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Bihar Police SI Prelims 2020: Full Mock Test
100 Questions 200 Marks 120 Mins
Latest Bihar Police SI Updates
Last updated on Sep 22, 2022
Bihar Police Subordinate Service Commission (BPSSC) has activated the link to download the mark sheet of Bihar Police Sub Inspector on 21st August 2022. The candidates, who appeared for Bihar Police SI exam, must check their results before 4th September 2022.The new notification for 2022-23 cycle is expected to be released soon.
Gujarat Ka Sarwaadhik Mahatvapurnn Tel Shetra Hai ।
A. अंकलेश्वर
B. लुनेज
C. कलोल
D. मेहसाना
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Comments Oil area in gujrat on 12-06-2019
In the following which oil region is situated in gujrat ?
A. Badarpur
B. Lunej
C.
Basin
D. Naharkatiya
Neha Gupta on 12-06-2019
Naharkatiya
MAHENDRA on 14-02-2019
Zarkhand kiske liye prasid he
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India Geography भारत का भूगोल Gujarat Ka Sarwaadhik Mahatvapurnn Tel Shetra Hai ।
Q.38482: गुजरात का सर्वाधिक महत्वपूर्ण तेल क्षेत्र है ।
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गुजरात का सर्वाधिक महत्वपूर्ण तेल क्षेत्र है । - It is the most important oil field of Gujarat. - Gujarat Ka Sarwaadhik Mahatvapurnn Tel Shetra Hai । India Geography भारत का भूगोल in hindi, Lunej question answers in hindi pdf Kalol questions in hindi, Know About Ankaleshwar India Geography भारत का भूगोल online test India Geography भारत का भूगोल MCQS Online Coaching in hindi quiz book Mehsana
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भारत |
गुजरात |
कोयाली |
22°22′14″N 73°07′32″E / 22.3705°N 73.1255°Eनिर्देशांक: 22°22′14″N 73°07′32″E / 22.3705°N 73.1255°E |
इण्डियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड |
१९६५ |
१३.७ एमएमटीपीए |
गुजरात तेल शोधनागार भारत के गुजरात राज्य के कोयाली, वडोदरा में स्थित है। इसे इण्डियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड चलाती है। ये शोधनागार १९६५ से कार्यरत है। ये शोधनागार मुख्य रूप से पश्चिमी और उत्तरी भारत में पेट्रोलियम उत्पादों की मांग परोसती है। दिसंबर २०१७ के अनुसार इस शोधनागार की कुल क्षमता १३.७ एमएमटीपीए (मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष) है।[1]
इतिहास[संपादित करें]
फरवरी १९६१ में भारत सरकार एवं रुसी सरकार के बिच समझौता हुआ। अप्रैल १९६१ तक यह निर्णय लिया गया कि ये शोधनागार गुजरात राज्य के कोयाली, वडोदरा में बनेगा। अक्तूबर १९६१ में भारतीय एवं रुसी अभियंताओं में अनुबंध बना और इस शोधनागार की बनावट की योजना शुरू हो गई। १० मई १९६३ को तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने शोधनागार की आधारशिला रखी। जब शोधनागार चालू किया गया, गुजरात रिफाइनरी में ३ एमएमटीपीए की क्षमता थी। बाद में, तीन आसवन इकाइयों के सुधार से ४.३ एमएमटीपीए तक क्षमता को बढ़ा दिया गया। १९७८ में इसकी प्रसंस्करण क्षमता को और बढ़ाकर ७.३ एमएमटीपीए कर दिया गया। जून १९९० में डीज़ल से गंधक का प्रमाण कम करने की इकाइ की शुरुवात हुई (वजन के अनुसार अधिकतम ०.२५% गंधक)। इस तरह ये भारत की सर्व प्रथम रिफाइनरी बनी जो कम गंधकवाला डीज़ल निर्माण कर सकती थी। जून १९९९ में सभी चार पुराने दूषित जल उपचार संयंत्रोंको तोड़कर दक्षिण-पूर्व एशिया का सबसे बड़ा केंद्रीकृत दूषित जल उपचार संयंत्र निर्माण किया गया। विभिन्न संशोधनों और उन्नयन के बाद, दिसंबर २०१७ के अनुसार इस शोधनागार की कुल क्षमता १३.७ एमएमटीपीए है।[2]
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ "Map of Refineries in India" (PDF). १ दिसंबर २०१७. मूल (PDF) से 12 जुलाई 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि १९ जून २०१८.
- ↑ "Indian Oil Corporation - Business Refining". IOCL. मूल से पुरालेखित 12 जून 2007. अभिगमन तिथि 27 सितंबर 2018.सीएस1 रखरखाव: BOT: original-url status unknown (link)