महाभारत के दूसरे दिन क्या हुआ? - mahaabhaarat ke doosare din kya hua?

महाभारत के तीसरे दिन क्या हुआ?

तीसरे दिन भीम ने घटोत्कच के साथ मिलकर दुर्योधन की सेना को युद्ध से भगा दिया। इसके बाद भीष्म भीषण संहार मचा देते हैं। श्रीकृष्ण अर्जुन को भीष्म वध करने को कहते हैं, लेकिन अर्जुन उत्साह से युद्ध नहीं कर पाते हैं, जिससे श्रीकृष्ण स्वयं ही भीष्म को मारने के लिए दौड़ पड़ते हैं।

महाभारत के 15 दिन क्या हुआ?

महाभारत का पंद्रहवां दिन इस दिन पाण्डव छल से द्रोणाचार्य को अश्वत्थामा की मृत्यु का विश्वास दिला देते हैं, जिससे निराश हो द्रोण समाधि ले लेते हैं. इस दशा में धृष्टद्युम्न द्रोण का सिर काटकर वध कर देता है. महाभारत का सोलहवां दिन इस दिन कर्ण पांडव सेना का भयंकर संहार करता है.

महाभारत के 18 दिन क्या हुआ?

महाभारत के युद्ध का 18वां दिन था। दुर्योधन की जांघें टूटने के साथ भीम की प्रतिज्ञा पूरी हो चुकी थी और कौरव सेना की सारी शक्तियां भी छिन्न-भिन्न हो चली थीं। पांडव थककर चूर थे लेकिन अपनी जीत पर संतुष्ट महसूस कर रहे थे। कौरव शिविर पर अब पांडवों ने पड़ाव डाल लिया था।

दूसरे दिन के युद्ध का क्या परिणाम हुआ?

दूसरे दिन युद्ध का क्या परिणाम हुआ? उत्तर: पहले दिन के युद्ध के बाद पांडवों में जो भय व्याप्त था, वह दूसरे दिन युद्ध के अंत के बाद कौरवों के मन पर छा गया। अर्जुन का रण-कौशल देखकर कौरवों के योद्धा दंग रह गए।

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