भारत में केंद्र में पहली बार गठबंधन सरकार के प्रधानमंत्री कौन थे? - bhaarat mein kendr mein pahalee baar gathabandhan sarakaar ke pradhaanamantree kaun the?

पहली गठबंधन सरकार जो चार साल चली

भाजपा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने चार साल पूरे कर लिए हैं.

केंद्र में लगातार चार साल चलने वाली यह पहली गठबंधन सरकार है.

प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के चार साल पूरे करने को भारतीय जनता पार्टी ने बड़ी उपलब्धि करार दिया है.

मगर विश्लेषक इस राय से पूरी तरह सहमत नहीं दिखते.

पार्टी के अध्यक्ष वेंकैया नायडू ने इस मौके पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "इस सरकार से पहले कोई गठबंधन सरकार इतनी लंबी नहीं चली."

नायडू का कहना था, "केवल स्थिरता ही नहीं बल्कि अच्छा प्रशासन, एकता और विषयों पर अस्पष्टता जैसी कुछ अच्छी उपलब्धियाँ भी रही हैं."

पार्टी अध्यक्ष का कहना था कि वाजपेयी सरकार के चार साल के कामकाज की जानकारी लोगों तक पहुँचाई जाएगी.

उनका कहना था कि इस सरकार ने अर्थव्यवस्था को कमी से बढ़ोत्तरी की ओर बढ़ाया है.

नायडू के अनुसार सरकार के अनाज के भंडार भरे हुए हैं, वित्तीय स्थिति सुधरी है और विदेशी मुद्रा का भंडार भी बढ़ा है.

आकलन

विश्लेषकों का इस बारे में कहना है कि अयोध्या मसले से लेकर गुजरात में हुए भीषण दंगे सरकार को कटघरे में खड़ा करने के लिए काफ़ी हैं.

'हिंदू' अख़बार के दिल्ली ब्यूरो प्रमुख हरीश खरे का इस बारे में कहना था कि सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि इतने लंबे समय तक सत्ता में बने रहना ही रहा.

बीबीसी हिंदी सेवा से बातचीत में उन्होंने कहा कि आर्थिक सुधारों की प्रक्रिया जारी रखकर सरकार ने मध्यम वर्ग को ख़ुश करने की कोशिश की है.

खरे के अनुसार सरकार ने निम्न मध्यम वर्ग और मध्यम वर्ग के अपने मतदाताओं को इस मामले में ख़ासतौर पर ध्यान में रखा है.

मगर उनका स्पष्ट कहना था कि ये सरकार बँटी हुई है और इसका नेतृत्त्व भी बँटा हुआ है.

खरे के अनुसार इसी वजह से ये सरकार आर्थिक सुधारों को छोड़कर किसी भी और क्षेत्र में कोई ख़ास प्रगति नहीं कर सकी.

उनका कहना था, "सरकार न तो आतंकवाद पर रोक लगा पाई और न ही सांप्रदायिक सौहार्द ही बनाए रख पाई."

भारत की विदेश नीति को भी उन्होंने अमरीका की ओर झुका हुआ मानते हुए कहा कि सरकार इसके ज़रिए पाकिस्तान के विरुद्ध अपनी स्थिति मज़बूत करने की कोशिश में थी.

वैसे उन्होंने ये ज़रूर कहा कि इराक़ मसले पर सरकार ने अमरीका के विरुद्ध थोड़ी हिम्मत दिखाई है.

श्री अटल बिहारी वाजपेयी

19 मार्च, 1998 – 22 मई, 2004 | भारतीय जनता पार्टी

जनता के बीच प्रसिद्द अटल बिहारी वाजपेयी अपनी राजनीतिक प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते थे। 13 अक्टूबर 1999 को उन्होंने लगातार दूसरी बार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की नई गठबंधन सरकार के प्रमुख के रूप में भारत के प्रधानमंत्री का पद ग्रहण किया। वे 1996 में बहुत कम समय के लिए प्रधानमंत्री बने थे। पंडित जवाहर लाल नेहरू के बाद वह पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो लगातार दो बार प्रधानमंत्री बने।
वरिष्ठ सांसद श्री वाजपेयी जी राजनीति के क्षेत्र में चार दशकों तक सक्रिय रहे। वह लोकसभा (लोगों का सदन) में नौ बार और राज्य सभा (राज्यों की सभा) में दो बार चुने गए जो अपने आप में ही एक कीर्तिमान है।
भारत के प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री, संसद की विभिन्न महत्वपूर्ण स्थायी समितियों के अध्यक्ष और विपक्ष के नेता के रूप में उन्होंने आजादी के बाद भारत की घरेलू और विदेश नीति को आकार देने में एक सक्रिय भूमिका निभाई।
श्री वाजपेयी जी अपने छात्र जीवन के दौरान पहली बार राष्ट्रवादी राजनीति में तब आये जब उन्होंने वर्ष 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन जिसने ब्रिटिश उपनिवेशवाद का अंत किया, में भाग लिया। वह राजनीति विज्ञान और विधि के छात्र थे और कॉलेज के दिनों में ही उनकी रुचि विदेशी मामलों के प्रति बढ़ी। उनकी यह रुचि वर्षों तक बनी रही एवं विभिन्न बहुपक्षीय और द्विपक्षीय मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए उन्होंने अपने इस कौशल का परिचय दिया।
श्री वाजपेयी जी ने अपना करियर पत्रकार के रूप में शुरू किया था और 1951 में भारतीय जन संघ में शामिल होने के बाद उन्होंने पत्रकारिता छोड़ दी। आज की भारतीय जनता पार्टी को पहले भारती जन संघ के नाम से जाना जाता था जो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का अभिन्न अंग है। उन्होंने कई कवितायेँ भी लिखी जिसे समीक्षकों द्वारा सराहा गया। अब भी वह राजनीतिक मामलों से समय निकालकर संगीत सुनने और खाना बनाने जैसे अपने शौक पूरे करते हैं।
श्री वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर, 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में रहने वाले एक विनम्र स्कूल शिक्षक के परिवार में हुआ। निजी जीवन में प्राप्त सफलता उनके राजनीतिक कौशल और भारतीय लोकतंत्र की देन है। पिछले कई दशकों में वह एक ऐसे नेता के रूप में उभरे जो विश्व के प्रति उदारवादी सोच और लोकतांत्रिक आदर्शों के प्रति प्रतिबद्धता को महत्व देते हैं।
महिलाओं के सशक्तिकरण और सामाजिक समानता के समर्थक श्री वाजपेयी भारत को सभी राष्ट्रों के बीच एक दूरदर्शी, विकसित, मजबूत और समृद्ध राष्ट्र के रूप में आगे बढ़ते हुए देखना चाहते हैं। वह ऐसे भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं जिस देश की सभ्यता का इतिहास 5000 साल पुराना है और जो अगले हज़ार वर्षों में आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है।
उन्हें भारत के प्रति उनके निस्वार्थ समर्पण और पचास से अधिक वर्षों तक देश और समाज की सेवा करने के लिए भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण दिया गया। 1994 में उन्हें भारत का ‘सर्वश्रेष्ठ सांसद’ चुना गया। उद्धरणानुसार:”अपने नाम के ही समान, अटलजी एक प्रतिष्ठित राष्ट्रीय नेता, प्रखर राजनीतिज्ञ, नि:स्वार्थ सामाजिक कार्यकर्ता, सशक्त वक्ता, कवि, साहित्यकार, पत्रकार और बहुआयामी व्यक्तित्व वाले व्यक्ति हैं”। अटलजी जनता की बातों को ध्यान से सुनते हैं और उनकी आकाँक्षाओं को पूरा करने का प्रयास करते हैं। उनके कार्य राष्ट्र के प्रति उनके समर्पण को दिखाते हैं।

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