Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 6 पार नज़र के Textbook Exercise Questions and Answers.
RBSE Class 6 Hindi Solutions Vasant Chapter 6 पार नज़र के
RBSE Class 6 Hindi पार नज़र के Textbook Questions and Answers
कहानी से
प्रश्न 1.
छोटू का परिवार कहाँ रहता था?
उत्तर-
छोटू का परिवार मंगल ग्रह की जमीन के
नीचे बनी एक कॉलोनी में रहता था।
प्रश्न 2.
छोटू को सुरंग में जाने की इजाजत क्यों नहीं थी? पाठ के आधार पर बताइए।
उत्तर-
सुरंग में सिक्योरिटी-पास वाले लोग ही जा सकते थे। वहाँ अति संवेदनशील यन्त्र लगे हुए थे। सुरंग के रास्ते से जाने के लिए खास किस्म का सूट पहनना पड़ता था। इसलिए छोटू को सुरंग में जाने की इजाजत नहीं थी।
प्रश्न 3.
कंट्रोल रूम में जाकर छोटू ने क्या देखा और वहाँ उसने क्या हरकत की?
उत्तर-
कंट्रोल रूम में छोटू ने कम्प्यूटर पर यान क्रमांक एक को देखा। वहाँ उसने कॉन्सोल का एक बटन दबा दिया, जिससे यान के यांत्रिक हाथ की हरकत सहसा रुक गई और वह यन्त्र बेकार हो गया था।
प्रश्न 4.
कहानी के अनुसार मंगल ग्रह पर कभी
आम जन-जीवन था। वह सब नष्ट कैसे हो गया ? इसे लिखो।
उत्तर-
कहानी के अनुसार पृथ्वी की तरह ही मंगल ग्रह पर कभी आम जनजीवन था। धीरे-धीरे वहाँ के वातावरण में परिवर्तन आने लगा और सब कुछ नष्ट हो गया। वहाँ ऐसा परिवर्तन सूर्य के कारण हुआ, जिससे वहाँ का प्राकृतिक सन्तुलन बिगड़ गया।
प्रश्न 5.
कहानी में अंतरिक्ष यान को किसने भेजा था और क्यों?
उत्तर-
अंतरिक्ष यान को नेशनल एअरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) ने भेजा था। पृथ्वी के वैज्ञानिक मंगल ग्रह की
मिट्टी का अध्ययन करना चाहते थे और यह पता लगाना चाहते थे कि क्या मंगल ग्रह पर भी पृथ्वी की ही तरह जीवन-सृष्टि है या नहीं।
प्रश्न 6.
नम्बर एक, नम्बर दो और नम्बर तीन अजनबी से निबटने के कौन-से तरीके सुझाते हैं और क्यों?
उत्तर-
नम्बर एक कॉलोनी की सुरक्षा का ध्यान रखकर वहाँ आए अजनबी यान को खाक करने का तरीका सुझाता है। नम्बर दो ने सुझाया कि यन्त्रों के बेकार होने का खतरा है, परन्तु हमें इन पर नजर रखनी चाहिए। नम्बर तीन ने सुझाव दिया कि हमें अपना अस्तित्व छिपाए रखना
चाहिए। हमें अपना प्रबन्ध छिपाकर रखना चाहिए, ताकि उन्हें यह पता न चले कि हमारे पास कोई महत्त्वपूर्ण चीज है।
कहानी से आगे
प्रश्न 1.
(क) दिलीप एम. साल्वी
(ख) जयंत विष्णु नालीकर
(ग) आइज़क ऐसीमोव
(घ) आर्थर क्लार्क ऊपर दिए गए लेखकों की अंतरिक्ष सम्बन्धी कहानियाँ इकट्ठी करके
पढ़ो और एक-दूसरे को सुनाओ। इन कहानियों में कल्पना क्या है और सच क्या है, इसे समझने की कोशिश करो। कुछ ऐसी कहानियाँ छाँटकर निकालो, जो आगे चलकर सच साबित हुई हैं।
उत्तर-
छात्र पुस्तकालय से इन लेखकों की पुस्तकों से अंतरिक्ष सम्बन्धी कहानियाँ पढ़ें।
प्रश्न 2.
इस पाठ में अंतरिक्ष यान अजनबी बनकर आता है। 'अजनबी' शब्द पर सोचो। इंसान भी कई बार अजनबी माने जाते हैं और कोई जगह या शहर भी। क्या तुम्हारी मुलाकात ऐसे किसी अजनबी से हुई है? नए स्कूल का पहला अनुभव कैसा था? क्या
उसे भी अजनबी कहोगे? अगर हाँ तो 'अजनबीपन' दूर कैसे हुआ? इस पर सोचकर कुछ लिखो।
उत्तर-
हाँ, मेरी मुलाकात ऐसे व्यक्ति से हुई थी, जिसे न तो मैं जानता था और न ही वह मुझे। फिर बातचीत करके हमने एक-दूसरे के विषय में जाना-समझा और हमारा अजनबीपन दूर हो गया। मुझे अपने नए स्कूल का पहला अनुभव काफी अच्छा लगा। तब मुझे वहाँ के सभी छात्र एवं शिक्षक अपरिचित और अजनबी लग रहे थे। मैंने अपनी ही आयु के तथा अपनी कक्षा के एक लड़के से बातचीत करके अजनबीपन को दूर किया। उस लड़के ने मेरा अन्य छात्रों से भी परिचय
कराया। इस तरह मेरा अजनबीपन दूर हो गया।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1.
यह कहानी जमीन के अन्दर की जिन्दगी का पता देती है। जमीन के ऊपर मंगल ग्रह पर सब कुछ कैसा होगा, इसकी कल्पना करो और लिखो।
उत्तर-
मंगल ग्रह पर पृथ्वी के समान जीवन-सृष्टि है, यह निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता है। यदि वहाँ पर जमीन के ऊपर जीवन-सृष्टि है तो वहाँ पर भी लोग अपना सारा दैनिक कार्य करते होंगे। वे अपने ग्रह को बहुत चाहते होंगे और उसकी सुरक्षा के लिए सदा प्रयास करते होंगे।
वे पृथ्वी से भेजे गए अन्तरिक्ष यान से सावधान रहते होंगे। वहाँ के सब निवासी आपस में मेलजोल और भाईचारा रखते होंगे।
प्रश्न 2.
मान लो कि तुम छोटू हो और यह कहानी किसी को सुना रहे हो, तो कैसे सुनाओगे? सोचो और 'मैं' शैली में यह कहानी सुनाओ।
उत्तर-
स्वयं इस कहानी को सुनाओ।
भाषा की बात
प्रश्न 1.
'वार्तालाप' शब्द वार्ता + आलाप के योग से बना है। यहाँ वार्ता के अंत का आ' और 'आलाप' के आरम्भ का 'आ' मिलने से जो परिवर्तन हुआ है, उसे संधि कहते हैं। नीचे लिखे कुछ शब्दों में किन शब्दों की संधि है-
शिष्टाचार ............
श्रद्धांजलि ............
दिनांक ............
उत्तरांचल ............
सूर्यास्त ............
अल्पाहार ............
उत्तर-
शिष्टाचार = शिष्ट + आचार
श्रद्धांजलि = श्रद्धा + अंजलि
दिनांक = दिन + अंक
उत्तरांचल - उत्तर + अंचल
सूर्यास्त = सूर्य + अस्त
अल्पाहार = अल्प + आहार
प्रश्न 2.
कार्ड उठाते ही दरवाजा बंद हुआ।
• यह बात हम इस तरीके से भी कह सकते हैं --
जैसे ही कार्ड उठाया, दरवाजा बंद हो गया।
• ध्यान दो कि दोनों वाक्यों में क्या अन्तर है ? ऐसे वाक्यों के तीन जोड़े तुम स्वयं सोचकर लिखो।
उत्तर-
(i) घर पहुंचते ही बिजली गुल हो गई। या-जैसे ही मैं घर पहुंचा, बिजली गुल हो गई।
(ii)
लालबत्ती होते ही ट्रैफिक रुक गया। या-जैसे ही लालबत्ती हुई, ट्रैफिक रुक गया।
(iii) घंटी बजते ही स्कूल में छुट्टी हो गई। या-जैसे ही घंटी बजी, स्कूल में छुट्टी हो गई।
प्रश्न 3.
छोटू ने चारों तरफ़ नज़र दौड़ाई।
छोटू ने चारों तरफ़ देखा।
• उपर्युक्त वाक्यों में समानता होते हुए भी अंतर है। मुहावरे
वाक्यों को विशिष्ट अर्थ देते हैं। ऐसा ही मुहावरा पहली पंक्ति में दिखाई देता है। नीचे दिए गए वाक्यांशों में नज़र के साथ अलग-अलग क्रियाओं का प्रयोग हुआ है, जिनसे मुहावरे बने हैं। इनके प्रयोग से वाक्य बनाओ।
नज़र पड़ना -- नज़र रखना
नज़र आना -- नज़रें नीची होना
उत्तर-
नज़र पड़ना - व्यापार मेले में लोगों की भीड़ पर मेरी नज़र पड़ी।
नजर रखना -- माता-पिता अपने अबोध बच्चों पर नज़र रखते हैं।
नज़र आना -- रात में मुझे सब कुछ साफ नज़र आया।
नजरें
नीची होना -- गलती करने वाले की नजरें नीची हो जाती हैं।
प्रश्न 4.
नीचे एक ही शब्द के दो रूप दिए गए हैं। एक संज्ञा है और दूसरा विशेषण है। वाक्य बनाकर समझो और बताओ कि इनमें से कौन-से शब्द संज्ञा हैं और कौन-से विशेषण -
आकर्षक-आकर्षण -- प्रभाव-प्रभावशाली
प्रेरणा-प्रेरक -- प्रतिभाशाली - प्रतिभा
उत्तर -
आकर्षक - विशेषण - यह चित्र कितना आकर्षक है।
आकर्षण - संज्ञा - तुम्हारा आकर्षण सभी को यहाँ खींच लाया।
प्रभाव - संज्ञा -अब प्रदूषण का प्रभाव
बढ़ रह है।
प्रभावशाली - विशेषण - शिक्षक का व्यक्तित्व प्रभाव शाली है।
प्रेरणा - संज्ञा - हमें बड़ों से प्रेरणा लेनी चाहिए।
प्रेरक - विशेषण - पिता की प्रेरक बातों से पुत्र का साहस बढ़ा।
प्रतिभा - संज्ञा - कवि में जन्मजात प्रतिभा रहती
प्रतिभाशाली - विशेषण - रमेश प्रतिभाशाली छात्र है।
RBSE Class 6 Hindi पार नज़र के Important Questions and Answers
प्रश्न 1.
छोटू के पापा कहाँ से होकर काम पर जाया करते थे?
(अ) सुरंग से
(ब) सड़क से
(स) सीढ़ियों से
(द) यान से
उत्तर-
(अ) सुरंग से
प्रश्न 2.
मंगल-ग्रह पर उतरने वाला यान था
(अ) अपोलो
(ब) सोयूज
(स) वाइकिंग
(द) एप्पल
उत्तर-
(स) वाइकिंग
प्रश्न 3.
अन्तरिक्ष यान से बाहर निकला
(अ) मानव का हार्थ
(ब) यांत्रिक हाथ
(स) रोबोट
(द) अन्तरिक्ष यात्री
उत्तर-
(ब) यांत्रिक हाथ
रिक्त स्थानों की पर्ति -
प्रश्न 4.
रिक्त-स्थानों की पूर्ति उचित शब्द से करो
(i) छोटू ने पापा का सिक्योरिटी-पास .............
लिया। (चुरा/हथिया)
(ii) अन्तरिक्ष यान से एक यांत्रिक............ बाहर निकला। (हाथ/व्यक्ति)
उत्तर-
रिक्त-स्थानों के लिए शब्द-
(i) हथिया,
(ii) हाथ।
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न -
प्रश्न 5.
किन तत्त्वों से जीवों का पोषण होता है?
उत्तर-
सूर्य की रोशनी तथा उष्णता से जीवों का पोषण होता है।
प्रश्न 6.
कंट्रोल रूम में टी.वी. स्क्रीन पर क्या दिखाई दिया?
उत्तर-
कंट्रोल रूम में टी.वी. स्क्रीन पर एक बिन्दु दिखाई दिया।
प्रश्न 7.
छोटू ने कॉन्सोल-पैनेल का कौन-सा बटन दबाया ?
उत्तर-
छोटू ने कॉन्सोल-पैनेल का लाल बटन दबाया।
प्रश्न 8.
वाइकिंग यान कहाँ उतरा
था?
उत्तर-
वाइकिंग यान मंगल ग्रह की धरती पर उतरा था।
प्रश्न 9.
टी.वी. स्क्रीन पर झलकने वाला बिन्दु वास्तव में क्या था?
उत्तर-
टी.वी. स्क्रीन पर झलकने वाला बिन्दु वास्तव में एक अन्तरिक्ष यान था।
प्रश्न 10.
मंगल ग्रह पर अन्तरिक्ष यान भेजने का क्या उद्देश्य था?
उत्तर-
मंगल ग्रह पर पृथ्वी की तरह जीव-सष्टि है या नहीं, यह जानने के उद्देश्य से अन्तरिक्ष यान भेजा था।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 11.
स्पेस-सूट से क्या सुविधा मिलती है?
उत्तर-
स्पेस-सूट से ऑक्सीजन मिलती है, बाहर की ठण्ड से रक्षा हो जाती है और अन्तरिक्ष में चलने-फिरने आदि में सुविधा रहती है। स्पेस-सूट से अन्तरिक्ष यात्रा में माहौल अनुकूल बन जाता है।
प्रश्न 12.
वैज्ञानिक मंगल ग्रह की मिट्टी से क्या जानना चाहते थे?
उत्तर-
वैज्ञानिक मंगल-ग्रह की मिट्टी का परीक्षण कर यह जानना चाहते थे कि क्या वहाँ पर पृथ्वी की ही तरह जीव-सृष्टि का अस्तित्व है।
प्रश्न 13.
मंगल-ग्रह की मिट्टी के नमूने किसने एकत्र किए?
उत्तर-
वाइकिंग अन्तरिक्ष यान पर एक यांत्रिक हाथ लगा था। उसी हाथ ने मंगल ग्रह की मिट्टी के विविध नमूने एकत्र किए।
प्रश्न 14.
छोटू सुरंगनुमा रास्ते पर कैसे पहुँच गया था?
उत्तर-
छोटू ने नजर बचाकर अपने पिता का सिक्योरिटी पास हथिया लिया था। वह उस पास को लेकर आम आदमी के लिए मनाही वाले सुरंगनुमा रास्ते पर पहुँच गया था।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 15.
छोटू के पापा ने मंगल-ग्रह के बारे में क्या
बताया ?
उत्तर-
छोटू के पापा ने उसे बताया कि पहले मंगल-ग्रह पर सभी लोग जमीन के ऊपर रहा करते थे। परन्तु धीरेधीरे वातावरण में परिवर्तन आया, इससे एक के बाद एक सब मरने लगे। तब अपने तकनीकी ज्ञान के आधार पर मंगल-ग्रह के लोगों ने जमीन के नीचे अपने घर बना लिए और जमीन के ऊपर लगे विभिन्न यन्त्रों की सहायता से सूर्य की रोशनी एवं उष्णता का इस्तेमाल करने लगे।
प्रश्न 16.
अन्तरिक्ष यान के सम्बन्ध में नासा का क्या वक्तव्य था ?
उत्तर-
नासा का वक्तव्य था कि मंगल की
धरती पर उतरा वाइकिंग यान अपना निर्धारित काम कर रहा है। हालांकि उसका यांत्रिक हाथ अज्ञात कारणवश बेकार हो गया है। नासा के तकनीशियन इस बारे में जांच कर रहे हैं तथा इस यांत्रिक हाथ को ठीक करने के प्रयास जारी हैं।
प्रश्न 17.
'पार नजर के ' कहानी से क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर-
इस कहानी से शिक्षा मिलती है
कि सौरमण्डल में हमारी पृथ्वी की तरह अन्य ग्रहों पर भी जीवन का अस्तित्व हो सकता है। इसलिए हमें उनकी जानकारी हासिल करने का प्रयास करना चाहिए। वैज्ञानिकों के द्वारा भेजे गए अन्तरिक्ष यानों के सम्बन्ध में ज्ञान रखना चाहिए।
गद्यांश पर आधारित प्रश्न
प्रश्न 18.
निम्नलिखित गद्यांशों को पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर लिखिए
(1) वैसे तो उनकी पूरी कालोनी ही जमीन के नीचे बसी थी। यह जो सुरंगनुमा रास्ता था- अंदर दीये जल रहे थे और प्रवेश करने से पहले एक बंद दरवाजे का सामना करना पड़ता था। दरवाजे में एक खाँचा बना हुआ था। छोटू ने खाँचे में कार्ड डाला, तुरंत दरवाजा खुल गया। छोटू ने सुरंग में प्रवेश किया। अंदर वाले खाँचे में सिक्योरिटी-पास आ पहुँचा था। उसे उठा लिया, कार्ड उठाते ही दरवाजा बंद हुआ। छोटू ने चारों तरफ नजर दौड़ाई । सुरंगनुमा वह रास्ता ऊपर की तरफ जाता था।
प्रश्न
(क) यह गद्यांश किस पाठ से लिया गया है? नाम लिखिए।
(ख) छोटू की कालोनी कहाँ बसी हुई थी?
(ग) सुरंग का बन्द दरवाजा कैसे खुल गया था?
(घ)
सिक्योरिटी पास उठाते ही क्या हुआ?
उत्तर-
(क) पाठ का नाम-पार नजर से।
(ख) छोटू की कालोनी जमीन के नीचे बसी हुई थी।
(ग) छोटू ने दरवाजे के खाँचे में कार्ड डाला और तुरन्त ही दरवाजा खुल गया था।
(घ) छोटू ने सिक्योरिटी पास उठाया, उसे उठाते ही वह दरवाजा बन्द हो गया।
(2) एक समय था, जब अपने मंगल ग्रह पर सभी लोग जमीन के ऊपर ही रहते थे। बगैर किसी तरह के यंत्रों की मदद के, बगैर किसी खास किस्म की पोशाक के, हमारे पुरखे जमीन के ऊपर रहा करते थे, लेकिन धीरे-धीरे वातावरण में परिवर्तन आने लगा। कई तरह के जीव धरती पर रहा करते थे, एक के बाद एक सब मरने लगे। इस परिवर्तन की जड़ में था-सूरज में हुआ परिवर्तन। सूरज से हमें रोशनी मिलती है, ऊष्णता मिलती है। इन्हीं तत्त्वों से जीवों का पोषण होता है। सूरज में परिवर्तन होते ही यहाँ का प्राकृतिक संतुलन बिगड़ गया।
प्रश्न
(क) उपर्युक्त
गद्यांश जिस पाठ से लिया गया है, उसके लेखक का नाम लिखिए।
(ख) मंगल ग्रह पर सभी लोग जमीन पर कैसे रहते थे?
(ग) मंगल ग्रह पर धरती के जीव कैसे मरने लगे?
(घ) सूरज में हुए परिवर्तन का क्या परिणाम रहा?
उत्तर-
(क) लेखक का नाम-जयन्त विष्णु नार्लीकर।
(ख) मंगल ग्रह की जमीन पर सभी लोग बिना किसी तरह के यन्त्रों और बिना किसी खास पोशाक की मदद से ही रहते थे।
(ग) धीरे-धीरे मंगल ग्रह पर परिवर्तन आने लगा, जिससे वहाँ पर धरती के कई तरह के जीव मरने लगे।
(घ)
सूरज में हुए परिवर्तन.का यह परिणाम रहा कि वहाँ का प्राकृतिक सन्तुलन एकदम बिगड़ गया।
(3) अपने तकनीकी ज्ञान के आधार पर हमने जमीन के नीचे अपना घर बना लिया। जमीन के ऊपर लगे विभिन्न यंत्रों के सहारे हम सूर्य-शक्ति, सूरज की रोशनी और गर्मी का इस्तेमाल करते आ रहे हैं। उन्हीं यंत्रों के सहारे हम यहाँ जमीन के नीचे जी रहे हैं। यंत्र सुचारु रूप से चलते रहें, इसके लिए बड़ी सतर्कता बरतनी पड़ती है। मुझ जैसे कुछ चुनिंदा लोग इन्हीं यंत्रों का ध्यान रखते है।
प्रश्न
(क) जमीन के नीचे घर बनाना कैसे सम्भव हुआ?
(ख) सूर्य से हम क्या-क्या प्राप्त करते हैं?
(ग) जमीन के ऊपर लगे यन्वों की क्या उपयोगिता है?
(घ) किसके लिए सतर्कता बरतनी पड़ती है और क्यों?
उत्तर-
(क) अच्छे तकनीकी ज्ञान के सहारे ही जमीन के नीचे घर बनाना सम्भव हुआ।
(ख) सूर्य से हमें शक्ति मिलती है, सूर्य से हम
रोशनी और गर्मी प्राप्त करते हैं।
(ग) जमीन के ऊपर लगे यन्त्रों की उपयोगिता यह है कि इनसे सूर्य की रोशनी और गर्मी मिलती है, इनसे जमीन के अन्दर रहने वालों का जीवन सुरक्षित रहता है।
(घ) धरती पर लगे यन्त्रों को सुचारु रूप से चलाने के लिए सतर्कता बरतनी पड़ती है, क्योंकि इनसे ही जमीन के नीचे जीवन सुरक्षित रहता है।
(4) उन्होंने कुछ कागज समेटते हुए बोलना आरम्भ किया, "इन दोनों अंतरिक्ष यानों को जलाकर खाक कर देने की क्षमता हम रखते हैं, मगर इससे हमें कोई जानकारी हासिल नहीं हो सकेगी। अंतरिक्ष यान बेकार कर जमीन पर उतरने पर मजबूर कर देने वाले यंत्र हमारे पास नहीं हैं। हालाँकि, अगर ये अंतरिक्ष यान खुद-ब-खुद जमीन पर उतरते हैं, तो उन्हें बेकार कर देने की क्षमता हममें अवश्य है। मेरी जानकारी के अनुसार इन अंतरिक्ष यानों में सिर्फ यंत्र हैं। किसी तरह के जीव इनमें सवार नहीं हैं।".
प्रश्न
(क) किसने कुछ
कागज समेटते हुए बोलना प्रारम्भ किया?
(ख) मंगल ग्रह पर किस प्रकार के यन्त्रों का अभाव है?
(ग) मंगल ग्रह के निवासियों में किस प्रकार की क्षमता
(घ) अन्तरिक्ष यानों में क्या रखे हुए थे?
उत्तर-
(क) कालोनी की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी जिस पर थी, उस नंबर एक व्यक्ति ने बोलना प्रारम्भ किया।
(ख) मंगल ग्रह पर ऐसे यन्त्रों का अभाव है जिनकी सहायता से अन्तरिक्ष यानों को बेकार कर उन्हें जमीन पर उतरने को मजबूर किया जा सके।
(ग) अगर अन्तरिक्ष यान वहाँ
जमीन पर उतरें, तो मंगल ग्रह के निवासियों में उन्हें बेकार कर देने की क्षमता है।
(घ) अन्तरिक्ष यानों में कोई जीव सवार नहीं था, उनमें केवल यन्त्र रखे हुए थे।
पार नज़र के Summary in Hindi
[सप्रसंग व्याख्या/भावार्थ]
कठिन - शब्दार्थ - सुरंगनुमा = गुफा की तरह। सिक्योरिटी = सुरक्षा। चुनिंदा = चुने हुए, प्रमुख। निरीक्षक = देखने वाले । सन्देहास्पद = सन्देह होने की दशा में। हरकत - क्रिया-कलाप । खैरियत - कुशलता। लाजिमी - उचित, जरूरी। स्पेससूट = अन्तरिक्ष में जाने पर पहनी जाने वाली ड्रेस। प्रशिक्षण = काम करने की ट्रेनिंग। परिवर्तन = बदलाव।
उष्णता = गर्मी। अक्षम = असमर्थ। सुचारु = अच्छी तरह। अडिग = स्थिर। अवलोकन = देखना। गिर्द = पास, निकट। गलतफ़हमी = गलत सोच। दरख्वास्त = प्रार्थना। यांत्रिक = यन्त्रों से बना। कॉन्सोल = सूचक यन्त्र। स्क्रीन = परदा। दुरुस्त = ठीक। निर्धारित = पहले से तय । तकनीशियन = तकनीकी कार्य करने वाला। प्रयास = प्रयत्न। उत्सुक = उतावले, जानने को अधीर । रहस्य - छिपी हुई बात, अस्पष्ट बात।
पाठ का सार - 'पार नजर के' कहानी के लेखक जयन्त विष्णु नार्लीकर हैं। छोटू के पापा एक सुरंगनुमा रास्ते से काम पर जाया करते थे। छोटू भी उस रास्ते जाना चाहता था, परन्तु वह रास्ता आम आदमी के लिए बन्द था। छोटू अपने पापा का सिक्योरिटी-पास लेकर सुरंग के अन्दर गया, परन्तु उसे सिपाहियों ने पकड़कर वापिस भेज दिया।
छोटू ने अपने पापा से जानना चाहा, तो उसके पापा ने बताया कि वहाँ विशेष सूट पहनकर जाना पड़ता है। तब दूसरे दिन छोटू ने टीवी स्क्रीन पर अंतरिक्ष यान को देखा। छोटू को उसके पापा अपने कंट्रोल रूम ले गए। वहाँ पर उसने मंगल-ग्रह पर अंतरिक्ष यान को उतरते तथा मिट्टी के नमूने लेते देखा । पृथ्वी के वैज्ञानिक मंगल की मिट्टी का अध्ययन करके जानना चाहते थे कि क्या उसकी सतह पर जीव-सृष्टि का अस्तित्व है ? यह प्रश्न आज भी एक रहस्य है।