प्रेगनेंसी में बुखार आने से क्या होता है? - preganensee mein bukhaar aane se kya hota hai?

अक्‍सर महिलाओं को वायरल इंफेक्‍शन होने पर बुखार चढ़ जाता है। चूंकि, इस समय वो अधिक दवाइयों का सेवन नहीं कर सकती हैं, इसलिए बुखार ठीक करने के लिए उन्‍हें कोई सुरक्षित उपाय समझ नहीं आ पाता है।

हालांकि, आपको बता दें कि प्रेग्‍नेंसी में बुखार ठीक करने के लिए घरेलू नुस्‍खों को आजमाया जा सकता है। ये गर्भावस्‍था में बुखार को कम करने में कारगर तो होते ही हैं, साथ ही सुरक्षित भी रहते हैं। तो चलिए जानते हैं प्रेग्‍नेंसी में बुखार का इलाज करने वाले घरेलू तरीकों के बारे में।

​प्रेग्‍नेंसी में बुखार के लक्षण

गर्भवती महिलाओं को बुखार होने पर थकान, मतली, सिरदर्द, जोड़ों में दर्द, आंखों से धुंधला दिखाई देना, सांस लेने में दिक्‍कत, जीभ का स्‍वाद बदलने, पसीना आने और ठंड लगने जैसे लक्षण दिख सकते हैं।

गर्भावस्‍था में बुखार से कोई नुकसान नहीं होता है लेकिन आपको अपने बॉडी टेंपरेचर पर नजर रखनी होती है। यदि प्रेग्‍नेंसी में तेज बुखार का सही तरह से इलाज न किया जाए, तो इससे मिसकैरेज हो सकता है या शिशु पर कोई जानलेवा खतरा मंडरा सकता है। वहीं अगर एक या दो दिन में बुखार ठीक नहीं होता है, तो य‍ह किसी इंफेक्‍शन का संकेत हो सकता है।

​बुखार दूर करने के घरेलू उपाय

प्रेग्‍नेंसी में बुखार को कम करने के लिए खूब तरल पदार्थ पिएं। नॉन कार्बोनेटिड और इलेक्‍ट्रोलाइट ड्रिंक्‍स बेहतर रहते हैं। ये शरीर को हाइड्रेट रखने के साथ बुखार को कम करते हैं और शरीर को ताकत देते हैं।

हर्बल टी इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद कर सकती है। एक कप गुनगुनी चाय पीने से गले और छाती को आराम मिलता है। कफ जमा हो, तो वो भी निकल जाता है।

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​आराम करें

प्रेग्‍नेंसी में बुखार होने पर आप ज्‍यादा काम न करें। इससे शरीर को ताकत मिलेगी और थकान नहीं होगी।

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​नमक के गरारे

यदि फ्लू के लक्षणों के साथ बुखार भी हो रहा है, तो नमक के गरारे आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं। नमक में एंटी-इंफ्लामेट्री गुण होते हैं जो बुखार और बैक्‍टीरियल या वायरल इंफेक्‍शन को ठीक करने की क्षमता रखते हैं।

आधा गिलास गुनगुने पानी में आधा चम्‍मच नमक मिलाकर गरारे करें। इससे गले को आराम मिलता है और छाती में जमा कफ भी बाहर निकल जाता है।

भाप लेना

बुखार को कम करने का सबसे असरदार तरीका है भाप लेना। गर्म पानी में पुदीने की कुछ पत्तियां डालें और तौलिए से सिर को ढक कर कुछ देर तक भाप लें। इससे आपका नासिका मार्ग खुल जाएगा और पसीने के जरिए बुखार बाहर आ जाएगा। यह नुस्‍खा नाक और गले में जमा कफ को भी साफ करता है।

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बुखार होने पर क्‍या करें

अगर आप प्रेगनेंट हैं और आपको बुखार चढ़ गया है, तो आप किसी हवादार कमरे में ही रहें। पर्याप्‍त आराम करें और घर से बाहर न निकलें। ढीले और आरामदायक कपड़े पहनें। इस समय ए.सी बंद रखें और पंखे की हवा में ही आराम करें। अगर ठंड लग रही है तो पंखा भी बंद कर दें।

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प्रेगनेंसी के दौरान बुखार आ जाए तो क्या करें?

तुलसी के पत्तों में एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो संक्रमण से भी बचाते हैं. 3- भाप लें- सर्दी-जुकाम और बुखार से राहत पाने के लिए आप भाप भी ले सकती हैं. भाप लेने से गले में जमा कफ आसानी से निकल जाता है. अगर आपको खांसी या सर्दी की वजह से बुखार आया होगा तो भाप लेने से काफी आराम मिलेगा.

प्रेगनेंसी में बुखार आने का क्या कारण है?

प्रेगनेंसी के दौरान महिला के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, साथ ही उसकी इम्युनिटी भी कमजोर हो जाती है. ऐसे में महिला को संक्रमण या बुखार का खतरा ज्यादा होता है. जानिए प्रेगनेंसी के दौरान बुखार से होने वाले नुकसान और बचाव के तरीके. प्रेगनेंसी में महिलाओं की इम्युनिटी कमजोर हो जाती है.

गर्भवती महिला को बुखार में कौन सी दवाई लेनी चाहिए?

आपने अक्सर लोगों को ये कहते सुना होगा कि गर्भावस्था में कोई भी दवा लेने से पहले एकबार डॉक्टर से सलाह जरूर ले लेनी चाहिए. कुछ इस बात पर अमल करते हैं और कुछ नही. कई ऐसी गर्भवती महिलाएं होती हैं जो हल्का बुखार होने पर झट से पैरासिटामॉल खा लेती हैं.

ठंड लगकर बुखार आना क्या लक्षण है?

मलेरिया के लक्षण -अचानक सर्दी लगना (कॅंपकॅंपी लगना ,अधिक से अधिक रजाई कम्‍बल ओढना)। -फिर गर्मी लगकर तेज बुखार होना। -पसीना आकर बुखार कम होना व कमजोर महसूस करना।

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