. 

पटना: राजद नेता तेजस्वी यादव ने बिहार के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। pic.twitter.com/DrwlQCygSE

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— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 10, 2022

इस मोके पर सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि जहां एक तरफ 2024 चुनाव को लेकर विपक्ष के एकजुटता का आह्वान किया तो वहीं दूसरी तरफ उन्होंने कहा कि वे राज्य के विधानसभा चुनाव के बाद सीएम नहीं बनना चाहते हैं. उन्होंने आगे कहा कि पिछले दो महीने से हालात ठीक नहीं थे. नीतीश ने कहा- चुनाव के बाद मैं बिहार का मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहता था. 

शपथ ग्रहण में शामिल होने पहुंचा लालू यादव का परिवार

शपथ ग्रहण समारोह के लिए लालू यादव का परिवार राजभवन पहुंच गया है. इसमें राबड़ी देवी, तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव की पत्नी रेचल शामिल हैं. इस समारोह में किसी अन्य पार्टी या राज्य के बड़े नेताओं को नहीं बुलाया गया है. वहीं लालू यादव का दिल्ली में इलाज चल रहा है, इसलिए वे भी पटना नहीं पहुंच पाए हैं. थोड़ी देर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का शपथ ग्रहण होगा

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बिहार की सियासत में सही समय पर दोस्तों को दुश्मन और दुश्मनों को दोस्त बनाने की कला में माहिर नीतीश कुमार फिर एक बार महागठबंधन के समर्थन से सरकार बनाने जा रहे हैं. 17 साल से बिहार में सत्ता की कमान संभाल रहे नीतीश कुमार बुधवार को आठवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं. यह अपने आप में बिहार की राजनीति में एक रिकॉर्ड है. नीतीश कुमार भले ही अपने दम पर सरकार न बन सके हों, लेकिन बिहार की सत्ता के धुरी जरूर बने हुए हैं. इसी का नतीजा है कि नीतीश कुमार कभी एनडीए तो कभी महागठबंधन के साथ हाथ मिलाकर सत्ता पर बने हुए हैं. 

नीतीश कुमार बुधवार दोपहर दो बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. इस तह नीतीश आठवीं बार मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं तो उनके साथ तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री बनेंगे. नीतीश की अगुवाई में बनने वाली महागठबंधन सरकार को जेडीयू, आरजेडी, कांग्रेस, सीपीआई (ML), सीपीएम, सीपीआई और जीतनराम मांझी की पार्टी का समर्थन है. इस तरह नीतीश कुमार सात दलों को साथ लेकर चलेंगे. 

सहयोगी बदलते रहे, नीतीश जमे रहे

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अपने 40 साल के सियासी सफर में नीतीश कुमार ने सरकार बनाने के लिए कई मौके पर अपने विचार बदले हैं, साथ ही उनकी निष्ठा भी बदली है. नीतीश ने 2010, 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव के बाद और कार्यकाल पूरा होने से पहले ही अपना गठबंधन साथी बदल लिया, हालांकि मुख्‍यमंत्री की कुर्सी पर वह लगातार काब‍िज रहे. 2010 के चुनाव तक नीतीश कुमार, भाजपा के सहयोगी रहे, लेकिन उसके बाद से अपनी निष्ठा बदलते रहे. 

साल 1990 के दशक के मध्य में नीतीश कुमार ही जनता दल और लालू यादव से अपनी राह अलग कर ली और जॉर्ज फर्नांडिस के साथ समता पार्टी का गठन किया. साल 1996 में समता पार्टी और बीजेपी के बीच गठबंधन हुआ, तो नीतीश समता पार्टी में थे. नीतीश कुमार ने एक बेहतरीन सांसद के रूप में अपनी पहचान बनाई.

7 दिन चली थी नीतीश की पहली सरकार  

अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के मंत्रिमंडल में बेहद ही काबिल मंत्री के तौर पर छाप छोड़ी. इस तरह नीतीश पहली बार साल 2000 में बिहार के मुख्यमंत्री बने थे. नीतीश की यह सरकार महज सात दिन ही चल सकी थी. नीतीश कुमार विश्‍वास मत साब‍ित नहीं कर पाए. इसके चलते नीतीश कुमार को इस्तीफा देना पड़ा. नीतीश कुमार और शरद यादव ने साल 1998 में आपस में हाथ मिला लिया, जिसके बाद जनता दल (यूनाइटेड) बना. 

नीतीश कुमार को पांच साल के बाद दोबारा से बिहार की सत्ता में अपने पैर जमाने का मौका मिला. 2005 के विधानसभा चुनाव के बाद नीतीश के सामने मुख्यमंत्री बनने का मौका था, लेकिन तब तत्‍कालीन राज्‍यपाल बूटा सिंह की अनुशंसा पर बिहार में राष्‍ट्रपति शासन लगा दिया गया. इसी साल छह महीने के अंतराल पर दोबारा चुनाव हुए और नीतीश कुमार को मुख्‍यमंत्री बनने का मौका मिला, जिसके बाद से बिहार की सत्ता में वो धुरी बने हुए हैं.

2005 में बनी बीजेपी-जेडीयू की सरकार

बिहार में 2005 में बीजेपी और जेडीयू गठबंधन की सरकार बनी और नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने. पांच साल सत्ता में रहते हुए नीतीश कुमार ने नए सामाजिक समीकरण बनाते हुए पिछड़े वर्ग में अति पिछड़ा और दलित में महादिलत के कोटे की व्यवस्था की. इसके साथ ही उन्होंने स्कूली बच्चियों के लिए मुफ्त साइकिल और यूनिफॉर्म जैसे कदम उठाए और 2010 के चुनाव में उनकी अगुवाई में बीजेपी-जेडीयू गठबंधन को एकतरफा जीत मिली.

मोदी केंद्र में आए तो नीतीश ने तोड़ लिया नाता

2010 में नीतीश कुमार तीसरी बार बिहार के मुख्यमंत्री बने, लेकिन 'अटल-आडवाणी युग' खत्म हुआ और नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय राजनीति के क्षितिज पर आए तो नीतीश ने 2013 में भाजपा से सालों पुराना रिश्ता तोड़ लिया. 2014 के लोकसभा चुनाव में जेडीयू को बड़ी हार का सामना करना पड़ा और बीजेपी ने बिहार से बड़ी जीत हासिल की. नीतीश ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया. 

करीब एक साल के भीतर ही जीतनराम मांझी का बागी रुख देख नीतीश कुमार ने फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर सत्ता की कमान संभाली. 2015 के चुनाव में वह आरजेडी और कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़े और इस महागठबंधन को बड़ी जीत हासिल हुई. आरजेडी ने जेडीयू की सीट कम होने के बाद भी मुख्यमंत्री का पद नीतीश कुमार को सौंपा और पांचवी बार मुख्यमंत्री बने. 

नीतीश कुमार ने महागठबंधन सरकार में उप मुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद साल 2017 में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. हालांकि, कुछ देर के भीतर ही बीजेपी के समर्थन से एक बार फिर मुख्यमंत्री बन गए. नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक चुनौती के तौर पर देखने वाले लोगों ने नीतीश कुमार के इस कदम विपक्षी गठबंधन की एकता को तगड़ा झटका लगा था. 

नीतीश ने बीजेपी के साथ बाकी बचे ढाई साल का कार्यकाल पूरा किया और फिर 2020 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी व जेडीयू मिलकर चुनाव लड़ी. इस चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी तीसरे नंबर की पार्टी रही. इसके बाद भी बीजेपी ने उन्हें ही मुख्यमंत्री का पद दिया. 2022 में इतिहास फिर से दोहराया गया और अब नीतीश कुमार भाजपा का साथ छोड़कर आरजेडी और कांग्रेस की मदद से सरकार बनाने जा रहे हैं.

नीतीश कुमार आठवीं बार बिहार के मुख्‍यमंत्री पद की शपथ लेने के लिए तैयार हैं. पांच चुनाव जीतकर ही नीतीश कुमार आठवीं बार सीएम बनने जा रहे हैं. 

2022 का मुख्यमंत्री बिहार का कौन है?

नीतीश ने 2022 में आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। वे बिहार के सबसे लंबे समय तक रहने वाले मुख्यमंत्री हैं। वह जनता दल यू राजनीतिक दल के प्रमुख नेताओं में से हैं।

बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री कौन है?

"बिहार केसरी" डॉ. श्रीकृष्ण सिंह (श्री बाबू) (1887–1961), भारत के अखंड बिहार राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री (1946–1961) थे।

बिहार के प्रथम महिला मुख्यमंत्री का क्या नाम है?

सुचेता कृपलानी (मूल नाम: सुचेता मजूमदार) (२५ जून,१९०८ - १ दिसम्बर, १९७४) एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी एवं राजनीतिज्ञ थीं।

बिहार का पहला हरिजन मुख्यमंत्री कौन था?

Bihar Gk Bihar Ke Pratham Harijan MukhyaMantri Kaun Hai ?.

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