कृष्ण भगवान का रंग नीला क्यों होता है? - krshn bhagavaan ka rang neela kyon hota hai?

श्री कृष्ण का रंग नीला क्यों है : हिन्दू धर्म में भगवान श्री कृष्ण को नारायण का अवतार माना जाता है। लोग उन्हें प्रेम के प्रतीक के रूप में भी पूजते हैं।  जो लोग श्री कृष्ण को सच्ची श्रद्धा से पूजते हैं उसके जन्म जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं। और वह मोक्ष को प्राप्त हो जाता है। आपने  देखा होगा की भगवान  श्री कृष्ण  को अक्सर तस्वीरों में नीले रंगो में दर्शाया जाता है। परन्तु क्या आप जानते हैं भगवान श्रीकृष्ण को नीला रंग कैसे प्राप्त हुआ। 

नीले क्यों हैं श्री कृष्ण 

पौराणिक कथाओं के अनुसार श्री कृष्ण को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। भगवान विष्णु सदा गहरे सागरों में निवास करते है। उनके सागरों  में निवास करने की वजह से भगवान श्री कृष्ण का रंग नीला है। हिन्दू धर्म में जिन लोगों के पास बुराइयों से लड़ने की क्षमता होती है। उनके चरित्र को नीले रंग का माना जाता है। साथ ही हिन्दू धर्म में नीले रंग को अनंतता का प्रतीक माना गया है। इसका अर्थ यह है की इनका अस्तित्व कभी समाप्त नहीं होने वाला है। एक अन्य मान्यता के अनुसार बचपन में  पूतना नामक राक्षसी कृष्ण की हत्या करने आई। उसी राक्षसी ने उन्हें विषयुक्त दूध पिलाई लेकिन देवावतार होने की वजह से उनकी मृत्यु नहीं हुई और श्री कृष्ण का रंग नीला हो गया।

कालिया नाग की कथा

ये भी कहा जाता है की यमुना नदी में एक कालिया नाम का नाग रहता था।  जिसके कारण गोकुल के सभी निवासी परेशान थे। अतः श्री कृष्ण जब कालिया नाग से लड़ने गए।  युद्ध के समय उसके विष के कारण भगवान कृष्ण का रंग नीला हो गया। -इन सब के अलावे विद्वानों का ये भी मानना है की भगवान श्री कृष्ण के नीला होने का कारण उनका आध्यात्मिक स्वरुप है। श्रीमद्भागवत गीता के अनुसार भगवान श्री कृष्ण का नीला रूप सिर्फ उन्हें देखने को मिलता है जो कृष्ण के सच्चे भक्त होते है।

प्रकृति और श्री कृष्ण के सम्बन्ध : श्री कृष्ण का रंग नीला क्यों है

भगवान श्री कृष्ण के नीले  रंग के पीछे एक मान्यता ये भी है की प्रकृति का अधिकांश भाग नीला है।  जैसे-आकाश सागर झरने आदि नीले  रंग के दृष्टिगोचर होते हैं। अतः प्रकृति के एक प्रतीक के रूप में होने की वजह से इनका रंग नीला है। ऐसा भी माना जाता है की भगवान श्री कृष्ण का जन्म सभी बुराइयों का विनाश करने के लिए हुआ था।  इसलिए  श्री कृष्ण ने एक प्रतीक के रूप में नीला रंग धारण किया। ब्रह्म संहिता के अनुसार  श्रीकृष्ण के अस्तित्व में नीले रंग के छोटे छोटे  बादलों का समावेश है इसलिए श्री कृष्ण का रंग नीला है।

श्रीकृष्ण का रंग नीला क्‍यों

Author: Preeti jhaPublish Date: Thu, 17 Dec 2015 11:23 AM (IST)Updated Date: Thu, 17 Dec 2015 11:35 AM (IST)

भगवान श्रीकृष्ण का नीला रंग पूतना द्वारा विषपान कराने के कारण हुआ था। एक अन्य मान्यता के अनुसार श्रीकृष्ण के शरीर का नीला रंग कालिया नाग से युद्ध के दौरान विष के कारण हुआ था। श्रीकृष्ण, भगवान विष्णु के मानव अवतार थे। उन्होंने पृथ्वी पर द्वापरयुग में अत्याचारी कंस के

भगवान श्रीकृष्ण का नीला रंग पूतना द्वारा विषपान कराने के कारण हुआ था। एक अन्य मान्यता के अनुसार श्रीकृष्ण के शरीर का नीला रंग कालिया नाग से युद्ध के दौरान विष के कारण हुआ था। श्रीकृष्ण, भगवान विष्णु के मानव अवतार थे। उन्होंने पृथ्वी पर द्वापरयुग में अत्याचारी कंस के भांजे के रूप में जन्म लिया था।

दरअसल, कंस ने श्रीकृष्ण के माता-पिता यानी देवकी-वासुदेव को बंदीगृह में कारागृह में बंदी बना कर रखा था। कंस को एक आकाशवाणी से पता चला कि देवकी का आठवां पुत्र उसकी मौत का कारण बनेगा। तभी से कंस ने अपनी बहन देवकी और बहन के पति वासुदेव को बंदी बनाया।

संस्कृत भाषा में कृष्ण का अर्थ काला होता है। लेकिन जब कंस को पता चला कि कृष्ण का जन्म हो चुका है और वो गोकुल में है तो कंस ने कान्हा को मारने के लिए कई दैत्य भेजे। पूतना भी उन्हीं मे से एक थी। वह एक विशाल राक्षसी थी, जिसने शिशु कान्हा को दुग्धपान कराने का कहकर विषपान कराने की कोशिश की।

हालांकि वह कामयाब रही, लेकिन श्रीकृष्ण तो स्वयं भगवान हरि के अवतार थे। विष का तो उनपर कोई प्रभाव नहीं पड़ा लेकिन उनके शरीर का रंग नीला हो गया और पूतना मारी गई।

कान्हा के शरीर नीला है हमारे पौराणिक धर्मग्रंथों में इस बात को लेकर एक और कथा प्रचलित है वह यह है कि एक बार श्रीकृष्ण अपने गोप मित्रों के साथ नदी किनारे गेंद से खेल रहे थे। नदी में कालिया नाग रहता था। वह बहुत ही ज्यादा विषैला था जिसके कारण यमुना नदी का रंग काला हो गया था। खेलते समय गेंद नदी में गिर गई।

गेंद को वापिस लाने के लिए कान्हा ने नदी में छलांग लगा दी, और कालिया नाग से युद्ध कर वापिस गेंद ले आए। लेकिन कालिया नाग से युद्ध के दौरान वह उसके प्रभाव को कम न कर सके इसलिए उनके शरीर का रंग नीला हो गया।

Edited By: Preeti jha

 

सबसे पहले तो बता दें कि कृष्ण के इस नीले रंग के पीछे कई तरह की मान्यताएं प्रचलित हैं जिनमें से एक के अनुसार विष्णु जी का संबंध पानी से है इसलिए उनके जितने भी अवतार हैं उनमें से लगभग सभी का रंग नीला है। जल से जब हम विष्णु जी के नीले रंग की तुलना करते हैं तो हमें जीवन के प्रति एक ओर नजरिया मिलता है और वह ये कि जिस तरह पानी हर एक चीज को खुद में घोलकर भी अपना अस्तित्व बचाए रखता है।

 

एक अन्य पौराणिक कथा में इस बात का जिक्र किया गया है कि भगवान विष्णु ने देवकी के गर्भ में दो बाल रोपे थे, इनमें से एक का रंग काला और दूसरे का रंग सफेद था। चमत्कारिक तरीके से दोनों ही बाल रोहिणी के गर्भ में स्थानांतरित हो गए और काले रंग के बाल से श्याम वर्ण के कृष्ण का जन्म हुआ और सफेद बाल से बलराम पैदा हुए।

               

इस नीले रंग के पीछे एक और मान्यता है और वह ये कि प्रकृति की अधिकतर रचनाओं का रंग नीला है जैसे समुदर या नदी का पानी, आसमान, ऐसे में जिस महापुरूष के अंदर इन कृतियों के समान गुण यानि कि जिनमें धैर्य, साहस, समर्पण जैसी भावनाएं हैं उन्हें नीले रंग में दर्शाया जाता है। भगवान कृष्ण के भीतर ये सभी गुण मौजूद हैं और इसी के चलते उन्हें नीले रंग से दर्शाया जाता है।

कृष्ण भगवान नीले क्यों थे?

भगवान श्रीकृष्ण का नीला रंग पूतना द्वारा विषपान कराने के कारण हुआ था। एक अन्य मान्यता के अनुसार श्रीकृष्ण के शरीर का नीला रंग कालिया नाग से युद्ध के दौरान विष के कारण हुआ था। श्रीकृष्ण, भगवान विष्णु के मानव अवतार थे

कृष्ण का रंग काला क्यों था?

एक अन्य पौराणिक कथा में इस बात का जिक्र किया गया है कि भगवान विष्णु ने देवकी के गर्भ में दो बाल रोपे थे, इनमें से एक का रंग काला और दूसरे का रंग सफेद था। चमत्कारिक तरीके से दोनों ही बाल रोहिणी के गर्भ में स्थानांतरित हो गए और काले रंग के बाल से श्याम वर्ण के कृष्ण का जन्म हुआ और सफेद बाल से बलराम पैदा हुए।

विष्णु जी का रंग नीला क्यों है?

इस नीले रंग के पीछे एक और मान्यता है और वह ये कि प्रकृति की अधिकतर रचनाओं का रंग नीला है जैसे समुदर या नदी का पानी, आसमान, ऐसे में जिस महापुरूष के अंदर इन कृतियों के समान गुण यानि कि जिनमें धैर्य, साहस, समर्पण जैसी भावनाएं हैं उन्हें नीले रंग में दर्शाया जाता है।

भगवान श्री कृष्ण को कौन सा रंग पसंद है?

- खासतौर से पीले रंग के वस्त्र, गोपी चन्दन और चन्दन की सुगंध से इनका श्रृंगार करें. - श्री कृष्ण के श्रृंगार में इस बात का ध्यान रखें कि वस्त्र से लेकर गहनों तक कुछ भी काला नहीं होना चाहिए. काले रंग का प्रयोग बिल्कुल न करें. - वैसे तो आप श्री कृष्ण पर पीले फूल चढ़ा सकते हैं.

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