Home » class 7 Hindi » NCERT Solutions for Class VII Vasant Part 2 Hindi Chapter 11 -Raham ke dohe रहीम के दोहे Exercise
: Solution of Questions on page Number : 84 प्रश्न 1: पाठ में दिए गए दोहों की कोई पंक्ति कथन है और कोई कथन को प्रमाणित करने वाला उदाहरण। इन दोनों प्रकार की पंक्तियों को पहचान कर अलग-अलग लिखिए। उत्तर : उदाहरण वाले दोहे – (ii) थोथे बादर क्वार के, ज्यों रहीम घहरात।
(i) तरूवर फल नहिं खात है, सरवर पियत न पान।
कहि रहीम परकाज हित, संपति-सचहिं सुजान||
धनी पुरूष निर्धन भए, करें पाछिली बात||
(iii) धरती की-सी रीत है, सीत
घाम औ मेह।
जैसी परे सो सहि रहे, त्यों रहीम यह देह||
कथन वाले दोहे –
(1) कहि रहीम संपति सगे, बनत बहुत बहु रीत।
बिपति कसौटी जे कसे, तेई साँचे मीत||
(2) जाल परे जल जात बहि, तजि मीनन को मोह।
रहिमन मछरी नीर को, तऊ न छाँड़ति छोह||
प्रश्न 2: रहीम ने क्वार के मास में गरजने वाले बादलों की तुलना ऐसे निर्धन व्यक्तियों से क्यों की है जो पहले कभी धनी थे और बीती बातों को बताकर दूसरों को प्रभावित करना चाहते हैं? दोहे के आधार पर आप सावन के बरसने और गरजने वाले बादलों के विषय में क्या कहना चाहेंगे?
उत्तर : क्वार के मास में जो बादल आसमान में होते हैं वे सक्रिय नहीं होते अर्थात् केवल गरज कर ही रह जाते हैं बरसते नहीं हैं। उसी प्रकार जो निर्धन हो गए हैं वे केवल बड़बड़ा कर रह जाते हैं, कुछ कर नहीं पाते हैं। इसलिए कवि ने दोनों में समानता दिखाई है।
Exercise : Solution of Questions on page Number : 85
प्रश्न 1: निम्नलिखित शब्दों के प्रचलित-हिंदी रूप लिखिए-
जैसे-परे-पड़े
(रे, ड़े)
बिपति बादर
मछरी सीत
उत्तर : (i) बिपति – विपत्ति
(ii)बादर – बादल
(iii) मछरी – मछली
(iv) सीत – शीत
प्रश्न 2:
नीचे दिए उदाहरण पढ़िए-
(क) बनत बहुत बहु रीत।
(ख) जाल परे जल जात बहि।
उपर्युक्त उदाहरणों की पहली पंक्ति में ‘ब’ का प्रयोग कई बार किया गया है और दूसरी में ‘ज’ का प्रयोग। इस प्रकार बार-बार एक ध्वनि के आने से भाषा की सुंदरता बढ़ जाती है। वाक्य रचना की इस विशेषता के अन्य उदाहरण खोजकर लिखिए।
उत्तर
: 1. चारू चंद्र की चंचल किरणें (यहाँ ‘च’ वर्ण की आवृति बार-बार हुई है)
2. रघुपति राघव राजा राम (यहाँ ‘र’ वर्ण की आवृति बार-बार हुई है)
3. विमल वाणी ने वीणा ली (यहाँ ‘व’ वर्ण की आवृति बार-बार हुई है)
4. मुदित महीपति मंदिर आए (यहाँ ‘म’ वर्ण की आवृति बार-बार हुई है)
5. तरनि तनूजा तट तमाल तरूवर बहुछाए (यहाँ ‘त’ वर्ण की आवृति बार-बार हुई है)
जहाँ एक ही वर्ण की आवृति एक से अधिक बार की जाए वहाँ ‘अनुप्रास’ अंलकार होता है।
प्रश्न 1:
नीचे दिए
गए दोहों में बताई गई सच्चाइयों को यदि हम अपने जीवन में उतार लें तो उनके क्या लाभ होंगे? सोचिए और लिखिए-
(क) तरुवर फल……………….सचहिं सुजान||
(ख) धरती की-सी……………….यह देह||
उत्तर : (क) हमारे मन में परोपकार की भावना का उदय होगा और हमारे मन से लोभ तथा मोह नष्ट हो जाएगा। लोगों में कटुता, द्वेष तथा विषमता कम होगी और सदभाव बढ़ेगा।
(ख) हमारा शरीर तथा मन सहनशील होगा और हम आने वाले कष्ट के लिए हमेशा तैयार रहेंगे, हमें दुख की अनुभूति कम होगी।