भाषा एक बड़े भूभाग पर बोली और समझी जाती हैं , इसके साथ किसी बड़े महाकाव्य की रचना भी हुई होती हैं। जैसे : अवधी ,रचना – रामचरितमानस। बल्कि,बोली एक छोटे भूभाग पर बोली जाती है और छोटे – छोटे लोक कथाओं की रचना होती है। जैसे: भोजपुरी रचना- कोई भी लोककथा। भाषा वह साधन है जिससे हमारे विचार व्यक्त होते हैं और हम इसके लिए ध्वनियों का उपयोग करते हैं। इस तरह से भाषा शब्दों और वाक्यों का ऐसा समूह है, जिससे मन की बात बताई
जाती है। भाषा एक राष्ट्रीय समाज की प्रतिनिधि होती है। भाषा का उपयोग समाज में साहित्यिक, व्यापारिक, वैज्ञानिक, सामाजिक, और प्रशासनिक आदि सभी औपचारिक कार्यों में किया जाता है। हिंदी खड़ी बोली का रूप है। 700 वर्ष तक हिंदी बोली के रूप में प्रचलित रही थी। भाषा का व्याकरण मानिक रूप से मान्यता से प्राप्त है। बोली भाषा का सबसे छोटा स्वरूप होता है और सीमित होता है। यह आमतौर पर व्यक्ति विशेष पर निर्भर करता है और इसका प्रयोग भी आधारित होता है। बोलियों के समूह ही उपबोली बनती है। उपबोली के समूह से ही बोली बनाई जाती है। भाषा का विकास
बोलियों द्वारा ही होता है। बोलियों के व्याकरण का मानकीकरण होता है और बोली लिखने या बोलने वाले से ठीक से अनुसरण करते हैं और व्यवहार करते हैं। बोली भी सक्षम हो जाती है कि, लिखित साहित्य का रूप धारण कर सके और उसे भाषा का स्तर प्राप्त हो जाता है। प्रत्येक देश में भाषा के तीन मुख्य रूप देखने को मिलते हैं- बोलियाँ, परिनिष्ठित भाषा तथा राष्ट्रभाषा। बोली: भाषा के जिन रूप का प्रयोग साधारण जनता अपने समूह या घरों में करती है उसे बोली कहते हैं। भारत का उदाहरण लें तो यहाँ तकरीबन ६५० बोलियाँ बोली जाती हैं जो देश के विभिन्न क्षेत्रों में प्रचलित हैं। परिनिष्ठित भाषा: किसी भाषा को जब व्याकरण से परिष्कृत किया जाता है तो वह एक परिनिष्ठित भाषा कहलाती है। जैसे आज हमारी खड़ी हिन्दी भाषा सौ साल पहले एक बोली ही थी किन्तु आज परिनिष्ठित भाषा है।भाषा
बोली
बोली और भाषा में सामान्य अंतर
बोलियों में-
राष्ट्रभाषा: किसी भी देश में जब परिनिष्ठित भाषा देश की
बहुसंख्यक जनता द्वारा व्यापक रूप में प्रयोग मे लायी जाती है तो वह राष्ट्रभाषा बन जाती है जिसमें राजनीतिक एवं सामाजिक शक्तियाँ एक परिनिष्ठित भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने में सहायक होती है।संबन्धित अन्तर
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Bhasha boli or mein antar//भाषा और बोली में क्या अंतर है लिखिए
भाषा -
भाषा शब्द की उत्पत्ति 'भाष्' क्रिया से हुई है, जिसका अर्थ बोलना या कहना होता है। जिन ध्वनियों द्वारा मनुष्य परस्पर विचार विनिमय करता है उसकी सामिष्टि को भाषा कहा जाता है।
या
ध्वनियों का वह समुदाय, झुंड या समूह जिसके द्वारा हम अपने विचारों का आदान प्रदान करते हैं भाषा कहलाती है।
1.भाषा बोली का पूर्ण विकसित रूप होता है।
2.भाषा साहित्य की प्रचुरता तथा महत्ता होती है।
3.भाषा का क्षेत्र व्यापक होता है।
4.भाषा का प्रयोग राजकार्य में भी होता है।
5.उदाहरण -हिंदी,अंग्रेजी ।
भाषा और विभाषा में अंतर
भाषा के कार्य -
1.मनुष्य के किसी भी भाग को अच्छी तरह से प्रकट करना।
2. किसी भी बात का ज्ञान या बोध कराने वाली क्रिया या भाव प्रकट करना ।
3. किसी रस का स्वाद कराना भाषा का प्रमुख कार्य है।
4. किसी भी विषय पर सोच विचार करना भी भाषा का कार्य है।
महाकाव्य और खंडकाव्य में अंतर
भाषा की विशेषताएं -
1.भाषा पैतृक संपत्ति नहीं है अपितु अर्जित संपत्ति है। भाषा सीखी जाती है। यह धन की तरह माता-पिता से अनायास प्राप्त नहीं होती है।
2. भाषा आरम्भ से लेकर अंत तक सामाजिक वस्तु है। भाषा की उत्पत्ति, उसका प्रयोग और उसका अर्जन सब कुछ समाज में ही होता है।
3. भाषा का अर्चन अनुकरण द्वारा होता है।
4. भाषा चिरपरिवर्तनशील है। भाषा शारीरिक, मानसिक, भौतिक कई कारणों से सतत् बदलती रहती है।
5. भाषा का कोई अंतिम स्वरूप नहीं होता, क्योंकि यह हमेशा परिवर्तनशील है।
6. भाषा का विकास कठिनता से सरलता की ओर होता है।
7. भाषा स्थूलता से सूक्ष्मता और अप्रौढ़ता से प्रौढ़ता की ओर जाती है।
जीवनी और आत्मकथा में अंतर
बोली -
जब किसी एक भाषा के अंदर बहुत उसी भाषा के बहुत सारे अलग-अलग रूप विकसित हो जाते हैं, तो उन्हें बोली कहते हैं।
बोली की विशेषताएं -
1. बोली का क्षेत्र सीमित होता है।
2. बोली में साहित्य का निर्माण नहीं होता है अर्थात बोली में साहित्य का अभाव होता है।
3. बोली स्थानीय और घरेलू होती है। अतः इसका प्रयोग एक निश्चित स्थान प्राप्त किया जाता है।
4. बोली साहित्यक नहीं होती है।
5. इसकी शब्दावली सीमित होती है।
6. बोली को राज्य की मान्यता प्राप्त नहीं होती है।
नाटक और एकांकी में अंतर
भाषा और बोली में अंतर :-
भाषा | बोली |
1.भाषा विकास प्रक्रिया का उच्चतम रूप है। | बोली किसी भी भाषा के विकास की प्रारंभिक क्रिया है। |
2. भाषा का क्षेत्र विस्तृत और व्यापक होता है। | बोली का क्षेत्र सीमित होता है। |
3. भाषा लिखित और मौखिक दोनों रूपों में पाई जाती है। | बोली केवल मौखिक रूप में ही परिलक्षित होती है। |
4. भाषा में साहित्यिक रचनाएँ बहुत अधिक होती हैं। | बोली में साहित्यिक रचनाएं बहुत कम होती हैं। |
5. भाषा का प्रयोग राजकार्य में भी किया जा सकता है। | बोली का प्रयोग राजकार्य में नहीं किया जा सकता है। |
6. उदाहरण - हिंदी, उर्दू | उदाहरण - मालवी, बुंदेली |
भाषा और बोली में अंतर |
भाषा और बोली में क्या अंतर है लिखिए
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