केवल भौतिक स्रोत ही किसी राष्ट्र को ऊँचा और महान नहीं बनाते, इसके लिए उस देश के नागरिकों का अच्छा होना अनिवार्य है। जिस देश के नागरिक अच्छे होंगे वह देश दिन-दूनी, रात-चौगुनी उन्नति करेगा। किसी देश के नागरिक अच्छे होने से यहाँ तक सम्भव हो सकता है कि भले ही उस देश के आर्थिक स्रोत अधिक न हों, परन्तु उस देश के अच्छे नागरिक अपने देश के मान-सम्मान के लिए अपना सब कुछ बलिदान करके उसे प्रगतिशील बना सकते हैं। अब प्रश्न यह उठता है कि अच्छे नागरिक कौन होते हैं ? इसके लिए यह समझ लेना अनिवार्य है कि प्रत्येक देश में रहने वाले मूल निवासी उस देश के नागरिक होते हैं और यदि उस देश के नागरिक नेक, कर्त्तव्यपरायण, परिश्रमी, देश के प्रति वफादार व देश के नियमों का पालन करने वाले हैं तो वे अच्छे नागरिक हैं। इसके विपरीत यदि किसी देश के नागरिक सुस्त, अभद्र, देश-द्रोही, नियमों का उल्लंघन करने वाले होंगे तो वे निश्चय ही देश को अवनति के मार्ग की ओर ले जायेंगे और वह देश निर्बल होकर किसी भी बड़े देश की दासता का
शिकार बन जायेगा। कुछ लोगों की यह धारणा है कि जो धनी देश हैं, जिन देशों में आर्थिक स्रोत अधिक मात्रा में हैं, केवल वे ही उन्नत और महान बन सकते हैं, निर्धन राष्ट्र क्या उन्नति करेंगे? परन्तु उनका ऐसा सोचना गलत है। किसी भी राष्ट्र की उन्नति के स्रोत आर्थिक नहीं, उसके नागरिक होते हैं। अच्छे नागरिक ही अपने देश को उन्नत और महान बना सकते हैं। निकम्मे नागरिक जो कर्त्तव्यपरायण और परिश्रमी नहीं हैं, चाहे उस देश में आर्थिक स्रोत कितने ही अधिक क्यों न हों, व्यर्थ सिद्ध होंगे और उन स्रोतों का लाभ
तो कोई अन्य देश ही उठाएगा।
जहाँ तक हमारे देश भारतवर्ष का सम्बन्ध है, भारत एक विशाल देश है। क्षेत्रफल की दृष्टि से इसका विश्व में सातवां स्थान है। जनसंख्या का दृष्टि से यह विश्व में दूसरे नम्बर पर है और लोकतंत्र की दृष्टि से भारत का विश्व में पहला स्थान है। हमारे देश में हर प्रकार के स्रोत मौजद हैं।
मध्य युग में तो भारत को सोने की चिडिया कहते थे। इसी कारण विदेशियों का भारत की सम्पदा को हड़पने के लिए मन ललचाता रहता था। इस देश का दुर्भाग्य था कि उस युग में भारतीय नागरिकों की स्वार्थी प्रवृत्ति के कारण देश दासता की जंजीरों में जकड़ गया। देश के नागरिकों की कमजोरी के कारण ही देश सैकड़ों वर्ष गुलाम रहा।
समय बदला, नागरिकों को अपनी गलतियों का एहसास हुआ। अच्छे नागरिक भारत भूमि पर जन्मे। उन्होंने भारत माता की पीड़ा को समझा और अपना सब कुछ बलिदान कर देने की भावना को लेकर देश को गुलामी की जंजीरों से मुक्त कराने का निश्चय किया।
देश के नर-नारियों ने अपने प्राणों की आहुति देकर तथा अपना सब कुछ न्यौछावर करके देश की भंवर में फँसी नैय्या को खींचकर बाहर कर दिया। देश को आजाद कराया। यह है अंतर देश के स्वार्थी व अच्छे नागरिकों का स्वार्थी नागरिकों के द्वारा देश गुलाम हुआ और अच्छे नागरिकों के द्वारा देश ने स्वतंत्र वातावरण में साँस ली।
अब भारत एक स्वतंत्र देश है। हमारा देश प्राकृतिक स्रोतों की दृष्टि से एक सम्पन्न देश है। इसकी उपजाऊ भूमि, पवित्र नदियाँ, खनिज पदार्थ, शक्ति के साधन वास्तव में बहुत विस्तृत है। इस देश के नागरिकों का कर्तव्य है कि वे इन स्रोतों के आधार पर देश को उन्नत और महान बनाएँ और ऐसा इस देश के अच्छे नागरिक ही कर सकते हैं।
आज हमारे देश में अच्छे नागरिक भी हैं और स्वार्थी भी हैं। अच्छे नागरिक देश को शिखर पर पहुँचा सकते हैं और बुरे नागरिक देश की छवि बिगाड़ सकते हैं। ईश्वर से प्रार्थना करनी चाहिए कि हमारे देश की बागडोर अच्छे और ईमानदार नागरिकों के हाथों में रहे। क्योंकि अच्छे और नेक नागरिक ही किसी देश को उन्नत और विकास के मार्ग की ओर ले जा सकते हैं।
एक अच्छे नागरिक के गुण
एक अच्छे नागरिक में क्या-क्या गुण होने चाहिए उनका वर्णन इस प्रकार है। इन गुणों को हमें ग्रहण करना चाहिए और एक अच्छे नागरिक बनने की ओर अग्रसर रहना चाहिए। इन गुणों के आधार पर हम देश के अन्य नागरिकों को भी एक अच्छा नागरिक बनने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
- एक अच्छा नागरिक ईमानदार और परिश्रमी होता है।
- एक अच्छा नागरिक सम्पत्ति का कभी अनुचित लाभ नहीं उठाता।।
- एक अच्छा नागरिक किसी प्रकार के कर की चोरी नहीं करता।
- वह प्रत्येक वस्तु से राष्ट्र को अधिक महत्त्वपूर्ण समझता है।
- वह हमेशा अपने देश के लिए बड़े से बड़ा त्याग करने के लिए तैयार रहता है।
- एक अच्छा नागरिक किसी समाज विरोधी गतिविधि में भाग नहीं लेता।
- एक अच्छा नागरिक सभी धर्मों का समान आदर करता है।
- वह धोखाधड़ी, जालसाजी, जमाखोरी, घूसखोरी, कालाबाजारी आदि नहीं करता।
- एक अच्छा नागरिक अन्याय का डटकर सामना करता है।
- एक अच्छा नागरिक अपने वोट का सही प्रयोग करता है।
- एक अच्छा नागरिक किसी ऊँचे पद पर पहुँचकर उसका कभी दुरुपयोग नहीं करता है।
- एक अच्छा नागरिक अपने देश की छवि को धूमिल नहीं होने देता है।
- एक अच्छा नागरिक देश की सम्पदा को देश हित में लगाता है।
- वह कभी, कहीं, किसी प्रकार से देश-द्रोहितापूर्ण कार्य नहीं करता।
उपर्युक्त सभी गुण एक अच्छे नागरिक में होते हैं। साथ ही यह भी कहा जा सकता है कि यदि कोई नागरिक इन गुणों को अपना ले तो वह भी एक अच्छा नागरिक बन सकता है। अच्छे नागरिक देश की अमूल्य धरोहर होते हैं।
प्यारे विद्यार्थियो! तुम्हें अभी से अच्छे नागरिक के गुणों को अपनाना चाहिए। यही वह अवस्था है जिसमें कोई आदत डाली जा सकती है और यदि तुमने इन गुणों को अपनाना आरम्भ कर दिया तो बड़े होकर तुम एक आदर्श नागरिक बन सकोगे।
अच्छे नागरिक हर जगह सम्मान पाते हैं। अपने माता-पिता और अध्यापकों की मदद से अच्छा नागरिक बनने का प्रयत्न अभी से आरम्भ कर दो।
ऐसे लोग जो स्वार्थ में डूबे हैं, जो देश के हित की चिंता न करके अपना उल्लू सीधा करने में प्रयासरत रहे हैं वे देश के लिए अहितकर हैं। ऐसे नागरिकों को आदर्श नागरिकता का पाठ अच्छे नागरिक ही पढ़ा सकते हैं। उनका मार्गदर्शन कर उन्हें भी अच्छा नागरिक बनाया जा सकता है। यह काम विद्यार्थी बड़े अच्छे ढंग से कर
सकते हैं।
भारत में अधिकांश लोग अशिक्षित हैं। उन्हें राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों का ज्ञान नहीं है। तुम्हारे पास-पड़ोस में ऐसे लोग हो सकते हैं। तुम्हें उनकी सहायता करनी चाहिए जिससे वे देश का महत्त्व समझें और कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक पालन करें। लोगों में देश-सेवा के प्रति जागृति पैदा करना देश की सच्ची सेवा होगी।
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