गर्दन के आस पास की हड्डियों और मांसपेशियों द्वारा किसी भी तंत्रिका पर अत्यधिक दबाव डाले जाने के कारण नस दब जाती है जिससे अनेक समस्याएं विकसित होने लगती हैं। गर्दन की नस दबना एक असहज स्थिति होती है और इस दबाव के कारण तंत्रिका के कार्य में बाधा पड़ जाती है जिससे दर्द और सुन्नता की तकलीफ हो जाती है।
आपकी तंत्रिका मस्तिष्क से रीढ़ की हड्डी तक का विस्तार करती है लेकिन इसमें परेशानी होने पर यह दर्द के रूप में संकेत भेजती है और इस प्रकार के दर्द को नज़रअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए। गर्दन
की नस दबना एक बहुत पीड़ाजनक स्थिति हो सकती है।
विषय-सूचि
- गर्दन की नस में दर्द के लक्षण
- गर्दन की नस में दर्द के कारण
- गर्दन की नस का इलाज
- हल्दी
- सेंधा नमक
- अरंडी का तेल
- व्यायाम
- गर्म या ठंडा सेंक
- गर्म तेल की मालिश
- अदरक
- गर्दन की नस का इलाज है योग
- आवश्यक तेल
- एक्यूप्रेशर
- गर्दन नस दबने के अन्य उपाय
- सोने और बैठने के लिए सबसे उपयोगी अवस्था
गर्दन की नस चढ़ने से इस हिस्से में दर्द होनें लगता है।
गर्दन की नस में दर्द के लक्षण
- प्रभावित स्थान पर सुन्नता
- बाहर की तरफ बढ़ने वाली पीढ़ा
- चुभने वाली सनसनी
- उस स्थान की मांसपेशियों का कमज़ोर हो जाना
- हाथ पैरों में सुन्नता
गर्दन की नस में दर्द के कारण
- पुरानी चोट
- गठिया
- तनाव
- शारीरिक गतिविधियाँ
- मोटापा
गर्दन की नस का इलाज
हल्दी
हल्दी में कर्कुमिन मौजूद होता है जिसमें एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो दर्द को ठीक कर देते हैं।
सामग्री
- 1 चम्मच पीसी हुई हल्दी
- 1 गिलास दूध
- शहद(ऐच्छिक)
कैसे इस्तेमाल करें?
- 1 गिलास गर्म दूध में 1 चम्मच हल्दी डालकर अच्छे से मिला लें।
- इसे थोडा ठंडा होने दें फिर उसमें शहद मिला लें।
- इसे पी लें।
हल्दी का दूध प्रतिदिन 1-2 बार पीयें। इसमें शहद और दूध मिलाने से और भी फायदा मिलेगा। इससे नस के दर्द में राहत मिलेगी।
सेंधा नमक
सेंधा नमक में मैग्नीशियम पाया जाता है जो दर्द और सूजन को ठीक करने के लिए उपयोग किया जाता है। पानी में ये डालकर नहाने से आपके गर्दन की नस के दर्द में आराम मिलता है।
सामग्री
- 1 कप सेंधा नमक
- नहाने का पानी
कैसे इस्तेमाल करें?
- अपने नहाने के पानी में सेंधा नमक डाल लें।
- इस पानी में 15-20 मिनट तक बैठे।
अच्छे परिणाम पाने के लिए इसे हफ्ते में 2-3 बार प्रयोग करें।
अरंडी का तेल
अरंडी के तेल में रिसिनोलिक एसिड पाया जाता है जो नस दबने के दर्द निवारण में सहायता करता है।
सामग्री
- 1/2-1 बड़ा चम्मच अरंडी का तेल
- गर्म सेंक(वार्म कॉम्प्रेस)
कैसे इस्तेमाल करें?
- ज़रुरत के अनुसार अरंडी का तेल अपने हाथों में लें और गर्दन के आसपास प्रभावित स्थान पर लगायें।
- अपनी गर्दन पर 5-10 मिनट तक मालिश करें।
- वार्म कॉम्प्रेस(गर्म सेंक) 10-15 मिनट के लिए उस स्थान पर रख लें।
गर्दन की नस दबने की स्थिति में अरंडी के तेल से सिकाई करें। अच्छे परिणाम पाने के लिए इसे दिन में 2-3 बार प्रयोग करें जब तक आपका दर्द ठीक न हो जाये।
व्यायाम
व्यायाम करने से आपकी कठोर मांसपेशियां ढीली पड़ जाती हैं जिससे आपका दर्द ठीक हो जाता है।
कैसे करें?
- अपनी गर्दन को दक्षिणावर्त और वामा व्रत दिशा में धीरे धीरे घुमाएं।
- आप गर्दन को आगे पीछे और दायें से बायें की ओर भी घुमा सकते हैं।
इसे 15-20 बार दोहराने से नस चढ़नें में मदद मिलेगी।
गर्म या ठंडा सेंक
ठंडी चीज़ से सेंक लेने से सूजन और दर्द ठीक हो जाता है और गर्म चीज़ से सिकाई करने से कठोर मांसपेशियां नर्म पड़ जाती हैं। ये आपकी गर्दन तक रक्त का संचार भी सुधारता है।
सामग्री
- 1/2-1 बड़ा चम्मच अरंडी का तेल
- गर्म सेंक(वार्म कॉम्प्रेस)
कैसे इस्तेमाल करें?
- कुछ बर्फ के टुकड़े लें और उन्हें सील होने योग्य प्लास्टिक बैग में रख लें।
- इस प्लास्टिक बैग को एक साफ़ कपडे में रखकर अपनी गर्दन पर लगा लें।
- इसे 10-15 मिनट के लिए छोड़ दें। इसे दिन में कई बार दोहराएं।
- आप इसके स्थान पर गर्म सेंक का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
आप इसको हर एक या दो घंटे में प्रयोग करें जब तक आपका दर्द कम न होने लगे।
गर्म तेल की मालिश
मालिश करने से कुछ स्थान उत्तेजित हो जाते हैं जिससे मांसपेशियों को आराम मिलता है और रक्त संचार सुधर जाता है। ये दर्द भी कम कर देता है।
सामग्री
- 1/2 कप नारियल या सरसों का तेल
कैसे इस्तेमाल करें?
- थोडा सा नारियल या सरसों का तेल लेकर उसे गर्म कर लें।
- इसे गर्दन पर लगायें और 10-15 मिनट तक मालिश करें।
इसे दिन में कम से कम 2 बार प्रयोग करें।
अदरक
अदरक अपनी दर्द निवारक क्षमताओं के लिए काफी मशहूर है।
सामग्री
- अदरक की एक गाँठ
- 1 कप गर्म पानी
- शहद
कैसे इस्तेमाल करें?
- अदरक को गर्म पानी में डाल लें।
- इसे 5-10 मिनट तक पड़ा रहने दें।
- इसे छान लें और उसमें थोडा शहद डाल लें।
- ठंडा होने से पहले पी लें।
अदरक की चाय प्रतिदिन 2-3 बार पीयें।
गर्दन की नस का इलाज है योग
योग करने से आपकी गर्दन की मांसपेशियों में खिंचाव आता है जिससे आपको दर्द से आराम मिलता है। यह प्रभावित स्थान पर रक्त संचार भी सुधारता है जिससे दर्द में आराम मिलता है।
कैसे करें?
कोबरा पोज़, विस्तारित साइड एंगल पोज़, फिश पोज़ और डाउनवर्ड डॉग पोज़ में अभ्यास करें। हर पोज़ को 10-15 सेकंड तक करें।
आवश्यक तेल
पुदीने का तेल
पुदीने का तेल दर्द के निवारण में और मांसपेशियों को आराम देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसके यही गुण गर्दन की नस में दर्द से आराम दिलाते हैं।
सामग्री:
- पुदीने के तेल की 2-3 बूँदें
- नारियल या जोजोबा का तेल(ऐच्छिक)
कैसे इस्तेमाल करें?
- पुदीने के तेल की कुछ बूँदें अपनी उँगलियों में लेकर गर्दन पर लगा लें।
- इससे तब तक मालिश करें जब तक आपकी त्वचा इसे सोख न ले।
- यदि आपकी त्वचा संवेदनशील है तो आप इसमें नारियल का या जोजोबा का तेल मिला सकते हैं।
इससे प्रतिदिन दो बार मालिश करें।
लैवेंडर का तेल
इसकी प्यारी खुशबू आपको अच्छी नींद लेने में सहायता करती है और इसके एंटीइंफ्लेमेटरी गुण दर्द और सूजन को दूर करते हैं।
सामग्री:
- लैवेंडर के तेल की 2-3 बूँदें
- नारियल या जोजोबा का तेल(ऐच्छिक)
कैसे इस्तेमाल करें?
- लैवेंडर के तेल की कुछ बूँदें अपनी उँगलियों में लेकर गर्दन पर लगा लें।
- यदि आपकी त्वचा संवेदनशील है तो आप इसमें नारियल का या जोजोबा का तेल मिला सकते हैं।
- इससे तब तक मालिश करें जब तक आपकी त्वचा इसे सोख न ले।
इससे प्रतिदिन दो-तीन बार मालिश करें।
एक्यूप्रेशर
गर्दन के दर्द में आराम पाने के लिए आप एक्यूप्रेशर का भी सहारा ले सकते हैं। ये न सिर्फ दर्द कम करता है अपितु तंत्रिका को संकुशल काम करने में मदद भी करता है।
गर्दन नस दबने के अन्य उपाय
- शरीर का सही आसन रखें।
- एक ही अवस्था में अधिक समय तक न बैठें।
- नियमित व्यायाम करें।
- सही आहार और वज़न रखें।
सोने और बैठने के लिए सबसे उपयोगी अवस्था
- अपनी गर्दन और घुटने के नीचे तकिये रखें ताकि आपकी पीठ सीधी रहे।
- बैठने की उचित अवस्था रखने से आपकी पीठ से दबाव कम होता है। अधिक देर तक न बैठे रहे और बीच में ब्रेक लेते रहे।
चेतावनी:
अत्यधिक शारीरिक गतिविधि या गर्दन में खिंचाव आनें से गर्दन की नस दब जाती है। ऐसे में नस में जब आपको दर्द हो, तो थोड़ा आराम करें। उपाय बताये गए उपायों का पालन करें। इसके बाद भी यदि दर्द कम नहीं होता है, तो डॉक्टर के पास जाएँ।