कोयले का जलना कौन सी प्रक्रिया है? - koyale ka jalana kaun see prakriya hai?

किसी जलने वाले पदार्थ के वायु या आक्सीकारक द्वारा जल जाने की क्रिया को दहन या जलना (Combustion) कहते हैं। दहन एक ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया (exothermic reaction) है। इस क्रिया में दहन आँखों से ज्वाला दिख भी सकती है और नहीं भी। इस प्रक्रिया में ऊष्मा तथा अन्य विद्युतचुम्बकीय विकिरण (जैसे प्रकाश) भी उत्पन्न होते हैं। आम दहन के उत्पाद गैसों के द्वारा प्रदूषण भी फैलता है। विज्ञान के इतिहास में अग्नि वा ज्वाला सबंधी सिद्धांतों का विशेष महत्व रहा है।

उदाहरण के लिए किसी हाइड्रोकार्बन के दहन का सामान्य रासायनिक समीकरण निम्नलिखित है-

CxHy+(x+y4)O2→xCO2+(y2)H2O{\displaystyle \mathrm {C} _{x}\mathrm {H} _{y}+\left(x+{\frac {y}{4}}\right)\mathrm {O_{2}} \rightarrow \;x\mathrm {CO_{2}} +\left({\frac {y}{2}}\right)\mathrm {H_{2}O} }

मिथेन के लिए इस समीकरण का स्वरूप निम्नवत हो जाएगा-

C3H8+5O2→3CO2+4H2O{\displaystyle \mathrm {C_{3}H_{8}} +\mathrm {5O_{2}} \rightarrow \;\mathrm {3CO_{2}} +\mathrm {4H_{2}O} }

मध्यकालीन युग तक लोग अग्नि को एक तत्व मानते रहे। रॉबर्ट बॉयल (Robert Boyle) तथा रॉबर्ट हुक (Robert Hook) ने यह दिखलाया कि यदि किसी बर्तन से हवा निकाल दी जाए तो उसमें गंधक या कोयला नहीं जलेगा और यदि उसमें पुन: हवा प्रविष्ट कर दी जाए तो वह फिर जल उठेगा। उन्होंने यह भी सिद्ध किया कि शोरे (saltpetre) के साथ किसी पदार्थ का मिश्रण शून्य स्थान में भी प्रज्वलित हो जाता है, जिससे यह पता लगता है कि हवा तथा शोरे दोनों में कोई ऐसा पदार्थ है जिसके कारण ज्वलन की क्रिया होती है। बाद में यह भी पता चला कि हवा में किसी पदार्थ के जलने से हवा के आयतन में कमी हो जाती है तथा बची हुई हवा निष्क्रिय होती है, जिसमें दहन संभव नहीं है। यह भी मालूम हुआ कि बंद स्थान में जीवधारियों की श्वासक्रिया से भी वही परिणाम मिलता है। अत: श्वासक्रिया तथा दहन समान क्रियाएँ हैं।

स्टाल (G.E. Stahl) ने 18वीं शताब्दी के प्रारंभ में फ्लाजिस्टन सिद्धांत का प्रतिपादन किया, परंतु उसने बॉयल द्वारा ज्ञात तथ्यों की ओर ध्यान नहीं दिया। उसने यह बतलाया कि प्रत्येक दाह्य पदार्थ दो प्रमुख अवयवों से बना होता है। एक फ्लोजिस्टन, जो दहन क्रिया होने पर निकल जाता है तथा दूसरा राख (calx), जो बाद में बच रहती है। यह विचारधारा 1774 ई. तक प्रचलित रही। 1775 ई. में प्रीस्टले (Priestley) तथा शेले (Scheele) ने एक गैस का पता लगाया, जिसका नाम बाद में लाब्वाज़्ये (Lavoisier) ने ऑक्सीजन रखा। सन् 1783 में लाब्वाज़्ये ने सुझाव रखा कि हवा का सक्रिय भाग ऑक्सीजन है, दहन में इसी की आवश्यकता पड़ती है और बिना इसके दहन संभव नहीं है। उसने यह भी बतलाया कि दाह्य पदार्थों के साथ जलते समय ऑक्सीजन रासायनिक संयोग करता है।

लकड़ी तथा कोयले के जलने में सबसे पहले उनमें से वाष्पशील पदार्थ निकलते हैं, जिनमें कुछ गैसों का मिश्रण होता है। इसके बाद बचा हुआ कोयला ऑक्सीजन की सहायता से जलता है और इसकी दहन गति सतह पर ऑक्सीजन के पहुँचने पर निर्भर है। अपूर्ण दहन होने पर कार्बन मोनोक्साइड नामक एक विषैली गैस बनती है। साधारणतया ईंधन के ऊपरी भाग का पर्याप्त आक्सीजन प्राप्त हो जाने से वह जलकर कार्बन डाइक्साइड बनता है, पर यदि हवा निकलने का ठीक प्रबंध नहीं है तो यह कमरों में इकट्ठा होती रहती है और स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक होती है।

यदि दहनशील पदार्थ अधिक मात्रा में एकत्रित किए जाएँ तो कभी कभी उनमें स्वत: दहन हो जाता है। उनमें मंद ऑक्सीकरण होता है। इससे निकलती उष्मा इतनी अधिक होती है कि उनका ताप बढ़ जाता है, जिससे वे जलने लगते हैं। मृदुकोक (soft coke) के छोटे टुकड़ों में स्वत: दहन की संभावना अधिक रहती है, अत: उनको गीला करके सुरक्षित रखा जाता है। द्रव ईंधन वाष्पीकृत होने पर ही हवा या ऑक्सीजन के साथ मिश्रण बनने पर जलते हैं।

इससे प्रदर्शित होता है कि सतत दहन के लिए वायु (आक्सीजन) आवश्यक है।

गैसों के अणु गतिशील होते हैं और एक दूसरे से टकराते रहते हैं। निम्न ताप पर इसका अधिक प्रभाव नहीं पड़ता, परंतु ऊँचे ताप पर टकराने से पर्याप्त ऊर्जा उत्पन्न होती है, जिससे रासायनिक क्रियाएँ संपन्न हो सकती है। ईंधन और ऑक्सीजन के बीच की दहन क्रिया पहले सरल समझी जाती थी, पर अब सिद्ध हो गया है कि ये जटिल शृंखंलाबद्ध क्रियाएँ हैं। अधिक ऊर्जावाले अणुओं की टक्कर से परमाणु या मुक्तमूलक बनते हैं। ये मंद शृंखलाक्रियाएँ या तीव्र शृंखला-क्रियाएँ उत्पन्न कर सकते हैं।

इसे सुनेंरोकेंउत्तर (a) लकड़ी और कोयला जलने से वायु का प्रदूषण होता है। (b) घरों में काम आने वाला एक द्रव ईंधन ________ है। उत्तर घरों में काम आने वाला एक द्रव ईंधन एलपीजी है। उत्तर जलना प्रारम्भ होने से पहले ईंधन को उसके ज्वलन ताप तक गर्म करना आवश्यक है।

कोयले को वायु में जलाया जाए तो क्या होगा?

इसे सुनेंरोकें__ हम पाते हैं कि काष्ठ-कोयला वायु में जलता है। हम जानते हैं कि काष्ठ-कोयला वायु में जलकर कार्बन डाइऑक्साइड, ऊष्मा और प्रकाश देता है। चित्र 6.1 : मैग्नीशियम का दहन। रासायनिक प्रक्रम जिसमें पदार्थ ऑक्सीजन से अभिक्रिया कर ऊष्मा देता है, दहन कहलाता है।

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वह पदार्थ जो आग पकड़ते हैं उन्हें क्या कहा जाता है?

इसे सुनेंरोकें(d) शीनलवज्ल पदार्थ सरलतापूर्वक आग पकड़ लेते हैं। कहलाती है। 18. दो काँच के जार A और B क्रमशः कार्बन डाइऑक्साइड और ऑक्सीजन गैसों से भरे हैं।

ज्वलन ताप क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंवह न्यूनतम ताप होता है, जिस ताप पर पदार्थ जलना प्रारम्भ कर देता है, पदार्थ का ज्वलन ताप कहलाता हैं।

एलपीजी लकड़ी से अच्छा घरेलू ईंधन है कैसे?

इसे सुनेंरोकेंलड़की के जलने से अधिक मात्रा में धुआँ उत्पन्न होता है और अवशेष बनता है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। जबकि एलपीजी के जलने से धुआँ उत्पन्न नहीं होता और न ही किसी तरह का धुआँ उतपन्न होता। इसलिए एलपीजी लकड़ी से अच्छा घरेलू ईंधन है।

क्या जंग लगना दहन है?

इसे सुनेंरोकेंजंग लगने के प्रक्रम को दहन नहीं कहा जा सकता है। हम जानते हैं कि दहन वह रासायनिक प्रक्रिया हैं जिसमें पदार्थ ऑक्सीजन से प्रतिक्रिया कर ऊष्मा उत्पन्न करता हैं। जंग लगने के प्रक्रम में कोई ऊष्मा उत्पन्न नहीं होती हैं।

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कोयला जलाने से कौन सी गैस निकलती है?

इसे सुनेंरोकेंअगर आप गर्माहट के लिए कोयला जला रहे हैं या फिर लकड़ी, तो इससे निकलने वाली कार्बन मोनोऑक्साइड गैस दम घोंट सकती है.

कोयले का जलना कौन सी अभिक्रिया है?

इसे सुनेंरोकेंCकोयला+O2ऑक्सीजन→CO2कार्बन डाई ऑक्साइड ऑक्सीकरण अभिक्रिया है।

कौन सा ज्वलनशील पदार्थ है?

इसे सुनेंरोकेंज्वलनशील तरल वो तरल पदार्थ होते हैं जो भड़क कर आग लगाने या विस्फोट करने में सक्षम होते हैं, जिसके कारण यह मानव जीवन के लिए खतरा साबित हो सकते हैं। इन तरलों के उदाहरण हैं, पेट्रोल, डीज़ल, मिट्टी का तेल आदि।

जलती हुई गैसों के क्षेत्रों को क्या कहते हैं?

इसे सुनेंरोकेंकिसी जलने वाले पदार्थ के वायु या आक्सीकारक द्वारा जल जाने की क्रिया को दहन या जलना (Combustion) कहते हैं। इस क्रिया में दहन आँखों से ज्वाला दिख भी सकती है और नहीं भी। इस प्रक्रिया में ऊष्मा तथा अन्य विद्युतचुम्बकीय विकिरण (जैसे प्रकाश) भी उत्पन्न होते हैं। आम दहन के उत्पाद गैसों के द्वारा प्रदूषण भी फैलता है।

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कागज का ज्वलन ताप कितना होता है?

कुछ पदार्थों के स्वतःप्रज्वलन ताप

SubstanceAutoignition (°C)Autoignition (°F)Paper218–246 °से.424–475 °फ़ैLeather / Parchment200–212 °से.392–414 °फ़ैMagnesium473 °से.883 °फ़ैHydrogen536 °से.997 °फ़ै

पेट्रोल का ज्वलन ताप कितना होता है?

इसे सुनेंरोकेंइसका वाष्पदहन तापमान शून्य से 62 डिग्री (सेल्सियस) कम होता है, यानि सामान्य तापमान पर इसका वाष्प दहनशील होता है। इसी वजह से इसे अत्यंत दहनशील पदार्थों की श्रेणी में रखा जाता है। ऐतिहासिक रूप से सीसा का उपयोग गैसोलीन में किया जाता था, लेकिन वर्ष 2000 में इसे हटा दिया गया था।

कोयले का जलना कौन सी क्रिया है?

सही उत्तर संयोजन है। कोयले का जलना एक संयुक्त अभिक्रिया है।

कोयले का दहन कौन सा परिवर्तन है?

कोयला, लकड़ी अथवा पत्तियों का जलना भी रासायनिक परिवर्तन है। वास्तव में, किसी भी पदार्थ का जलना एक रासायनिक परिवर्तन है।

कोयले का दहन कौन सी अभ्यास है?

Answer: दहन एक ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया (exothermic reaction) है।

कोयले के दहन का रासायनिक समीकरण क्या है?

Solution : `underset("कोयला")(C)+underset("ऑक्सीजन")(O_(2))rarrunderset("कार्बन डाई ऑक्साइड")(CO_(2))` ऑक्सीकरण अभिक्रिया है।

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