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अधिवास भूगोल मानव भूगोल की एक प्रमुख शाखा हैं। इस शाखा में ग्रामीण एवं नगरीय अधिवासों की स्थिति, उत्पत्ति, प्रतिरूप, व्यावसायिक संरचना आदि तथ्यों का अध्ययन किया जाता हैं। अधिवास जिसका अर्थ होता है घर जो मानव जीवन का आधार है।
ग्रामीण अधिवास[संपादित करें]
बस्तियों के प्रतिरूप[संपादित करें]
- रेखिय या पंक्तिनुमा गांव
- अरीय त्रिज्याकार बस्तियां
- तीरनुमा बस्तियां
- मकड़ी-जालनुमा बस्तियां
- अर्ध्व्रताकार बस्तियां
- तारानुमा बस्तियां
- चौक पट्टीनुमा बस्तियां
- पंखानुमा बस्तियां
- जूते की डोरीनुमा बस्तियां
- आयराकार बस्तियां
- सीढ़ी के आकार की बस्तियां
- मधुमक्खी छ्त्तानुमा बस्तियां
- अनाकार बस्तियां
- हरित बस्तियां
Nariya adhiwas
अधिवास भूगोल
अधिवास भूगोल मानव भूगोल की एक प्रमुख शाखा हैं। इस शाखा में ग्रामीण एवं नगरीय अधिवासों की स्थिति, उत्पत्ति, प्रतिरूप, व्याव्सायिक संरचना आदि तथ्यों का अध्ययन किया जाता हैं। .
4 संबंधों: नगरीय भूगोल, भूगोल की रूपरेखा, मानव भूगोल, ग्रामीण भूगोल।
नगरीय भूगोल
यह मानव भूगोल के अधिवास भूगोल की एक शाखा हैं। जिसके अन्तर्गत शहरों एवं नगरों का अध्ययन, उनकी उत्पति, स्थिति, कार्यात्मक प्रतिरुप, विकास आदि को ध्यान में रखकर किया जाता है। श्रेणी:मानव भूगोल श्रेणी:अधिवास भूगोल श्रेणी:नगरीय भूगोल श्रेणी:नगरीय नियोजन.
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भूगोल की रूपरेखा
ज्ञान के फलक का तात्पर्य एक ऐसे त्रिविमीय विन्यास है जिसे पूर्णरूपेण समझने के लिए हमें तीन दृष्टि बिन्दुओं से निरीक्षण करना चाहिए। इनमें से किसी भी एक बिन्दु वाला निरीक्षण एक पक्षीय ही होगा और वह संपूर्ण को प्रदर्शित नहीं करेगा। एक बिन्दु से हम सदृश वस्तुओं के संबंध देखते हैं। दूसरे से काल के संदर्भ में उसके विकास का और तीसरे से क्षेत्रीय संदर्भ में उनके क्रम और वर्गीकरण का निरीक्षण करते हैं। इस प्रकार प्रथम वर्ग के अंतर्गत वर्गीकृत विज्ञान (classified science), द्वितीय वर्ग में ऐतिहासिक विज्ञान (historial sciences), और तृतीय वर्ग में क्षेत्रीय या स्थान-संबंधी विज्ञान (spatial sciences) आते हैं। वर्गीकृत विज्ञान पदार्थो या तत्वों की व्याख्या करते हैं अतः इन्हें पदार्थ विज्ञान (material sciences) भी कहा जाता है। ऐतिहासिक विज्ञान काल (time) के संदर्भ में तत्वों या घटनाओं के विकासक्रम का अध्ययन करते हैं। क्षेत्रीय विज्ञान तत्वों या घटनाओं का विश्लेषण स्थान या क्षेत्र के संदर्भ में करते हैं। पदार्थ विज्ञानों के अध्ययन का केन्द्र बिन्दु ‘क्यों ’, ‘क्या’ और ‘कैसे’ है। ऐतिहासिक विज्ञानों का केन्द्र बिन्दु ‘कब’ है तथा क्षेत्रीय विज्ञानों का केन्द्र बिन्दु ‘कहां ’ है। स्थानिक विज्ञानों (Spatial sciences) को दो प्रधान वर्गों में विभक्त किया जाता है-.
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मानव भूगोल
देशों के अनुसार जनसंख्या का घनत्व, 2006 मानव भूगोल, भूगोल की प्रमुख शाखा हैं जिसके अन्तर्गत मानव की उत्पत्ति से लेकर वर्तमान समय तक उसके पर्यावरण के साथ सम्बन्धों का अध्ययन किया जाता हैं। मानव भूगोल की एक अत्यन्त लोकप्रिय और बहु अनुमोदित परिभाषा है, मानव एवं उसका प्राकृतिक पर्यावरण के साथ समायोजन का अध्ययन। मानव भूगोल में पृथ्वी तल पर मानवीय तथ्यों के स्थानिक वितरणों का अर्थात् विभिन्न प्रदेशों के मानव-वर्गों द्वारा किये गये वातावरण समायोजनों और स्थानिक संगठनों का अध्ययन किया जाता है। मानव भूगोल में मानव-वर्गो और उनके वातावरणों की शक्तियों, प्रभावों तथा प्रतिक्रियाओं के पारस्परिक कार्यात्मक सम्वन्धों का अध्ययन, प्रादेशिक आधार पर किया जाता है। मानव भूगोल का महत्व दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। यूरोपीय देशों, पूर्ववर्ती सोवियत संघ, संयुक्त राज्य अमेरिका तथा भारत के विश्वविद्यालयों में इसके अध्ययन में अधिकाधिक रूचि ली जा रही है। पिछले लगभग ४० वर्षों में मानव भूगोल के अध्ययन क्षेत्र का वैज्ञानिक विकास हुआ है और संसार के विभिन्न देशों में वहाँ की जनसंख्या की आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक उन्नति के लिये संसाधन-योजना में इसके ज्ञान का प्रयोग किया जा रहा है। .
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ग्रामीण भूगोल
यह मानव भूगोल के अधिवास भूगोल की एक शाखा हैं। जिसके अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों के बसाव प्रतिरुप, कार्यात्मक विवरण, उनके अधिवास आदि तथ्यों का अध्यन किया जाता हैं। श्रेणी:मानव भूगोल.
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